छत्तीसगढ़
3.23 लाख कोरोना वेक्सीन टीका पहुंचा प्रदेश , जाने कब , कहाँ और किसको लगेंगे टीका

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को पहली खेप में 3.23 लाख कोवीशिल्ड कोरोना वेक्सीन दी है। बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से वेक्सीन दोपहर 12 बजे तक फ्लाइट से रायपुर माना एयरपोर्ट पहुँच जाएगी। यहाँ से वेक्सीन को राज्य वेक्सीन भण्डार गृह में भेजा जायेगा , फिर जिलों में वितरित किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ें कार्मिकों और फ्रंट लाइन वर्करों के लिए कोरोना वेक्सीन भेजे जा रहे है। प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में इन टीकों के वितरण , परिवहन एवं भंडारण की पुख्ता व्यवस्था की गई है। जिलों में मॉकड्रिट और आपात स्थिति से निपटने की पूर्वाभ्यास भी किया जा चूका है। छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया द्वारा निर्मित 3 .23 लाख टीके उपलब्ध कराए जा रहे है।
- 630 कोल्डचेन प्वाइंट है जिला अस्पताल समेत प्रदेशभर में।
- प्रदेश में 81 नए कोल्डचेन प्वाइंट बनाए गए है।
- 85 हजार लीटर से अधिक कोल्ड चेन स्पेस उपलब्ध।
- 360 ड्राई स्टोरेज सिरिंज, निडिल के भंडारण के लिए।
- 2. 67 लाख फ्रंट वारियर्स को पहले लगेंगे टीके।
- 27 हजार से अधिक लोग रायपुर से हुए है चयनित।
- एक राज्य स्तरीय और तीन संभाग स्तरीय कोल्ड चेन प्वाइंट।
डॉ. अमर सिंह ठाकुर राज्य टीकाकरण अधिकारी – कोरोना वेक्सीन पुणे से राजधानी दोपहर तक पहुंचेगी। पहली खेप में 3.23 लाख वेक्सीन आएंगे। इसके लिए पूरी व्यवस्था है। प्रदेश में टीकाकरण के लिए 1349 स्थल चिन्हांकित किया गया है। जहाँ कुल 2 लाख 67 हजार 399 हेल्थ केयर वर्करों, राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों , सशस्त्र बलों को टीकें लगाएं जायेंगे। इन सबकी जानकारी कोविन पोर्टल में एंट्री की गई है। टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मी प्रशिक्षित किये गए है। 28 जिलों में 83 स्थानों पर टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चूका है।


छत्तीसगढ़
अध्यक्ष राज्य गौ सेवा आयोग की अध्यक्षता में हुई पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग महामण्डलेश्वर राजेश्री डाॅ0 महंत राम सुंदर दास की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में महामण्डलेश्वर राजेश्री डाॅ0 महंत राम सुंदर दास ने जिले की गौ सेवा संस्थान, गौसदन एवं गोठानों के गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है एवं कृषि के साथ-साथ पशु पालन गौ सेवा संरक्षण का अभिन्न अंग माना जाता है। वर्तमान परिवेश में कृषि कार्य के अतिरिक्त पशु पालकों द्वारा व्यवसायिक तौर पर आर्थिक सबल हेतु पशु पालन कार्य लिया जा रहा है। इसके साथ ही शासन द्वारा गोठानों में गौवंश पशुओं को संरक्षण और बेहतर रख-रखाव करके ग्रामों में पशु पालकों एवं ग्रामीणों को उनकी आर्थिक एवं आजीविका संबंधी उपयोगिता से जोड़ने का सराहनीय कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा सड़कों पर रहने वाले पशुओं के प्रति समाज के नजरिये को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। चूंकि पशओं में वर्तमान परिवेश में विभिन्न तरह की रख-रखाव, परिवहन, मौसम के अनुकूल भारी कार्य लिया जाना, खुले में चरागन, सड़कों एवं अन्यत्र स्थानों पर साधारणतः देखा जा रहा है। जिसके समुचित व्यवस्थापन किया जाना आवश्यक है।
बैठक के एजेण्डे में जैसे पशु परिवहन हेतु क्षमता के अनरुप एवं शासन के नियमानुसार पशुओं का परिवहन, पशुओं के परिवहन के समय मौसम – वर्षा, शीत एवं ग्रीष्म ऋतुओं में परिवहन के समय का विशेष ध्यान रखने, सडक मार्ग पर परिवहन में क्षमता के अनुरुप एबं वाहन की गति नियंत्रण, सडको पर खुले मे विचरण करने वाले पशुओं को पशु पालकों की सहायता से खुले मे न छोडने संबंधी प्रचार प्रसार, सडक दुर्घटना होने की स्थिति मे प्राथमिक उपचार उपरांत नजदीकी गौशाला/गौसदन में रखने, पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर निगरानी करने, उन्हें सचेत करना- पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर कडी निगरानी करते हुये उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं पशु क्रूरता अधिनियम 11960 58 क के तहत् कार्यवाही, नगर पालिका/नगर पंचायत अंतर्गत मांस, मछली बाजार व्यवस्थित करने एवं मांस परीक्षण, जिलें के समस्त नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र अतर्गत मांस, मछली बाजार पर शासन के नियमानुसार उचित व्यवस्थापन एवं स्वास्थ्य/मांस परीक्षण पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ से कराने उपरांत बिक्री करने एवं मांस, मछली व्यवसायियो का पंजीयन जैसे बिन्दु शामिल थे। बैठक में गौसेवा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मांस मछली. कुक््कुट व्यवसायियों द्वारा अधिकांशतः अव्यवहारिक प्रवृत्ति जैसे पक्षियों एवं पशुओं को उल्टा लटकाकर परिवहन किया जाता है, जो कि पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत आता हैं। अतः जिला परिवहन अधिकारी एवं पुलिस विभाग के समन्वय से नगर के चैक-चैराहों अथवा चेक पोस्ट पर अधिकारी उचित कार्यवाही करें। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि नगरपालिका क्षेत्र में एक ही जगह मांस-मछली बाजार के उचित व्यवस्थापन किया जाएगा साथ ही सड़कों में खुले में विचरण करने वाले पशुओं के मालिकों को भी प्रारंभ में चेतावनी देने एवं उसके पश्चात् ध्यान न देने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जायेगी। चूंकि नगरपालिका क्षेत्र में गोठान का व्यवस्थित रूप से संचालन हो रहा है। अतः किसी भी प्रकार के पशु क्रूरता संबंधी शिकायत होने पर तुरंत संज्ञान में लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पशु-पक्षियों के संबंध में जन सहभागिता के तौर पर सभी को संवेदनशील बनने की भी आवश्यकता है। बैठक में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ0 एसके द्विवेदी, कामधेनु गौसेवा संस्थान के सदस्य सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़
हाट-बाजार के साथ-साथ 150 गाँवों में छत्तीसगढ़ सरकार की पहुंचाई गई योजनाएं

बस्तर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों ओर अंदरूनी ईलाकों में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को कला जत्था के माध्यम से विभिन्न ग्रामों में स्थानीय बोली में नृत्य, नाटक के माध्यम से पहुंचाया गया। जनसंपर्क विभाग द्वारा कला जत्था के माध्यम से 8 जनवरी से 19 जनवरी तक संभाग के सभी जिलों में 150 स्थानों में शासन की योजनाएं पहुंचाई गई। अधिक से अधिक लोगों तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने के लिए हाट-बाजार वाले स्थानों को प्राथमिकता दी गई।
कला जत्था के लोक कलाकारों द्वारा गीत-संगीत और प्रहसन के माध्यम से आकर्षक ढंग से शासन की योजनाएं लोगों को हल्बी, गोंडी भतरी और छत्तीसगढ़ी जैसी स्थानीय बोलियों के माध्यम से पहुंचाई गई। स्थानीय बोलियों में पहुंचाई गई योजनाओं ने ग्रामीणों के दिल को छू लिया। कला जत्था द्वारा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक, राजीव गांधी न्याय योजना, नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी सहित विभिन्न योजनाओं से जुड़ने और उनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। इसके तहत बस्तर संभाग के सातों जिलों में हाट-बाजारों और प्रमुख स्थानों में लोक संस्कृति के साथ शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंचाई गई। इसके साथ ही इन स्थानों में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विभागीय योजनाओं का निःशुल्क वितरण किया गया।

छत्तीसगढ़
नवा रायपुर में सड़के, चौराहे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हों – रिजवी
रायपुर। दिनांक 19/01/2021। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर सुझाव प्रेषित कर कहा है कि प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को चिरस्थायी रखने के लिए नवा रायपुर की सड़कों-चौराहों एवं सेक्टरों का नामकरण उनके नामों पर किया जाए। इससे आने वाली पीढ़ी को भविष्य में उनके नामों के साथ-साथ उनके कृतित्व एवं स्वतंत्रता संग्राम में उनके अविस्मरणीय योगदान को जिन्दा रखने का एक अभिनव प्रयास होगा। राष्ट्रीय नेताओं के तो सभी नगरों को महिमा मंडित किया जाता रहा है परन्तु प्रदेश के सेनानियों एवं महापुरूषों को दूसरे प्रदेशों में कोई स्थान नहीं दिया जाता है।
रिजवी ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इस सुझाव पर सकारात्मक निर्णय लेकर प्रदेश के सेनानियों एवं महापुरूषों के योगदान को जीवित रखा जा सकेगा।

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