छत्तीसगढ़
बस्तर की महिलाएं सीख रहीं हैं प्राकृतिक रंगाई का कौशल

हाथकरघा विभाग द्वारा एक मार्च से जिले की महात्मा गांधी बुनकर सहकारी समिति बस्तर में समिति के 10 महिलाओं को आगामी 02 माह तक प्राकृतिक रंगाई का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में सभी प्रकार के वस्त्रों को तैयार करने में एजोडाई (रसायन) युक्त धागों का प्रयोग किया जाता है। प्राकृतिक रंगाई में मुख्यतः ऑल के पेड़ों की छाल का पावडर, गोबर, राख, अरण्डी का तेल आदि पदार्थो का प्रयोग कर सफेद धागों का लाल, कत्था तथा भूरा रंग दिया जाता है। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया 15 से 20 दिनों में पूर्ण होती है, तथा इसमें किसी भी प्रकार का रसायन उपयोग में नहीं लाया जाता है। जहाँ सामान्य सफेद धागों का बाजार मूल्य तीन हजार प्रति बंडल है। वहीं प्राकृति ऑल कलर धागों का बाजार मूल्य 12 से 15 हजार के मध्य जिला हाथकरघा कार्यालय जगदलपुर के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण संचालित हैं तथा जिले के बुनकर समुदाय के संवर्द्ध एवं विकास हेतु प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत हैं।


छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के इन 11 जिलों में बढ़ाया गया लॉकडाउन, देखिए पूरी सूची
सूरजपुर जिले में भी 26 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। ठेले वालों को घूम-घूम कर सब्जी बेचने की अनुमति दी गई है। सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक सब्जी बेचने का समय निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में लॉकडाउन बढ़ाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान इन जिलों में सब्जी विक्रेताओं को छूट रहेगी। स्ट्रीट वेंडर्स गली-मोहल्ले में घूमकर सब्जी, फल सहित अन्य सामानों का विक्रय कर सकेंगे। वहीं, पाबंदी के दौरान अति आवश्यक सेवाओं को भी छूट दी गई है।
इन जिलों के बढ़ायाया गया लॉकडाउन
1. दुर्ग- 6 अप्रैल से 19 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
2. रायपुर- 9 अप्रैल से 19 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
3. राजनांदगांव- 10 अप्रैल से 19 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
4. बेमेतरा- 10 अप्रैल से 19 अप्रैल
5. बालोद- 10 अप्रैल से 19 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
6. बलौदाबाजार- 11 अप्रैल से 21 अप्रैल
7. कोरिया- 11 अप्रैल से 19 अप्रैल
8. धमतरी- 11 अप्रैल से 26 अप्रैल
9. जशपुर- 11 अप्रैल से 18 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
10. कोरबा- 12 अप्रैल से 21 अप्रैल- 27 अप्रैल तक बढ़ाया गया
11. सूरजपुर- 13 अप्रैल से 23 अप्रैल – 26 अप्रैल तक बढ़ाया
12. सरगुजा- 13 अप्रैल से 23 अप्रैल
13. जांजगीर- 13 अप्रैल से 23 अप्रैल
14. गरियाबंद- 13 अप्रैल से 23 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
15. बिलासपुर- 14 अप्रैल से 21 अप्रैल
16. रायगढ़- 14 अप्रैल से 22 अप्रैल- 27 अप्रैल तक बढ़ाया गया
17. महासमुंद- 14 अप्रैल से 22 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
18. मुंगेली- 14 अप्रैल से 21 अप्रैल
19. बलरामपुर- 14 अप्रैल से 25 अप्रैल
20. पेंड्रा- 14 अप्रैल से 21 अप्रैल- 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया
21. कवर्धा- 15 दिन का अंशिक लॉक डाउन
22 जगदलपुर- 15 अप्रैल से 22 अप्रैल तक
23. बीजापुर- 16 अप्रैल से 26 अप्रैल तक
24. दंतेवाड़ा- 18 अप्रैल से 27 अप्रैल तक
25. नारायणपुर- 19 अप्रैल से 26 अप्रैल तक

छत्तीसगढ़
राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में, कोरोना संक्रमित 5 मरीजों की मौत
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में शनिवार को आग लगने से कोरोना वायरस से संक्रमित 5 मरीजों की मौत हो गई। रायपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने शनिवार को बताया कि शहर के पचपेड़ी नाका क्षेत्र में स्थित राजधानी अस्पताल में शनिवार शाम आग लगने से 5 मरीजों की मृत्यु हो गई है। मृतकों में 3 महिलाएं शामिल हैं। यादव ने बताया कि शनिवार की शाम राजधानी अस्पताल में अचानक आग लगने की सूचना पर पुलिस दल और दमकल वाहनों को घटनास्थल रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है।
‘4 मरीजों की मौत दम घुटने से हुई’
यादव ने बताया कि इस घटना में एक मरीज की जलने से तथा 4 अन्य मरीजों की दम घुटने से मौत हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजधानी अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमित 34 मरीज भर्ती थे। जिस वॉर्ड में आग लगी, उसमें 9 मरीजों को रखा गया था। आग लगने के बाद अन्य मरीजों को वहां से निकाला गया, लेकिन 5 मरीजों को नहीं बचाया जा सका। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को शहर के अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। यादव ने बताया कि आग लगने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस संबंध में अधिक जानकारी मिल सकेगी।
सीएम ने घटना पर जताया शोक
वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर शोक जताया है तथा मृत मरीजों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस हादसे में मृत लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही जिले के कलेक्टर डॉक्टर एस भारतीदासन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव घटनास्थल पहुंच गए हैं।

छत्तीसगढ़
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करता डॉक्टर गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें से एक खुद को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर बता रहा है. इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी स्वयं ग्राहक बनकर पहुंचे और आरोपियों को गिरफ्तार किया. दोनों के पास से चार नग वैक्सीन जब्त की गई है. बताया जा रहा है कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़े जाने का यह प्रदेश में पहला मामला है.
बताया जा रहा है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग दुर्ग की टीम को भिलाई के आकाश गंगा सुपेला क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली. इसके बाद आरोपियों के पास अधिकारी पहुंचे. घटना बीते शुक्रवार की शाम करीब सात बजे की है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग दुर्ग के निरीक्षक ब्रजराज सिंह ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि आकाश गंगा सुपेला क्षेत्र में कुछ लोग रेमडेसिविर वैक्सीन की कालाबाजारी कर रहे हैं.
अफसरों ने किया संपर्क
सूचना पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी ने ग्राहक बनकर उक्त व्यक्तियों से संपर्क किया. कालाबाजारी करने वालों ने एक वैक्सीन को 13,000 रुपये में बेचने की बात कही. जबकि बाजार में एक वैक्सीन की कीमत 4,800 रुपये है. कुलेश्वर से सौदा तय होने पर उससे अफसरों ने दो इंजेक्शन 26 हजार रुपये में खरीदा. उसे रंगे हाथ पकड़ने के बाद जब अफसरों ने उससे पूछताछ की तो कुलेश्वर ने बताया कि कुछ दूरी पर खड़े पीयूष शुक्ला ने उसे यह इंजेक्शन दिया. अफसरों ने पीयूष को पकड़ा तो उसके पास से दो इंजेक्शन और मिले. पीयूष का कहना था कि उसने यह इंजेक्शन अपने पिता के लिए खरीदा था। चार इंजेक्शन बच गया था उसे ही बेच रहा था. दोनों आरोपी बजरंग पारा कोहका क्षेत्र के रहने वाले हैं. पीयूष शुक्ला स्वयं को जगदलपुर मेडिकल कालेज का डाक्टर बता रहा है. मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा दोनों व्यक्तियों के खिलाफ ड्रग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
सोशल मीडिया में देखकर कर रहे थे संपर्क
आरोपियों ने बताया कि कई लोग अपने परिवार के संक्रमित व्यक्ति के लिए रेमडेसिविऱ वैक्सीन की जरूरत होना बताते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट कर रहे थे, जिसमें यह पूछ रहे थे कि वैक्सीन कहां मिल सकती है. आरोपी वैक्सीन के जरूरतमंद लोगों के मोबाइल नंबर पर फोन कर उनसे संपर्क भी करते थे. विभागीय अधिकारी इनसे यह भी जानने का प्रयास कर रहे हैं कि आरोपियों ने किसी को वैक्सीन बेची तो नहीं है. हालांकि इस संबंध में आरोपित किसी भी तरह की जानकारी नहीं दे रहे हैं.

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