छत्तीसगढ़
जिला चिकित्सालय पंडरी रायपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, कर सकते है स्वैच्छिक रक्तदान
राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय पंडरी रायपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। रक्तदान शिविर का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को रक्तदाता के माध्यम से रक्त उपलब्ध कराना है साथ ही लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना भी है। पहली बार साल 1975 में एक अक्टूबर को इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनो हेमेटोलॉजी द्वारा यह दिवस मनाया गया।
शारीरिक दूरी, मास्क एवं सैनिटाइजेशन की विशेष व्यवस्था करते हुए रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ.पीके गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर स्वैच्छिक रक्तदाताओं के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को रक्तदान उपलब्ध कराना है। पहली बार एक अक्टूबर 1975 में इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एण्ड इम्यूनो हेमेटोलॉजी द्वारा मनाया गया। इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एण्ड इम्यूनो हेमेटोलॉजी की स्थापना 22 अक्टूबर 1971 में डॉ. जेजी जौली और मिसेज के. स्वरूप क्रिसेन के नेतृत्व में हुई थी।
उन्होंने कहा, शिविर का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को रक्तदाता के माध्यम से रक्त उपलब्ध कराना है। साथ ही लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना भी है। रक्तदान शिविर का आयोजन जिला चिकित्सालय पंडरी में किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन कराने के उपरांत नवनिर्मित 50 बेड के विशेष आईसीयू सेंटर में जाकर रक्तदान करना होगा। रजिस्ट्रेशन से लेकर रक्तदान की समस्त प्रक्रिया में चिकित्सालय के कर्मियों का सहयोग रहेगा। रक्तदान करने वालों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रमाण पत्र के साथ विशेष उपहार भी दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस का उद्देश्य लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक करना है। जरूरतमंद रोगियों की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना है। तत्काल और गंभीर लिए मरीजों के लिए ब्लड बैंक में रक्त को संग्रह करके रखना है। ऐसे लोगों को भी स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिये प्रोत्साहित करना जो केवल अपने मित्रों और रिश्तेदारों को रक्तदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि रक्तदान का महत्व तब और बढ़ जाता है जब गंभीर रोगों जैसे- एड्स, उपदंश, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, मलेरिया और अन्य बहुत से रोगों से बचाने के लिये रक्त की बहुत अनिवार्यता हो जाती है। रक्तदान के लिये स्वैच्छिक रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करना चाहिये क्योंकि स्वैच्छिक रक्तदाताओं का रक्त सुरक्षित होता है।
स्वैच्छिक रक्तदाता कभी जानकारी नहीं छुपाता है और अपने रक्त के उन्नत तकनीक से परीक्षण के लिये सहमत होता है क्योंकि वो सही में किसी का अनमोल जीवन बचाना चाहते है। गंभीर बीमारी, बच्चे के जन्म से संबंधित जटिलताओं, सड़क यातायात दुर्घटनाओं और कई आकस्मिक परिस्थितियों से निकलने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान बहुत जरूरी है। रक्तदान के प्रति फैली भ्रांतियों को भी युवा साथियों के बीच दूर करना और रक्तदान के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने को आगे आना चाहिए।
रक्तदान के हैं कई फायदे
रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं। आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान का एक फायदा यह भी है कि रक्तदान करते समय सात तरह के टेस्ट किए जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है, तो उसका भी पता चल जाता है।
छत्तीसगढ़
भिलाई में सालों से बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में ,चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला
बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में दिल्ली से आकर कुछ लोगों ने रहना शुरू किया और उसे चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला
भिलाई में सालों से बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में दिल्ली से आकर कुछ लोगों ने रहना शुरू किया और उसे चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला। हर दिन इस फैक्ट्री में कई चोरी के वाहन कटने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसका खुलासा तब हुआ जब शनिवार सुबह सीएसपी छावनी कौशलेंद्र देव पटेल कुछ सामान खरीदने निकले और उन्हें सालों से बंद इस फैक्ट्री को देखकर संदेह हुआ।
सीएसपी ने जब जामुल पुलिस को बुलाकर फैक्ट्री के अंदर देखा तो वहां का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। यहां चोरी की साइकिल, दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया और ट्रक जैसे वाहन के स्क्रैप का जखीरा लगा था।
फैक्ट्री के कागजात मांगे तो वह गुमराह करने लगा
पुलिस ने यहां से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। वहीं एक आरोपी फरार हो गया है। पुलिस ने जब आरोपी से पहले पूछताछ की तो उसने झूठी कहानी बताई थी।
मगर जब पुलिस ने उसे फैक्ट्री के कागजात मांगे तो वह गुमराह करने लगा था। कहने लगा बंद पड़ी फैक्ट्री उसके पिता की है। पिता की मौत के बाद से वह बंद पड़ी है और वह लोग उसी के अंदर रहते आ रहे हैं। उसने बताया कि वह सालों से इसी फैक्ट्री में स्क्रैप का कारोबार करते आ रहे हैं। उन्होंने इसका एक छोटा प्लांट भी लगाया है और बिजली कनेक्शन भी ले रखा है।
लेकिन पुलिस ने जब उनसे कंपनी के संबंध में दस्तावेज मांगे तो उनके पास नहीं थे। जिसके बाद ही पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा है।सीएसपी छावनी कौशलेंद्र देव पटेल ने बताया कि वह जामुल क्षेत्र में कुछ सामान खरीदने के लिए गए थे। इस दौरान उन्हें सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री आरडी स्टील दिखी।
पूछने पर पता चला कि यहां पुरानी गाड़ियों को काट कर उसे बेचा जाता है। सीएसपी ने तुरंत जामुल थाना टीआई गौरव पांडेय को टीम के साथ बुलाया। पुलिस ने अंदर देखा तो बड़े पैमाने पर गाड़ियों का स्क्रैप, फैक्ट्री में डंप था। पुलिस को देखते ही रियाज नाम का एक आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ, जबकि दानिश नाम का युवक पकड़ा गया।
जिले में बड़े पैमाने पर चोरी की गाड़ियां बिना बिक्री कबाड़ के दाम पर बेच दी जाती हैं
RTO सूत्रों के मुताबिक जिले में बड़े पैमाने पर चोरी की गाड़ियां बिना बिक्री कबाड़ के दाम पर बेच दी जाती हैं। वाहन मालिक लाखों रुपए टैक्स बकाया रहने वाली गाड़ियों को कबाड़ के भाव बेच देते हैं। कबाड़ी भी सस्ते दर पर मिलने के कारण उस गाड़ी के बिक्री का परिवहन विभाग से एनओसी भी नहीं लेते हैं।
ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए गाड़ियों को खोजता रहता है और गाड़ियां स्क्रैप के भाव बिक जाती हैं। इसी धंधे की आड़ में कबाड़ी चोरी की गाड़ियों को भी खरीद कर उसका स्क्रैप बनाकर बेच रहे हैं।
छत्तीसगढ़
7 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद,रायपुर में दे रहे है संचालक धरना
स्कूल एसोसिएश को पूरे प्रदेश में हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है। स्कूल एसोसिएशन के सदस्य रायपुर के बूढ़ापार के धरना स्थान पर आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक एकत्रित होकर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जारी करेंगे। आज स्कूल एसोसिएशन की हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश भर में करीब सात हजार स्कूल बंद रहेंगे
सोमवार को प्रदेश के लगभग 7 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद हैं । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने पहले ही 25 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर हड़ताल का ऐलान किया था।
सोमवार की दोपहर राज्य भर से कई स्कूल संचालाक रायपुर पहुंचे। बूढ़ापारा के धरना स्थल पर जमा होकर स्कूल एसोसिएशन के लोग सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की।
एसोसिएशन के इस फैसले की वजह से प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 16 लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि सरकार लगातार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है। इस हड़ताल का प्रमुख कारण RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत प्राइवेट स्कूलों को मिलने वाला पैसा है। पिछले कई महीने से करीब 106 करोड़ रुपए सभी स्कूलों के बकाया है, जो सरकार ने अब तक नहीं दिए हैं।
सोमवार को सभी स्कूलों में ताले लग गए। टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ सभी हड़ताल पर हैं। लगभग 2 हजार कर्मचारी और स्कूल संचालक रायपुर में धरने पर बैठ गए।
इन मांग और शिकायतों की वजह से आंदोलन
1. 2020-2021 की RTE की प्रतिपूर्ति राशि अशासकीय विद्यालयों को अविलंब प्रदान की जाए।
2. 16 महीनों तक स्कूल बसों का संचालन बंद रहा, अत: अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 (16 महीने) प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए।
3. नवीन मान्यता, मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। पूरे प्रदेश में मान्यता की प्रक्रिया 2 से 3 वर्ष विलंब से चल रही है।
4. कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालयों का स्कूल शिक्षा विभाग ने निरीक्षण किया था, अलग-अलग जिलों में कमियां बता कर अशासकीय विद्यालयों को परेशान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़
नवकार ज्वेलर्स से 80 लाख की चोरी ,झारखंड की बांसजोर चौकी निलंबित,25 लाख की जब्ती झारखंड पुलिस ने दिखाया, बाकी 55 लाख अंदर
सिमडेगा पुलिस पर आरोप लगा है कि पुलिस ने 80 लाख का जेवरात बरामद किया है लेकिन सिर्फ 25 लाख का जेवरात ही दिखाया गया है. यह आरोप छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर पुलिस के द्वारा लगाया गया है इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज ने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही बांसजोर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है
और मामले की जांच की जा रही है. जांच के लिए 10 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है. डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल है. इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाये जाएंगे, उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जेल भेजा जाएगा.
एक सरकारी अस्पताल में गंभीर अवस्था में आशीष का इलाज जारी है। पुलिस को आशीष के फोन पर एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें आशीष ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने सहकर्मी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके बहकावे में आकर उसने ऐसा जुर्म किया। आशीष के साथ काम करने वाले 4 और पुलिसकर्मी भी इस केस में सस्पेंड हैं।
चोरी करके भागा गिरोह झारखंड के बांसजोर में पकड़ा गया
रायपुर के गुढ़ियारी में 2 और 3 अक्टूबर के बीच रात में चोरी करके भागा गिरोह झारखंड के बांसजोर में पकड़ा गया था। बांसजोर पुलिस ने आरोपियों से केवल 25 लाख की चांदी जब्त होना बताया।
झारखंड की पुलिस ने दावा किया कि दो बदमाश पकड़े गए बाकी बैरिकेड तोड़कर जंगल के रास्ते फरार हो गए। झारखंड की पुलिस ने 55 लाख के जेवर फरार आरोपियों के पास होना बताया। जहां दो बदमाश पकड़े गए वो इलाका बांसजोर का था, इस इलाके की चौकी के प्रभारी सब इंस्पेक्टर आशीष ही थे।
चोरों का कहना है कि चोरी के गहने बैग में रखे थे। पुलिस ने पूरा बैग अपने कब्जे में ले लिया
रायपुर पुलिस की साइबर सेल की टीम ने झारखंड में गिरफ्तार दो आरोपियों मोफिजुल शेख और मोजिबुर शेख को रायपुर लाकर उनसे पूछताछ की है। दोनों आरोपियों ने पुलिस को यही बताया कि यहां से भागने के बाद वे सभी अगले ही दिन सुबह 11 बजे बांसजोर चौकी की नाकेबंदी में पकड़े गए थे।
चोरों का कहना है कि चोरी के गहने बैग में रखे थे। पुलिस ने पूरा बैग अपने कब्जे में ले लिया। आरोपियों को दो दिन पुलिस चौकी में रखा। बाकी साथी कहां हैं? इस बारे में दोनों चोर कुछ नहीं बता पा रहे हैं। झारखंड पुलिस ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी भी दो-तीन दिन बाद दी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुख्ता इनपुट झारखंड पुलिस को भेजा कि चोरी के 55 लाख के जेवर वहां की पुलिस ने गायब किए हैं। झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच शुरू करते हुए चौकी प्रभारी आशीष कुमार सहित 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने झारखंड पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ सबूत शेयर किए थे। इसके बाद आरोपी चौकी प्रभारी आशीष ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की।
सब-इंस्पेक्टर आशीष ने पकड़े जाने के डर से नदी में फेंक दिया
अब झारखंड के सिमडेगा जिले से पुलिस को नदी से चांदी के जेवर मिले हैं। नदी से गोताखोर को प्लास्टिक की थैली में बंद कर रखे जेवरात मिले हैं। इसे जांच शुरू होने के बाद सब-इंस्पेक्टर आशीष ने पकड़े जाने के डर से नदी में फेंक दिया था।
इस पूरी कार्रवाई में आशीष ने 25 लाख के जेवर की बरामदगी बताकर जिले के एसपी से शाबाशी और सम्मान का सर्टिफिकेट भी हासिल किया था। छत्तीसगढ़ पुलिस के खुलासे के बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर की चोरों वाली हरकत का खुलासा हुआ। इस पूरे मामले की डिपार्टमैंटल इन्क्वायरी जारी है।
सिमडेगा पुलिस पर आरोप लगा है कि पुलिस ने 80 लाख का जेवरात बरामद किया है लेकिन सिर्फ 25 लाख का जेवरात ही दिखाया गया है. यह आरोप छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर पुलिस के द्वारा लगाया गया है. इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज ने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही बांसजोर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. जांच के लिए 10 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है. डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल है. इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाये जाएंगे, उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जेल भेजा जाएगा.
-
देश - दुनिया7 days ago
बचपन का प्यार’ भूल दोस्त के साथ पत्नी ने बनाये शारीरिक संबंध
-
देश - दुनिया7 days ago
जानी मानी एक्ट्रेस का निधन, फर्श पर गिरी और चली गई जान
-
5 days ago
बैंक ऑफ इंडिया में बंपर भर्तियां, स्नातक, 10वीं और 8वीं पास के लिए सुनहरा अवसर..
-
देश - दुनिया6 days ago
1 रुपए का ये सिक्का आपको बना सकता है 10 करोड़पति, ऐसे होती है नीलामी
-
देश - दुनिया7 days ago
100 रुपये के करीब पहुंचा टमाटर का भाव, जानिए क्या है प्याज की कीमत?
-
देश - दुनिया7 days ago
पटना के युवक ने बिग बी को कराया गलती का एहसास तो बोले-मैं सुधार करूंगा
-
देश - दुनिया7 days ago
बैंक ऑफ इंडिया में ग्रेजुएट, 10वीं और आठवीं पास के लिए नौकरियां, देखें सैलरी और योग्यता
-
देश - दुनिया6 days ago
वैक्सीन लगवाने के बाद रक्त जमने का मामला अभी तक 1 की मौत, 6 का इलाज जारी
-
देश - दुनिया5 days ago
नागिन की मौत के बाद ‘इंसाफ’ मांगने थाने पहुंचा नाग, पुलिस के उड़ गए होश
-
देश - दुनिया7 days ago
इस सप्ताह 5 दिन बंद रहेंगे बैंक, ब्रांच जाने से पहले चेक करें छुट्टियों की पूरी लिस्ट
You must be logged in to post a comment Login