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लाइट चालू करके सोने से सेहत को खतरा जानिए इनसे होने वाली बीमारियों के बारे में

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Raat Mein Light Jalakar Sone Ke Fayde Or Nuksan | जानिए रात में लाइट जलाकर सोना चाहिए या नहीं | Hari Bhoomi

सोने के कई तरीके होते हैं। जहां कुछ लोग पूरे अंधेरे में सोना पसंद करते हैं, वहीं कुछ थोड़ी रोशनी के साथ सोते हैं। हाल ही में अमेरिका में हुई एक नई रिसर्च के मुताबिक, लाइट में सोना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया कि थोड़ी सी भी लाइट आंखों में घुसकर आपका हार्ट रेट और ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती है। यानी इससे दिल की बीमारी और टाइप-2 डायबिटीज हो सकती है।

लाइट में सोने से दिल को खतरा, हो सकती है डायबिटीज

दिन में हमारा हार्ट रेट ज्यादा होता है और रात में आमतौर पर कम हो जाता है। मगर रिसर्च में शामिल लोग जब लाइट में सोए तो रात में भी उनका हार्ट रेट ज्यादा पाया गया। इससे भविष्य में जल्दी मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि रात में हमारा दिमाग शरीर को रिपेयर करने में लगा रहता है इसलिए हार्ट रेट कम हो जाता है।

रिसर्च में सुबह उठकर लोगों में हाई ब्लड शुगर लेवल भी पाया गया। लॉन्ग टर्म में यह टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।

लाइट के इस्तेमाल से मोटापे का रिश्ता

इससे पहले हुई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने कहा था कि रात में सोते समय आर्टिफिशियल लाइट का इस्तेमाल आपको मोटा कर सकता है। इससे वजन बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी ने रिसर्च में सोने के दौरान लाइट कम करने के कुछ तरीके बताए हैं।

रात में लाइट बल्ब जलाकर न सोएं। यदि आपको लाइट की जरूरत है ही तो जमीन के पास कम से कम लाइट रखें।
लाइट के रंग पर ध्यान दें। रेड, ऑरेंज कलर की लाइट आंखों को ज्यादा प्रभावित नहीं करती। वहीं व्हाइट और ब्लू लाइट को हमेशा सोते हुए इंसान से दूर रखना चाहिए।
यदि आप बाहरी लाइट कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो आई मास्क का इस्तेमाल करें। अपने

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कोविड अपडेट: सरकार ने 6 से 12 साल तक के बच्चों के लिए Covaxin को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है; जानिए पूरा प्रॉसेस..

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Bharat Biotech Conducting Clinical Trial For Immunogenicity Of Covaxin Booster Dose | Mint

कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। संक्रमण बच्चों में भी देखा जा रहा है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इस बीच भारत के औषधि महानियंत्रक यानी DCGI ने बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।

6 से 12 साल तक के बच्चों के लिए Covaxin को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 12 साल से अधिक की उम्र के बच्चों के लिए Zycov-D वैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी गई है।

अगर आपके घर में भी बच्चे हैं तो जान लीजिए वैक्सीन से जुड़ी जरूरी जानकारियां

 

इमरजेंसी यूज वैक्सीन का मतलब

महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया दो बातें समझाते हैं …

अब तक जितनी भी कोरोना की वैक्सीन (बड़ों से लेकर बच्चों तक) आई हैं और जो लग रही हैं उन सबके इमरजेंसी इस्तेमाल को ही मंजूरी दी गई है। महामारी के दौरान ऐसी किसी भी वैक्सीन को फुल ऑथराइजेशन नहीं मिलती। चूंकि, ये सारी वैक्सीन एक्सीलेरेट प्रोसेस से बनी हैं, इसलिए इमरजेंसी यूज टर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
6 से 12 साल तक के बच्चों की वैक्सीन को लेकर भी यह समझने की जरूरत है कि अभी वैक्सीन को सिर्फ मंजूरी दी गई है। जब तक सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जाएंगी। अनुमति देते वक्त सरकार ही यह फैसला करेगी कि सारे बच्चों को वैक्सीन लगेगी या सिर्फ उन बच्चों को जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

बच्चों को वैक्सीन कब और कहां लगाई जाएगी?
6 से 12 साल तक के बच्चों को कब और कहां वैक्सीन लगाई जाएगी इस बात की अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल 12-14 साल के बच्चों को Corbevax वैक्सीन दी जा रही है। 15-17 साल के बच्चों को Covaxin का डोज दिया जा रहा है। इस उम्र के बच्चों को स्लॉट बुकिंग के हिसाब से नजदीक के सेंटर्स पर वैक्सीन लगाई जा सकती है।

​​​​​वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है क्या?
जी हां, अगर आपके घर में 12 से 14 साल के बच्चे हैं तो उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए आपको सबसे पहले CoWIN पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

12 से 14 साल के बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

अपने मोबाइल या लैपटॉप पर CoWIN ऐप ओपन करें।
ऊपर दिए गए Register/Sign in/Login के ऑप्शन पर जाएं।
अपना मोबाइल नंबर डालकर Login करें।
अब मोबाइल पर एक OTP आएगा, उसे डालें।
अपने एरिया का पिनकोड डालें।
आपके नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर की लिस्ट खुल जाएगी।
अब बच्चे की डिटेल मांगी जाएगी। इसमें नाम और उम्र टाइप कर दें।
बच्चों की आईडी के तौर पर आधार दे सकते हैं।
अगर आधार न हो तो स्कूल ID कार्ड की डिटेल ही डाल दें।
लास्ट में अपने हिसाब से डेट और टाइम चुनें और स्लॉट बुक कर लें।
स्लॉट बुक होने के बाद मोबाइल पर कन्फर्मेशन का मैसेज आ जाएगा।

12-14 और 15-17 साल के बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए पैसे देने होंगे?
नहीं, बच्चों को सरकार की तरफ से मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही है।

कितने दिनों के अंतर में लगेगी वैक्सीन

Corbevax का दो डोज लगेगा। दोनों डोज के बीच 28 दिन का गैप होगा।
Covaxin का भी दो डोज लगेगा। दोनों में 28 से 40 दिन का गैप होगा।
Zycov-D वैक्सीन वैसे तो तीन डोज की वैक्सीन है। पहले के 28 दिन बाद दूसरी और दूसरी के 56 दिन बाद तीसरी वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि, बच्चों को इसका सिर्फ दो डोज दिया जाएगा।

अब तक कुल 12.66 करोड़ बच्चे वैक्सीनेट हो चुके हैं

बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत 3 जनवरी साल 2022 से हुई थी।
शुरुआत के दिनों में 15-17 साल के बच्चों को सिर्फ Covaxin लगाई जा रही थी।
16 मार्च से 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया।
12-14 साल के बच्चों को वैक्सीन के 2.7 करोड़ पहला डोज और 37 लाख दूसरा डोज लगाया जा चुका है।
15-18 साल के उम्र के बच्चों को वैक्सीन के 5.82 करोड़ पहला डोज और 4.15 करोड़ दूसरा डोज दिया जा चुका है।

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जरूरत की खबर: आप महीने का 25 हजार कमा सकते है; ऐसा बोलने वाली फेक कंपनियों से बचे…

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Online Scam WhatsApp Instagram Facebook Fake Pages Stealing Passwords and Other Important User data Know More | Whatsapp और Facebook यूजर्स हो जाएं सावधान! ये Websites बना रही हैं कंगाल | Hindi

 

सबसे पहले अखबार में छपने वाले इन तीन विज्ञापनों पर नजर डालें…

घर बैठे महीने का 25 हजार कमाएं। इसके लिए आपके पास केवल लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।
इस बिजनेस आइडिया को समझ लें और लाखों कमाएं।
मात्र 20 हजार देकर आप महीने का 50 हजार कमा सकते हैं।

आपने भी इस तरह का विज्ञापन कई बार पढ़ा होगा। कई बार फोन पर भी ऐसे मैसेज आए होंगे। कई बार आपने इसे जॉइन करने का मन भी बनाया होगा। कुछ लोगों ने तो जॉइन भी कर लिया होगा, लेकिन आपको यह याद दिला दूं कि कुछ ही महीने में हजारों कमाने का यह लालच खतरनाक हो सकता है। इसलिए ऐसे सपने बेचने वाली कंपनियों के मैसेज से सावधान रहें।

क्या आप जानते हैं कि इस तरह के काम को मल्टी लेवल मार्केटिंग यानी MLM कहते हैं।
Amway…शायद ही कोई होगा, जो इस नाम से वाकिफ नहीं होगा। Amway पर अरबों रुपए के फ्रॉड करने का आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी Amway के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसकी 757.77 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है।

ऐसा क्या किया था Amway ने
ED की ये कार्रवाई Amway पर डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग यानी MLM नेटवर्क की आड़ में पिरामिड स्कीम फ्रॉड करने की वजह से हुई है। Amway पर की गई ये कार्रवाई प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट के तहत कंपनी के खिलाफ हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर की गई है।

ED ने जांच में पाया कि Amway द्वारा पेश किए जाने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट की कीमत खुले बाजार में मौजूद प्रतिष्ठित मैन्युफैक्चरर के पॉपुलर प्रोडक्ट्स की तुलना में बहुत ज्यादा है। ED का मानना है कि Amway भोली-भाली जनता को सही जानकारी दिए बिना उन्हें कंपनी से जुड़ने और उसके महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्रेरित करती है, जिससे आम लोग अपनी गाढ़ी कमाई गवां देते हैं।

क्या है मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM)
हम में से कई लोग ऐसे हैं, जो Amway, Oriflame, Tupperware जैसी कंपनी का नाम सुना होगा। हो सकता है कि परिवार का कोई न कोई सदस्य इनका मेंबर भी हो।

दरअसल, MLM एक मार्केटिंग स्ट्रैटेजी है। इसमें एक कंपनी के मार्केटिंग रिप्रेजेंटेटिव अपनी बिक्री पर और अपनी टीम की बिक्री पर कमीशन लेने के लिए दूसरे सेल्सपर्सन की भर्ती करते हैं।

अब भी समझने में थोड़ी दिक्कत आई तो इसे आसान तरीके से समझते हैं
MLM को पिरामिड सेलिंग या नेटवर्क मार्केटिंग भी कहते हैं। इस स्ट्रैटेजी में कंपनी से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति अपने पर्सनल नेटवर्क (दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी) से कंपनी में जुड़ने की बात कहता है। दूसरे लोगों को कंपनी से जोड़ने के लिए एक तय रकम देकर बड़ा मुनाफा खरीदने का लालच दिया जाता है।

जो लोग कंपनी की नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ जाते हैं, उन्हें कंपनी के प्रोडक्ट बेचने के साथ दूसरे लोगों को अपने तहत अन्य लोगों को जोड़ना होता है। जो किसी व्यक्ति के जरिए जुड़ता है, उसे खुद अन्य लोगों को जोड़ते रहना होता है। जिससे एक चेन बन जाती है।

रिसर्च में MLM की तुलना जुआ से
फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने एक की रिसर्च में जॉन एम टेलर ने बताया है कि MLM में कंपनियों में लोगों के सफल होने की संभावना किसी जुआ जीतने से भी कम है। MLM में करीबन 99% लोग नेटवर्क मार्केटिंग असफल हो जाते हैं।

ऐसी कंपनियों के टारगेट कौन होते हैं इसे Ebiz.com से समझते हैं
2001 में पवन मल्लन नाम के व्यक्ति ने नोएडा में Ebiz.com नाम की बिजनेस डेवलेपमेंट कंपनी शुरू की थी। इस कंपनी ने कुछ स्टूडेंट को 17,000 के शुरुआती दाम पर बेसिक कंप्यूटर कोर्स बेचे। उन्हीं स्टूडेंट्स से कहा कि अगर वो ये कोर्स अगले दो लोगों को बेचेंगे, तो उन्हें कमीशन मिलेगा। 2019 तक इस कंपनी के 17 लाख स्टूडेंट जुड़ चुके थे।

इसके बाद 2019 में कंपनी साइबर पुलिस पवन मल्लन और उसके बेटे को गिरफ्तार कर 383 करोड़ रुपए जब्त किए। कंपनी के सभी अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया था। Ebiz जैसी कंपनियां अधिकतर बेरोजगार युवा, छात्र, या मिडिल क्लास के लोगों को पैसिव इनकम का झांसा देकर टारगेट करती हैं।

Ebiz कंपनी शुरुआत से लेकर कंपनी बंद होने तक लोगों से 5 हजार करोड़ रुपए ऐंठ चुकी थी। इस तरह की अलग-अलग कंपनियां अपने ब्रांड इमेज के हिसाब से उनके शुरुआती पैकेज होते हैं। यानी कंपनी को कुछ रकम पैकेज के तौर पर देनी होती है। इसे देकर लोग कंपनी से जुड़ जाते हैं। यह सोचकर कि बाद में उन्हें बहुत फायदा मिलेगा।

कितना मुश्किल होता है चेन बनाना जानिए इसके जाल में फंस चुके एक व्यक्ति से
RCM भी इसी तरह की एक कंपनी है, जो शुरू में लोगों को तय सीमा का समान खरीदकर और मेंबरशिप फीस लेकर जोड़ती है।

इसी से जुड़े धर्मेंद्र सेन से हमने बात की, वो बता रहे हैं कि यहां उनका अनुभव कैसा रहा?

सवाल-आपने ये कब कंपनी जॉइन की थी?
जवाब- मैं इस कंपनी से 2006 में जुड़ा था।

सवाल- कितना समय आपने काम किया ?
जवाब- एक साल काम करने के बाद 2007 में काम करना बंद कर दिया था।

सवाल- शुरुआत में कितने पैसे आपने इसमें लगाए थे?
जवाब- उस समय हमने 1,100 के पैकेज से इसकी शुरुआत की थी, हालांकि जब हमने इसमें काम करना शुरू किया था, तो लोग 5000 तक का पैकेज देकर भी कंपनी के साथ जुड़ रहे थे।

सवाल- आपने कितने लोगों को आपने-अपने नीचे जोड़ा?
जवाब- एक साल में मैंने करीब 13-14 लोगों को जोड़ा होगा, लेकिन उसके बाद कंपनी ने जिस कमीशन का वादा किया था, वो मिलना बंद हो गया। इसलिए हमने काम करना भी छोड़ दिया।

सवाल- किसी को अपने नीचे जोड़ना कितना मुश्किल होता था?
जवाब- रिश्तेदार और दोस्तों को कंपनी के बारे में बताने पर अधिकतर लोग ऐसी स्कीम पर विश्वास नहीं करते थे। साथ ही आपने जितने लोगों को अपने नीचे जोड़ा है, वो अधिकतर आपके जानने वाले ही होते थे। पर एक समय के बाद ऐसा कोई नहीं बचता, जिससे ऐसी कोई बात की जा सके।

क्योंकि कंपनी की स्कीम के बारे में आप लगभग हर उस व्यक्ति से बात कर चुके होते हो, जिसे आप जानते हो। साथ ही नौकरी करते हुए, यह काम करना काफी मुश्किल और थकान भरा होता था।

समझिए, युवाओं को कैसे टारगेट किया जाता है

MLM को चलाने वाले लोग सिर्फ मजबूर और परेशान युवाओं को ही पकड़ते हैं।
स्कीम को ऐसे प्रजेंट किया जाएगा कि आप उसके नुकसान को देख ही नहीं पाएंगे।
वो लोग प्यार से कॉन्टैक्ट करते हैं और युवाओं के सामने महंगे कपड़े और जूतों में दिखाई देते हैं।
यह मजबूर युवा के मन में एक यूटोपिया की छवि बनाता है और उन्हें लगने लगता है कि उनके पास भी यह सब होना चाहिए।
ये लोग युवाओं से चाय की टपरी पर नहीं मिलते हैं, बल्कि शानदार होटलों में सेमिनार के दौरान युवाओं को बुलाते हैं।
इन सेमिनारों में उत्सुक लोगों की भीड़ मिल जाएगी। सभी लोग थ्री पीस सूट में दिखेंगे।
सेमिनार में यह बताया जाएगा कि कैसे आप भी मर्सिडीज में घूम सकते हैं।
इन सारी प्रोसेस तक ढेर सारे युवा इस जाल में फंस जाते हैं।

MLM के नुकसान

आत्मसम्मान और रिश्ते खोना
संघर्ष के बाद कम सफलता
पिरामिड स्कीम, फ्रॉड कंपनी
महंगे प्रोडक्ट और सर्विस

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कोरोना अपडेट: यूपी में 210 नए केस; एवं कई राज्य में एक्टिव केस 1277′ बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने हेतु आवश्यक बाते..

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ताकि बच्चों को न हो कोरोना संक्रमण, इम्युनिटी बढ़ाने की देंगे खास खुराक - bacchon ko corona sankraman bachav immunity badhane ko khas khurak corona infection children third wave immunity booster

 

 

उत्तर प्रदेश में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को यूपी में 210 नए केस मिले हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा 120 मामले गौतमबुद्ध नगर में आएं हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में 273, लखनऊ में 12, आगरा में 8 और मेरठ में 4 मामले रिपोर्ट हुए हैं। जिसके बाद से राज्य में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1277 हो गई है। इस दौरान 132 लोग रिकवर भी हुए हैं।

केवल मास्क नहीं, डाइट से सुरक्षा चक्र बनेगा: प्रो. नरसिंह वर्मा

तीसरी लहर के बाद बच्चे सबसे ज्यादा कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में बढ़ते कोरोना के खतरे को लेकर दैनिक भास्कर संवाददाता ने KGMU के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोलॉजी के हेड प्रो. नरसिंह वर्मा से बातचीत की। प्रो. नरसिंह ने बताया कि बच्चे आपस में ज्यादा घुलते-ज्यादा हैं। पहली और दूसरी लहर में स्कूल बंद थे। तीसरी लहर के बाद स्कूल खुले तो बच्चों का मिलना जुलना बढ़ गया।

यही वजह है कि उनमें कोरोना तेजी से फैल रहा है। बच्चों में संक्रमण न बढ़े इसके लिए उनका टीकाकरण करना होगा। केवल मास्क नहीं, डाइट से सुरक्षा चक्र बनेगा। वैसे बच्चों की इम्युनिटी ज्यादा होती है। इसीलिए हमें घबराना नहीं है, बस सतर्क रहना है।

केजीएमयू के प्रो. नरसिंह वर्मा से बातचीत:कहा- बच्चे आपस में ज्यादा घुलते-मिलते हैं इसलिए आ रहे चपेट में, केवल मास्क नहीं, डाइट से बनेगा सुरक्षा चक्र

रिकवरी रेट हुआ 98.8 परसेंट

25 अप्रैल को जारी सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में एक दिन में 94 हजार 324 सैंपल की जांच हुई। इस दौरान कोरोना के 210 नए मामले रिपोर्ट हुए। सर्वाधिक केस नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, लखनऊ और मेरठ में मिले हैं। 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 परसेंट और 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 परसेंट थी, जो अप्रैल की शुरूआत में घटकर 0.1 परसेंट पर आ गई। अब संक्रमण दर 1.88 परसेंट हो गई है। वहीं, रिकवरी रेट 98.8 परसेंट है।

31 करोड़ से अधिक लोगों का हुआ वैक्सीनेशन
प्रदेश में 31 करोड़ 10 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है। जबकि 87.47 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 94.62 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 63.77 प्रतिशत से किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। बच्चों के टीकाकरण को और तेज करने की आवश्यकता है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को पहली डोज के बाद अब पात्रता के अनुसार दूसरी डोज भी दी जाए।

मास्क और ट्रिपल T पर जोर

मुख्यमंत्री ने टीम-9 की बैठक में लखनऊ व एनसीआर के जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसमें गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत शहरों में सख्ती से नियम का पालन करने के लिए कहा गया है। साथ ही टीकाकरण पर जोर देने का निर्देश है।

बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम 9 के अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि विगत कुछ दिनों से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस बार वायरस कमजोर है, संक्रमण तीव्र नहीं है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार संभव है कि आने वाले दिनों में नए पॉजिटिव केस में इजाफा देखने को मिले, किंतु वायरस का यह वैरिएंट सामान्य वायरल की तरह ही है। कोविड टीका लगवा चुके लोगों के लिए खतरे की संभावना न्यून है। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि एनसीआर व लखनऊ जैसे जिलों में जहां केस अधिक मिल रहे हैं, वहां फेस मास्क की अनिवार्यता को प्रभावी बनाया जाए।

स्वास्थ्य कर्मियों को विभिन्न सेवाओं में मिलेगा वेटेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में कार्य करने वाले कार्मिकों की सेवाभावना प्रेरणास्पद है। ऐसे कार्मिकों के भविष्य की सुरक्षा के विभिन्न सेवाओं में वेटेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी सोमवार को टीम-9 के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

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