देश - दुनिया
बड़ा फैसला! केंद्र राज्यों को पूरा चुकाएगी GST मुआवजा
वित्त मंत्रालय मुआवजा चुकाने से केंद्र ने कभीं हाथ नहीं खींचे हैं. जीएसटी कौंसिल की बैठक में केंद्र ने राज्यों को दो विकल्प दिए हैं.वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक केन्द्र सरकार पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये से राज्यों के जीएसटी मुआवजे की भरपाई करेगी. अधिकारियों ने ये भी कहा कि जीएसटी के संग्रह में कमी आई है लेकीन इसके बावजूद राज्यों को पूरा भुगतान किया जाएगा. मीडिया में प्रसारित समाचार और राय कि केंद्र अपने कमिटमेंट का सम्मान नहीं कर रहा है वह गलत और निराधार है और अनावश्यक भ्रम पैदा करना है.केन्द्र के गणित के हिसाब से इस राशि में से करीब 97,000 करोड़ रुपये की ही राशि है जिसका नुकसान जीएसटी पर अमल की वजह से होगा जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान कोविड- 19 के प्रभाव की वजह से होगा. केन्द्र सरकार ने जीएसटी राजस्व की भरपाई के लिये राज्यों के समक्ष पिछले महीने दो विकल्प रखे थे. एक विकल्प यह दिया था कि राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति का 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाले विशेष खिड़की सुविधा से उधार लेकर पूरा कर लें और दूसरा विकल्प की राज्य 2.35 लाख करोड़ रुपये की पूरी राशि बाजार से जुटा लें. इस उधार को चुकाने के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को 2022 के बाद भी जारी रखा जायेगा.
देश - दुनिया
GOOGLE ने दी चेतावनी, कहा- आपके SMART PHONE मे मंडरा रहा ये खतरा.. जानिए क्या है ये खतरा…
अगर आप भी एंड्राॅयड स्मार्टफोन यूजर्स हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके स्मार्टफोन पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है. अगर आपने इस खतरे को इग्नोर किया तो न केवल आपके स्मार्टफोन में स्टोर डेटा चोरी हो सकता है बल्कि आपकी जासूसी भी हो सकती है.
Google ने एंड्राॅयड यूजर्स के लिए एक चेतावनी जारी कर कहा है कि एक स्पाइवेयर के जरिए साइबर क्रिमिनल स्मार्टफोन यूजर्स की जासूसी करने और डेटा चुराने की फिराक में हैं. गूगल के थ्रेट एनालिसिस ग्रुप ने एक स्पाइवेयर का पता लगाया है. इस स्पाइवेयर को PREDATOR नाम दिया गया है. गूगल का कहना है कि यह स्पाइवेयर काफी खतरनाक है और इससे यूजर्स को बड़ा खतरा है.
कैसे काम करता है यह
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल का कहना है कि स्पाइवेयर PREDATOR को एक ई-मेल के जरिए यूजर्स को भेजा जा रहा है. इस स्पाइवेयर को एक कमर्शियल इंटिटी कंपनी Cytrox ने बनाया है. कंपनी का हेडक्वार्टर नार्थ मेसिडोनिया में है. इसमें एक वन-टाइम लिंक है, जिसे URL शॉर्टनर के जरिए इंबेड किया गया है. जैसे ही यूजर्स इस लिंक पर क्लिक करता है तो उसे एक डोमेन पर रिडायरेक्ट कर दिया जाता है. यह ALIEN नाम से स्पाइवेयर को यूजर के स्मार्टफोन में डिलीवर कर देता है.
रिसर्चर्स का कहना है कि यह स्पाइवेयर मल्टीपल प्रिविलेज्ड प्रोसेसर के भीतर होता है. एक बार यह यूजर्स के डिवाइस में एंट्री करने के बाद कई तरह के IPC कमांड दे सकता है. यह ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है और इसे बाहर भेज सकता है. यही नहीं यह स्पाइवेयर CA सर्टिफिकेट जोड़ने और ऐप्स को हाइड भी कर सकता है.
देश - दुनिया
बड़ी खबर: वर्ल्ड बैंक ने दी चेतावनी, कहा- यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते दुनिया में आ सकती है आर्थिक मंदी, पढ़े पूरी खबर…
कई महीनों से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, जिसका असर दुनिया भर के देशों पर पड़ रहा है. कहीं खाद्य सामग्री को लेकर समस्या बढ़ रही है तो कहीं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से लोग परेशान हैं. इसी कड़ी में वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक मंदी के आने की चेतावनी दी है, जो बेहद चिंताजनक है. विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मेलपास ने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा दुनिया भर में मंडराने लगा है. क्योंकि युद्ध के चलते खाद्य सामग्री, ऊर्जा और खाद के दामों में तेजी से उछाल आ रहा है. अमेरिका में आयोजित एक व्यापारिक कार्यक्रम में डेविड मेलपास ने कहा कि आर्थिक मंदी से कैसे बच सकते हैं, यह कह पाना मुश्किल है. चीन में कोरोना वायरस के चलते लगातार लॉकडाउन ने वैसे भी बाजार की गति को धीमा कर दिया है. उस पर रूस के यूक्रेन पर हमले ने स्थिति और खराब कर दिया है.
ऊर्जा के दोगुने दाम आर्थिक मंदी लाने में अहम
बीबीसी में प्रकाशित खबर के मुताबिक डेविड का कहना है कि ऊर्जा के दामों का दोगुना हो जाना आर्थिक मंदी लाने में अहम रहा है. पिछले महीने विश्व बैंक ने अपने वार्षिक आर्थिक वृद्धि के अनुमान को लगभग पूर्ण प्रतिशत घटाकर 3.2 कर दिया. जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद आर्थिक वृद्धि मापने के अहम तरीकों में से एक है. इससे आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आर्थिक स्थिति कितनी बेहतर या बदतर है. इसलिए अर्थशास्त्री और केंद्रीय बैंक इस पर बारीकी से नजर रखते हैं. इससे व्यापार जगत को यह अनुमान लगाने में मदद मिलती है कि कब ज्यादा श्रमिकों को रखना है या निवेश करना है या कब उसे कम करना है. सरकार भी टैक्स से लेकर खर्च तक सभी फैसले इसी के आधार पर लेती है. ब्याज दरों को कम करना है या बढ़ाना है, इस पर विचार करने में भी यह एक अहम कुंजी है.
उर्वरक, खाद्य सामग्री और ऊर्जा की हो रही कमी
डेविड मेलपास का कहना है कि कई यूरोपियन देश अब भी तेल और गैस के लिए रूस पर निर्भर हैं. जबकि पश्चिमी देश ऊर्जा के मामले में रूस पर अपनी निर्भरता को कम करने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं. डेविड एक और कार्यक्रम में यह बात दोहरा चुके हैं कि रूस का गैस की आपूर्ति कम करना मंदी का कारण बन सकता है. इसके पहले ऊर्जा की बढ़ी कीमतें जर्मनी पर अतिरिक्त भार डाल ही रही थीं जो यूरोप की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसके अलावा विकासशील देश भी उर्वरक, खाद्य सामग्री और ऊर्जा की कमी से जूझ रहे हैं.
चीन में लॉकडाउन से पड़ रहा प्रभाव
मेलपास ने कहा कि चीन के बड़े शहरों में लग रहे लॉकडाउन ने पहले ही दुनिया को चिंता में डाल रखा है. शंघाई जैसे आर्थिक, निर्माणकर्ता और शिपिंग हब में लॉकडाउन लगने से दुनिया पर मंदी का प्रभाव पड़ रहा है. चीन रूस के हमले से पहले ही रियल एस्टेट में हो रहे संकुचन से गुजर रहा था, जिसने चीन की आर्थिक वृद्धि पर पहले ही गहरा असर डाला हुआ था. उसके बाद कोरोना की लहर ने हालत और खराब कर दी है. रिपोर्ट बताती है कि चीन के कुछ प्रांतों में महज 30 फीसद ही व्यापार हो रहा है. इसने पूरे देश को आर्थिक मंदी का शिकार बना दिया है. जिसका असर दुनिया पर भी पड़ रहा है.
देश - दुनिया
बड़ी खबर: टमाटर ने लगाई सेंचुरी 20-30 रुपए तक बिकने वाला टमाटर 50 रुपए तक पहुँचा…
बढ़ती महंगाई के बीच टमाटर भी लाल हो गया है। दो हफ्ते पहले तक 20-30 रुपए तक बिकने वाला टमाटर अभी औसतन 50 रुपए और दक्षिण के राज्यों में 100 रुपए प्रति किलो से ऊपर बिक रहा है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर कारोबारी संघ के अध्यक्ष अनिल मल्होत्रा ने बताया, राजस्थान व गुजरात से आने वाला टमाटर खत्म होने के कगार पर है।
UP व हरियाणा में भीषण गर्मी से फसल खराब हुई
UP व हरियाणा में भीषण गर्मी से फसल खराब हुई है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र के कोल्हापुर और आसपास प्री-मानसून की भारी बारिश के चलते सब्जियों की तुड़ाई बड़े पैमाने पर घटी है। टमाटर की जो थोड़ी-बहुत आवक हो रही है, उसका बड़ा हिस्सा दक्षिण के शहरों में जा रहा है, जहां भाव 100 रुपए प्रति किलो से ऊपर निकल गए हैं।
गर्मी के बाद टमाटर की पैदावार 200 लाख टन से कम होने की आशंका
कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, फसल वर्ष 2021-22 में 203 लाख टन टमाटर पैदा हो सकता है, जो फसल वर्ष 2020-21 के 211 लाख टन से कम है। ये अनुमान भीषण गर्मी पड़ने से पहले का है। गर्मी के बाद अब टमाटर की पैदावार 200 लाख टन से कम होने की आशंका है।
जुलाई से राहत की संभावना
अनिल मल्होत्रा ने कहा, जुलाई के पहले हफ्ते से टमाटर के भाव गिरने शुरू हो सकते हैं। तब तक महाराष्ट्र में फसल की दोबारा हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी। UP और हरियाणा में स्थिति भी सुधर जाएगी।
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