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पीएम मोदी के जन्मदिन पर बिहार कोविड टीकाकरण में बना नंबर वन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को भारत ने नया कीर्तिमान कायम करते हुए रिकॉर्ड ढाई करोड़ से भी ज्यादा टीके लगाए गए. पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन के अवसर पर बिहार में विशेष कोविड टीकाकरण अभियान चलाया गया. एक दिन के विशेष टीकाकरण अभियान में बिहार टॉप पर रहा. कोविन पोर्टल पर दिए आंकड़ों के मुताबिक बिहार ने कोरोना वैक्सीनेशन में अब तक का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पीएम मोदी के बर्धडे के दिन 17 सितंबर को मेगा वैक्सीनेशन अभियान में 30 लाख 48 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है.बता दें कि यह आंकड़ा अभी भी अपडेट हो रहा है. खबर लिखे जाने तक देशभर में बिहार मेगा वैक्सीनेशन अभियान में नम्बर 1 पर है. बता दें कि बिहार ने एक दिन में 30 लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा था और बिहार ने न सिर्फ यह लक्ष्य पाया बल्कि उससे भी अधिक वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना लिया. गौरतलब है कि किसी भी राज्य के लिए एक दिन में इतने टीके लगाना एक रिकॉर्ड है.
देर रात कोविन पोर्टल पर अपडेट के अनुसार कर्नाटक में 26.9 लाख खुराक, उत्तर प्रदेश में 24.8 लाख से अधिक वैक्सीन डोज, मध्य प्रदेश में 23.7 लाख से अधिक खुराक और गुजरात में 20.4 लाख से अधिक खुराक दी गई. हालांकि इन आंकड़ों में अभी बदलाव हो सकते हैं क्योंकि अपडेट करने का कार्य अब भी जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, “बधाई भारत, पीएम मोदी के जन्मदिवस पर भारत ने आज इतिहास रच दिया है. 2.50 करोड़ से अधिक टीके लगा कर देश और विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखा है. आज का दिन हेल्थकर्मियों के नाम रहा.’
बता दें कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में मेगा टीकाकरण अभियान 2.0 का लोकार्पण पटना पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में किया था. इस दौरान उन्होंने 70 आक्सीजन जेनेरेशन प्लांट का लोकार्पण भी किया. स्वास्थ्य विभाग ने इसके पहले 31 अगस्त को भी राज्य में टीकाकरण का महाभियान चलाया गया था. एक दिन के उस महाभियान में 27.23 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया था.
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Kisan Aandolan: केंद्र सरकार ने योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा से किया निलंबित, किसान संगठनों में नाराजगी
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन में शामिल योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) को संयुक्त किसान मोर्चा से एक महीने के लिए निलंबित करने पर बड़ा बयान दिया है
संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने अप्रत्याशित रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए योगेंद्र यादव को किसान मोर्चा से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि लखीमपुरी खीरी मामले में एक पीड़ित शुभम मिश्रा के घर जाने और हालचाल लेने के कारण योगेंद्र यादव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह कार्रवाई की है। वहीं, हरियाणा की राजनीति के साथ किसान आंदोलन में दमदार दखल रखने वाले योगेंद्र यादव पर यह कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में हम यहां पर बता रहे हैं कि आखिर किस वजह से योगेंद्र यादव के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है और आखिर क्या है इसकी असली वजह।
शहीद किसान श्रद्धांजलि सभा से वापिसी में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए। परिवार ने हम पर गुस्सा नही किया। बस दुखी मन से सवाल पूछे: क्या हम किसान नहीं? हमारे बेटे का क्या कसूर था? आपके साथी ने एक्शन रिएक्शन वाली बात क्यों कही?
उनके सवाल कान में गूंज रहे हैं! pic.twitter.com/q0sYAT8gV6— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 12, 2021
लखीमपुर खीरी का बहाना, असल मककद योगेंद्र को चुप कराना
15 अक्टूबर को सिंघु बार्डर पर पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या में निहंगों का नाम सामने आने पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से योगेंद्र यादव ने जमकर हमला बोला था। निहंगों का आरोप है कि योगेंद्र यादव ने ही सबसे ज्यादा निहंगों की आलोचना की थी। कहा तो यह भी जा रहा है कि योगेंद्र यादव के कहने पर ही संयुक्त किसान मोर्चा ने निहंगों से दूरी बनाने का एलान किया था। इसके बाद निहंगों ने संयुक्त किसान मोर्चा को निशाने पर लेते हुए 27 अक्टूबर को महापंचायत बुलाई है, जिसमें यह तय होगा कि वह सिंधु बार्डर पर प्रदर्शन में शामिल रहेंगे या फिर वापस पंजाब लौट जाएंगे। इस महापंचायत को संज्ञान में लेते हुए योगेंद्र यादव को एक महीने तक निलंबत कर निहंगों को फिर से अपने पाले में लाने के साथ उनकी नाराजगी भी दूर करने की कोशिश की है। हालांकि, इस कार्रवाई के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि योगेंद्र यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए शुभम मिश्रा के घर गए थे। इससे किसान संगठनों में नाराजगी थी।
निहंग चल रहे थे नाराज
संयुक्त किसान मोर्चा के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े निहंग योगेंद्र यादव के बयान से नाराज थे और एसकेएम पर दबाव बना रहे थे कि उन पर कोई कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, 27 अक्टूबर को होने वाली बैठक से पूर्व एसकेएम ने कार्रवाई कर निहंगों को साधने का प्रयास किया है। सच बात तो यह है कि संयुक्त किसान मोर्चा अपने सहयोगी निहंगों काे प्रदर्शन स्थल से जाने नहीं देना चाहता है
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से फिलहाल तो यही कहा गया है कि किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव पर ये कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि वो लखीमपुर हिंसा में मारे गए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए थे और परिवारवालों से मिलकर संवेदना प्रकट की थी।
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में प्रदर्शनकारी किसानों पर थार गाड़ी चढ़ा दी गई थी। इस हादसे में कुल 4 किसान और एक पत्रकार की जान चली गई थी। इसके बाद हुई हिंसा में 4 भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी।
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जज ही निकला रेपिस्ट, कोर्ट ने बलात्कार और धोखाधड़ी का ठहराया दोषी
दूसरों को उनके अपराधों की सजा देने वाले एक न्यायाधीश को खुद बलात्कार और धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया है. जम्मू-कश्मीर की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने अपने फैसले में जज को दोषी पाया है. जम्मू में एक उप-न्यायाधीश पर 2018 में उनसे कानूनी मदद मांगने वाली एक महिला से बलात्कार और धोखाधड़ी का आरोप लगा था. आरोप के बाद उप-न्यायाधीश को निलंबित कर दिया गया था.
Court ने सबूतों को माना सही
‘ग्रेटर कश्मीर’ की रिपोर्ट के अनुसार, दोषी करार दिए गए सब-जज की पहचान राकेश कुमार अबरोल के रूप में हुई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट जम्मू के पीठासीन अधिकारी खलील चौधरी ने अपने फैसले में कहा कि चर्चा से जो निष्कर्ष निकलता है, वह यह है कि रिकॉर्ड पर मौजूद सभी सबूत आरोपी के अपराध की ओर इशारा करते हैं.
कल सुनाई जाएगी न्यायाधीश को सजा
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्य आरोपों को सही दर्शाते हैं. इसलिए आरोपी को धारा 420 और 376 (2) (के) आरपीसी के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया जाता है. हालांकि, अदालत ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है. कोर्ट में सजा पर शनिवार को सुनवाई होगी. अदालत ने आगे कहा कि प्रभावी व्यक्ति को अपनी पहुंच, प्रभाव और अधिकार को ध्यान में रखते हुए आम जनता के प्रति अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील होना चाहिए. उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अनुभव और ज्ञान के साथ अधिकार और कानून का अर्थ जानते हैं और समझते हैं.
न्यायाधीश के घर काम करती थी महिला
अभियोजन पक्ष के अनुसार रामबन निवासी पीड़ित महिला की और जज की मुलाकात उस समय हुई जब वह एक केस लड़ रही थी. न्यायिक अधिकारी होने के नाते अबरोल ने कानूनी मदद का वादा किया और उससे घरेलू कार्यों में हाथ बंटाने की बात कही. इसके बाद महिला ने जज के घर काम करना शुरू कर दिया. जज ने महिला को उसकी बेटी को बेहतर शिक्षा देने का वादा भी किया. आरोपी ने उसे 5000 रुपए प्रति माह वेतन देने का वादा भी किया था. इसी दौरान, उसने महिला को अपनी बातों में उलझाकर उसके साथ बलात्कार किया.
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ताबड़तोड़ गोलियां दाग कर दिया ट्रिपल मर्डर पत्नी के चरित्र पर शक ने नीरज को बना दिया हैवान
हरियाणा के फरीदाबाद के धौज थाना क्षेत्र में गुरुवार अल सुबह एक युवक ने अपने साथी के साथ मिलकर अपनी पत्नी, सास, साले व उसके दोस्त को गोली मार दी। घटना में पत्नी,सास व साले का दोस्त ने तोड़ दिया, जबकि साले को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। क्राइम ब्रांच डीएलएफ ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल दो तमंचे, चाकू और मोटरसाइकिल बरामद कर लिए हैं। आरोपी नीरज को अपनी पत्नी आयशा के के चरित्र पर शक था। इसके आलावा उसका अपने साले गगन से 10 लाख रुपये का लेनदेन भी था। पुलिस ने गगन की शिकायत पर धौज थाने में हत्या, हत्या का प्रयास व आर्म्स एक्ट तहत मामला दर्ज कर लिया है। मूलरूप से पानीपत के समालखा निवासी गगन ने पुलिस को बताया कि बहन आयशा शादी करीब चौदह साल पहले एनआइटी-एक निवासी निवासी नीरज चावला के साथ की थी।
नीरज का एनआइटी में काज-बटन व लेडीज टेलरिंग मैटेरियल का काम है। उनका एक 12 साल का बेटा भी है। नीरज अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। इस बात को लेकर उनका अक्सर आपस में झगड़ा भी रहता था। इसके चलते करीब एक साल से आयशा अपने बेटे के साथ मायके में रह रही थी। गगन सेक्टर-22 में रहने वाले अपने दोस्त राजन के साथ मिलकर पुरानी कारों व कोठियों की खरीद फरोख्त का काम करता है। गगन कई सालों से सेक्टर 55 में परिवार के साथ रह रहा था।
करीब एक माह पहले उसने मोहताबाद में एक मकान किराए पर ले लिया और अपनी पत्नी, बच्चों, मां व बहन के साथ वहीं रहने लगा। दो दिन पहले गगन अपने परिवार के साथ खाटूश्याम घूमने गया था। राजन भी उनके साथ था। वापस आने पर राजन उनके घर रुक गया। बृहस्पतिवार रात खाना खाकर आयशा और सुमन नीचे कमरे में सो गईं। गगन, राजन और 12 वर्षीय भांजा ऊपर कमरे में सोए थे। रात करीब पौने तीन बजे गगन को गोली चलने की आवाज सुनाई दी। उसका जीजा नीरज व उसका दोस्त लेखराज राजन को गोली मार रहे थे। इसके बाद दोनों ने गगन पर भी गोली चलाई, जो उसकी कमर में लगी। इसके बाद दोनों आरोपी नीचे गए और गगन की बहन आयशा और मां सुमन को गोली मार दी। इसके बाद आरोपियों ने आयशा और सुमन पर चाकू से भी वार किये। वारदात के बाद दोनों फरार हो गए। इस घटना में गगन घायल हो गया था। उसने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और गगन को अस्पताल में भर्ती कराया।पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह का कहना है कि दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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