छत्तीसगढ़
CG News: खेलते-खेलते 6 साल का मासूम हुआ गायब, परिजन ने दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट
भिलाई में 6 साल का बच्चा तीन दिनों से लापता है। अब तक पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिला है। इधर बच्चे की सलामती को लेकर परिजन परेशान हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। छावनी पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
छावनी पुलिस ने बताया कि कैम्प-1 बैकुंठधाम निवासी यश आनंद पिता रोहित आंनद (6 साल) रविवार 17 जुलाई की शाम से गायब है। शाम 5 बजे के करीब वह अपने बड़े भाई रॉकी के साथ पास की दुकान में मोमोज खाने गया था। वहां से दोनों घर आए। इसके बाद यश अपने दोस्तों के साथ खेलने चला गया। उस समय यश की मां रजनी आनंद काम पर गयी हुई थी। वह जब शाम को घर लौटी तो यश दिखाई नहीं दिया। उसने उसे काफी खोजा और पता किया। इसके बाद उन्होंने मोहल्ले और अन्य लोगों से पूछताछ की। जब यश कहीं नहीं मिली तो रजनी छावनी थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई अब 3 दिन बाद भी उसका कहीं कोई पता न चलने से छावनी पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि 6 साल का यश नीले रंग की शर्ट पहने हुआ है। बच्चे के संबंध में कोई भी जानकारी मिलने पर छावनी थाने सूचना दें।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी है। मंगलवार रात तक भी बच्चे का कुछ पता नहीं चल पाया था। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है। पुलिस का दावा कि बच्चा जल्द मिल जाएगा। वहीं यश की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह यश की फोटो लेकर सभी जगह उसकी तलाश कर रही है।
मुंगेली के रहने वाले हैं परिजन
यश का पिता रोहित मुंगेली जिले का रहने वाला है। कैंप एरिया में किराये से रहकर वह प्राइवेट नौकरी करता है। जब यह घटना हुई तब रोहित मुंगेली खेत बोवाई करवाने गया था और उसकी मां काम पर गई थी। घर में केवल यश और उसका बड़ा भाई रॉकी थे।
Knowledge
विधि विभाग छात्रों द्वारा ग्राम वासियों 181 सखी वन स्टॉप सेंटर संबधित विधि जागरूकता …..
शासकीय जे योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर (विधि विभाग ) LLB 3 semester के छात्र-छात्राओं द्वारा ग्राम बाराडेरा ग्राम पंचायत तुलसी ब्लॉक धरसीवा छत्तीसगढ़ मे विधिक जागरूकता के माध्यम से ज्योति, प्रीति वर्मा ,कविता बंजारे, उजाला ध्रुव ,भारती ध्रुव , अन्नुलता पैकरा ,आकांक्षा पात्रे , अन्नूदेवी कंवर, विकास कुमार , डागेश्वर गजेंद्र ,मयूर मजूमदार, आशिक कुमार एवं कल्पना द्वारा विधि जागरूक के जरिए ग्राम पंचायत तुलसी में महिलाओं को 181 सखी वन स्टॉप सेंटर की संबंधित जानकारी जानकारी दी गई .
एवं 181 महिला हेल्पलाइन को बताया जिस का मुख्य कार्य किसी भी हिंसा से पीड़ित महिला को सुकून देना है महिला से या लड़कीयों से किसी भी प्रकार की मारपीट ,घरेलू हिंसा, तेजाब एसिड मामला हमले से, छेड़छाड़ रेप से जुड़े मामले, दहेज प्रताड़ना घरेलू हिंसा, आश्रय घर (ऐसे निकल जाने पर शेल्टर होम की सुविधा घर नहीं जाने की स्थिति में) आदि मामले में लोगों को जागरूक की एवं उन्होंने यह बताया कि सखी सेंटर एक ऐसा सेंटर है जहां एक ही छत के नीचे प्रत्येक महिला/बालिकाओं को जो पीड़ित है उनको सभी प्रकार की आपातकालीन सुविधा तत्काल उपलब्ध कराना , (1)महिलाओं को चिकित्सा सहायता (2)महिला पुलिस की सहायता (3)विधिक सहायता (4)मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध करता है |
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना चलाई जा रही,महिलाओं और बच्चियों को मिल रहा है आसानी से इलाज
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना का लाभ प्रदेश की गरीब महिलाओं और बच्चियों को मिल रहा है. अब तक प्रदेश में इस योजना का लाभ 1 लाख 9 हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों ने उठाया है.छत्तीसगढ़ में गरीब महिलाओं और बच्चियों के इलाज के लिए ”मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक” योजना चलाई जा रही है. अब तक इस योजना का लाभ कई महिलाएं और बच्चियां उठा चुकी है, जबकि इस योजना के माध्यम से महिलाओं और बच्चियों को आसानी से इलाज भी मिल रहा है.मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 475 कैम्प लगाएं जा चुके हैं और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख नौ हजार 505 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही इलाज किया गया है. सीएम भूपेश बघेल खुद इस योजना को लेकर मॉनिटिरिंग करते हैं.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है. योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज कराती है. इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 19 हजार 432 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख तीन हजार 864 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई.इस योजना के जरिए गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं पा रही थी. उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है. ऐसे में यह योजना प्रदेश की गरीब महिलाओं और बच्चियों के लिए फायदेमंद साबित हुई है. क्योंकि उन्हें इस योजना के जरिए आसानी से इलाज मिल रहा है।
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छत्तीसगढ़
District Hospital : शाॅर्ट सर्किट के कारण बिजली चली गई जिससे नवजात बच्चे की मौत,लापरवाही से यह घटना सामने आई
कोरबा। जिला अस्पताल में एक बड़ी घटना घटी गई है.जहां शाॅर्ट सर्किट के कारण अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की बिजली चली गई. समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक नवजात बच्चे की जान चली गई. वहीं दो बच्चों को रिफर करना पड़ा. परिजनों का आरोप है कि, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना सामने आई है।
हालांकि मेडिकल काॅलेज के डीन ने लापरवाही की बात से साफ इंकार कर दिया है. बता दें कि, कोरबा के जिला अस्पताल में बीमार नवजात बच्चों को रखने के लिए बनाए गए एसएनसीयू वार्ड की बिजली बीती रात चली गई. ऑक्सीजन का प्रवाह रुकने के कारण जहां एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं दो बच्चों की हालत बिगड़ने पर रात में ही उन्हें रिफर करना पड़ा।
बताया जा रहा है, कि विशेष वार्ड में शाॅर्ट सर्किट के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है, जिसके कारण घंटो तक वार्ड में बिजली की सप्लाई रुकी रही. यही वजह है कि, बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें देर रात ही रिफर करने की सलाह दी गई. इस आपाधापी में दीपका निवासी अमित कुमार नामक व्यक्ति के बच्चे की जान चली गई जबकि दो अन्य बच्चों को बिलासपुर और कोरबा के निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
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