छत्तीसगढ़
प्रतिदिन बंद होती है बिजली, शिकायत के बाद भी नहीं मिल रही कॉलोनीवासियों को राहत।
रेलवे अपने कर्मचारियों को बेहतर सुविधा देने का दावा तो करती है। पर हकीकत में ऐसा नहीं है। कंस्ट्रक्शन कॉलोनीवासी बीते डेढ़ माह से बिजली की समस्या से जुझ रहे हैं। इस अवधि में ऐसा कोई दिन नहीं, जब बिजली बंद नहीं होती। रेलवे के बिजली विभाग से कर्मचारी परेशान है। शिकायत के बाद भी अब तक राहत नहीं मिली है। रेलवे की इस कॉलोनी में 100 से अधिक मकान है। जिनमें सभी में कर्मचारी स्वजनों के साथ रहते हैं। अधिकांश परिवार में बच्चे भी है। बिजली बंद से सबसे ज्यादा दिक्कत इन्हें ही होती है। कॉलोनीवासियों ने बताया कि बिजली किसी भी समय बंद कर दी जाती है।
सोमवार की सुबह एक घंटे और रात में करीब एक डेढ़ अंधेरा छाया रहा। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे तक फिर बिजली चली गई। उनका कहना है कि यहां की समस्या दूर करने के लिए एक सब स्टेशन भी बनाया गया है। पर इससे कोई राहत नहीं मिली। इतना ही नहीं सब स्टेशन में कोई तकनीकी खराबी आ जाए, तो उसे सुधारने में घंटों समय लग जाता है। परेशानी केवल कर्मचारियों को होती है।
अफसरों पर इसका फर्क नहीं पड़ता। सभी के बंगले में जनरेटर लगे हुए हैं। इसलिए उन्हें यह पता नहीं चलता की कब बिजली बंद हुई और चालू भी हो गई। कॉलोनी के जितने भी क्वार्टर है, उसके पीछे जंगल- झाड़ी है। इसके कारण कीड़े- मकोड़े का भी खतरा रहता है।
खासकर रात में जब अंधेरा छा जाता है तो कॉलोनीवासी भयभीत रहते हैं। सुबह बिजली बंद हुई तो पानी की समस्या रहती है। कर्मचारी बिजली विभाग की इस लचर व्यवस्था से बेहद नाराज है और किसी भी दिन शिकायत लेकर जीएम व डीआरएम के समक्ष जा सकते हैं।
छत्तीसगढ़
भिलाई में सालों से बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में ,चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला
बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में दिल्ली से आकर कुछ लोगों ने रहना शुरू किया और उसे चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला
भिलाई में सालों से बंद पड़ी आयरन फैक्ट्री में दिल्ली से आकर कुछ लोगों ने रहना शुरू किया और उसे चोरी की गाड़ियों को काटने की फैक्ट्री बना डाला। हर दिन इस फैक्ट्री में कई चोरी के वाहन कटने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसका खुलासा तब हुआ जब शनिवार सुबह सीएसपी छावनी कौशलेंद्र देव पटेल कुछ सामान खरीदने निकले और उन्हें सालों से बंद इस फैक्ट्री को देखकर संदेह हुआ।
सीएसपी ने जब जामुल पुलिस को बुलाकर फैक्ट्री के अंदर देखा तो वहां का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। यहां चोरी की साइकिल, दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया और ट्रक जैसे वाहन के स्क्रैप का जखीरा लगा था।
फैक्ट्री के कागजात मांगे तो वह गुमराह करने लगा
पुलिस ने यहां से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। वहीं एक आरोपी फरार हो गया है। पुलिस ने जब आरोपी से पहले पूछताछ की तो उसने झूठी कहानी बताई थी।
मगर जब पुलिस ने उसे फैक्ट्री के कागजात मांगे तो वह गुमराह करने लगा था। कहने लगा बंद पड़ी फैक्ट्री उसके पिता की है। पिता की मौत के बाद से वह बंद पड़ी है और वह लोग उसी के अंदर रहते आ रहे हैं। उसने बताया कि वह सालों से इसी फैक्ट्री में स्क्रैप का कारोबार करते आ रहे हैं। उन्होंने इसका एक छोटा प्लांट भी लगाया है और बिजली कनेक्शन भी ले रखा है।
लेकिन पुलिस ने जब उनसे कंपनी के संबंध में दस्तावेज मांगे तो उनके पास नहीं थे। जिसके बाद ही पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा है।सीएसपी छावनी कौशलेंद्र देव पटेल ने बताया कि वह जामुल क्षेत्र में कुछ सामान खरीदने के लिए गए थे। इस दौरान उन्हें सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री आरडी स्टील दिखी।
पूछने पर पता चला कि यहां पुरानी गाड़ियों को काट कर उसे बेचा जाता है। सीएसपी ने तुरंत जामुल थाना टीआई गौरव पांडेय को टीम के साथ बुलाया। पुलिस ने अंदर देखा तो बड़े पैमाने पर गाड़ियों का स्क्रैप, फैक्ट्री में डंप था। पुलिस को देखते ही रियाज नाम का एक आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ, जबकि दानिश नाम का युवक पकड़ा गया।
जिले में बड़े पैमाने पर चोरी की गाड़ियां बिना बिक्री कबाड़ के दाम पर बेच दी जाती हैं
RTO सूत्रों के मुताबिक जिले में बड़े पैमाने पर चोरी की गाड़ियां बिना बिक्री कबाड़ के दाम पर बेच दी जाती हैं। वाहन मालिक लाखों रुपए टैक्स बकाया रहने वाली गाड़ियों को कबाड़ के भाव बेच देते हैं। कबाड़ी भी सस्ते दर पर मिलने के कारण उस गाड़ी के बिक्री का परिवहन विभाग से एनओसी भी नहीं लेते हैं।
ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए गाड़ियों को खोजता रहता है और गाड़ियां स्क्रैप के भाव बिक जाती हैं। इसी धंधे की आड़ में कबाड़ी चोरी की गाड़ियों को भी खरीद कर उसका स्क्रैप बनाकर बेच रहे हैं।
छत्तीसगढ़
7 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद,रायपुर में दे रहे है संचालक धरना
स्कूल एसोसिएश को पूरे प्रदेश में हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है। स्कूल एसोसिएशन के सदस्य रायपुर के बूढ़ापार के धरना स्थान पर आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक एकत्रित होकर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जारी करेंगे। आज स्कूल एसोसिएशन की हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश भर में करीब सात हजार स्कूल बंद रहेंगे
सोमवार को प्रदेश के लगभग 7 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद हैं । प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने पहले ही 25 अक्टूबर को प्रदेश स्तर पर हड़ताल का ऐलान किया था।
सोमवार की दोपहर राज्य भर से कई स्कूल संचालाक रायपुर पहुंचे। बूढ़ापारा के धरना स्थल पर जमा होकर स्कूल एसोसिएशन के लोग सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की।
एसोसिएशन के इस फैसले की वजह से प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 16 लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।
स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि सरकार लगातार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है। इस हड़ताल का प्रमुख कारण RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत प्राइवेट स्कूलों को मिलने वाला पैसा है। पिछले कई महीने से करीब 106 करोड़ रुपए सभी स्कूलों के बकाया है, जो सरकार ने अब तक नहीं दिए हैं।
सोमवार को सभी स्कूलों में ताले लग गए। टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ सभी हड़ताल पर हैं। लगभग 2 हजार कर्मचारी और स्कूल संचालक रायपुर में धरने पर बैठ गए।
इन मांग और शिकायतों की वजह से आंदोलन
1. 2020-2021 की RTE की प्रतिपूर्ति राशि अशासकीय विद्यालयों को अविलंब प्रदान की जाए।
2. 16 महीनों तक स्कूल बसों का संचालन बंद रहा, अत: अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 (16 महीने) प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए।
3. नवीन मान्यता, मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। पूरे प्रदेश में मान्यता की प्रक्रिया 2 से 3 वर्ष विलंब से चल रही है।
4. कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालयों का स्कूल शिक्षा विभाग ने निरीक्षण किया था, अलग-अलग जिलों में कमियां बता कर अशासकीय विद्यालयों को परेशान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़
नवकार ज्वेलर्स से 80 लाख की चोरी ,झारखंड की बांसजोर चौकी निलंबित,25 लाख की जब्ती झारखंड पुलिस ने दिखाया, बाकी 55 लाख अंदर
सिमडेगा पुलिस पर आरोप लगा है कि पुलिस ने 80 लाख का जेवरात बरामद किया है लेकिन सिर्फ 25 लाख का जेवरात ही दिखाया गया है. यह आरोप छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर पुलिस के द्वारा लगाया गया है इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज ने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही बांसजोर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है
और मामले की जांच की जा रही है. जांच के लिए 10 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है. डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल है. इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाये जाएंगे, उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जेल भेजा जाएगा.
एक सरकारी अस्पताल में गंभीर अवस्था में आशीष का इलाज जारी है। पुलिस को आशीष के फोन पर एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें आशीष ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने सहकर्मी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके बहकावे में आकर उसने ऐसा जुर्म किया। आशीष के साथ काम करने वाले 4 और पुलिसकर्मी भी इस केस में सस्पेंड हैं।
चोरी करके भागा गिरोह झारखंड के बांसजोर में पकड़ा गया
रायपुर के गुढ़ियारी में 2 और 3 अक्टूबर के बीच रात में चोरी करके भागा गिरोह झारखंड के बांसजोर में पकड़ा गया था। बांसजोर पुलिस ने आरोपियों से केवल 25 लाख की चांदी जब्त होना बताया।
झारखंड की पुलिस ने दावा किया कि दो बदमाश पकड़े गए बाकी बैरिकेड तोड़कर जंगल के रास्ते फरार हो गए। झारखंड की पुलिस ने 55 लाख के जेवर फरार आरोपियों के पास होना बताया। जहां दो बदमाश पकड़े गए वो इलाका बांसजोर का था, इस इलाके की चौकी के प्रभारी सब इंस्पेक्टर आशीष ही थे।
चोरों का कहना है कि चोरी के गहने बैग में रखे थे। पुलिस ने पूरा बैग अपने कब्जे में ले लिया
रायपुर पुलिस की साइबर सेल की टीम ने झारखंड में गिरफ्तार दो आरोपियों मोफिजुल शेख और मोजिबुर शेख को रायपुर लाकर उनसे पूछताछ की है। दोनों आरोपियों ने पुलिस को यही बताया कि यहां से भागने के बाद वे सभी अगले ही दिन सुबह 11 बजे बांसजोर चौकी की नाकेबंदी में पकड़े गए थे।
चोरों का कहना है कि चोरी के गहने बैग में रखे थे। पुलिस ने पूरा बैग अपने कब्जे में ले लिया। आरोपियों को दो दिन पुलिस चौकी में रखा। बाकी साथी कहां हैं? इस बारे में दोनों चोर कुछ नहीं बता पा रहे हैं। झारखंड पुलिस ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी भी दो-तीन दिन बाद दी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुख्ता इनपुट झारखंड पुलिस को भेजा कि चोरी के 55 लाख के जेवर वहां की पुलिस ने गायब किए हैं। झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच शुरू करते हुए चौकी प्रभारी आशीष कुमार सहित 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने झारखंड पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ सबूत शेयर किए थे। इसके बाद आरोपी चौकी प्रभारी आशीष ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या करने की कोशिश की।
सब-इंस्पेक्टर आशीष ने पकड़े जाने के डर से नदी में फेंक दिया
अब झारखंड के सिमडेगा जिले से पुलिस को नदी से चांदी के जेवर मिले हैं। नदी से गोताखोर को प्लास्टिक की थैली में बंद कर रखे जेवरात मिले हैं। इसे जांच शुरू होने के बाद सब-इंस्पेक्टर आशीष ने पकड़े जाने के डर से नदी में फेंक दिया था।
इस पूरी कार्रवाई में आशीष ने 25 लाख के जेवर की बरामदगी बताकर जिले के एसपी से शाबाशी और सम्मान का सर्टिफिकेट भी हासिल किया था। छत्तीसगढ़ पुलिस के खुलासे के बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर की चोरों वाली हरकत का खुलासा हुआ। इस पूरे मामले की डिपार्टमैंटल इन्क्वायरी जारी है।
सिमडेगा पुलिस पर आरोप लगा है कि पुलिस ने 80 लाख का जेवरात बरामद किया है लेकिन सिर्फ 25 लाख का जेवरात ही दिखाया गया है. यह आरोप छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर पुलिस के द्वारा लगाया गया है. इस मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज ने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही बांसजोर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. जांच के लिए 10 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है. डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल है. इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाये जाएंगे, उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जेल भेजा जाएगा.
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