छत्तीसगढ़
सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक कार्य करें शुरू
जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ करने की बात परियोजना निदेशक आरके खुटे ने बैठक में कही। उन्होंने डीआरडीए कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के सभी रोजगार सहायकों की बैठक ली।ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ करने, लक्ष्य अनुसार मानव श्रम दिवस का सृजन करने, लक्ष्य अनुसार 100 दिवस रोजगार पूर्ण किए जाने, नरवा के अप्रारंभ कार्य को प्रारंभ करने, जून तक के कार्य चलने के हिसाब से कार्य स्वीकृति के लिए प्रस्ताव, शत-प्रतिशत मजदूरों को मजदूरी भुगतान करने, पूर्ण काम का सीसी जारी करने, कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व संबंधित स्थल पर सूचना बोर्ड लगाने,ज्यादा से ज्यादा कार्य उपलब्ध कराने, मनरेगा के सभी पंजी अपडेट करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़
बिलासपुर में अब स्टेशन के साथ रेलवे परिक्षेत्र में भी कैमरे से करेंगे पहरेदारी,करीब 80 कैमरे से परिक्षेत्र में निगरानी होगी
रेलवे परिक्षेत्र में अब आरपीएफ के साथ सीसीटीवी कैमरे की भी पहरेदारी रहेगी। सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे का सुरक्षा विभाग जोन व मंडल कार्यालय के अलावा प्रमुख चौक-चौराहे पर कैमरे लगा रहे हैं। करीब 80 कैमरे से परिक्षेत्र में निगरानी होगी।यह रेल प्रशासन की बड़ी पहल है। रेलवे क्षेत्र काफी बड़े दायरे में फैला हुआ है।
अफसरों के बंगलों के अलावा स्टाफ क्वार्टर और कई विभाग ऐसे हैं, जिनके महंगे उपकरण कार्यालय परिसर या सामने रखे रहते हैं। रेल संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की है। यही वजह है कि अलग से सेटलमेंट पोस्ट बनाया गया है। यहां प्रभारी से लेकर उप निरीक्षक, सहायक निरीक्षक व बल सदस्यों को पदस्थ किया गया।
अमला रेल परिक्षेत्र में गश्त भी करता है। हालांकि क्षेत्र इतना बड़ा है कि चाहकर भी पूरे क्षेत्र को कवर नहीं कर पाते। सबसे अहम बात यह है कि आपराधिक गतिविधियां ज्यादा रहती हैं। यात्री, रेल कर्मचारी समेत सामान्य लोग भी शिकार बन चुके हैं। रेल संपत्ति चोरी कई घटनाएं भी हुई हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से कैमरे की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।इसके लिए आरपीएफ कई महीनों से प्रयास भी कर रहा था। संबंधित विभाग को प्रस्ताव बनाकर भी भेजा गया। अब जाकर आरपीएफ की इस महत्वपूर्ण कोशिश को सफलता मिली है। 80 कैमरे लगाने की स्वीकृति मिली है। स्वीकृति मिलने के बाद उन जगहों को सर्वे कर चिंहित किया गया, जहां कैमरे से निगरानी की बेहद आवश्यकता है। चिंहित जगहों पर ही कैमरा लगाने का काम प्रारंभ हो चुका है।
सेटलमेंट पोस्ट से होगी मानिटरिंग : इन 80 कैमरों से सेटलमेंट पोस्ट से निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए पोस्ट में अलग से मानिटरिंग कक्ष बनाया जा रहा है। जहां बड़ी स्क्रीन लगी होगी। कैमरे फुटेज इसी स्क्रीन में नजर आएंगे।
सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे परिक्षेत्र में 80 कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन्हें लगाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा आरपीएफ सेटलमेंट पोस्ट में एक मानिटरिंग कक्ष भी बनाया जाएगा। जहां एक स्टाफ को 24 घंटे तैनात किया जाएगा।
छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश ने राजनांदगांव जिले के चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को 2 करोड़ 46 लाख की राशि वापस कराई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 23 नवम्बर को अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में पूर्वान्ह 11 बजे राजनांदगांव जिले के चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को 2 करोड़ 46 लाख की राशि वापस करेंगे। यह राशि चिटफंड कंपनियों के कुर्क की गई संपत्ति की नीलामी से प्राप्त की गई है।गौरतलब है कि राजनांदगांव के कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
पटवारियों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों की संपत्ति का पता लगाने व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। चिटफण्ड कंपनियों के निवेशकों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर 300 कंपनियों का विवरण तैयार किया गया है, जिसे जांच के लिए पुलिस विभाग एवं संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय को भेजा गया है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ को मिला सबसे स्वच्छ राज्य का अवार्ड, CM भूपेश बोले- महिलाओं ने बनाया नंबर-1
छत्तीसगढ़ को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड ग्रहण किया. इस सम्मान समारोह में प्रदेश के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए हैं. कार्यक्रम में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर भी शामिल रहे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम् राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है. मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है.’ बता दें कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय द्वारा हर साल देश के समस्त शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है. इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आंकलन किया जाता है.
इन मापदंडों पर मिलता अवार्ड
बता दें कि मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर आदि का थर्ड पार्टी के माध्यम से आंकलन करते हुए नागरिकों के फीडबैक को भी इसमें शामिल किया जाता है. इसी आधार पर राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है.
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है. इसके अलावा भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ प्लस प्लस राज्य घोषित किया गया है. नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने मुख्यमंत्री के साथ ही शहरी विकास मंत्री शिव कुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी, आवासीय आयुक्त एम गीता, स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर सौमिल रंजन चौबे समारोह में उपस्थित रहे.
नगर निगमों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण, गार्बेज फ्री सिटी के लिए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, अम्बिकापुर महापौर अजय तिर्की, भिलाई चरोदा के महापौर चंद्रकांत मांडले, बिलासपुर महापौर रामशरन यादव, चिरमिरी की महापौर कंचन जयसवाल, रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, राजनांदगांव महापौर हेमासुदेश देशमुख, दुर्ग महापौर धीरज बकलीवाल के साथ ही नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नोडल अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया.
छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक निकाय पुरस्कृत
छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराते हुए देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. छत्तीसगढ़ को न सिर्फ राज्य के रूप में, बल्कि यहां के 67 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया. छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए जा रहे हैं. स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है.
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