देश - दुनिया
पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम,1500 रुपये महीना करें जमा, मिलेंगे 35 लाख रुपये
Post office scheme- बाजार कई निवेश ऑप्शन्स से भरा हुआ है और इनमें से कई योजनाओं पर बताया जाने वाला रिटर्न बहुत ही आकर्षक भी होता है. हालांकि, इनमें कुछ में जोखिम भी शामिल होता है. काफी निवेश कम रिटर्न वाले सुरक्षित निवेश योजनाओं को अधिक पसंद करते हैं क्योंकि इनमें जोखिम कम होता है. अगर आप भी कम जोखिम वाले रिटर्न या निवेश विकल्प तलाश रहे हैं.
तो पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम आपके काम आ सकती है. भारतीय डाक द्वारा दी जाने वाली यह ग्राम सुरक्षा योजना एक ऐसा विकल्प है जिसमें कम जोखिम में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं. ग्राम सुरक्षा योजना के तहत बोनस के साथ सुनिश्चित राशि या तो 80 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर या मृत्यु की स्थिति में उनके कानूनी उत्तराधिकारी नामित व्यक्ति को जो भी पहले हो मिल जाता है.
ये है नियम और शर्तें – 19 से 55 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इस बीमा योजना को ले सकता है. जबकि इस योजना के तहत न्यूनतम बीमा राशि 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इस योजना का प्रीमियम पेमेंट मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक कर सकते हैं. ग्राहक को प्रीमियम का पेमेंट करने के लिए 30 दिनों की छूट दी जाती है. पॉलिसी अवधि के दौरान चूक की स्थिति में ग्राहक पॉलिसी को फिर से शुरू करने के लिए लंबित प्रीमियम का पेमेंट कर सकता है.
मिलता है लोन – बीमा योजना एक ऋण सुविधा के साथ आती है जिसका लाभ पॉलिसी खरीद के चार साल बाद लिया जा सकता है.
सरेंडर कर सकते हैं पॉलिसी – ग्राहक 3 साल के बाद पॉलिसी को सरेंडर करने का विकल्प चुन सकता है. हालांकि, उस स्थिति में आपको इसके साथ कोई लाभ नहीं मिलेगा. पॉलिसी का सबसे बड़ा आकर्षण इंडिया पोस्ट द्वारा दिया जाने वाला बोनस है और अंतिम घोषित बोनस प्रति वर्ष 65 रुपये प्रति 1,000 रुपये का आश्वासन दिया गया था.
मैच्योरिटी बेनेफिट – अगर कोई 19 साल की उम्र में 10 लाख की ग्राम सुरक्षा पॉलिसी खरीदता है. तो 55 साल के लिए मासिक प्रीमियम 1,515 रुपये, 58 साल के लिए 1,463 रुपये और 60 साल के लिए 1,411 रुपये होगा. पॉलिसी खरीदार को 55 साल के लिए 31.60 लाख रुपये, 58 साल के लिए 33.40 लाख रुपये का मैच्योरिटी बेनिफिट मिलेगा. 60 साल के लिए मैच्योरिटी बेनिफिट 34.60 लाख रुपये होगा.
यहां मिल जाएगी पूरी जानकारी – नामांकित व्यक्ति के नाम या अन्य विवरण जैसे ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर में किसी भी अपडेट के मामले में, ग्राहक इसके लिए निकटतम डाकघर से संपर्क कर सकता है. अन्य प्रश्नों के लिए, ग्राहक दिए गए टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800 180 5232/155232 या आधिकारिक वेबसाइट यानी www.postallifeinsurance.gov.in पर समाधान के लिए संपर्क कर सकते हैं.
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वैक्सीन लगवाने के बाद रक्त जमने का मामला अभी तक 1 की मौत, 6 का इलाज जारी
वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने के मामले अब भारत में भी सामने आए हैं। अभी तक यूके और अमेरिका में ही ऐसे मामले दर्ज किए जा रहे थे लेकिन सोमवार को नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल ने वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने की वजह से एक मरीज की मौत होने की पुष्टि की है। जबकि छह मरीज अभी भी उपचाराधीन हैं।
अस्पताल के अनुसार कोविड वैक्सीन के जरिए इन मरीजों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) नामक परेशानी देखने को मिली जो रक्त का थक्का जमने के बाद देखने को मिलती है। अभी छह मरीज जीवित हैं और एक की मौत हो चुकी है।
डॉक्टरों के अनुसार इन सात में से पांच मामले केरल से जुड़े हैं और वहां से जांच के लिए सैंपल कुरियर के जरिए दिल्ली आए थे। वहीं दिल्ली निवासी एक मरीज को धौलाकुआं स्थित सैन्य अस्पताल से रैफर करके भेजा गया था लेकिन मरीज की हालत नाजुक होने की वजह से बचाया नहीं जा सका।
अस्पताल की वरिष्ठ डॉ. (प्रो.) ज्योति कोतवाल ने इन सभी मरीजों पर चिकित्सीय अध्ययन भी किया है जिसे इंडियन जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ हेमटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन में बीते 29 सितंबर को प्रकाशित किया गया। डॉ. कोतवाल ने बताया कि इस साल जून माह के दौरान ही उनके यहां पहला मामला दर्ज किया गया था लेकिन उसके बाद केरल और दिल्ली से छह और मरीज उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए। इन मरीजों के सैंपल भी उन्हें कुरियर से प्राप्त हुए थे और जांच के बाद वीआईटीटी की पुष्टि होने के बाद इन्हें भर्ती कराया गया।
दुर्लभ मामले
डॉ. कोतवाल ने बताया कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का और कम प्लेटलेट्स के दुर्लभ मामले हैं। इन्हें चिकित्सीय विज्ञान में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ VITT या थ्रोम्बोसिस के रूप में जाना जाता है। अभी तक डेनमार्क, यूके, जर्मनी और कनाडा में ऐसे मामले मिल चुके हैं और बीते 11 अगस्त को अमेरिका में भी इसके लिए उपचार संबंधित दिशा निर्देश जारी किए गए।
30 दिनों में दिखाई देते हैं लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार वैक्सीन लेने के बाद तीन से 30 दिन के भीतर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा यदि डी-डिमर बढ़ा हुआ है और पीएफ हेपरिन एंटीबॉडी मौजूद है तो चिकित्सीय विज्ञान के जरिए एक अनुमानित निदान किया जा सकता है। अगर टीकाकरण को लेकर देखें तो एक लाख में से एक या फिर 1.27 लाख में से किसी एक व्यक्ति में ही इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है।
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दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को मिल सकता है DA का तोहफा, भेजा गया प्रस्ताव
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार दिवाली से पहले कर्मचारियों को डीए की सौगात दे सकती है। वित्त विभाग ने इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को रिपोर्ट भेजा है। जिसमें कर्मचारियों को डीए का भुगतान दिवाली से पहले करने का अनुरोध किया है।
वहीं अब रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चर्चा करेंगे। जिसके बाद ही कर्मचारियों को डीए पर फैसला होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना के कारण बिगड़े हालात की वजह से कर्मचारियों को डीए का भुगतान नहीं हो सका था, वहीं अब स्थितियां सामान्य होने के बाद अब सरकार कर्मचारियों को डीए की सौगात देकर उन्हें राहत दे सकती है।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद से सरकारी कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों को सरकार के सामने रखा। वहीं मांगों को लेकर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम शिवराज कर्मचारियों को डीए का सौगात दे सकती है।
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नाबालिग लड़की ने खाने में जहर मिलाकर मां-बाप सहित 4 लोगों को सुला दी मौत की नींद, सामने आई ये वजह
कर्नाटक के दावनगरे की रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने खाने में जहर मिलाकर अपने परिवार के चार लोगों को मौत की नींद सुला दी। एक लड़की का आरोप है कि उनके परिवार वाले उनसे भेदभाव करते थे। बहरहाल पुलिस ने नाबालिग लड़की पर हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार लड़की ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उनके परिवार वाले उनसे भेदभाव करते थे। उनके अन्य भाई बहनों के अपेक्षा माता-पिता उनसे कम प्यार करते थे। इसके साथ ही छोटी-छोटी गलतियों पर उनसे मारपीट की जाती थी। उन्होनें बताया कि पिता ने उसे 8वीं क्लास में एडमिशन करवाया लेकिन वह ढंग से पढ़ नहीं पाई। इसके बाद पिता ने उसे काम करने के लिए खेतों में ले जाना शुरू कर दिया। इन सब बातों को लेकर वह हमेशा परेशान रहती थी, लिहाजा उन्होने पूरे परिवार को मौत की नींद सुलाने का फैसला कर लिया।
फारेसिक रिपोर्ट आने के बाद कबूली गुनाह
पुलिस के मुताबिक लड़की ने 12 जुलाई की रात को खाना बनाकर घरवालों को खिलाया। उसे खाने के बाद 80 साल की दादी, 45 साल के पिता, 40 साल की मां, 16 साल की बहन की मौत हो गई। इस मामले की फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बाद जहर से मौत का खुलासा हुआ। इसके बाद जब पुलिस ने दोबारा से लड़की से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
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