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22 वर्षीय किसान ने माँगा 6.65 करोड़ रुपये लोन,खरीदना चाहता है हेलीकॉप्टर…जानें क्यों
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महाराष्ट्र के हिंगोली के 22 वर्षीय एक किसान ने एक हेलीकॉप्टर खरीदने और उसे किराए पर चलाने के लिए छह करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण की खातिर आवेदन किया और कहा कि खेती करना अब वहनीय नहीं रह गया है महाराष्ट्र के हिंगोली के 22 वर्षीय एक किसान ने एक हेलीकॉप्टर खरीदने और उसे किराए पर चलाने के लिए छह करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण की खातिर आवेदन किया और कहा कि खेती करना अब वहनीय नहीं रह गया है.
किसान ने कहा- ‘अब खेती करना वहनीय नहीं’
जिले के टकटोड़ा गांव निवासी कैलास पतंगे ने बृहस्पतिवार को अपने ऋण आवेदन के साथ गोरेगांव के एक बैंक से संपर्क किया. दो एकड़ जमीन के मालिक पतंगे ने कहा कि अनियमित बारिश और सूखे जैसी परिस्थितियों ने पिछले कुछ वर्षों में खेती को वहनीय नहीं रह गया है.
बेमौसमी बारिश के कारण किसान की फसल हुई बर्बाद
पतंगे ने कहा, “मैंने पिछले दो वर्षों में अपनी जमीन पर सोयाबीन की खेती की, लेकिन बेमौसमी बारिश के कारण मुझे अच्छा रिटर्न नहीं मिला. फसल बीमा का पैसा भी पर्याप्त नहीं था.’’ इन कारकों को ध्यान में रखते हुए पतंगे ने एक अच्छा जीवनयापन करने के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदने और इसे किराए पर देने को लेकर विचार किया है.
किसान ने कहा- ‘हमें भी बड़े सपने देखने का हक’
पतंगे ने मीडिया से कहा, ‘‘कौन कहता है कि बड़े लोगों को ही बड़े सपने देखने चाहिए? किसान भी बड़े सपने देखें. मैंने हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 6.65 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए आवेदन किया है. अन्य व्यवसायों में बहुत प्रतिस्पर्धा है, इसलिए मैंने यह फैसला लिया है.”
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तेल की कीमत में होगी जल्द कटौती…आदेश जारी
Edible Oils Price Cut Update : आम जनता के लिए बड़ी राहत वाली खबर है. केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख खाद्य तेल निर्माताओं को खाने के तेल में 15 रुपये तक की कमी करने का आदेश दिया है.बढ़ती महंगाई से आम जनता को राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने अब नया आदेश जारी किया है।
सरकार ने खाने के तेल की कीमत कम करने का आदेश दिया है. इसके बाद खाने के तेल के दामों में कमी आने की उम्मीद और बढ़ गई है. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने एडिल ऑयल एसोसिएशन को तुरंत 15 रुपये प्रति लीटर खाने के तेल के दामों में कमी करने का आदेश जारी किया है।
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सुकन्या समृद्धि योजना के छोटे निवेशकों को लगा जोरदार झटका ,अब नहीं मिलेगा ये…जानिए
”सुकन्या समृद्धि योजना के छोटे निवेशकों को लगा जोरदार झटका जानें कैसे “
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर सितंबर तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। इससे महंगाई की मार झेल रहे छोटे निवेशकों को झटका लगा है। सरकारी बॉन्ड्स पर यील्ड में तेजी से उम्मीद की जा रही थी कि पीपीएफ (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना तथा सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है।महंगाई की मार झेल रहे छोटे निवेशकों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम पर 7.40 फीसदी ब्याज मिल रहा
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में सितंबर तिमाही में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उम्मीद की जा रही थी कि सरकारी बॉन्ड्स पर यील्ड में तेजी से पीपीएफ,सुकन्या समृद्धि योजना तथा सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है। लेकिन सरकार ने इसे जून तिमाही के स्तर पर यथावत रखा है। अभी पीपीएफ पर 7.10 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना में 7.60 फीसदी और सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम पर 7.40 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स ने एक ऑफिस मेमोरेंडम में बताया कि एक जुलाई से 30 सितंबर तक की तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को यथावत रखा गया है। ये दरें पहली तिमाही के अनुरूप रहेंगी। उम्मीद की जा रही थी कि इस बार डाकघर योजनाओं पर निवेशकों को ज्यादा ब्याज मिल सकता है। इसकी वजह यह मानी जा रही थी कि पिछले एक साल में सरकारी बॉन्ड्स पर यील्ड में तेजी आई है। इससे बॉन्ड्स से जुड़ी योजनाओं पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी थी।
“माना जा रहा था कि गोपीनाथ कमेटी के 2011 में दिए गए फॉर्मूले के मुताबिक छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दर 25 से 100 बेसिस पॉइंट्स तक बढ़ सकती है। इसकी वजह यह है कि पिछले एक साल में बेंचमार्क 10 ईयर बॉन्ड पर यील्ड 140 बेसिस पॉइंट बढ़ चुका है। इस दौरान यह 6.04 फीसदी से बढ़कर 7.46 फीसदी पहुंच चुकी है।अप्रैल-जून तिमाही में इसका औसत 7.31 फीसदी रहा है। अगर इस फॉर्मूले को लागू किया जाता तो पीपीएफ का रेट 7.81 फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना तथा सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम की ब्याज दर आठ फीसदी से ऊपर जा सकता था।हालांकि हर बार इस फॉर्मूले को नहीं अपनाया गया है ”
जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में एवरेज 10 ईयर बॉन्ड यील्ड छह फीसदी से कम था। इसका मतलब है कि पीपीएफ रेट 6.25 फीसदी होना चाहिए था जबकि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का रेट 6.75 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए था। इसके मुताबिक मार्च 2021 में ब्याज दरों में कटौती की गई। पीपीएफ रेट 6.4 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का रेट 6.5 फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना का ब्याज दर घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया। लेकिन इस पर काफी हंगामा हुआ और सरकार को इस कटौती को वापस लेना पड़ा। उसके बाद से छोटी बचत योजनाओं के इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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एचडीएफसी का इंतजार खत्म ! होने जा रहा है विलय,जानें अब कस्टमर्स पर क्या पड़ेगा असर
HDFC And HDFC Financial institution Merger: आखिरकार एचडीएफसी का इंतजार खत्म हुआ. देश के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा लेनदेन होने जा रहा है. एचडीएफसी के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के प्रस्ताव को शेयर बाजारों की मंजूरी मिल गई है. गौरतलब है कि शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक को अनापत्ति (नो ऑब्जेक्शन) मिल गई है. यानी अब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक मर्ज हो जाएगा.
बैंक ने दी जानकारी
एचडीएफसी बैंक ने बताया कि उसे बीएसई लिमिटेड से ‘किसी भी प्रतिकूल टिप्पणी के बिना’ ऑब्जर्वेशन लेटर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड से ‘नो ऑब्जेक्शन’ के साथ ऑब्जर्वेशन लेटर मिला है. यानी अब एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय का रास्ता साफ हो गया है.एचडीएफसी बैंक ने कहा,‘यह योजना अन्य बातों के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से मंजूरी सहित विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है.’ गौरतलब है कि लंबे समय से एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की बात चल रही थी.
40 अरब डॉलर का सौदा
गौरतलब है कि इससे पहले 4 अप्रैल को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय का फैसला हुआ था. आपको बता दें कि करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के साथ ही कंपनी एक नए वजूद में आ जाएगी.
कितना है कंबाइंड एसेट?
प्रस्तावित इकाई का कंबाइंड एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा. विलय के वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, जो रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन है. सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा.
बीएसई ने कही ये बात
बीएसई ने अपने अवलोकन पत्र में कहा है, ‘कंपनी को सलाह दी जाती है कि वह एनसीएलटी के समक्ष दायर की जाने वाली याचिका में सेबी या किसी अन्य नियामक द्वारा किसी भी संस्था, उसके निदेशकों / प्रमोटरों और प्रमोटर समूह के खिलाफ की गई सभी कार्रवाइयों के विवरण का खुलासा करे.’ इतना ही नहीं, प्रत्येक एचडीएफसी शेयरधारक को प्रत्येक 25 शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. यानी ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ेगा
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