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मंकीपॉक्स से 23 साल के युवक की मौत,बढ़ रहा है वायरस का खतरा
Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स के लक्षणों वाले एक मरीज की केरल में मौत हो गई है. ऐसे में इस वायरस से खतरा बढ़ गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सख्त कदम उठाने होंगे.दुनियाभर में मकीपॉक्स वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब तक इस वायरस के 18 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं और 75 देशों में मंकीपॉक्स फैल चुका है. इसे देखते हुए WHO ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी भी घोषित किया है. इस बीच भारत में भी चार मामलों की पुष्टि हो चुकी है. चिंता वाली बात यह है कि केरल में मंकीपॉक्स के एक पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई है. यह मरीज यूएई से भारत लौटा था और त्रिशुर के अस्पताल में इलाज करा रहा था. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि युवक की मौत मंकीपॉक्स से हुई है या नहीं. अभी इसकी जांच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है.जिस युवक की मौत हुई है उसकी उम्र 23 साल थी. इतनी कम उम्र में मौत होने से मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता भी बढ़ गई है. भले ही अभी मरीज की मौत के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन ये मरीज मंकीपॉक्स पॉजिटिव था और कुल चार मरीजों में से एक की मौत हो जाना यह दर्शा रहा है कि ये वायरस कितना खतरनाक है. एक्सपर्ट्स भी शुरुआत से कह रहे हैं कि मंकीपॉक्स से युवाओं को अधिक खतरा हो सकता है।
क्योंकि इन लोगों को स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन नहीं लगी है. चूंकि अब एक संक्रमित की मौत हुई है. ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि मंकीपॉक्स वायरस युवाओं के लिए खतरनाक न साबित हो.इस बारे में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह कहते हैं कि अगर यंग मरीज की मंकीपॉक्स कि वजह से मौत हुई है तो ये चिंता का कारण है. ऐसे में यह जरूरी है कि मरीज मौत के कारणों की सही जानकारी मिले और उसके आधार पर मंकीपॉक्स को लेकर रणनीति बनाई जाए.डॉ. सिंह बताते हैं कि मंकीपॉक्स यंग लोगों को परेशान कर सकता है. क्योंकि 1980 से पहले जन्मे लोगों को तो स्मॉलपॉक्स का टीका लग गया था, लेकिन 1980 में स्मॉलपॉक्स महामारी दुनियाभर मे खत्म हो गई थी. इसके बाद इस वायरस के खिलाफ टीकाकरण बंद हो गया था।
ऐसे में जो लोग 42 से कम उम्र के हैं उन्हें मंकीपॉक्स को लेकर सतर्क रहना होगा. क्योंकि ये वायरस शरीर में पहुंचने के बाद अन्य ऑर्गन को भी नुकसान पहुंचा सकता है.डॉ. सिंह के मुताबिक, मंकीपॉक्स से ब्रेन इंसेफेलाइटिस हो सकता है. इस बीमारी में दिमाग में सूजन आ जाती है और मरीज की हालत गंभीर हो जाती है. कई मामलों में निमोनिया होने की आशंका रहती है. ऐसे में यह देखना होगा कि जिस मरीज की मौत मौत हुई है उसको मंकीपॉक्स से कोई कॉम्पलिकेशन तो नहीं हुआ है. हालांकि इसमें से किसी भी थ्योरी को लेकर कोई मेडिकल स्टडी नहीं हुई है. ऐसे में इन सभी पहलुओं पर रिसर्च किए जान की जरूरत है।
मंकीपॉक्स में म्यूटेशन तो नहीं हो रहा?
डॉ. युद्धवीर कहते हैं कि जिस हिसाब से इस बात मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए इस वायरस के स्ट्रेन की जांच भी जरूरी है. क्योंकि अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि इस बार मंकीपॉक्स क्यों फैल रहा है. ऐसे में यह भी देखना होगा कि मंकीपॉक्स के वायरस में कोई म्यूटेशन तो नहीं हो रहा है. इससे इलाज और बचाव में मदद मिलेगी. चूंकि अभी भारत में मंकीपॉक्स को जो स्ट्रेन मिला है वो काफी पुराना है, लेकिन फिर भी ये वायरस क्यों फैल रहा है इसके कारणों की जांच भी करना जरूरी है.
कोविड की वजह से बढ़ी है परेशानी
स्वास्थ्य नीति और महामारी विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार बताते हैं कि कोरोना वायरस ने दुनियाभर की आबादी को संक्रमित किया है. इसकी चपेट में आए लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है. इस वायरस ने लंग्स की क्षमता को भी प्रभावित किया है. कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से मंकीपॉक्स भी आसानी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. ऐसे में मंकीपॉक्स के तेजी से बढ़ने का एक कारण कोविड भी हो सकता है. हालांकि इसको लेकर अभी कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है, लेकिन जिस तेजी से वायरस बढ़ रहा है उसको देखते हुए सख्त कदम उठाने होंगे.डॉ. अंशुमान के मुताबिक, इस समय लोगों को मंकीपॉक्स वायरस के बारे में जागरूक करना जरूरी है. इसके लक्षणों की पहचान के बारे में जानकारी देनी चाहिए. ये वायरस संक्रमित जानवरों ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन और यौन संबंध बनाने से फैलता है. वायरस के बारे में जितनी जागरूकता बढ़ेंगी उतना ही अच्छा है।
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कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी,मिला डीए का बकाया पैसा
7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के खाते में सातवें वेतन आयोग के बकाया की तीसरी किस्त का पैसा आ गया है. इससे पहले कर्मचारियों को सरकार की तरफ से दो किस्तों में भुगतान किया जा चुका है.सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के डीए में 4% की बढ़ोतरी कर दी है. दूसरी तरह कई राज्यों ने भी डीए में बढ़ोतरी की है. कई राज्यों के कर्मचारियों का डीए 34% है. अब महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे रहा है. इससे पहले ही कर्मचारियों के खाते में बकाया दो किस्तें आ चुकी है. अब सरकार तीसरी किस्त खाते में भेज रही है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग के तहत एरियर के बकाये की तीसरी किस्त देने का ऐलान पहले ही कर दिया था. महाराष्ट्र में हुए सियासी हलचल के पहले ही इसकी कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी थी. अब जुलाई से अगस्त महीने में कर्मचारियों के खाते में बकाया की तीसरी किस्त आने लागी. सरकार ने अपनी तरफ से तीसरी किस्त जारी कर दी है।
अब मिलेगी चौथी किस्त!
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में साल 2019 में राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ जिला परिषद और नगर निगम के कर्मचारियों के लिए भी 7वां वेतन आयोग लागू किया गया. इसके बाद सरकार ने यह तय किया कि वर्ष 2019-20 से 5 सालों में और पांच किस्तों में कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा. इसके तहत अब तक कर्मचारियों को 2 किस्त मिल चुकी हैं. अब तीसरी किस्त खाते में आना शुरूहो गई है. इसके बाद चौथी और पांचवीं किस्त और बाकी रह जाएंगी.
कर्मचारियों की होगी बल्ले-बल्ले
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है. सरकारी कर्मचारियों के खाते में पैसे आने शुरू हो गए हैं, अगर आप महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी हैं तो आपके खाते को चेक कर लें. इसके तहत कर्मचारियों में ग्रुप ए के अधिकारियों को 30 से 40 हजार रुपये का फायदा होगा. वहीं, ग्रुप बी वाले अधिकारियों को 20 से 30 हजार रुपये का फायदा होगा. इसके तहत ग्रुप सी वालों को 10 से 15 हजार और चौथी श्रेणी वालों को 8 से 10 हजार रुपये का फायदा होगा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों को 31% डीए का लाभ मिल रहा है।
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किसानों के लिए खुशखबरी वाली योजना,फसल बर्बाद हो जानें पर यहाँ की सरकार देगी मुआवजा,पढ़िये पूरी डिटेल
Jharkhand Crop Relief Scheme: झारखंड सरकार किसानों के लिए खुशखबरी वाली योजना लेकर आई है, जिसके तहत किसानों की आर्थिक मदद की जाएगी.देश के किसानों की आय बढ़ाने का काम केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्यों की सरकारें भी कर रही हैं. इसी कड़ी में झारखंड की हेमंत सरकार ने झारखंड फसल राहत योजना की शुरुआत की है.ऐसे में आइये इस लेख में जानते हैं कि झारखंड फसल राहत योजना क्या है? इससे किसानों को क्या और कैसे फायदा होगा? इसका लाभ किसान भाई कहां से ले सकते हैं? इन तमाम सवालों के जवाब आपको हम इस लेख में देने जा रहे हैं.
झारखंड फसल राहत योजना क्या है?
झारखंड फसल राहत योजना एक मुआवजा योजना है, जो किसानों को सुरक्षा कवर प्रदान करती है. जैसा की कई बार किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बर्बाद हो जाती हैं. ऐसे में झारखंड की हेमंत सरकार किसानों को फसलें बर्बाद होने के एवज में मुआवजा राशि देती है.झारखंड फसल राहत योजना के बारे में कुछ मुख्य बातेंझारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्थान पर ही झारखंड फसल राहत योजना आरंभ की है.इस योजना के तहत झारखंड सरकार प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन कर किसानों को प्रति एकड़ 3 से 4 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर देगी.इस योजना का लाभ भूमि मालिक और भूमिहीन किसान दोनों को मिलेगा.
झारखंड फसल राहत योजना का लाभ कैसे लें?
झारखंड फसल राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://jrfry.jharkhand.gov.in/en/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
अधिक जानकारी के लिए किसान इन नंबरों पर करें संपर्क
झारखंड फसल राहत योजना के बारे में अधिक जानकारी या इसका लाभ लेने के लिए किसान कृषि पशुपालव एवं सहकारिता विभाग के दफ्तर या इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर संपर्क कर सकते हैं.इसके साथ ही योजना से जुड़ी जानकारी के लिए किसान भाई फोन नंबर 0651-2290444 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा किसान मेल के जरिए भी इस योजना से संबंधित जानकारी पा सकते हैं।
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सरकार कर्मचारियों को मिली खुशखबरी : महंगाई भत्ते में 5% की बढ़ोतरी,पढ़े पूरी ख़बर
7th Pay Commission Latest update: केंद्रीय कर्मचारियों को महीने के शुरुआत में ही बड़ी खुशखबरी मिली है. सरकार ने DA Hike पर मुहर लगा दिया है. सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 5% की दर से बढ़ोतरी मिली है.सरकारी कर्मचारियों के इंतजार का खत्म हो चुका है. सरकार ने डीए बढ़ोतरी पर मुहर लगा दिया है. इसके तहत सरकार ने डीए में 5% बढ़ोतरी की है. आपको बता दें कि त्रिपुरा की बीजेपी सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के बड़ी सौगत दी है. राज्य के मुख्यमंत्री मानिक साहा ने 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
महंगाई भत्ते में हुई बढ़ोतरी
गौरतलब है कि कई राज्य सरकारें महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की हैं. अब त्रिपुरा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बढ़ा कर बड़ी सौगत दी है. राज्य के मुख्यमंत्री मानिक साहा ने 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दी है. ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2022 से लागू हो चुका है. राज्य के मंत्री सुशांता चौधरी ने इस बात की जानकारी दी है.
त्रिपुरा में होने वाले हैं चुनाव
गौरतलब है कि त्रिपुरा में अगले साल मार्च तक धानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए राज्य सरकार ने ये बड़ा फैसला किया है. कैबिनेट में 5 फीसदी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है. सरकार के इस फैसले से राज्य के खजाने पर 523.80 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. हालांकि आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले से 1,04,683 कर्मचारी के अलावा 80,855 पेंशनर्स को लाभ मिलेगा. यानी इस फैसले से त्रिपुरा के कुल1,88,494 लोग लाभान्वित होंगे.इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी राज्य के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 31 फीसदी से बढ़ाकर 34 फीसदी कर दिया है. इससे एमपी के 7.5 लाख कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा लेकिन राज्य सरकार के खजाने पर 625 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
बढ़ेगा DA
इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता 34 फीसदी से ऊपर बढ़ाकर 38 से 39 फीसदी किया जा सकता है. मोदी सरकार जल्द ही महंगाई भत्ता बढ़ाने पर फैसला ले सकती है. दरअसल, अब तक आए AICPI के आंकड़ों के चलते यह साफ हो गया है कि महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी निश्चित है
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