देश - दुनिया
गड्ढे में डूबने से 4 बच्चों की मौत
बिहार के पश्चिमी चंपारण में दर्दनाक हादसा हो गया. नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र के मटियरिया थाना क्षेत्र में हुई इस घटना में पानी से भरे एक गड्ढे में डूबने से 4 बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि मटियरीयी थाना अंतर्गत डरौल पंचायत स्थित सुनिल ईट उद्योग हरदी बेलाहवा के द्वारा ईट निर्माण के लिए खुदवाए गए गड्ढा में एक साथ 4 बच्चे डूब गए. गड्ढा करीब आठ से 10 फीट गहरा होने के कारण बरसात के पानी जमा हो गया था, जिसमें गांव के 4 बच्चे खेलते हुए इसमें गिर गए. उनकी डूबने से मौत हो गई. इस घटना से सनसनी फैल गई.
घटना के बाद हरदी बेलहवा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं ईंट बनाने वाले चिमनी मालिक के खिलाफ लोग आक्रोशित हैं, जिसको देखते हुए मटियरिया थाना के अलावा कई थानों की पुलिस गांव में कैम्प कर रही है. ग्रामीणों ने बताया कि घटना शाम को लगभग 4 बजे घटी और चिमनी पर तैनात मुंशी ने घटना को छिपाया, जिसके बाद लगभग सात बजे बच्चों का शव पानी से निकाला गया. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि घटना कारण चिमनी मालिक की लापरवाही है. काफी दिन से गड्ढा है, लेकिन चिमनी मालिक द्वारा गड्ढा नहीं भरा गया है. घटनास्थल पर स्थानीय थाना पहुंचकर घटना की छानबीन कर रही है. ग्रामीणों और अभिभावकों के बीच चिमनी मालिक सुनील कुमार के प्रति काफी आक्रोश है. जो बच्चे डूबे हैं उनमें कार्तिक कुमार पिता प्रहलाद महतो, गोविंद कुमार पिता जितेंद्र महतो, प्रिंस कुमार पिता मनोज महतो, 4 आदित्य कुमार पिता दिनेश यादव हैं।
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बड़ी खबर: कोरोना का प्रकोप कम नही हुआ की.. इस वायरस ने दी दस्तक, WHO फौरन आयी हरकत में…
विश्व अभी भी कोरोना महामारी से लड़ रहा है। आज भी कोविड का खतरा टला नही है ऐसे में मंकीपॉक्स का वायरस डराने लगा है। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले को देखते हुए डब्लूएओ भी हरकत में आ गया है। पिछले कुछ दिनों से यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के कई हिस्सों में मंकीपॉक्रस वायरस ख़तरनाक तरीके से पार पसार रहा है। यहां तक की नॉर्थ अमेरिका में भी इस वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है।
सी को देखते हुए भारत से कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी एयरपोर्ट्स और पोर्ट पर निगरानी बढ़ाने के लिए आदेश दिया है साथ ही वायरस के जांच को लेकर NCDC और ICMR सहित NIV पुणे को भी अलर्ट रहने का आदेश दिया है। स्वस्थ्य मंत्रालय ने ये आदेश दिया है की आगर कोई भी व्यक्ति सिम्पटम्स के साथ पाया जाये उसको तुरंत आईसोलेट करें और सैंपल NIV पुणे भेज दें। वहीं तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO ने भी इमरजेंसी मीटिंग बुलायी है।
बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने हाल ही में कनाडा की यात्रा की थी। इस साल अमेरिका में मंकीपॉक्स का यह पहला मामला है। इससे पहले यूके में 6 मई को मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया था और तब से वहां संक्रमित लोगों की कुल संख्या नौ हो गई है। पुर्तगाल और स्पेन में भी मंकीपॉक्स के अन्य मामलों का पता चला है। अब तक मंकीपॉक्स अफ्रीका के बाहर केवल चार देशों में पाया गया था। जिसमें इटली, जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल शामिल है।
चलिए जानते हैं कि मंकीपॉक्स क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, यह कैसे फैलता है और कितना गंभीर हैं?
मंकीपॉक्स एक जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्मॉल पॉक्स जैसे लक्षणों होते हैं। हालांकि यह इलाज की दृष्टि से कम गंभीर है। 1980 में चेचक के उन्मूलन और बाद में स्मॉल पॉक्स के टीकाकरण की समाप्ति के साथ मंकीपॉक्स (Monkeypox) सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर समस्या बनकर उभरा है।
कई जानवरों की प्रजातियों को मंकीपॉक्स वायरस के लिए जिम्मेदार माना गया है। इन जानवरों में रस्सी गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे, डर्मिस, गैर-मानव प्राइमेट और अन्य प्रजातियां शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरस के प्राकृतिक इतिहास पर अनिश्चितता बनी हुई है और इनके प्रकृति में बने रहने के कारणों की पहचान करने के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता है
मंकीपॉक्स के संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकती है। बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण इसकी विशेषता हैं जो पहले स्मॉल पॉक्स की तरह ही नजर आते हैं। इसके साथ ही त्वचा का फटना आमतौर पर बुखार दिखने के 1-3 दिनों के भीतर शुरू हो जाता है। दाने गले के बजाय चेहरे और हाथ-पांव पर ज्यादा केंद्रित होते हैं। यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।
यदि मंकीपॉक्स का शक है, तो स्वास्थ्य कर्मियों को एक उपयुक्त नमूना इकट्ठा करना चाहिए और इसे उचित क्षमता के साथ एक प्रयोगशाला में सुरक्षित रूप से पहुंचना चाहिए। मंकीपॉक्स की पुष्टि नमूने के प्रकार और गुणवत्ता और प्रयोगशाला परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है। कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को उन उपायों के बारे में शिक्षित करना मंकीपॉक्स की मुख्य रोकथाम की रणनीति है। मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण का आकलन करने के लिए अब स्टडी चल रही है।
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बड़ी खबर : एक बार फिर से हुई CNG की कीमत में बढ़ोत्तरी, जाने कितने रूपये महंगी हुई CNG…
CNG Price Hike: दिल्ली-एनसीआर के लोगों पर आज सुबह-सुबह महंगाई की मार पड़ी है। दिल्ली-एनसीआप में एक बार फिर CNG के दाम बढ़ गए हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में सीएनजी की कीमत 2 रुपये किलो महंगी कर दी है। बीते 6 दिनों में लगातार दूसरी बार सीएनजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी की गई है. इससे पहले 15 मई को CNG के 2 रुपये दाम बढ़ाए गए थे.
इस बढ़तोरी के बाद दिल्ली में सीएनजी 75.61 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। जबकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सीएनजी 78.17 रुपये प्रति किलो हो गई है। अगर गुरुग्राम की बात करें तो वहां पर CNG के दाम 83.94 रुपये किलो हो गई है।
वैसे देश के दूसरे हिस्सों में भी सीएनजी दामों में इजाफा देखने को मिल गया है। रेवाड़ी में सीएनजी के दाम अब 84.27 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 86.07 रुपये प्रति किलो कर दिए गए हैं। करनाल और कैथल में सीएनजी की कीमत 82.27 रुपये प्रति किलो से बढ़कर अब 84.27 रुपये प्रति किलो हो गई है। मुजफ्फरनगर में सीएनजी की कीमत 80.84 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 82.84 रुपये और कानपुर में 85.40 रुपये से बढ़ाकर 87.40 रुपये प्रति किलो कर दी गई है
इस बीच देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक महीने से अधिक समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है। शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल (Petrol) 105.41 रुपये प्रति लीटर पर, जबकि डीजल (Diesel) 96.67 रुपये प्रति लीटर बिका। नोएडा की बात करें, तो यहां शनिवार को एक लीटर पेट्रोल 105.47 रुपये और डीजल 97.03 रुपये प्रति लीटर में बिका है।
इसी तरह आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 120.51 रुपये और डीजल 104.77 रुपये है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल 115.12 रुपये और डीजल 99.83 रुपये में बिक रहा है। वहीं, चेन्नई की बात करें तो यहां पेट्रोल की कीमत 110.85 रुपये और डीजल 100.94 रुपये पर बनी हुई है।
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3 राज्यों में बाढ़ और बारिश ने मचाया कोहराम, बिहार में आंधी तूफान और बिजली गिरने से 16 जिलों में 33 लोगों की हुई मौत…
हीटवेव, कुछ हिस्से जहां चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे हैं, वहीं कुछ जगह भारी बारिश से तबाह हैं। बिहार में शुक्रवार को आंधी तूफान और बिजली गिरने से 16 जिलों में 33 लोगों की मौत हो गई। इस बीच, असम के चार जिलों- नागांव, होजई, कछार और दरांग में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब तक यहां बाढ़ और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं 15 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। करीब 500 लोग रेलवे ट्रैक पर रहने को मजबूर हैं। पूरी खबर पढ़ने से पहले नीचे दिए गए पोल में शामिल होकर अपनी राय जरूर दें..
असम: 29 जिलों के 7.12 लोग बेघर
असम राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक, राज्य के 29 जिलों में करीब 7.12 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। जमुनामुख जिले के दो गांवों के 500 से ज्यादा परिवारों ने रेलवे ट्रैक पर अपना अस्थायी आशियाना बना रखा है। अकेले नागांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं, जबकि कछार जिले में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग जिले में 52709 लोग प्रभावित हुए हैं।
बिहार: 16 जिलों में 33 की मौत
बिहार में शुक्रवार को आंधी तूफान और बिजली गिरने से 16 जिलों में कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई। सीएम नीतीश कुमार ने घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया। राज्य मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार और रविवार को कुछ हिस्सों में आंधी तूफान के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इसकी वजह है कि यहां प्री-मानसून गतिविधियां अब सक्रिय हो गई हैं।
कर्नाटक: 9 की मौत, स्कूल-कॉलेज बंद
कर्नाटक में प्री-मानसून की दस्तक से हालात बदतर हैं। जलभराव से हुए हादसों के कारण नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं। एहतियातन सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF की चार टीमें तैनात की गई हैं। बारिश के कारण 23 घर क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। राजस्व मंत्री आर. अशोक ने बताया कि चिकमंगलूर, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, शिवमोग्गा, दावणगेरे, हसन और उत्तर कन्नड़ जिले में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई ने बेंगलुरु के बारिश प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया।
भूस्खलन का खतरा बढ़ा
कर्नाटक में जारी भारी बारिश के कारण राज्य के तटीय जिलों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने राज्य में दो और दिनों के लिए भारी बारिश का अनुमान जताया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने उत्तर कन्नड़ जिले में भूस्खलन की चेतावनी दी है। बारिश के कारण 204 हेक्टेयर कृषि और 431 हेक्टेयर बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा। आने वाले दिनों में भी बारिश का अलर्ट होने के कारण खेतों में खड़ी फसलों को और नुकसान पहुंचने का खतरा है।
जम्मू-कश्मीर टनल हादसा: 9 मजदूरों की तलाश अभी भी जारी
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में टनल हादसे को आज तीन दिन हो गए है। अभी भी 9 मजदूर टनल के मलबे में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने लिए शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मलबे को जल्द से जल्द हटाने के लिए मशीनरी और तकनीकी कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है
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