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महंगाई भत्ता में हुआ बड़ा बदलाव, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी…
7th Pay Commission today : महंगाई भत्ता कैलकुलेशन को लेकर बदलाव हो गया है. महंगाई भत्ता एक ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. आइए जानते हैं विस्तार से.केंद्रीय कर्मचारियों के लिए काम की खबर है. महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन में हो गया है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया है. महंगाई भत्ते के आधार वर्ष 2016 में बदलाव किया गया है. मंत्रालय मजदूरी दर सूचकांक की एक नई सीरीज जारी चुकी है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी. यानी अब महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन का तरीका बदल गया है.
आधार वर्ष बदलती है सरकार
गौरतलब है कि महंगाई के आंकड़ों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है. इससे अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के आधार पर किया जाता है और मजदूरों के वेज पैटर्न को शामिल किया जाता है.अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन , राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है.
कैसे होता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन?
आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है. आपको बता दें कि महंगाई भत्ते की मौजूदा दर को मूल वेतन (Basic Pay) से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है.
क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. कर्मचारियों को ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन पर असर न पड़े. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
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इस देश में अचानक आई केकड़े की बड़ी फौज, जिसे देखकर आप भी हो जायेंगे हैरान…
Crab Attack in Cuba: क्यूबा में लोग इन दिनों एक अजोबीगरीब समस्या से परेशान हैं। इस परेशानी के बारे में आपको जानकर यकीन नहीं होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है। दरअसल, इस समय क्यूबा में सड़कों से लेकर घर की दीवारों तक हर जगह केकड़ों का कब्जा हो गया है। लाल, नारंगी और पीले रंग के केकड़ों ने क्यूबा के कई तटीय इलाकों में हमला कर दिया है। इनके हमले से देश का बे ऑफ पिग्स इलाका सबसे अधिक प्रभावित है। ऐसा नहीं है कि यह पहली जमीन से बाहर आए हैं, क्योंकि यह हर साल बाहर आते हैं, लेकिन इस बार जल्द ही निकल आए हैं। स्थानीय सरकारों ने इनसे निपटने की अभी तैयारी नहीं की थी जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केकड़ों के लिए कोरोनाकाल फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि महामारी से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इंसानों का सड़कों से लेकर समुद्री इलाकों तक आना जाना लगभग बंद था। इस दौरान केकड़ों को कहीं भी घूमने, प्रजनन करने का मौका मिल गया जिसकी वजह से लैटिन देश में केकड़ों की आबादी में भारी वृद्धि हो गई।बे ऑफ पिग्स में हैं करोड़ों केकड़ा कभी गाड़ियों से पटी रहने वाली सड़कें लॉकडाउन में बिल्कुल खाली हो गई थीं, जिसकी वजह से सड़कों और अन्य स्थानों पर इन्होंने प्रजन्न किया और भारी संख्या में केकड़े पैदा हो गए। इसकी वजह से बे ऑफ पिग्स क्षेत्र के आसपास केकड़े की संख्या करोड़ों में हो गई है। क्यूबा के दक्षिण में स्थित बे ऑफ पिग्स के एक तरफ समुद्र है और इसके किनारे-किनारे जंगल मौजूद हैं। लॉकडाउन में समुद्र और जंगल के बीच से निकले वाली खाली सड़कों का केकड़ों को फायदा मिला। पहले जब केकड़े बाहर आते थे, तो गाड़ियों से दबकर मर जाते थे। लेकिन कोरोना की वजह से लगाए लॉकडाउन में खाली सड़कें इनके लिए वरदान बन गईं। बीते दो सालों में इनकी संख्या और आकार दोनों बढ़ गया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सुरक्षा गार्ड का कहना है कि बीते दो सालों तक सड़कों पर ट्रैफिक बेहद कम रहा और पर्यटक भी कम आते थे। इसकी वजह से केकड़ों के साम्राज्य में वृद्धि होती गई। समुद्र के किनारे की सड़कें पर्यटन के हिसाब अच्छी जगह थीं, लेकिन दो सालों में यहां पर केकड़ों का कब्जा हो गया है। क्यूबा के पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक रीनाल्डो संटाना एग्विलर का कहना है कि वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि केकड़े इतनी जल्दी बाहर क्यों और कैसे आ गए। क्या इनकी जनसंख्या बढ़ने की वजह कोरोना काल है या कोई प्राकृतिक बदलाव हुआ है।रीनाल्डो ने कहा कि इनकी आबादी में वृद्धि, तो समझ में आती है, लेकिन इस समय केकड़े विस्थापित नहीं होते हैं। उनका इस दौरान विस्थापन क्यों हुआ है यह समझ में नहीं आ रहा है। क्यूबा में केकड़ों ने आफत पैदा कर दी है। इन्होंने सड़क से लेकर घरों की दीवारों तक पर कब्जा किया हुआ है। इन केकड़ों ने क्यूबा में लोगों के सामने समस्या खड़ी कर दी है।
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UPSC ने जारी किया ईएसई आईईएस प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम, अभ्यर्थी ऐसे करे चेक…
UPSC ESE IES Pre Result: संघ लोक सेवा आयोग ने इंजीनियरिंग सेवा (ESE/IES) परीक्षा, 2022 का परिणाम जारी कर दिया है। अब यह आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह के लिए है। जिन उम्मीदवारों ने इस इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा में भाग लिया था, वह अपना परिणाम संघ लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर अपना परिणाम चेक कर के डाउनलोड कर सकते हैं।
इस तारीख को हुई थी परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से इंजीनियरिंग सेवा (ESE/IES) प्रारंभिक परीक्षा, 2022 का आयोजन इसी साल 20 फरवरी, 2022 को किया गया था। परीक्षा देशभर में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर सभी तरह की कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजित की गई थी। जिन उम्मीदवारों ने इस बार UPSC ESE/IES प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त की है उन्हें अब मुख्य परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मुख्य. परीक्षा का आयोजन 26 जून, 2022 को किया जाना निर्धारित है।
कैसे चेक करें अपना परिणाम?
उम्मीदवार नीचे दिए गए आसान से दिशा-निर्देशों का पालन कर के अपना परिणाम चेक कर के डाउनलोड कर सकते हैं।
1. सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं।
2. अब होम पेज पर दिखाई दे रहे ESE/IES परिणाम से जुड़े लिंक पर क्लिक करें।
3. अब परिणाम आपके सामने की स्क्रीन पर एक पीडीएफ के रूप में प्रदर्शित हो जाएगा।
4. अब ctrl+F की मदद से अपना रोल नंबर को खोजें।
5. आगे की जरूरत के लिए परिणाम को डाउनलोड कर के इसका प्रिंट निकलवा लें।
कब जारी होगा कटऑफ?
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से इंजीनियरिंग सेवा (ESE/IES) परीक्षा क कटऑफ पूरी भर्ती प्रक्रिया के आयोजन के पूरा होने के बाद जारी किया जाएगा। यह आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जारी किया जाएगा। उम्मीदवार इस भर्ती परीक्षा के बारे में किसी भी नई जानकारी या अपडेट के लिए आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाकर रखें।
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1 April से बदल जायेंगे Income Tex के ये नियम, पढ़े पूरी खबर…
एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। बजट में टैक्स नियमों में बदलाव की वजह से आपके निवेश पर भी इसका असर होगा। इसमें क्रिप्टोकरंसी से लेकर पीएफ योगदान पर लगने वाले टैक्स भी शामिल हैं। साथ ही दिव्यांग बच्चों के माता-पिता भी टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। टैक्स आपके निवेश से जुड़े ऐसे सात बदलावों पर पेश है संगीता ओझा की रिपोर्ट
क्रिप्टो पर टैक्स
देश में क्रिप्टो पर कर व्यवस्था एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में धीरे-धीरे लागू होगी। इससे होने वाला कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का नियम वित्तीय वर्ष की शुरुआत में प्रभावी हो जाएगा। जबकि एक फीसदी टीडीएस से संबंधित प्रावधान एक जुलाई से लागू होगा। बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में स्पष्टता लाई गई है। टीडीएस की सीमा निर्दिष्ट व्यक्तियों के लिए प्रति वर्ष ₹50 हजार रुपये होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आयकर अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है।
क्रिप्टो में नुकसान की भरपाई का विकल्प नहीं
सरकार ने क्रिप्टो में निवेश पर हुए नुकसान की भरपाई का विकल्प नहीं दिया है। यदि एक क्रिप्टो में आपको फायदा होता है और दूसरे में आपको नुकसान होता है तो शेयरों की तरह इसमें आपको भरपाई का लाभ नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि आप बिटकॉइन पर ₹एक हजार का लाभ कमाते हैं और एथेरियम पर ₹700 का नुकसान उठाते हैं, तो आपको ₹एक हजार पर कर देना होगा, न कि ₹300 के अपने शुद्ध लाभ पर। इसके अलावा आप शेयर, म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट में नुकसान की भरपाई का लाभ क्रिप्टो पर नहीं उठा सकते हैं।
अपडेटेड आईटीआर की सुविधा
आयकर विभाग ने आईटीआर में नई सुविधा दी है। इसके तहत एक नया प्रावधान डाला गया है जो करदाताओं को आयकर रिटर्न में की गई त्रुटियों या गलतियों के लिए एक अद्यतन (अपडेटेड) रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है। करदाता अब प्रासंगिक निर्धारण वर्ष के अंत से दो साल के भीतर एक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
राज्य सरकार कर्मचारी को एनपीएस ज्यादा छूट
राज्य सरकार के कर्मचारी अब नियोक्ता द्वारा अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 14 फीसदी तक एनपीएस योगदान के लिए धारा 80सीसीडी (2) के तहत कटौती का दावा कर सकेंगे। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कटौती के अनुरूप है। अभी राज्य सरकार के कमर्चारी 12 फीसदी तक के लिए दावा कर सकते हैं।
पीएफ खाते पर टैक्स
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल से आयकर (25वां संशोधन) नियम 2021 को लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत ईपीएफ में सालाना 2.50 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसके अधिक निवेश होने पर उसकी ब्याज आय पर टैक्स लगेगा।
कोरोना के इलाज के खर्च पर टैक्स में राहत
जून 2021 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन व्यक्तियों को कर में छूट प्रदान की गई है, जिन्हें कोविड चिकित्सा उपचार के लिए धन प्राप्त हुआ है। इसी तरह, कोविड के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों द्वारा प्राप्त 10 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट होगी। यह छूट तभी मिलेगी जब परिवार के सदस्यों को ऐसा भुगतान मृत्यु की तारीख से 12 महीने के भीतर प्राप्त होता है। हालांकि, यह संशोधन एक अप्रैल, 2020 से पूर्व प्रभाव से लागू होगा।
दिव्यांग के अभिभावक को टैक्स छूट
आयकर नियमों में एक बड़ा बदलाव विकलांग व्यक्ति के माता-पिता को दिए जाने वाले टैक्स छूट को लेकर है। दिव्यांग के माता-पिता या अभिभावक ऐसे व्यक्ति के लिए बीमा पॉलिसी पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
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