देश - दुनिया
बड़ी खबर: 29 जुलाई तक 5 लड़ाकू विमान Rafel पाहुचेंगे भारत…
चीन और पाकिस्तान की नाकाप हरकतों का माकूल जवाब दे रहे भारत की सैन्य ताकत अब और अभेद, सुरक्षात्मक व घातक बनने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल की पहली भारत को मिल गई है. परमाणु हमला करने में सक्षम ये विमान 29 जुलाई को भारत की सरजमीं पर लैंड करेंगे. फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच रवाना हो चुका है. रॉफेल जेट के पहली स्क्वाड्रन को अंबाला एयर बेस पर तैनात किया जाएगा. हालांकि, इंडियन एयरफोर्स के प्रवक्ता ने कहा कि राफेल जेट की अगस्त में एक फॉर्मल इंडक्शन सेरेमनी की जाएगी.
राफेल विमानों के रवाना होने से पहले फ्रांस में भारतीय दूतावास ने इन विमानों और इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की तस्वीर भी जारी की है. ये विमान 29 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचेंगे. मोदी सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये में डील की है. इस दोनों सरकार के बीच इस बाबत समझौते पर हुए दस्तखत के करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप भारत को मिल रही है. इसके भारतीय वायुसेना के बेड़े की ताकत में काफी इजाफा होगा. हाल में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हुई झड़प जैसे मामले में अब निपटने में इंडियन एयरफोर्स अधिक समक्ष हो पाएगी.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राफेल जेट की तैनाती लद्दाख सेक्टर में की जा सकती है. एलएसी पर चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की आपरेशनल क्षमता बढ़ाने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया जाएगा.
7000 किमी की दूरी तय करेंगे राफेल
फ्रांस में भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार, राफेल जेट फ्रांस से भारत की करीब 7000 किमी की दूरी तय करेंगे. रास्ते में वह यूएई में एकबार रुकेंगे. अक्टूबर 2019 में डसॉल्ट एविएशन ने पहले राफेल जेट को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना को सौंपा था. 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी. डसॉल्ट की ओर से भारतीय वायुसेना पायलट और सभी सपोर्टिंग स्टॉफ को एयरक्रॉफ्ट और वैपन सिस्टम की पूरी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
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बड़ी खबर: सेंसेक्स 136 अंक से टूटकर 57060 पर पहुँचा, और निफ्टी 69 अंक टूटकर 17102 पर बंद हुआ, जाने आगे कैसा रहेगा हाल…
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के मन में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में तेज वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, युद्ध, कंपनियों के मिश्रित तिमाही नतीजे और एफआईआई की लगातार बिकवाली को लेकर चिंताए बरकरार हैं. अप्रैल में इन्हीं चिंताओं के बीच बाजार में 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
सेंसेक्स शुक्रवार को 136 अंक टूटकर 57060 पर और निफ्टी 69 अंक टूटकर 17102 पर बंद हुआ. बीएसई का मिडकैप 1.1 फीसदी, स्मॉलकैप 2 फीसदी और लार्जकैप 0.45 फीसदी नीचे बंद हुआ. वहीं, निफ्टी मीडिया में 6 फीसदी, ऑयल एंड गैस में 2.6 फीसदी और आईटी इंडेक्स में 2.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. बीते हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई ने शेयर बाजार से 11446 करोड़ रुपये की निकासी की. वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 9703 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. पिछले हफ्ते मिडकैप सेगमेंट के 46 शेयर में गिरावट दिखी. साथ ही बीएसई 500 इंडेक्स भी 0.7 फीसदी लुढ़का.
कैसे रहेगी निफ्टी की आगे की चाल
सेम्को सिक्यो के येशा शाह के अनुसार, निफ्टी 2 हफ्ते से 16,900-17350 के दायरे में कारोबार कर रहा है. 16800 के करीब इसके पास एक अहम सपोर्ट जोन है जहां से बेंचमार्क कई बार ऊपर उठा है. पिछले 2 हफ्ते से डोजी कैंडल बना रहे निफ्टी ने इस हफ्ते इन्वर्टेड हैमर बनाया है और यह तेजी का संकेत है. येशा शाह की राय में अगले कुछ हफ्तों तक निवेशकों को बुलिश रहना चाहिए.
कोटक सिक्योरिटीज के अमोल अठावले
अमोल कहते हैं कि बाजार हायर बॉटम बना रहा है. लेकिन लगातार 17400 के करीब फंस जा रहा है. बकौल अमोल बाजार में हो रही बिकवाली थोड़े समय की करेक्शन का संकेत है क्योंकि बाजार बहुत अनिश्चित स्थिति में बना हुआ है. उनका कहना है कि बुल्स के लिए 17300 एक अहम रजिस्टेंस है और इसके बाद निफ्टी 17500 तक जा सकता है. हालांकि, अगर 17000 के पास लुढ़का तो निफ्टी 16800 तक भी खिसक सकता है.
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अजब गज़ब: 30 साल का यह युवक है बना 47 बच्चो का पिता, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान…
एक रिपोर्ट के मुताबिक शख्स का नाम केल गॉर्डी है और ये अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहते हैं। केल की उम्र अभी महज 30 साल है। उनका कहना है कि वह बहुत जल्द ही 57 बच्चों के बायोलॉजिकल फादर बन जाएंगे। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि केल गॉर्डी अब तक 47 से ज्यादा बच्चों के पिता बन चुके हैं। बावजूद इसके अपनी पीड़ा बताते हुए केल कहते हैं कि कुछ सालों पहले उनकी डेटिंग लाइफ औसत थी। उन्होंने कई लोगों के साथ डेटिंग की लेकिन किसी के साथ भी वह लंबे समय तक रिलेशनशिप में नहीं रह पाए। वहीं अब केल थोड़ा दुखी नजर आते हैं। उनका कहना है अब महिलाएं उनसे तभी बात करती हैं, जब उन्हें बच्चा चाहिए होता है। रिपोर्ट के मुताबिक केल ने यह भी बताया जब उन्होंने स्पर्म डोनेट किया तो कई प्रेग्नेंसी काफी सफल रहीं।
इसी के बाद से महिलाओं ने उन्हें इंस्टाग्राम पर मैसेज करना शुरू कर दिया। मैसेज पर कई महिलाओं ने उनसे ये भी कहा कि वे अपने बच्चे के ‘बायोलॉजिक फादर’ को देखना चाहती थीं। इस दौरान केल ये भी बोले, ‘ दुर्भाग्यवश, अब कई महिलाएं मेरे साथ डेट करना पसंद नहीं करती हैं।’
1000 से अधिक महिलाओं ने स्पर्म के लिए किया संपर्क
रिपोर्ट में बताया गया है कि केल का दावा है कि अब तक 1000 से अधिक महिलाएं उसने स्पर्म के लिए संपर्क कर चुकी हैं। वहीं कई महिलाएं उन्हें उनके डोनेशन से पैदा हुए बच्चों के फोटो भी भेजती हैं।
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वैज्ञानिक ने दी चेतावनी,कहा- भारत-पाकिस्तान की तरफ बढ़ रहा बड़ा खतरा…
Heatwave Warning: भारत समेत दक्षिण एशिया में समय से पहले ही झुलसा देने वाली गर्मी पड़ने लगी है। भारत और पाकिस्तान में अप्रैल के महीने में ही पारा 40-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अब इस भीषण गर्मी से आने वाले दिनों में भी राहत नहीं मिलने वाली है। स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक स्कॉट डंकन ने डराने वाली चेतावनी दी है। उन्होंने ट्विटर पर एक थ्रेड में कहा है कि भारत और पाकिस्तान की तरफ खतरनाक और झुलसाने वाली गर्मी बढ़ रही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अप्रैल के महीने में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने संभावना जताई है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जबकि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि यह गर्मी बहुत पहले ही पड़ने लगी थी। मार्च के शुरुआत से ही। आइए जानते हैं आखिर इतनी गर्मी पड़ने की वजह क्या है?
स्कॉट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मार्च 2022 का एक ग्राफिक पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि इसमें आप देख सकते हैं कि दुनिया के इस इलाके में मार्च में कितनी खतरनाक गर्मी पड़ रही है।
इतना बढ़ गया तापना
स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक ने बताया है कि 19 वीं शताब्दी के बाद भारत और पाकिस्तान का तापमान बदला है। उन्होंने यह Berkeley Earth के डेटा के हवाले से बताया है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे हमारे ग्रह का तापमना बढ़ता है हीटवेव और शक्तिशाली हो जाती है। गर्मी के खतरनाक स्तर को साल के ज्यादातर समय में देखा जा सकता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जनवरी में कहा था कि साल 2021 का जो तापमान रिकार्ड किया गया था वह धरती के सात सबसे गर्म सालों में से एक था।
हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। साल 2020 में महामारी के दौरान वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में गिरावट देखी गई थी, लेकिन उसके बाद इसमें रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है।
ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के लिए हमें एक लंबी दूरी तय करनी होगी। ग्रह के तापमान में कमी लाने के लिए तेजी से डीकार्बोनाइजेशन की जरूरत है। सबसे खतरनाक जलवायु परिवर्तन से बचा सकता है, क्योंकि अभी ज्यादा देर नहीं हुई है।
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