देश - दुनिया
बड़ी खबर: देश में कोरोना ने फिर से पकड़ी रफ्तार, 3324 कोरोना नए संक्रमित मरीज मिले…
बीकते 24 घंटे में देश में कोरोना के 3324 नए मामले सामने आए, वहीं 40 लोगों की मौत हो गई। जबकि 2800 लोग ठीक हुए। चौथी लहर की आशंका के बीच सबसे ज्यादा मामले दिल्ली से हैं। यहां 1520 नए मामले दर्ज किए गए। एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी बढ़कर 19,092 हो गई है दिल्ली में सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट 5.10% दर्ज किया गया। राहत की बात ये रही कि यहां केवल 1 मौत हुई। दिल्ली में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 5716 हो गई, जो 9 फरवरी के बाद सबसे ज्यादा है। वहीं, महाराष्ट्र में 155 नए मामले सामने आए। यहां 998 एक्टिव केस और पॉजिटिविटी रेट 1% है। सबसे ज्यादा 94 मामले मुंबई में दर्ज किए गए। राज्य के हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने रविवार को कहा- अगर मामले ऐसे ही लगातार बढ़ते रहे तो हमें मास्क अनिवार्य करना पड़ेगा।
क्या कहते हैं केंद्र सरकार के आंकड़े
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 19 हजार के पार हो गई है। वहीं, एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.04% दर्ज किया गया। हालांकि, कुल 2800 पेशेंट्स के ठीक होने के बाद रिकवरी रेट 98.74% पर पहुंच गया है
बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खुराक
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की एक समिति ने सिफारिश की है कि रूस के कोविड-रोधी टीके स्पूतनिक-वी की दोनों खुराक ले चुके लोगों को इस टीके की पहली खुराक को बूस्टर के तौर पर दिया जा सकता है। मालूम हो कि स्पूतनिक-वी टीके की दोनों खुराक की रचनाएं अलग-अलग हैं। अभी स्पूतनिक-वी वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए बूस्टर डोज के बारे में कोई नीतिगत निर्णय नहीं था। कोविन पोर्टल पर स्पूतनिक-वी के लिए बूस्टर डोज को लेकर कोई विकल्प नहीं दिखाई देता है। इस कारण पिछले साल जुलाई में स्पूतनिक-वी टीके की दूसरी खुराक ले चुके लोग बूस्टर खुराक नहीं लगवा पा रहे थे। इस वैक्सीन की दोनों डोज को 21 से 30 दिन के अंतर से लगवाया जा सकता है। देश में करीब 6 लाख लोगों ने यह वैक्सीन लगवाई है।
देश - दुनिया
बड़ी खबर: भूकंप ने अफगानिस्तान में मचाई तबाही, भूकंप से लोगो के घर उजड़े, 1000 से ज्यादा लोगों की मौत…
अफगानिस्तान में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दिया। अफगानिस्तान के एक अधिकारी के मुताबिक, इस भूकंप में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना है। अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के कारण सैंकड़ों घर भी तबाह हो चुके हैं।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था और 51 किलोमीटर की गहराई में था। ये भूकंप इतना तेज था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान, क्वेटा में भी लोगों को झटके महसूस हुए। इसके अलावा भारत में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है।
पाकिस्तान में भी आया भूकंप
इससे पहले मंगलवार देर रात पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां रात दो बजकर 24 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। राहत की बात यह है कि पाकिस्तान में आए भूकंप में किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इसके अलावा देर रात मलेशिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता यहां 5.1 रही।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
देश - दुनिया
SOLAR ROOFTOP SCHEME: सरकार सोलर पैनल लगवाने वालो को दे रही इतने रूपये की सब्सिडी इस प्रकार से करे आवेदन…
Solar Rooftop Scheme: आज हम आपको सरकार की एक बेहद ही खास स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं। इस स्कीम का नाम सोलर रूफटॉप योजना है। इस स्कीम के तहत सरकार लोगों को सोलर पैनल लगवाने पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। गर्मियों के सीजन में अक्सर लोग हर महीने आने वाली बिजली बिल से काफी परेशान होते हैं। आज की इस बढ़ती महंगाई के दौर में अतिरिक्त मात्रा में आने वाला बिजली का बिल एक अलग बोझ बन जाता है। ऐसे में सरकार की इस योजना का लाभ लेकर आप हर महीने आने वाले बिजली बिल से आजादी पा सकते हैं। देश में बड़े पैमाने पर लोग इस स्कीम का लाभ उठा रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको उस प्रोसेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप सोलर रूफटॉप स्कीम में आवेदन कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में –
अगर आप भी सोलर रूफटॉप स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको Solarrooftop.gov.in वेबसाइट पर विजिट करना है। इस वेबसाइट पर विजिट करने के बाद अपने राज्य की लिंक पर क्लिक करें।
नेक्स्ट स्टेप पर अप्लाई ऑनलाइन के विकल्प का चयन करें। इसके बाद आपको आवेदन फॉर्म में अपनी सभी जरूरी डिटेल्स को फिल करके दस्तावेजों को अपलोड करना है। अंत में आपको सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इस प्रोसेस को फॉलो करके आप आसनी से सोलर रूफटॉप स्कीम में आवेदन कर सकते हैं।
सोलर रूफटॉप योजना के अंतर्गत सरकार 3KW तक के सोलर पैनल लगवाने पर आपको 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। इसके अलावा अगर आप 3KW से 10 KW तक के सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको सरकार द्वारा 20 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी।
सोलर रूफटॉप एक खास तरह की स्कीम है। इसकी शुरुआत भारत सरकार और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय ने मिलकर की है। देश में कई लोग सरकार की इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
देश - दुनिया
बड़ी ख़बर : अफगानिस्तान में तेज भूकंप का झटका,250 से ज्यादा लोगों की मौत, भूकंप की तीव्रता 6.1
अफगानिस्तान में तेज भूकंप का झटका आया है जिससे 250 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी मिल रही है। इसकी तीव्रता 6.1 मापी जा रही है। इस भूकंप से अफगानिस्तान में भयंकर तबाही मच गई है।भूकंप के ये झटके पाकिस्तान में भी महसूस किये गए थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि देश के पूर्वी हिस्सी में आए 6.1 मैग्निट्यूड के भूकंप के झटके से एक सौ तीस लोगों की जान चली गई है।
अफगानिस्तान में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दिया। अफगानिस्तान के एक अधिकारी के मुताबिक, इस भूकंप में अब तक करीब 920 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं 600 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना है।
अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के कारण सैंकड़ों घर भी तबाह हो चुके हैं। पहले खबर आई थी कि भूकंप के कारण करीब 250 लोगों की मौत हुई है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था और 51 किलोमीटर की गहराई में था।
ये भूकंप इतना तेज था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान, क्वेटा में भी लोगों को झटके महसूस हुए। इसके अलावा भारत में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है।
पाकिस्तान में भी आया भूकंप
इससे पहले मंगलवार देर रात पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां रात दो बजकर 24 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। राहत की बात यह है कि पाकिस्तान में आए भूकंप में किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इसके अलावा देर रात मलेशिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता यहां 5.1 रही।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
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