ज्योतिष
VASTU TIPS : घर में इस दिशा में भूलकर भी न रखे चाबियां, नही तो उलझनों में पड़ सकती है आपकी जिंदगी, वास्तु के अनुसार जाने इसे शुभ दिशा में रखें के उपाये…
Vastu Tips for keys: आमतौर पर चाबियों का इस्तेमाल सभी के घरों में किया जाता है। फिर चाहे वो अलमारी की हो, घर की हो या फिर गाड़ियों की। यहां तक की घर में इन चाबियों को रखने के लिए एक अलग जगह भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाबियों को गलत तरीके से रखने से आप खुद ही कई तरह की समस्याओं को आमंत्रित करते हैं?
जी हां, वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप इन्हें गलत जगह पर रखते हैं तो ये घर की खुशियां भी छीन लेती हैं। दरअसल, जिस तरह वास्तु में घर और घर के हर सामान के लिए सही दिशा और जगह बताई गई है ठीक उसी तरह चाबी रखने की भी सही जगह बताई गई है। वास्तु कहता है कि अगर घर में चाबियां सही जगह रखी हों तो यह शुभ फल देती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं वास्तु के हिसाब से घर में चाबियां रखने के क्या नियम है।
अक्सर लोग पूजा स्थल में या उसके आस-पास चाबियां रख देते हैं। लेकिन वास्तु कहता है कि यह ठीक नहीं है। क्योंकि चाबियां घर से बाहर ले जाने और लाने की वजह से उसमें गंदे हाथ लगते रहते हैं। ऐसे में अगर आप पूजा स्थान में गंदी चाबियों को रखेंगे तो इससे आपको नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
किचन में चाबियां रखने से बचें
वास्तु के अनुसार, रसोईघर में चाबियों को रखना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि किचन को भी एक शुद्ध स्थान माना जाता है। इसलिए किचन में चाबियों को रखने से आपको बचना चाहिए।
ड्राइंग रूम न रखें
वास्तु कहता की इन्हें कभी भी ड्राइंग रूम में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ड्राइंग रूम में चाबियां रखने से बाहर से आने वाले लोग भी उन्हें देखते हैं जिससे नजर लग जाती है।
लॉबी में रखें चाबियां
चाबियां धातु की बनी होती है। ऐसे में अगर आप घर में चाबी रखने के लिए कोई जगह की तलाश में हैं तो चाबी को लॉबी में पश्चिम की दिशा की ओर रख सकते हैं।
इन गलतियों को करने से बचें
चाबियों को रखने के लिए ऐसे की-रिंग का इस्तेमाल न करें जिसमें भगवान की तस्वीर आदि लगा हो।
घर में चाबियों को रखने के लिए की-हैंगर का इस्तेमाल करें।
की-हैंगर का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह प्लास्टिक का ना हो।
वास्तु के अनुसार लकड़ी का की-हैंगर काफी शुभ माना जाता है।
यदि की-हैंगर में आईना लगा हो तो उसका इस्तेमाल न करें।
ज्योतिष
Vastu Shastra : भूलकर भी न रखें रसोई के पास झाड़ू वरना,हो सकती है ये परेशानी
Vastu Shastra : हर घर की रसोई बेहद खास होती है। रसोई का घर में काफी महत्व माना जाता है। वास्तु शास्त्र में जानिए घर की किचन से किन-किन चीज़ों को दूर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में आज इंदु प्रकाश से जानिए रसोई घर में क्यों नहीं रखने चाहिए झाड़ू-पोंछा, आखिर ऐसा करने से घर में क्या-क्या परेशानियां आ सकती हैं?सभी के लिए उसका घर बेहद खास होता है। लेकिन हर घर की एक सबसे खास जगह जो होती है वो हैं उस घर का किचन।
घर में किचन का बहुत अधिक महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें रसोई से दूर रखना ही घर और घर में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर होता है। यूं तो हमें पूरे घर को ही साफ रखना चाहिए। लेकिन कई बार पूरा घर साफ कर पाना मुमकिन नहीं हो पाता है। लेकिन एक बात का खास ध्यान रहे।
भले ही पूरा घर साफ न हो लेकिन साफ-सफाई वाली चीज़ें रसोई घर के आस-पास नहीं रखनी चाहिए।वास्तु शास्त्र के अनुसार इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि किचन में झाड़ू और पोंछे नहीं रखे जाने चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो घर में अन्न की कमी हो सकती है। क्योंकि झाड़ू और पोंछे का संबंध गंदगी से होता है और रसोई में इन चीज़ों का रखना मतलब वहां गंदगी को रखना होता है।
किचन में खाना बनता और खाया जाता है।रसोई में झाड़ू और पोंछा रखने से घर में रहने वाले सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए घर में अन्न की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए इन दोनों वस्तुओं को किचन से दूर ही रखना चाहिए । ऐसा करने से आपका किचन तो स्वच्छ रहेगा ही साथ ही घर में खुशहाली भी बनी रहेगी ।
ज्योतिष
वास्तु टिप्स: इस दिशा में मुख करके भूलकर भी नही करना चाहिये भोजन, वरना पड़ सकते है घर पर खाने के लाले, वास्तु में जाने कौन सा दिशा बताया गया है शुभ…
Vastu Tips: भोजन का संबंध हमारी सेहत से है इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर की सही दिशा में बैठकर भोजन किया जाए तो परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी बनी रहती है। पौष्टिक भोजन हमें स्वाद के साथ अच्छा स्वास्थ्य भी देता है। वास्तुशास्त्र में भोजन करने के लिए दिशाओं का निर्धारण किया गया है। आप भोजन कौन सी दिशा में कर रहे हैं? इसका वास्तु के अनुसार बहुत महत्व है और आपके स्वास्थ्य और शरीर पर भी इसका अनुकूल और प्रतिकूल असर पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर की सही दिशा में बैठकर भोजन किया जाए तो इससे परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी बनी रहती है। यदि भोजन गलत दिशा में बैठकर किया जाए तो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उन दिशाओं का संबंध देवताओं और ऊर्जा से माना जाता है। इस आधार पर भोजन करते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कौन सी दिशा में मुख करके भोजन करना उत्तम माना जाता है।
पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना उत्तम
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना उत्तम माना जाता है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से रोग और मानसिक तनाव दूर होते है। दिमाग को स्फूर्ति मिलती है। पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन अच्छी तरह से पचता है जिससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहता है। पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करने से आयु में भी वृद्धि होती है।
छात्र करें उत्तर दिशा की पर मुख करके भोजन
वास्तु शास्त्र के अनुसार जो लोग धन, विद्या या अन्य ज्ञान अर्जन करना चाहते हैं उन्हें उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों का इस दिशा में भोजन करना लाभदायक है। यदि आप अपने करियर की शुरुआत कर रही हैं जो लोग अपने करियर के प्रारंभिक अवस्था में हैं, उनको भी उत्तर दिशा में मुख करके ही भोजन करना चाहिए।
नौकरीपेशा के लिए भोजन की पश्चिम दिशा उत्तम
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा लाभ की दिशा मानी जाती है। को लोग व्यवसाय से जुड़े हैं या कोई नौकरी कर रही हैं या फिर जो लोग लेखन, शोध या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं उनको पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए। दक्षिण दिशा में भोजन
वास्तु नियम के अनुसार दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में भोजन करने से आयु का ह्रास होता है। और आप कई प्रकार की समस्या से घिर सकते हैं। लेकिन अगर समूह में बैठकर भोजन कर रहे हैं तो किसी भी दिशा का कोई असर नहीं पड़ता है।
भोजन कक्ष की दिशा
चूंकि भोजन का संबंध हमारी सेहत से है। इसलिए भोजन कक्ष की दिशा भी वास्तु के अनुसार बहुत मायने रखती है वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में भोजन कक्ष या डाइनिंग रूम की उत्तम दिशा पश्चिम दिशा है। अतः घर की पश्चिम दिशा में बना डाइनिंग हॉल शुभ प्रभाव देने वाला होता है। इस दिशा में भोजन करने से भोजन से जुड़ी सभी आवश्यकताएं पूर्ण होती हैं और स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यदि पश्चिम दिशा में डाइनिंग हॉल संभव नहीं है तो उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा दूसरा विकल्प है।
ज्योतिष
सूर्यनमस्कार करते समय करे ये योगसन, दूर होगी स्वास्थ्य से जुड़ी सारी समस्या..
सूर्यनमस्कार योग का अभ्यास वर्षों से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योग मुद्राओं का एक संयोजित अभ्यास है। इसकी नियमित आदत बनाकर कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य से लेकर शरीर और दिमाग को स्वस्थ और फिट बनाए रखने तक में मदद मिल सकती है। सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए विशेषज्ञ इस योग को ‘अल्टीमेट आसन’ के रूप में भी वर्गीकृत करते हैं।
सूर्य नमस्कार का अभ्यास आपकी पीठ के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत करता है साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं।
योग विशेषज्ञ बताते हैं, नियमित रूप से सूर्यनमस्कार के योगासनों को दिनचर्या में शामिल करना कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लाभ दे सकता है। इसके कुछ योगाभ्यास काफी कारगर और पसंदीदा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास की आदत बनाकर कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि सभी लोगों को किन तीन आसनों को नियमित रूप से जरूर अभ्यास करने की आदत बनानी चाहिए?
प्राणामासन योग का अभ्यास
प्राणामासन योग, सूर्यनमस्कार आसन का सबसे आसान और प्रभावी अभ्यास माना जाता है। सीधे खड़े होकर किया जाने वाला यह योग मुद्रा शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की सेहत को विशिष्ट लाभ दे सकता है। प्राणामासन योग तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने, पाचन में सुधार करने, शरीर की मुद्रा को बेहतर बनाए रखने और मानसिक शांति को बढ़ावा देने के लिए काफी फायदेमंद अभ्यास है। सभी लोगों को इसे नियमित रूप से दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।
पर्वतासन योगासन
पर्वतासन या माउंटेन पोज योग का अभ्यास कलाई और पैरों को मजबूत करता है। यह सिर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ हृदय और फेफड़ों की मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक है। इसके अलावा नियमित रूप से पर्वतासन का अभ्यास करने वाले लोगों को रीढ़ की हड्डी, कंधे, घुटने और टखने के दर्द से राहत मिल सकती है। इस योगासन को दिनचर्या में शामिल करना आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकता है।
भुजंगासन का अभ्यास
भुजंगासन जिसे कोबरा पोज के रूप में भी जाना जाता है, यह सूर्यनमस्कार के सबसे प्रभावी आसनों में से एक है। भुजंगासन का अभ्यास रीढ़ को मजबूत करके छाती और फेफड़ों, कंधों और पेट की बेहतर स्ट्रेचिंग करने में सहायक है। अक्सर तनाव और थकान से परेशान रहने वाले लोगों के लिए भी इसका अभ्यास मदद करता है। साइटिका और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी इस योग को काफी कारगर बताया गया है।
-
Tech & Auto5 days ago
MINI PORTABLE WASHING MACHINE: मार्केट में आते ही धूम मचा रही है ये पोर्टेबल मिनी वाशिंग मशीन कीमत जान आप भी हो जायेंगे हैरान…
-
Tech & Auto5 days ago
ONE PLUS Nord 2T का स्मार्टफोन हुआ लांच, 12 GB REM के साथ मिल रहा रहा ये दमदार फीचर्स…
-
Tech & Auto6 days ago
आते ही खलबली मचा रही POCO F4 5G का यह स्मार्टफ़ोन, 64 मेगापिक्सल का जबरदस्त कैमरा, देखे क्या है इसकी कीमत…
-
Tech & Auto3 days ago
MINI PORTABLE WASHING MACHINE: मार्केट में आते ही धूम मचा रही है ये पोर्टेबल मिनी वाशिंग मशीन,इसकी कीमत जान आप भी हो जायेंगे हैरान…
-
देश - दुनिया3 days ago
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी: आज से बढ़ने जा रहा है DA में 6 फीसदी की बढ़ोत्तरी, पढ़े पूरी खबर…
-
Tech & Auto4 days ago
आते ही खलबली मचा रही POCO F4 5G का यह स्मार्टफ़ोन, 64 मेगापिक्सल का जबरदस्त कैमरा, देखे क्या है इसकी कीमत…
-
Tech & Auto6 days ago
MINI PORTABLE WASHING MACHINE: मार्केट में आते ही धूम मचा रही है ये पोर्टेबल मिनी वाशिंग मशीन कीमत जान आप भी हो जायेंगे हैरान…
-
देश - दुनिया5 days ago
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी: 1 जुलाई से बढ़ने जा रहा है DA में 6 फीसदी की बढ़ोतरी, पढ़े पूरी खबर
-
जॉब2 days ago
India Post Bharti : इंडिया डाक पोस्ट में निकली विभिन्न पदों पर भर्ती,मिलेगा 69100 तक सैलरी,जानें आवेदन की तिथि
-
Tech & Auto2 days ago
MINI PORTABLE WASHING MACHINE: मार्केट में आते ही धूम मचा रही है ये पोर्टेबल मिनी वाशिंग मशीन,इसकी कीमत जान आप भी हो जायेंगे हैरान…
You must be logged in to post a comment Login