मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघुवा (क) में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विभिन्न योजनाओं और सेवाओं से क्षेत्रवासियों को लाभान्वित किया…
रायपुर, 05 सितंबर 2019
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघुवा (क) में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विभिन्न योजनाओं और सेवाओं से क्षेत्रवासियों को लाभान्वित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र और हितग्राहियों को नवीन राशन कार्ड का वितरण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने शाला परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
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सिंह धोनी, रवींमहेंद्रद्र जडेजा, ऋतुराज गायकवाड़ और फाफ डुप्लेसी या ड्वेन ब्रावो में से एक को आईपीएल 2022 के लिए सीएसके की तरफ से रिटेन किया जा सकता है.
आगामी इंडियन प्रीमियर लीग नीलामी (IPL 2022) के लिए खिलाड़ियों की रिटेंशन पॉलिसी को लेकर सहमति बन चुकी है. पूरी संभावना है कि मौजूदा आठ फ्रेंचाइजी को अधिकतम चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति होगी. महेंद्र सिंह धोनी , रवींद्र जडेजा , ऋतुराज गायकवाड़ और फाफ डुप्लेसी या ड्वेन ब्रावो में से एक को आईपीएल 2022 के लिए सीएसके की तरफ से रिटेन किया जा सकता है.
इसके साथ ही दो नई आईपीएल टीमों को नीलामी के बाहर 2 या 3 खिलाड़ियों को चुनने की अनुमति दी जा सकती है. (इसमें विदेशी खिलाड़ी भी शामिल हैं, यदि कोई बड़ा भारतीय खिलाड़ी उपलब्ध नहीं है). मेगा नीलामी के लिए आईपीएल टीमों को आरटीएम कार्ड मिलने की संभावना नहीं है.
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई में हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल के कुछ अंतिम दिनों के दौरान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और टीम के प्रतिनिधियों के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई. माना जाता है कि सभी दलों ने इस पर सहमति व्यक्त की है.
जैसा कि पहले क्रिकबज द्वारा रिपोर्ट किया गया था कि एक टीम को अधिकतम तीन भारतीय और दो विदेशी खिलाड़ियों को रखने की अनुमति दी जाएगी, जिनकी कुल संख्या चार से अधिक नहीं होगी. अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने की भी सीमा हो सकती है – एक टीम को दो से अधिक अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति नहीं होगी
दो नई टीमों की बिक्री के तुरंत बाद रिटेंशन पॉलिसी पर एक औपचारिक घोषणा की जाएगी, जो शुक्रवार (22 अक्टूबर) तक दुबई में 25 अक्टूबर को होने की उम्मीद है. कुछ बोली लगाने वाली पार्टियां वास्तव में दुबई पहुंच चुकी हैं. बता दें कि अभी आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी के पास अधिकतम 90 करोड़ रुपए का पर्स होता है. यानी कोई भी फ्रेंचाइजी अपनी टीम बनाने के लिए अधिकतम 90 करोड़ रुपए खिलाड़ियों पर खर्च कर सकती है.
आईपीएल 2022 में यह रकम 90 करोड़ से बढ़कर 95 करोड़ या 100 करोड़ रुपए की जा सकती है. यदि कोई फ्रेंचाइजी चार खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प चुनती है, तो उसे अपने पर्स का लगभग 40-45 प्रतिशत खर्च करना होगा, जो कि किसी भी खिलाड़ी को रिटेन करने का विकल्प नहीं चुनने वाली फ्रेंचाइजी से 36-40 करोड़ रुपये कम है
राजेंद्रनगर एरिया में एक स्कूल के पास तस्कर नशीली दवाएं बेचते पकड़ा गया। उसके पास से 300 से ज्यादा नशीली टेबलेट मिली है। तस्कर 12-14 साल के बच्चों को भी नशीली दवाएं बेचकर उन्हें नशे की आदत डाल रहा था। पुलिस को सूचना मिलने पर गुरुवार को सुबह जवान सादे लिबास में ग्राहक बनकर पहुंचा। उसने नशे की दवा मांगी। जान पहचान न होने के बावजूद तस्कर ने बेधड़क उसे टेबलेट निकालकर दी। उसी समय आस-पास छिपे पुलिस के जवान वहां पहुंच गए और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।पुलिस अब तस्कर आशीष वाजपेयी से पूछताछ कर रही है।
पता लगाया जा रहा है कि उसे प्रतिबंधित दवाओं का इतना स्टॉक किसने दिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने यही बताया कि उसे बाइक में कोई दवाएं लाकर देता है। हालांकि पुलिस को शक है कि उसका किसी मेडिकल स्टोर से संपर्क है। दवा दुकान वाले से सांठगांठ से ही वह नशे का कारोबार कर रहा है। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। आशीष का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। उसका परीक्षण किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार मोबाइल की मदद से उसे नशे की टेबलेट देने वाले का लिंक मिल सकता है।अफसरों ने बताया कि राजेंद्र नगर पुलिस को कुछ दिन पहले सूचना मिली थी कि ऋषभ नगर में द्रोणाचार्य स्कूल के पास नशे का कारोबार चल रहा है। कोई चलते फिरते वहां नशे की दवाएं और टेबलेट बेच रहा है।
खबर की पुष्टि के लिए थाने का एक कांस्टेबल सामान्य कपड़े पहनकर वहां पहुंचा। मुखबिर की बतायी हुई जगह पर वह पहुंच गया। वहीं आशीष एक थैला लेकर खड़ा था। कांस्टेबल समझ गया कि वही तस्कर है। उसने गोली मांगी तो वह झट से तैयार हो गया। उसके थैले से 302 नग नशीली गोलियां मिली हैं। 10 की गोली 100-150 में नशे की प्रतिबंधित गोलियों को बेचकर तस्कर तगड़ी कमाई कर रहे हैं। पुलिस की अब तक पूछताछ में पता चला है कि 10 रुपए की टेबलेट को तस्कर 100 से 150 रुपए तक में बेचते हैं। जरूरत देखकर पैसे कम ज्यादा किया जाता है। खरीदी कीमत से कई ज्यादा कमाई होने के कारण ही कुछ दवा दुकान वाले भी तस्करों को दवाएं बेच रहे हैं।
वैज्ञानिकों को मानव शरीर में सुअर की किडनी ट्रांसप्लांस करने में बड़ी सफलता मिली है। तमाम परीक्षणों के बाद अब डॉक्टरों ने बताया कि कि मानव शरीर में सुअर की किडनी सुचारू रूप से काम कर रही है और ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा है। यह बड़ी सफलता अमेरिकी डॉक्टरर्स को मिली है, जिससे अब मानव शरीर में ट्रांसप्लांट करने के लिए मानव अंगों की कमी को दूर किया जा सकता है। ऐसा पहली बार संभव हुआ है जब मानव शरीर शरीर में किसी दूसरे प्राणी की किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। हालांकि इससे पहले भी ऐसे कई प्रयोग किए गए हैं लेकिन शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र बाहरी अंगों को स्वीकार नहीं करता है और ट्रांसप्लांट सफल नहीं हो पाता है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब सुअर की किडनी को मानव शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है और शरीर ने भी सफलतापूर्णक ग्रहण कर लिया है।
इस पूरी परीक्षण प्रक्रिया में न्यू यॉर्क सिटी में एनवाईयू लैंगन हेल्थ में एक सुअर पर परीक्षण किया गया और उसके जीन को सबसे पहले बदला गया, ताकि मानव शरीर सुअर के अंग को खारिज नहीं करें। इसके बाद सुअर की किडनी को एक ब्रैन डेड मरीज में ट्रांसप्लांट कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि ब्रैन डेड मरीज की किडनी ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया था और परिवार के सदस्यों ने भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम को हटाने से पहले परीक्षण की अनुमति दे दी थी।
डॉक्टरों ने बताया कि 3 दिन तक सुअर की किडनी को मानव शरीर की रक्त वाहिकाओं से जोड़कर रखा गया था और जब सफल परिणाम दिखे तो किडनी को ट्रांसप्लांट कर दिया गया। अमेरिका में यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग के मुताबिक फिलहाल दुनियाभर में 107000 लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं और इसमें भी करीब 90 हजार ऐसे लोग हैं, जो सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं। एक किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए औसतन करीब 3 से 5 साल का इंतजार करना पड़ता है।
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