छत्तीसगढ़
यहां वैज्ञानिको ने किया चौकाने वाला खुलासा, जाने क्या है यहां वजह…
क्या चांद को उसकी जगह से हटाया जा सकता है? अगर चांद अपने स्थान से हटकर धरती के पास आ जाए या उससे दूर चला जाए, तो इसका क्या असर होगा? आइए जानते हैं। चांद पथरीला है और इसके चारों तरफ बेहद पतली गैसों (एक्सोस्फेयर) की परते हैं। चांद का निर्माण धरती के साथ ही हुआ था। इस परिभाषा को पूरी दुनिया मानती है। नासा ने बताया है कि जब धरती बन रही थी, तो उससे एक थीया नामक प्रोटोप्लैनेट की टक्कर हुई थी जिसके बाद चांद अलग हो गया और धरती के पास ही अपना बसेरा बना लिया।
एक दूसरी थ्योरी के मुताबिक, दो अन्य अंतरिक्षीय वस्तुओं की टक्कर से धरती और चांद का निर्माण हुआ है। आपस में टकराने वालीं दोनों वस्तुएं मंगल ग्रह से आकार में पांच गुना ज्यादा बड़ी थीं। इस बात को भी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मानती है। धरती से लगभग 3.85 लाख किमी की दूरी पर चांद स्थित है। धरती के आकार का एक चौथाई चांद है। चांद की सतह पर चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। चांद पर इनका निर्माण एस्टेरॉयड्स और उल्कपिंड़ों की टक्कर के बाद हुआ है। इनमें से अधिकतर गड्ढों का निर्माण करोड़ों साल पहले हुआ था। हालांकि पृथ्वी और चांद पर एस्टेरॉयड्स और उल्कापिंडों में टकराव कम होता है।
कैलिफोर्निया में नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में सेंटर फॉर नीयर अर्थ ऑबजेक्ट स्टडीज धरती के आसपास घूमने और गुजरने वाले एस्टेरॉयड्स और धूमकेतुओं पर नजर रखता है। इस संस्था के द्वारा तय किया जाता है कि पृथ्वी के लिए कौन सा एस्टेरॉयड या धूमकेतु खतरनाक है। इस संस्था ने धरती के 19.45 करोड़ किमी की रेंज में घूमने वाले 28 हजार नीयर अर्थ ऑबजेक्ट्स का पता लगाया है। इस संस्था के मैनेजर पॉल चोडस का कहना है कि नीयर अर्थ ऑब्जेक्टस की टक्कर होगी या नहीं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने अुनमान जताया है कि चांद और धरती की टक्कर कभी भी नहीं होगी।
पॉल ने धरती और चांद की टक्कर न होने की वजह भी बताई है। उनका कहना है कि धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी ज्यादा है इसलिए धरती और चांद की टक्कर नहीं हो सकती है। गुरुत्वाकर्षण शक्ति कई बार धक्का भी दे सकती है। इसमें सिर्फ खिंचाव हीं नही होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खींचने की शक्ति होती तो बहुत पहले चांद धरती से टकरा गया होता। उन्होंने कहा कि चांद के आकार का एस्टेरॉयड अगर चांद से टकराता है, तभी वह अपनी जगह से हिलेगा।
उन्होंने बताया है कि चांद को एक जगह से दूसरी जगह खिसकाना और धरती की तरफ लाना बहुत कठिन है। सिर्फ किसी तेज गति से एस्टेरॉयड की टक्कर के बाद ही ऐसा हो सकता है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इतनी खतरनाक टक्कर के बाद चांद टुकड़ों में बंट जाएगा। इसके बाद भी यह नहीं कहा जा सकता है कि चांद की टक्कर धरती से होगी। उसका कुछ हिस्सा धरती की तरफ आ सकता है। कुछ हजारों साल तो ऐसा नहीं होने वाला है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना चलाई जा रही,महिलाओं और बच्चियों को मिल रहा है आसानी से इलाज
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना का लाभ प्रदेश की गरीब महिलाओं और बच्चियों को मिल रहा है. अब तक प्रदेश में इस योजना का लाभ 1 लाख 9 हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों ने उठाया है.छत्तीसगढ़ में गरीब महिलाओं और बच्चियों के इलाज के लिए ”मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक” योजना चलाई जा रही है. अब तक इस योजना का लाभ कई महिलाएं और बच्चियां उठा चुकी है, जबकि इस योजना के माध्यम से महिलाओं और बच्चियों को आसानी से इलाज भी मिल रहा है.मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 475 कैम्प लगाएं जा चुके हैं और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख नौ हजार 505 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही इलाज किया गया है. सीएम भूपेश बघेल खुद इस योजना को लेकर मॉनिटिरिंग करते हैं.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है. योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज कराती है. इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 19 हजार 432 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख तीन हजार 864 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई.इस योजना के जरिए गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं पा रही थी. उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है. ऐसे में यह योजना प्रदेश की गरीब महिलाओं और बच्चियों के लिए फायदेमंद साबित हुई है. क्योंकि उन्हें इस योजना के जरिए आसानी से इलाज मिल रहा है।
इसे भी पढ़िये :-
किसानों के लिए खुशखबरी वाली योजना,फसल बर्बाद हो जानें पर यहाँ की सरकार देगी मुआवजा,पढ़िये पूरी डिटेल
छत्तीसगढ़
District Hospital : शाॅर्ट सर्किट के कारण बिजली चली गई जिससे नवजात बच्चे की मौत,लापरवाही से यह घटना सामने आई
कोरबा। जिला अस्पताल में एक बड़ी घटना घटी गई है.जहां शाॅर्ट सर्किट के कारण अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की बिजली चली गई. समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक नवजात बच्चे की जान चली गई. वहीं दो बच्चों को रिफर करना पड़ा. परिजनों का आरोप है कि, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना सामने आई है।
हालांकि मेडिकल काॅलेज के डीन ने लापरवाही की बात से साफ इंकार कर दिया है. बता दें कि, कोरबा के जिला अस्पताल में बीमार नवजात बच्चों को रखने के लिए बनाए गए एसएनसीयू वार्ड की बिजली बीती रात चली गई. ऑक्सीजन का प्रवाह रुकने के कारण जहां एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं दो बच्चों की हालत बिगड़ने पर रात में ही उन्हें रिफर करना पड़ा।
बताया जा रहा है, कि विशेष वार्ड में शाॅर्ट सर्किट के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है, जिसके कारण घंटो तक वार्ड में बिजली की सप्लाई रुकी रही. यही वजह है कि, बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें देर रात ही रिफर करने की सलाह दी गई. इस आपाधापी में दीपका निवासी अमित कुमार नामक व्यक्ति के बच्चे की जान चली गई जबकि दो अन्य बच्चों को बिलासपुर और कोरबा के निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
इसे भी पढ़िये :-
जम्मू श्रीनगर में भारी बारिश से भूस्खलन,यातायात बंद,हालात बेहद खराब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साबर डेयरी की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
छत्तीसगढ़
यात्रियों को बड़ा झटका : 20 ट्रेनों को किया रद्द,देखें लिस्ट
बिलासपुर : ट्रेनों के कैंसिल होने से रेल यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच SECR ने एक बार फिर यात्रियों को बड़ा झटका दिया है। SECR ने 20 ट्रेनों को रद्द किया है और 4 अन्य ट्रेने अपने गंतव्य से पहले भी ये सभी ट्रेने 25 से 28 जुलाई तक रद्द रहेंगी। बता दें कि, SECR ने राजनांदगांव-कलमना रेल खंड के बीच नॉन इंटरलोकिंग वर्क होने के कारण सभी ट्रेनों को रद्द किया है। नॉन इंटरलोकिंग के दौरान खात रेलवे स्टेशन को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। इस दौरान 25 से 28 जुलाई तक 20 ट्रेनों को रद्द किया गया है और 4 अन्य ट्रेनों को गंतव्य से पहले ही समाप्त किया जाएगा।
जराइसे भी पढ़िये :-
सरकार इन महिलाओ को मुफ्त में दे रही सिलाई मशीन, जल्द करे आवेदन ये रहा पूरा प्रोसेस..
You must be logged in to post a comment Login