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ज्योतिष

11/03/2021 का पंचांग एवं राशिफल

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  • रायपुर (etoi news)  10.03.2021
  • दिनांक 11.03.2021 का पंचाग
  • शुभ संवत 2077 शक 1942 सूर्य उत्तरायन का …फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि … दोपहर को 02 बजकर 40 मिनट तक … दिन … गुरूवार … धनिष्ठा नक्षत्र … रात्रि को 09 बजकर 45 मिनट तक … आज  चंद्रमा … मकर राशि में … आज का राहुकाल दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक होगा…

आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल-

मेष –

     आज के दिन कार्यक्षेत्र के बहुत से महत्वपूर्ण कार्य अधूरा रह सकता है….तनाव संभव…. सहयोगियों से विवाद की स्थिति निर्मित होगी…

उपाय – काला वस्त्र या तिल का तेल दान करें…शनि के बीज मंत्र का जाप करें…

वृष –

     आज के दिन आप कार्यक्षेत्र की योजनाओं के अलावा आर्थिक लेन-देन में लगे रहेंगे… व्यावहारिक जीवन में आपकी काम करने की तरकीब सभी को पसंद आती है… आपका दिन आज खुशनुमा रहेगा….कार्य की अधिकता से थकान संभव…

उपाय -मूली का दान करें… राहु मंत्र का जाप कर सूक्ष्म जीवों को आहार दें….

मिथुन –

      आज के दिन आप किसी के भरोसे में धोखा खा सकते हैं… अपने सहयोगियों से सावधान रहें…. यात्रा में रहने से खानपान की असावधानी हानि दे सकती है…

उपाय -गाय को रोटी खिलायें…मंगल के यत्र की पूजा के साथ मंगल के मंत्र का जाप करें…

कर्क –

     अपने सीनियर अधिकारियों के बीच आपके कार्य प्रणाली से प्रशंसा प्राप्त होगी…पारिवारिक सदस्य के स्वास्थ्य से उलझन…दिनभर व्यस्तता रहेगी…अपनो की नाराजगी दूर करने के उपाय करें….

उपाय -सूर्य को जल दें….गुड या खीर खिलायें…

सिंह –

     व्यावसायिक मामलों को पूरी मेहनत के साथ हैंडल करेंगे… विज्ञापन और प्रचार के जरिए भी आपको लाभ मिल सकता है… अपने संपर्क सूत्र मजबूत करें…

उपाय -जल में कच्चा दूध डालकर अभिषेक करें… दुर्गा चालीसा का पाठ करें…

कन्या –

     आज के दिन आप किसी मनोरंजन वाली जगह की यात्रा कर सकते हैं… किसी के साथ कोई डील या व्यापारिक संबंध बनाने हों, तो अपने अहम को आड़े मत आने दें… किसी पुराने विवाद का भी हल निकल सकता है…

उपाय -कुत्ते को रोटी खिलायें… केतु की शांति हेतु मंत्र जाप करें…

तुला –

     आपका सामाजिक दायरा बढने के योग… यदि आप समय पर अपने कार्यस्थल पर लापरवाही करेंगे तो सहकर्मी की चालाकी से कार्य बिगड सकता है…. थोड़ी सावधानी की आवष्यकता होगी…वाहन का उपयोग संभल कर करें…

उपाय – तांबे की अंगूठी दान करें…मंगल के मंत्रों का जाप करें…

वृश्चिक –

     कोई कीमती वस्तु खो सकती है…धन सुख में कमी कर सकता है…स्वास्थ्य में वातरोग तथा बुखार से कार्य में रूकावट संभव…

उपाय – भोजन की थाली से भोजन निकालकर कुत्ते को दें….दूध या चावल का दान करें..

धनु –

     आज के दिन आप पारिवारिक उत्सव में भागीदारी कर सकते हैं… निरंतर कार्य के कारण शारीरिक थकान…जीवनसाथी से विवाद…

 उपाय – सूर्य के मंत्रों का जाप कर दिन का प्रारंभ करें… मीठी वस्तु दान करें…

मकर –

     अपने करियर और व्यवसाय से जुड़े मामलों पर सावधानी बरतें और दूरदर्शिता से काम लें… इधर-उधर की झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें… अपने काम को सही समय पर पूरा करने का प्रयास करें…

उपाय – छायापात्र का दान करें…दत्तात्रेय मंत्र का जाप करें…

कुंभ –

     आज आप शक्तिशाली और अनुकूल ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे… पारिवारिक स्थितियों और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार होगा… दिन भर व्यस्त रहेंगे…

उपाय – चंद्रमा को अध्र्य देकर आहार ग्रहण करें… सुहाग सामग्री का दान करें….

मीन

     आज मनोरंजन व खेल-कूद से जुड़ी गतिविधियां आपके जीवन का हिस्सा बन सकती हैं… व्यस्त होकर आप एक अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता कहलाएंगे… पूजापाठ में सम्मिलित होंगे…

उपाय -लाल वस्तु का दान एवं गायत्री मंत्र का जाप करें…

 

 

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ज्योतिष

Vastu Tips : बेडरूम में न रखें ये चीजें,नई तो आ सकती है पति-पत्नी के जीवन में दरार…

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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में वैवाहिक जीवन को खुशनुमा बनाने के कई उपाय बताए जाते हैं. वास्तु अनुसार पति-पत्नी का रिश्ता अच्छा बना रहे इसके लिए उनका बेडरूम सही दिशा में होना जरूरी है.वास्तु शास्त्र में वैवाहिक जीवन को खुशनुमा बनाने के कई उपाय बताए जाते हैं. वास्तु अनुसार पति-पत्नी का रिश्ता अच्छा बना रहे इसके लिए उनका बेडरूम सही दिशा में होना जरूरी है. इसी के साथ शयन कक्ष में रखी चीजें भी आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकती है।बेडरूम में कुछ चीजों को रखने से पति-पत्नी के जीवन में तकरार आ सकती है. इससे अलग जीवन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है।

पति पत्नी के बीच प्यार और मधुरता बनी रहे, इसके लिए बेडरूम में कुछ चीजों का नहीं होना बेहद जरूरी है.अक्सर हम सजावट के कारण या गलत जानकारी होने के कारण कुछ चीजों को अपने बेडरूम में जगह दे देते हैं, लेकिन इन चीजों के कारण पति-पत्नी के जीवन में दरार आ सकती है या घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है.घर का मुख्य बैडरूम घर के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए. यदि घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो बेडरूम को ऊपर वाली मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।

नहीं रखनी चाहिए ये चीजें

  • अगर बेडरूम में समुद्र, झरने या पानी की फोटो है तो तुरंत हटा दें, क्योंकि इसके कारण पति पत्नी के बीच विश्वास खत्म होने लगता है. साथ ही पानी का चित्र तीसरे व्यक्ति का पति पत्नी के जीवन में आने का संकेत देता है.
  •  यदि आपके कमरे में महाभारत या ताजमहल का चित्र है तो इसे भी तुरंत हटा दें. इससे ना केवल घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है, बल्कि ये तस्वीरें मन में नकारात्मकता पैदा करती हैं.
  •  यदि आपके घर में हिंसक जानवर या पक्षी की तस्वीर है तब भी तुरंत इस तस्वीर को बदलें, क्योंकि इस कारण न केवल इंसान का गुस्सा बढ़ सकता है बल्कि यदि कबूतर या किसी अन्य पक्षी की तस्वीर बेडरूम में लगाई जाए तो इससे वंश वृद्धि में बाधा आ सकती है.
  • बेडरूम में पूर्वजों की तस्वीर को नहीं लगाना चाहिए. शयनकक्ष में कभी भी पूर्वजों की तस्वीर ना लगाएं, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है.
  • इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बेड के सामने आईना न लगा हो.
  •  डबल बेड के गद्दे दो भागों में न हो.
  • बेडरूम में किसी भी तरह का धार्मिक चित्र न लगा हो.
  • कमरे में लाल रंग का बल्ब लगाने से बचें।

पति-पत्नी के रिश्ते में को मजबूत बनाने के लिए वास्तु टिप्स: – दंपत्ति को घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में शयन करना चाहिए। -पति-पत्नी अपने शयन कक्ष में गुलाबी, हल्के हरे, सफेद, पीले और नीले रंगों का चुनाव करें। इससे सकारात्मक वातावरण बना रहता है ।

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ज्योतिष

Vastu Shastra : घर में चाहिए आर्थिक,सुख,समृद्धि,तो करें ये उपाय

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Vastu Shastra for Wealth: पैसा हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, 5 तत्व – अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और अंतरिक्ष – ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं का एक संयोजन हैं। यदि इनमें से कोई भी तत्व संतुलित नहीं है तो यह घर में बहुत सारी नकारात्मकता को आकर्षित कर सकता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा रहने पर परिवार में आर्थिक समृद्धि, सुख, वैभव और अच्छी सेहत मिलती है। वहीं घर में नकारात्मक ऊर्जा होने पर व्यक्ति को आर्थिक हानि, कार्यों में बाधाएं, बीमारियां और परिवार में मतभेद होते रहते हैं।

वास्तु के अनुसार अगर घर में किसी भी तरह का वास्तु संबंधी कोई दोष होता है तो व्यक्ति के जीवन में रुकावटें और धन की हानि होती है। यदि घर के मालिक वास्तु शास्त्र के कुछ सिद्धांत दिशानिर्देशों का पालन करके घर पर अपने जीवन स्तर, वित्तीय स्थिरता, शांति और समृद्धि को कुशलता से बढ़ा सकते हैं। घर पर वित्तीय समृद्धि लाने के लिए,वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष उपाय हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स भारतीय पौराणिक कथाओं में, भगवान कुबेर धन और समृद्धि के देवता हैं और महिमा और सोने का प्रतिनिधित्व करते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा भगवान कुबेर द्वारा शासित है, इसलिए सभी बाधाओं और रिक्त स्थान जो नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं जैसे शौचालय, जूते के रैक और किसी भी भारी फर्नीचर आइटम को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।

अपने घर के उत्तर-पूर्व कोने को अव्यवस्था से मुक्त रखें और इसे अच्छी ऊर्जा चमक के लिए विशाल रहने दें। पूरे घर के उत्तरी हिस्से की उत्तरी दीवार पर लगा दर्पण या कुबेर यंत्र नए आर्थिक अवसरों को सक्रिय करना शुरू करता है।वास्तु शास्त्र के अनुसार, आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है अपने धन को घर के पृथ्वी के कोने-दक्षिण-पश्चिम में बढ़ाना। अपने सभी आभूषण, धन और महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज दक्षिण-पश्चिम में , उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर रखें। इस दिशा में रखी गई कोई भी चीज कई गुना बढ़ जाती है। ध्यान दें कि यदि तिजोरियां/वॉल्ट दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर हैं, तो इसके परिणामस्वरूप भारी खर्च होगा। मुख्य तिजोरी/लॉकर को इस प्रकार रखकर कि उसका दरवाजा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर खुल जाए, आर्थिक समस्याओं और भारी खर्चों से बचा जा सकता है।

अपने घर को साफ, स्वच्छ और अव्यवस्था और अनावश्यक घरेलू सामान और सजावट से मुक्त रखें। घर के माध्यम से बहने वाली ऊर्जा आपके रिश्तों, स्वास्थ्य और वित्त को संभालने के लिए जिम्मेदार है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके लिविंग रूम में केंद्रीय स्थान साफ सुथरा और अनावश्यक वस्तुओं से मुक्त हो। इसके अलावा, अपनी खिड़कियों और दरवाजों को साफ रखें, और हर कमरे में अपने भंडारण स्थान को साफ-सुथरा रखें।घर के उत्तर-पूर्व भाग में पानी की छोटी-छोटी वस्तुएं रखने से धन और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह के माध्यम से अच्छी गति प्राप्त हो सकती है। एक्वेरियम या एक छोटा वॉटर फाउंटेन बहुत शुभ माना जाता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि पानी ठहरे नहीं और गंदा न हो जाए। इसे नियमित रूप से साफ करना चाहिए, क्योंकि घर में रुका हुआ पानी आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

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ज्योतिष

विवाह में रहा है विलंब ? तो ,जानें कारण और समाधान..

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ज्योतिष में विवाह के लिए जन्म कुंडली में सातवां भाव मुख्य माना गया है और इस भाव पर ग्रहों के प्रभाव स्वरूप अनेक स्थितियां उत्पन्न होती हैं जिनके चलते शादी में देरी या बार-बार बनते रिश्तों का टूटना सहना पड़ता है। सातवां घर बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। कई बार शादी नहीं होती और कई बार शादी के बाद सम्बन्ध खराब होकर अलगाव उत्पन्न हो जाता है, यह सब ग्रहों की अशुभ दृष्टि तथा ग्रहों के निर्बलता के कारण होता है। कुल मिलाकर जब एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव सातवें घर पर हो तो विवाह में विलम्ब होता है।
जब कुंडली में सप्तम भाव की दशा या फिर अन्तर्दशा, सातवें भाव में स्थित ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा या सातवें भाव को देखने वाले ग्रहों की दशा तथा अन्तर्दशा हो, या फिर छठे भाव से सम्बंधित दशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो विवाह में निश्चित रूप से विलम्ब होता है या फिर रुकावटें उत्पन्न होती है।
– छठा तथा दसवां घर विवाह में रूकावटे उत्पन्न करता है।
– सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 12 वां तथा 11 वां भाव शुभ होना जरुरी होता है अन्यथा शादी में रूकावटे आती हैं।
– शुक्र, बुध, गुरु और चन्द्र ये शुभ ग्रह हैं, इनमे से कोई एक भी यदि सातवें घर में बैठा हो तो शादी में आने वाली रुकावटें समाप्त हो जाती हैं।
– यदि शुक्र, गुरु या चन्द्र आपकी कुंडली के सातवें घर में हैं तो 24-25 की उम्र में शादी होने की सम्भावना रहती है, अन्यथा शादी में विलम्ब होता है।
– गुरु सातवें घर में हो तो शादी 25 की उम्र तक हो जाती है। गुरु पर सूर्य या मंगल का प्रभाव हो तो एक साल या डेढ़ साल का विलम्ब हो सकता है और यदि राहू या शनि का प्रभाव हो तो 2 से 3 साल तक का विलम्ब होता है।
– चन्द्र सातवें घर में हो और उस पर मंगल, सूर्य में से किसी एक का प्रभाव हो तो शादी 26 -27 साल की उम्र में होने के योग बनते हैं
– शुक्र सप्तम हो और उस पर मंगल, सूर्य का प्रभाव हो तो शादी में दो तीन साल का विलम्ब होता है, इसी तरह शुक्र पर शनि का प्रभाव होने पर एक साल और राहू का प्रभाव होने पर शादी में दो साल का विलम्ब होता है।
वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए जन्म कुंडली में सातवां भाव मुख्य माना गया है और इस भाव पर ग्रहों के प्रभाव स्वरूप अनेक स्थितियां उत्पन्न होती हैं जिनके चलते शादी में देरी या बार-बार बनते रिश्तों का टूटना सहना पड़ता है।
सही आयु में और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप मे एक सौभाग्य की बात है। यदि विवाह समय पर न हो रहा हो तो पहले उसके कारण को समझें।
वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए जन्म कुंडली में सातवां भाव मुख्य माना गया है और इस भाव पर ग्रहों के प्रभाव स्वरूप अनेक स्थितियां उत्पन्न होती हैं जिनके चलते शादी में देरी या बार-बार बनते रिश्तों का टूटना सहना पड़ता है।
सातवां घर बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। कई बार शादी नहीं होती और कई बार शादी के बाद सम्बन्ध खराब होकर अलगाव उत्पन्न हो जाता है, यह सब ग्रहों की अशुभ दृष्टि तथा ग्रहों के निर्बलता के कारण होता है। कुल मिलाकर जब एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव सातवें घर पर हो तो विवाह में विलम्ब होता है।
अशुभ ग्रहों के कारण विवाह में बाधा
जब कुंडली में सप्तम भाव की दशा या फिर अन्तर्दशा, सातवें भाव में स्थित ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा या सातवें भाव को देखने वाले ग्रहों की दशा तथा अन्तर्दशा हो, या फिर छठे भाव से सम्बंधित दशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो विवाह में निश्चित रूप से विलम्ब होता है या फिर रुकावटें उत्पन्न होती है।
ये भी हो बनते हैं कारण
– छठा तथा दसवां घर विवाह में रूकावटे उत्पन्न करता है।
– सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 12 वां तथा 11 वां भाव शुभ होना जरुरी होता है अन्यथा शादी में रूकावटे आती हैं।
– शुक्र, बुध, गुरु और चन्द्र ये शुभ ग्रह हैं, इनमे से कोई एक भी यदि सातवें घर में बैठा हो तो शादी में आने वाली रुकावटें समाप्त हो जाती हैं।
– यदि शुक्र, गुरु या चन्द्र आपकी कुंडली के सातवें घर में हैं तो 24-25 की उम्र में शादी होने की सम्भावना रहती है, अन्यथा शादी में विलम्ब होता है।
– गुरु सातवें घर में हो तो शादी 25 की उम्र तक हो जाती है। गुरु पर सूर्य या मंगल का प्रभाव हो तो एक साल या डेढ़ साल का विलम्ब हो सकता है और यदि राहू या शनि का प्रभाव हो तो 2 से 3 साल तक का विलम्ब होता है।
– चन्द्र सातवें घर में हो और उस पर मंगल, सूर्य में से किसी एक का प्रभाव हो तो शादी 26 -27 साल की उम्र में होने के योग बनते हैं।
– शुक्र सप्तम हो और उस पर मंगल, सूर्य का प्रभाव हो तो शादी में दो तीन साल का विलम्ब होता है, इसी तरह शुक्र पर शनि का प्रभाव होने पर एक साल और राहू का प्रभाव होने पर शादी में दो साल का विलम्ब होता है।
– अगर केतु सातवें घर में हो तो शादी में अड़चने पैदा होती हैं।
– शनि मंगल, शनि राहू, मंगल राहू, या शनि सूर्य या सूर्य मंगल, सूर्य राहू, एकसाथ सातवें घर या आठवें घर में हो तो विवाह में विलम्ब की सम्भावना बनी रहती है।
– शनि सातवें घर में हो तब भी विवाह में विलंब होता है।
– मांगलिक होना भी विवाह में विलम्ब का कारण होता है। आमतौर पर देखा गया है जो लोग मांगलिक होते है उनका विवाह आयु के 27, 29, 31, 33 तथा 37वें वर्ष में होता है।
गुरू को विवाह का प्रमुख कारक माना गया है कुण्डली में इनकी शुभता द्वारा आपको दांपत्य जीवन का सुख प्राप्त होता है अत: गुरू से संबंधित उपाय बेहद शुभ माने जाते हैं,
गुरू की शुभता हेतु आपको चाहिए की गुरूवार के दिन व्रत करें, पीला वस्त्र धारण करें तथा मंदिर में हल्दी का दान करें।
जिन जातकों के विवाह में विलम्ब हो रहा है या जिनकी शादी में रुकावटें आ रही हो उनको पारद शिवलिंग की पूजा जरुर करनी चाहिए। शिवलिंग भगवान शिव और मां पार्वती का अवतार यानि एकल रूप है।
शिवलिंग के इस स्वरूप को अत्यंत शुभ माना जाता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के विवाह में आने वाली बाधाएं शीघ्र ही समाप्त हो जाती हैं।
विवाह में यदि देरी हो रही हो तो ‘गौरी शंकर की पूजा’ नियमित रूप से करनी चाहिए साथ ही मां गौरी को श्रंगार की वस्तुएं भेंट करें।
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और हनुमान जी को सिन्दूर व चोला चढ़ाएं।
21 दिन तक संकल्प लेकर ‘दुर्गासप्तशती’ के ‘अर्गलास्तोत्रम्’ का पाठ करें व साथ ही कन्याएं मां कात्यायनी देवी की पूजा करें।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल, शनि, सूर्य, राहू और केतु को विवाह में विलंब का कारक बताया गया है. कुंडली के सप्तम भाव में अशुभ व क्रूर ग्रह स्थित हो, तो सप्तम स्थान के कमजोर होने के कारण विवाह में बाधा आती है.
कुंडली के सप्तम भाव के स्वामी यानी सप्तमेश व उसके कारक ग्रह बृहस्पति और शुक्र के कमजोर होने से विवाह में बाधा आती है. जब चंद्र या शुक्र के साथ में सातवें भाव में मंगल और शनि विराजमान होता है, तो भी शादी में विलंब होता है. मांगलिक दोष के कारण भी शादी में भी देरी होती है।

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