देश - दुनिया
इस द्वीप पर बंदरों ने मचाया आतंक, नहीं मिल रहा खाना तो घरों पर बोल रहे हैं धावा
इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बंदरों का आतंक देखने को मिल रहा है. खाने तक पहुंच नहीं होने की वजह से भूखे बंदरों का झुंड गांव वालों के घरों पर धावा बोल रहा है और खाने की चीजें लेकर भाग रहा है. कोरोनावायरस की वजह से पर्यटक बाली नहीं पहुंच रहे हैं. पहले पर्यटक यहां आने पर बंदरों को केले, मूंगफली और अन्य टेस्टी चीजें खिलाते थे. यही वजह है कि बंदरों का खाने का मुख्य स्रोत रही ये चीजें अब उनकी पहुंच से बाहर हो गई हैं. बंदरों के आतंक की वजह से बाली में रहने वाले लोग खासा परेशान हैं.
संगेह गांव के निवासियों ने बताया कि लंबी पूछ वाले बंदर 500 मीटर दूर एक अभयारण्य से बाहर निकल आए हैं. ये बंदर अब गांवों के घरों की छतों पर घूम रहे हैं और मौका देखकर खाने पर झपट्टा मार रहे हैं. लोगों के बीच इस बात को लेकर डर है कि आने वाले दिनों में बंदरों का बड़ा झुंड खाने की तलाश में गांवों पर हमला कर सकता है. ऐसे में डरे हुए ग्रामीणों ने बंदरों को गांवों से दूर रखने के लिए जंगलों में फल, मूंगफली और अन्य खाने की चीजें रख रहे हैं, ताकि वे उसे खाकर अपनी भूख मिटा लें. एक ग्रामीण अस्कारा गुस्तु अलीतो ने कहा, हमें डर है कि भूखे बंदर जंगली और शातिर हो जाएंगे.
पुरा बुकित सारी मंदिर में घूमते हैं बंदर
लगभग 600 बंदर जंगलों में बने अभयारण्य में रहते हैं, यहां पर इन्हें पेड़ों पर झूलते हुए देखा जा सकता है. इसके अलावा, ये बंदर पुरा बुकित सारी मंदिर (Pura Bukit Sari temple) में भी घूमते हैं और यहां पर बंदरों को पवित्र माना जाता है. आम दिनों में इंडोनेशियाई द्वीप के दक्षिण-पूर्व में स्थित ये संरक्षित जंगल स्थानीय निवासियों के बीच शादी की तस्वीरों को क्लिक करवाने के लिए लोकप्रिय है. इसके अलावा, यहां पर विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं. यही वजह है कि यहां रहने वाले बंदरों को खाने की चीजें पर्यटकों से मिल जाती थीं, मगर अब कोरोना की वजह से ऐसा संभव नहीं है.
इंडोनेशिया सरकार ने अभयारण्य को सबके लिए किया बंद
बाली के 40 लाख निवासियों के लिए पर्यटन आय का प्रमुख स्रोत है. महामारी की शुरुआत से पहले बाली में हर साल 50 लाख पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते थे. संगेह स्थित जंगल में हर महीने छह हजार विजिटर्स घूमने के लिए जाते थे. लेकिन जब पिछले साल महामारी फैली और अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगा तो ये संख्या गिरकर 500 पर आ गई. जुलाई के बाद से जब इंडोनेशिया ने सभी विदेशी पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी और अभयारण्य को स्थानीय निवासियों के लिए भी बंद कर दिया तो यहां पर कोई भी नहीं पहुंचा है.
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50 करोड़ का मानहानि का केस,शिल्पा शेट्टी-राजकुंद्रा ने शर्लिन चोपड़ा पर किया ,आरोपों को बताया झूठा
शिल्पा और राज ने शर्लिन पर 50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दर्ज किया है. साथ ही कपल ने शर्लिन द्वारा लगाए गए आरोपों को मनगढ़ंत और झूठा बताया है.
बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने हाल ही में राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी पर सेक्शुअल हैरासमेंट का मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया था. अब इस मामले में शिल्पा और राज की तरफ से रिएक्शन आ गया है. कपल ने अब शर्लिन चोपड़ा पर मानहानि का केस दर्ज करा दिया है. शिल्पा और राज
शर्लिन पर 50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दर्ज करा दिया है. साथ ही कपल ने शर्लिन द्वारा लगाए गए आरोपों को मनगढ़ंत और झूठा बताया है.
शिल्पा-राज ने शर्लिन के खिलाफ लिया एक्शन
कुछ दिन पहले ही शर्लिन चोपड़ा ने राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी पर शारीरिक और मानसिक रूप से उन्हें हैरास करने का आरोप लगाया था और मुंबई पुलिस से शिकायत की थी. अब शिल्पा और राज के लॉयर ने शर्लिन पर 50 करोड़ रुपये का मानहानि केस सूट किया है. कपल के लॉयर ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि- ‘शर्लिन
चोपड़ा द्वारा शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर जितने भी आरोप लगाए गए हैं वो छूठे, फर्जी और आधारहीन हैं. इसका कोई प्रमाण भी नहीं है.’
राज कुंद्रा पर शर्लिन ने लगाया था आरोप
इससे पहले शर्लिन चोपड़ा ने पोर्न रॉकेट केस में राज कुंद्रा के खिलाफ स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया था. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि राज कुंद्रा और उनके क्रिएटिव डायरेक्टर ने मोबाइल ऐप हॉटशॉट्स के लिए उनसे शूट कराने के पीछे पड़े थे. शर्लिन ने डिटेल्स स्टेटमेंट जारी किया था जो इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा फाइल की गई चार्जशीट का अहम हिस्सा था.
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वैक्सीन लगवाने के बाद रक्त जमने का मामला अभी तक 1 की मौत, 6 का इलाज जारी
वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने के मामले अब भारत में भी सामने आए हैं। अभी तक यूके और अमेरिका में ही ऐसे मामले दर्ज किए जा रहे थे लेकिन सोमवार को नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल ने वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने की वजह से एक मरीज की मौत होने की पुष्टि की है। जबकि छह मरीज अभी भी उपचाराधीन हैं।
अस्पताल के अनुसार कोविड वैक्सीन के जरिए इन मरीजों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) नामक परेशानी देखने को मिली जो रक्त का थक्का जमने के बाद देखने को मिलती है। अभी छह मरीज जीवित हैं और एक की मौत हो चुकी है।
डॉक्टरों के अनुसार इन सात में से पांच मामले केरल से जुड़े हैं और वहां से जांच के लिए सैंपल कुरियर के जरिए दिल्ली आए थे। वहीं दिल्ली निवासी एक मरीज को धौलाकुआं स्थित सैन्य अस्पताल से रैफर करके भेजा गया था लेकिन मरीज की हालत नाजुक होने की वजह से बचाया नहीं जा सका।
अस्पताल की वरिष्ठ डॉ. (प्रो.) ज्योति कोतवाल ने इन सभी मरीजों पर चिकित्सीय अध्ययन भी किया है जिसे इंडियन जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ हेमटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन में बीते 29 सितंबर को प्रकाशित किया गया। डॉ. कोतवाल ने बताया कि इस साल जून माह के दौरान ही उनके यहां पहला मामला दर्ज किया गया था लेकिन उसके बाद केरल और दिल्ली से छह और मरीज उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए। इन मरीजों के सैंपल भी उन्हें कुरियर से प्राप्त हुए थे और जांच के बाद वीआईटीटी की पुष्टि होने के बाद इन्हें भर्ती कराया गया।
दुर्लभ मामले
डॉ. कोतवाल ने बताया कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का और कम प्लेटलेट्स के दुर्लभ मामले हैं। इन्हें चिकित्सीय विज्ञान में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ VITT या थ्रोम्बोसिस के रूप में जाना जाता है। अभी तक डेनमार्क, यूके, जर्मनी और कनाडा में ऐसे मामले मिल चुके हैं और बीते 11 अगस्त को अमेरिका में भी इसके लिए उपचार संबंधित दिशा निर्देश जारी किए गए।
30 दिनों में दिखाई देते हैं लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार वैक्सीन लेने के बाद तीन से 30 दिन के भीतर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा यदि डी-डिमर बढ़ा हुआ है और पीएफ हेपरिन एंटीबॉडी मौजूद है तो चिकित्सीय विज्ञान के जरिए एक अनुमानित निदान किया जा सकता है। अगर टीकाकरण को लेकर देखें तो एक लाख में से एक या फिर 1.27 लाख में से किसी एक व्यक्ति में ही इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है।
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दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को मिल सकता है DA का तोहफा, भेजा गया प्रस्ताव
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार दिवाली से पहले कर्मचारियों को डीए की सौगात दे सकती है। वित्त विभाग ने इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को रिपोर्ट भेजा है। जिसमें कर्मचारियों को डीए का भुगतान दिवाली से पहले करने का अनुरोध किया है।
वहीं अब रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चर्चा करेंगे। जिसके बाद ही कर्मचारियों को डीए पर फैसला होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना के कारण बिगड़े हालात की वजह से कर्मचारियों को डीए का भुगतान नहीं हो सका था, वहीं अब स्थितियां सामान्य होने के बाद अब सरकार कर्मचारियों को डीए की सौगात देकर उन्हें राहत दे सकती है।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद से सरकारी कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों को सरकार के सामने रखा। वहीं मांगों को लेकर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम शिवराज कर्मचारियों को डीए का सौगात दे सकती है।
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