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डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठा ही नहीं ये सब्जियों का सेवन भी है जहर, जाने
जिस तरह कुछ फूड्स शुगर को कम करने में असरदार साबित होते हैं उसी तरह कुछ फूड्स से शुगर बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है।
तनाव, खराब खान-पान और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपने वाली बीमारी है डायबिटीज। डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन कम कर देता है या फिर बंद कर देता है। इंसुलिन के कम उत्पादन की वजह से ही ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।
इंसुलिन का कम उत्पादन होने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इंसुलिन एक तरह का हार्मोन होता है, जो पाचन ग्रंथि से बनता है। ये खाने को एनर्जी में बदलता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है।
एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहना जरूरी है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए दवाईयों का सेवन करना, तनाव से दूर रहना और डाइट को कंट्रोल करना जरूरी है। जिस तरह कुछ फूड्स शुगर को कम करने में असरदार साबित होते हैं उसी तरह कुछ फूड्स का सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सिर्फ मीठी चीजों से परहेज करना जरूरी नहीं है बल्कि कुछ फूड्स भी ऐसे हैं जो ज़हर की तरह काम करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जो शुगर को तेजी से बढ़ाने में असरदार हैं।
डायबिटीज के मरीज करें आलू से परहेज:
आलू में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शुगर को बढ़ाने में असरदार साबित होता है। आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है जिसका सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों की शुगर बढ़ सकती है।आलू में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है इसलिए डायबिटीज के मरीजों को आलू खाने से परहेज करना चाहिए।
अरबी से करें परहेज:
अरबी में स्टार्च की भरपूर मात्रा होती है। ये आलू की प्रजाति की सब्जी है जो स्टार्च युक्त होती है, इसलिए डायबिटीज रोगी को इससे दूर रहन चाहिए।
जमीकंद बढ़ा सकता है शुगर:
जमीकंद आलू के परिवार की सब्ज़ी है। यह सब्जी एक जड़ के तौर पर ज़मीन के नीचे विकसित होती है। इसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
कटहल से परहेज करें:
डायबिटीज के मरीज कटहल का सेवन सोच समझ कर करें। इस सब्जी को खाने से शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। अगर आपको डायबिटीज है या आप प्री-डायबिटीक स्टेज में है, तो कटहल का सेवन न करें या बिल्कुल कम मात्रा में करें। ये सब्जी शुगर को तेजी से बढ़ा सकती है।
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त्रिफला चूर्ण खाने के तीन बड़े नुक्सान ये रहे जानिए
Triphala Churna side Effects: आयुर्वेदिक और हर्बल में उपचार के लिए त्रिफला का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. त्रिफला के अगर फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी, जो कई तरह के हो सकते हैं.
Triphala Churna side Effects-त्रिफला का नाम तो हर किसी ने सुना होगा. कई तरह की बीमारी के दौरान भी इसे लेते हुए देखा होगा. सदियों से त्रिफला को आयुर्वेदिक और हर्बल उपचार के तौर में इस्तेमाल में लाया जा रहा है. आंवला, बिभिताकि और हरीताकी ये तीन फलों से मिलकर त्रिफला को तैयार किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला खाने से कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में किया जा सकता है. त्रिफला खाने से हेल्थ को कई फायदे मिल सकते हैं. त्रिफला बाजार में चूर्ण, कैप्सूल और जूस के अर्क के रूप में आसानी से मिल जाता है. त्रिफला चूर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं, लेकिन इसे खाने से पहले अगर सावधानी नहीं बरती गई तो इसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं.
त्रिफला चूर्ण के नुकसान
हो सकता है ब्लड शुगर लो
स्टाइलक्रेज़ के मुताबिक, त्रिफला में डायबिटीज से लड़ने के गुण होते हैं. जो मरीज पहले से ही डायबिटीज कि दवाएं ले रहे हैं, उन्हें त्रिफला खाने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जो ब्लड शुगर को काफी लो कर सकता है. अगर डायबिटीज के मरीज हैं तो त्रिफला चूर्ण खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
दवाओं का असर हो सकता है कम
त्रिफला कई तरह की दवाओं का असर कम कर सकता है, जिससे लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. दवाओं के साथ त्रिफला का सेवन करने से पहरेज करना चाहिए. इसके अलावा मूड खराब, एनर्जी में कमी और नींद की समस्या भी हो सकती है.
प्रेगनेंसी में हो सकती है समस्या
प्रेगनेंसी के दौरान त्रिफला चूर्ण के सेवन से कई तरह की समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. इससे मिसकैरेज तक हो सकता है. त्रिफला चूर्ण के सेवन से पहले महिलाओं को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. त्रिफला चूर्ण को खाने से पहले इसकी सही मात्रा के बारे में जानकारी होना जरूरी है.
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आंसू निकलना भी होता है फायदेमंद जानिए, कैसे
Eye Health: अभी तक आपने सुना होगा कि हंसना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि रोने के भी बहुत से फायदे हैं.
Eye Care Tips: अगर हंसना-मुस्कराना सेहत (Health) के लिए अच्छा माना जाता है तो रोना भी कहीं से खराब नहीं. जितने ज्यादा फायदे हंसने के है, रोने के भी उतने ही फायदे (Benefits of Tears) माने जाते हैं. फिर चाहे आप किसी मूवी या सीरियल को देख इमोशनल हो रहे हैं या फिर प्याज काटते वक्त आपके आंसू निकल रहे हों.
रिसर्च कहती है कि आपकी हेल्दी आंखों के लिए आंसू काफी जरूरी है. यह आपकी आंखों को गीला और चिकना रखते हैं. इंफेक्शन और गंदगी से भी बचाते हैं. ये आपकी आंखों को साफ रखते हैं और हेल्दी भी बनाते हैं. तो यहां जानिए आखिर क्यों निकलते हैं आंसू और इसके क्या-क्या होते हैं फायदे..
आंसू क्यों निकलते हैं?
इंसान के रोने के पीछे पूरी तरह से साइंस (Science) काम करता है. जब हम या आप इमोशनल (Emotional) होते हैं, प्याज का कोई तीखी चीज काटते हैं, आंखों में कुछ चला जाता है तब आंसू निकलते हैं. आंसू आंख की अश्रु नलिकाओं से निकलने वाला तरल पदार्थ है, जो पानी और नमक के मिश्रण से बना होता है. इसमें तेल, बलगम और एंजाइम नामक केमिकल भी पाया जाता है, जो कीटाणु को मार हमारी आंखों को हेल्दी रखता है.
तीन तरह के होते हैं आंसू
आप नहीं जानते होंगे कि इंसान की आंखों से तीन तरह के आंसू निकलते हैं. चलिए बताते हैं
Basal Tears- इस तरह के आंसू आंखें झपकने पर निकलते हैं. ये आंखों में नमी बनाए रखने का काम करते हैं. ये नॉन-इमोशनल आंसू होते हैं.
Reflex Tears– ये भी नॉन-इमोशनल आंसू ही होते हैं. ये आंखों के हवा, धुएं, घूल के पड़ने से आते हैं.
Emotional Tears- दुख, निराशा, गम होने पर जो आंसू निकलते हैं वे इमोशनल आंसू होते हैं.
आंसुओं के फायदे ही फायदे
नीदरलैंड्स की स्टडी के मुताबिक रोने से आप रिलैक्स फील करते हैं और आपका मूड अच्छा होता है.
आंसू में लाइसोजोम (Iysozyme) नाम का फ्लूइड पाया जाता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यह हमारी आंखों को संक्रमण से बचाता है और आंखों को साफ करता है.
रोने से इमोशन कंट्रोल होती हैं और मानसिक तनाव से राहत मिलती है
रोने से बॉडी में ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हॉर्मोन बनते हैं जो शारीरिक और भावनात्मक दर्द से आराम दिलाते हैं.
आंसू निकलनेसे आंखें सूखती नहीं और उसकी नमी बरकरार रहती है, जिससे आखों की रोशनी बढ़ती है.
जब कोई शख्स आंखें झपकाता है, तो बेसल टियर निकलती हैं तो म्यूकस में ब्रेन को सूखने से बचाते हैं.
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