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आप भी लगाते हैं कपड़े का मास्क, तो जरूर पढ़ लें यह खबर
Covid-19 Mask: कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जारी है। सरकारें और डॉक्टर साफ कर चुके हैं कि जब तक वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती, मास्क, सैनेटाइजर और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन ही बचाव का तरीका है। ताजा खबर उन लोगों के लिए है, जो कपड़े का मास्क यूज कर रहे हैं। प्रदूषण बढ़ने पर कपड़े का मास्क वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कणों को पूरी तरह नहीं रोक पाएगा। डॉक्टर कहते हैं कि N95 Mask ही प्रदूषण व कोरोना से बचाव करने में सक्षम होगा। अपोलो अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. सुरनजीत चटर्जी के अनुसार, पहले प्रदूषण बढ़ने पर चार-पांच प्रतिशत लोग ही मास्क का इस्तेमाल करते थे। Covid19 के कारण अब अधिकतर लोग मास्क लगा रहे हैं। कपड़े के मास्क से बड़े कण तो रोके जा सकते हैं, लेकिन सूक्ष्म कण नहीं रुक पाते। सही मायने में N-95 Mask ही वायरस से भी बचाव करता है। इसे एंटीवायरल मास्क भी कहा जाता है। इसलिए Covid संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों व होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे मरीजों की देखरेख करने वाले स्वजनों को N-95 मास्क लगाना जरूरी होता है।
कपड़े का मास्क उन लोगों को लगाने की सलाह दी जाती है जो सीधे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं हैं। कपड़े का मास्क लगाए रहने से खांसी या छींक आने पर ड्रॉपलेट बाहर नहीं आते। इस वजह से दूसरे लोगों की भी सुरक्षा होती है। N95 मास्क की उपलब्धता भी समस्या है।
मणिपाल अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत खन्ना ने कहा कि कपड़े का मास्क कुछ हद तक प्रदूषण से बचाव करता है, लेकिन पीएम-2.5 व उससे सूक्ष्म कणों को नहीं रोक पाता। इसलिए सूक्ष्म कण सांस के जरिये फेफड़े में पहुंच सकते हैं। इससे बचाव का सबसे बेहतर माध्यम एन-95 मास्क ही है। दूसरी बात यह है कि एन-95 मास्क भी चेहरे पर टाइट होना चाहिए, ताकि कहीं से धूलकण अंदर प्रवेश न करने पाए।
कोरोना से जंग जीतने के लिए नींद और संगीत भी जरूरी
मरीजों को आठ घंटे की नींद लेने को कहा जाता है। दिन में एक से दो घंटे संगीत भी सुनाया जाता है, जो उनके जल्द ठीक होने में मदद करता है। मरीजों को सुबह और शाम गर्म पानी का गरारा कराया जाता है, जो गले में जमे संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है। मरीजों को खुश रखने के लिए उनके बीच घरेलू खेल कराए जाते हैं, जिससे उनका मानसिक तनाव दूर रहता है। इस तरह दो से तीन सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो जाता है।
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गर्मियों में वजन कम करने के लिए अपनाये ये घरेलु व्यायाम…
Yoga Asanas for Weight Loss: स्वस्थ रहने के लिए वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है। बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों को आमंत्रण देता है। शरीर में अतिरिक्त वसा होने से मोटापा या वजन बढ़ जाता है। वजन बढ़ने की एक वजह गलत खान-पान और बिगड़ी लाइफस्टाइल हैं। ऐसे में वेट लॉस करने के लिए लोगों को अपने खान पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत होती है। इसके साथ ही कई तरीकों से लोग वजन कम कर सकते हैं।
सबसे जरूरी है शरीर को एक्टिव रखना। रोजाना सुबह की एक्सरसाइज या योग वजन कम करने में फायदेमंद हैं। इसके लिए लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं। लेकिन गर्मियों में वजन कम करने में मेहनत लगती है। कभी कभी अधिक एक्सरसाइज करने या पसीना बहाने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अगर आप गर्मी के मौसम में वजन कम करना चाहते हैं तो अपने वर्कआउट रूटीन में बदलाव करें। हैवी एक्सरसाइज करने के बजाए कुछ ऐसे व्यायाम करें जो अधिक तापमान में आसानी से किए जा सकते हैं। चलिए जानते हैं गर्मियों में वजन घटाने के लिए आसान और कारगर व्यायाम के तरीके।
साइकिल चलाना
वजन कम करने के लिए कैलोरी बर्न करनी होती है। इसके लिए साइकिल चलाना एक बेहतर विकल्प है। नियमित रूप से साइकिल चलाने से मांसपेशियां मजबूत होती है और अच्छे से काम करती हैं। साइकिल चलाने के लिए तड़के सुबह या शाम को धूप जाने के बाद का समय चुनें। इससे आपकी एक्सरसाइज भी हो जाएगी और अधिक गर्मी भी महसूस नहीं होगी।
तैराकी करना
स्विमिंग एक अच्छा व्यायाम है। तैराकी के दौरान आपके दोनों हाथ और पैर गतिशील रहते हैं। इस कारण आपका फुल बॉडी वर्कआउट होता है। गर्मियों में नियमित स्विमिंग करें। एक घंटा स्विमिंग करने से 400 कैलोरी बर्न होती है और शरीर को बेहतर शेप मिलता है। वजन कम करने के लिए रोजाना स्विमिंग करें और स्विमिंग करते समय अलग अलग तरह के वेरिएशन अपनाएं।
पैदल चलना
रोजाना मात्र थोड़ी दूर पैदल चलकर भी अपने वजन घटा सकते हैं। गर्मियों में मॉर्निंग वॉक के लिए निकलें। शाम को भी वॉक कर सकते हैं। किसी पार्क में पेड़ पौधों की ठंडी हवा के बीच पैदल चलने से कैलोरी भी बर्न होगी और गर्मी भी कम लगेगी। इसके अलावा अगर आप पहाड़ों के आसपास रहते हैं तो ट्रैकिंग पर जा सकते हैं।
योगाभ्यास करें
वजन कम करने के लिए योग का नियमित अभ्यास भी फायदेमंद है। योग कई तरह की बीमारियों से बचाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। योग मुद्राएं, श्वास और ध्यान तकनीकों का अभ्यास करें। घर से बाहर हैं तो स्टैंडिंग योगा कर सकते हैं।
वॉटर योगा करें
गर्मियों में व्यायाम करने का एक बेहतर विकल्प है वाॅटर योग। वाॅटर योग शरीर और मन को तनाव मुक्त रखता है। मांसपेशियों में दर्द की शिकायत को कम करने के साथ ही मानसिक आराम भी देता है। ऐसे में गर्मी के मौसम में आप वाॅटर योग करके भी वजन घटा सकते हैं।
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HEALTH CARE TIPS: डायबिटीज से है परेशन तो इस जूस का करे सेवन, जड़ सहित ख़त्म हो जायेगी सारी परेशनी…
अपनी सेहत को अच्छा रखने के लिए लोग वर्कआउट और एक्स्ट्रा एक्टिविटी करने के बारे में सोचते हैं लेकिन समय नहीं निकाल पाते हैं। इसकी वजह से उनकी कोशिश होती है कि समय न दे पाने की कमी को हेल्दी डाइट लेकर पूरा किया जा सके। जी हाँ और इस कोशिश में व्हीट ग्रास जूस आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। अगर आप नियमित रूप से व्हीट का सेवन करें तो शरीर कई गंभीर बीमारियों से भी बचा रहता है। जी दरअसल व्हीट ग्रास को गेंहू के ज्वारे के नाम से भी जाना जाता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से युक्त होती है और कई विटामिन और मिनरल्स का अच्छा सोर्स मानी जाता है। व्हीट ग्रास में विटामिन A,K,C,E,B के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम, मैगनीशियम और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं इसके फायदे।
टॉक्सिन रिलीज- व्हीट ग्रास का सेवन करने से शरीर के शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। बॉडी डेटॉक्स करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए व्हीट ग्रास अच्छा ऑप्शन है। हालांकि ध्यान रहे कि इसे लेना शुरू करें, इससे पहले एक्सपर्ट से अपनी हेल्थ कंडीशन और व्हीट ग्रास लेने के बारे में जरूर पूछे।
पाचन तंत्र मजबूत- व्हीट ग्रास में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंजाइम्स पाए जाते हैं। जिन्हें डाइजेशन से जुड़ी प्रॉब्लम होती है, वे व्हीट ग्रास का सेवन कर सकते हैं। जी दरअसल यह खाना पचाने में तो मदद करता ही है, साथ ही साथ गैस, एसीडिटी जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है।
मेटॉबॉलिज्म बढ़ाती है- व्हीट ग्रास का सेवन करने से शरीर का मेटॉबॉलिज्म बढ़ता है। वेट लॉस के लिए यह बेहतरीन है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार- पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण व्हीट ग्रास शरीर में पोषण की कमी पूरी करके इम्यूनिटी बढ़ाने में असरदार होती है।
डायबिटीज- डायबिटीज के मरीजों के लिए व्हीट ग्रास काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। नियमित रूप से व्हीट ग्रास का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
कैसे और कितनी मात्रा में करें व्हीट ग्रास का सेवन- व्हीट ग्रास का सेवन लिक्विड या पाउडर के रूप में किया जाता है। ध्यान रहे इसकी मात्रा बेहद कम होनी चाहिए। अगर आप व्हीट ग्रास की ड्राप ले रहे हैं, तो शुरुआत 1-4 बूंद व्हीट लिक्विड के साथ करें। अगर पाउडर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो 1 टीस्पून व्हीट ग्रास पाउडर का सेवन काफी होगा है।
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हड्डियों और कमर की दर्द हो सकता है,ब्लड कैंसर का लक्षण…जानें कारण और बचाव
World Blood Cancer Day: हर साल 28 मई का दिन विश्व ब्लड कैं.सर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को जागरूक करना है. ऐसे में इसके लक्षण, कारण, उपचार के बारे में पता होना जरूरी है। हर साल 28 मई का दिन विश्व ब्लड कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस समस्या के बारे में जागरूक करना है।
बता दें, जब शरीर की कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा उत्परिवर्तित हो जाती हैं तब यह समस्या हो जाती है. कैंसर खून के जरिए शरीर में फैलना शुरू हो जाता है और ये कोशिकाओं बढ़ती चली जाती हैं।
ऐसे में इसके शुरुआती लक्षण के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ब्लड कैंसर के कितने प्रकार हैं. साथ ही लक्षण और कारण के बारे में भी जानेंगे।
ब्लड कैंसर के प्रकार
ल्यूकेमिया
लिंफोमा
मायलोमा
ब्लड कैंसर के लक्षण
बता दें कि जब यह समस्या होती है तो असामान्य ब्लड सेल्स की उपस्थिति की तुलना में सामान्य ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं, जिसके कारण यह लक्षण नजर आते हैं.
ये लक्षण
हड्डियों में दर्द महसूस करना
बुखार का ना उतरना.
रात को सोते समय पसीना आना.
भूख ना लगना.
वजन घटना.
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग.
नाक, मसूड़े और मलाशय से खून आना.
हाथों में गले में और कमर में सूजन महसूस करना.
पेट के उल्टे हिस्से में दर्द और सूजन महसूस करना.
ब्लड कैंसर के कारण
ब्लड कैंसर का स्पष्ट कारण नहीं पता चला है. लेकिन माना जाता है कि विकिरण और कुछ विशेष कैमिकल्स जैसे बेंजीन आदि के संपर्क में आने से समस्या हो सकती हैं. इससे अलग जो लोग धूम्रपान करते हैं,शराब का सेवन करते हैं, उन लोगों में ब्लड कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. इसके अलावा परिवार के अन्य व्यक्ति को यदि ब्लड कैंसर है तो आनुवांशिक रूप से आपको भी समस्या हो सकती है.
ब्लड कैंसर की जांच
कंपलीट ब्लड काउंट टेस्ट
बायोप्सी
ब्लड प्रोटीन टेस्ट
ब्लड कैंसर का इलाज
स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन यानी बोन मैरो से स्टेम सेल्स पेरीफेरल ब्लड को इकट्ठा कर स्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं के साथ इन्फ्यूज करना
कीमोथेरेपी
रेडिएशन थेरेपी
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