Lifestyle
क्या आप भी दांत के दर्द से परेशान है तो, अपनाये ये घरेलू उपाय..
दांत का दर्द किसी को भी परेशान कर सकता है। यह डॉक्टर के पास जाने तक का समय नहीं देता। इसलिए जरूरी है कि आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमाएं और रिलैक्स हो जाएं। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें।
दांत का दर्द अकेले नहीं आता। वह अपने साथ उस पूरे हिस्से को लपेट लेता है, जिस तरफ के दांत में दर्द है। सिर में तेज़ दर्द, मसूड़ों में झनझनाहट और दांत में दर्द। किसी के भी पूरे दिन को बिगाड़ने के लिए यह स्थिति काफी है। हालात ये हो जाते हैं, कि समझ नहीं आता कि क्या किया जाए। मगर परेशान न हों, क्योंकि घरेलू नुस्खों के बरसों पुराने खजाने में से हम वे उपाय ढूंढ लाए हैं, जो आपको तुरंत दांत के दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं। अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – दांत में दर्द है? तो तुरंत आजमाएं ये 8 घरेलू नुस्खे और रिलैक्स हो जाएं
Lifestyle
क्या आप भी धुप से आने के बाद ठन्डे पानी का सेवन करते है, तो जान लीजिये इनसे होने वाले नुकसान..
Cold Water Effects : गर्मियों के मौसम में अधिक तापमान में ठंडा पानी पीना लोगों को गर्मी से राहत दिलाता है। गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए लोग लिक्विड ड्रिंक का सेवन करते हैं, जिसमें साधारण पानी के साथ ही लोग लस्सी, जूस और नारियल पानी समेत तरह तरह के ड्रिंक्स का सेवन करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हाइड्रेटेड रहने के लिए कम से कम आठ से 10 गिलास पानी पीना बेहद जरूरी होता है। लेकिन पानी पीते समय उसके सही तापमान का होना भी जरूरी है। पानी के तापमान का असर स्वास्थ्य पर होता है।
गर्मियों में लोग ठंडा पानी पीने के इच्छा से फ्रिज का पानी पीते हैं। प्यास बुझाने और थकावट दूर करने के लिए लोग कभी भी ठंडा पानी पी लेते हैं, इससे भले ही कुछ देर के लिए गर्मी से राहत मिल जाती है लेकिन इसका नुकसान भी बहुत होता है। आयुर्वेद में ठंडे पानी को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गया है। खासकर फ्रिज का चिल्ड वाटर बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। धूप से आकर, एक्सरसाइज के बाद या खाने के बाद ठंडा पानी पीने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है। अगर आप भी गर्मियों में गलत समय और गलत तरीके से ठंडे पानी का सेवन करते हैं तो जान लें इससे सेहत पर होने वाले नुकसान के बारे में।
पाचन पर प्रभाव
शरीर किसी भी पदार्थ को अपने तापमान पर लाता है, जिसे वह आगे पाचन के लिए भेजता है लेकिन बहुत कम तापमान की चीजों का सेवन करने से शरीर उसे अपने तापमान के मुताबिक करने लगता है, जिससे डाइजेशन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और अपच की समस्या हो जाती है। पेट में ठंडा पानी डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है। रिसर्च के मुताबिक, ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है, जिससे पाचन की समस्या हो जाती है।
गले में खराश
अक्सर गला खराब होने या आवाज बदलने पर बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जरूर ठंडा पानी पी लिया होगा। यह सही भी है, ठंडा पानी पीने से गले में खराश हो जाती है। फ्रिज में निकालकर ठंडा पानी पीने से ऐसी समस्या होना आम बात है। वहीं अगर आप भोजन के बाद ठंडा पानी पी लेते हैं तो बलगम बनने लगता है और सांस लेने के रास्ते ब्लॉक हो जाते है। जिससे गले में खराश, बलगम, जुकाम और गले में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हार्ट रेट पर असर
ठंडे पानी का सेवन आपके शरीर का हार्ट रेट भी कम कर सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से दसवीं कपाल तंत्रिका (वेगस नर्व) स्टिम्युलेट हो जाती है। शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करने का काम नर्व ही करती है। कम तापमान के पानी का असर सीधे वेगस नर्व पर होता है, जिससे हार्ट रेट कम हो जाती है।
सिरदर्द की समस्या
धूप से आने के तुरंत बाद अगर आप बहुत ठंडा पानी या बर्फ का पानी पी लेते हैं तो ब्रेन फ्रीज हो सकता है। ठंडे पानी का सेवन आपकी रीढ़ की कई नसों को ठंडा कर सकता है, जिसका असर मस्तिष्क पर होता है और सिर दर्द होने लगता है। साइनस की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए यह स्थिति मुसीबत बढ़ा सकती है।
वेट लाॅस में दिक्कत
जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें ठंडे पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। ठंडे पानी के कारण शरीर में मौजूद फैट को बर्न करना मुश्किल हो जाता है। फ्रिज के पानी से शरीर का फैट सख्त हो जाता है, जिसकी वजह से वसा को कम करने में समस्या आती है और वजन कम नहीं होता।
Lifestyle
सफेद बालों से हैं परेशान तो अपनाये ये घरेलू उपाये,करें ये उपाये…
White Hair Problem: सफेद बालों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए आज हम एक ऐसा घरेलू उपाय लेकर आए हैं,जिससे आपकी समस्या जड़ से खत्म हो सकती है.बदलती लाइफस्टाइल के चलते ज्यादातर लोग तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करते हैं. इसमें सफेद बालों की परेशानी भी शामिल है. क्या आप जानते हैं बॉडी में जरूरी पोषत तत्वों की कमी के चलते सफेद बालों की दिक्कत ज्यादातर लोगों को झेलनी पड़ती।
कुछ लोगों के तो समय से पहले ही बाल सफेद हो जाते हैं.यह भी खराब जीवनशैली की वजह से होता है. ऐसे में तमाम तर के केमिकल इस्तेमाल करके थक चुके लोगों को एक बार मेथी के दाने का इस्तेमाल करना चाहिए. आइए जानते हैं कि कैसी मेथी को उपयोग बालों को काला कर सकते हैं.बता दें कि मेथी में बहुत सारे ऐसे न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं, जो बालों को काला करते हैं।
मेथी के दाने को रात भर पानी में भिगो दें, भीगने के बाद उसे पीस लें और इस पेस्ट को नारियल के तेल या बादाम के तेल में मिलाकर मसाज करें कर सकते हैं. ऐसा करने से कुछ ही दिन में आपके बालों में रौनक लौट आएगी और बाल भी सफेद नहीं होंगे.आंवले से भी सफेद बाल हो सकते हैं।
दरअसल, आंवला बालों को काला रखने में बेहद फायदेमंद होता है. आप आंवले का इस्तेमाल मुरब्बे के तौर पर भी कर सकते हैं. इसके अलावा मेहंदी के साथ मिलाकर लगाने पर डबल फायदा मिल सकता है।
Lifestyle
क्या आप भी मोटापे से परेशान है तो, शामिल करे अपने डाइट मे ये 4 तरह के ब्रेड्स..
कुछ ब्रेड के सेवन से ना सिर्फ शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि वजन कम करने में भी कारगर साबित होते हैं. यहां जानें कुछ ऐसे ब्रेड्स के बारे में जो वजन घटाने के लिए होते हैं बेस्ट.
Best Breads For Weight Loss: नाश्ते में आप प्रत्येक दिन व्हाइट ब्रेड खाते होंगे, लेकिन व्हाइट ब्रेड सेहत के लिए उतना हेल्दी नहीं होता. खासकर, जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें ब्रेड खाने में खास सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो ये सोचते हैं कि ब्रेड खाने से वजन बढ़ सकता है. उन्हें लगता है कि ब्रेड में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. लेकिन, ऐसा नहीं है. कुछ ब्रेड ऐसे भी होते हैं, जो ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, बल्कि वजन भी घटाते हैं. इनका सेवन नाश्ते में आप जरूर करें. हम आपको बता रहे हैं, ऐसे तीन तरह के ब्रेड के बारे में जो हेल्दी, टेस्टी होने के साथ ही तेजी से वजन कम करने में भी मदद करते हैं.
क्या रोज आप भी नाश्ते में लेते हैं ब्रेड? जान लें इसके ये बड़े नुकसान
वजन कम करने वाले ब्रेड
होल व्हीट ब्रेड करे वेट लॉस में मदद
टीओआईमें छपी एक खबर के अनुसार, इसे होल व्हीट ब्रेड या फिर ब्राउन ब्रेड भी कहा जाता है. इस ब्रेड को गेहूं से तैयार किया जाता है, जो मैदे वाली सफेद ब्रेड की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है. मैदे वाले ब्रेड में पोषक तत्व की मात्रा होल व्हीट ब्रेड की तुलना में काफी कम होती है. साथ ही यह वजन कम करने की बजाय बढ़ाता है. होल व्हीट ब्रेड दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है. टाइप-2 डायबिटीज के होने के जोखिम को कम करता है. चूंकि, इस ब्रेड में चोकर, जर्म सभी मौजूद होते हैं, इसलिए ये सफेद या मैदे से बने ब्रेड से काफी हेल्दी होता है. होल व्हीट ब्रेड में फाइबर भी अधिक होता है, जो पेट को देर तक भरे होने का अहसास कराता है, इस तरह से आप जल्दी-जल्दी खाने से बच जाते हैं. इसमें विटामिन और मिनरल्स भी अधिक होते हैं.
होल ग्रेन ब्रेड से घटाएं वजन
होल ग्रेन ब्रेड पूरी तरह से साबुत अनाज से बनी होती है, जिससे यह और भी अधिक पौष्टिक तत्वों से भरपूर हो जाता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि भोजन करने के बाद ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है. साबुत अनाज की ब्रेड में राई, जौ, जई, क्विनोआ, अमरंथ, बाजरा आदि शामिल होते हैं. इन अनाजों से बनी ब्रेड ना सिर्फ स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स आदि से भरपूर होते हैं. यदि आप सफेद ब्रेड खाते हैं, तो इसे खाना छोड़ दें और होल ग्रेन ब्रेड का सेवन करें, क्योंकि ये वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प है. इस तरह के ब्रेड में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो आंतों को भी स्वस्थ रखती है. कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के होने के रिस्क को भी कम करती है. इसे खरीदते समय पैकेट पर सामग्री के बारे में अच्छी तरह से पढ़ लें कि इसमें साबुत अनाज का 100 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ है या नहीं.
: लहसुन और शहद का कॉम्बिनेशन वजन घटाए, यूं करें हर दिन सेवन
खमीरी ब्रेड खाएं वजन करें कम
इस ब्रेड को पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है. इसे पानी और आटे को धीरे-धीरे फर्मेंट करके बनाई जाती है. फर्मेंटेशन प्रक्रिया आटे में मौजूद कुछ स्टार्च को तोड़ देती है, जिससे ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है. साथ ही नेचुरल प्रोबायोटिक्स भी इसमें बढ़ जाता है. इस तरह के ब्रेड के सेवन से आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं. सूजन और एलर्जी होने की संभावनाओं को कम करते हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. यदि आप वजन कम करने के लिए खमीरी ब्रेड का सेवन करेंगे, तो असर जल्दी होगा.
स्प्राउटेड ब्रेड खाकर करें वेट लॉस
इस तरह के ब्रेड में मैदा नहीं होता है. दरअसल, ये कई तरह के अनाज, बींस, बीजों को पानी में अंकुरित किए जाने के बाद बनाई जाती है. फिर इन्हें आटे में मिलाते हैं और फिर ब्रेड की तरह सेंका जाता है. इससे ब्रेड में मौजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है. इससे अन्य अनाज से तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट्स की तुलना में स्प्राउटेड ब्रेड ब्लड शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ने देती है. सही मात्रा में आप इन सभी ब्रेड का सेवन नियमित रूप से करें, तो वजन कम करने के साथ ही डायबिटीज को भी कंट्रोल में रख सकते हैं.
-
जॉब5 days ago
डाटा एंट्री ऑपरेटर पदों पर निकली भर्ती,आवेदन का अंतिम मौक़ा 22 मई
-
जॉब4 days ago
हेड कॉन्स्टेबल की बंफर भर्ती,जानें आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता
-
जॉब5 days ago
PWD में निकली बड़ी भर्ती,जानें शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की तिथि…
-
जॉब4 days ago
PWD में निकली बड़ी भर्ती,जानें शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की तिथि…
-
जॉब5 days ago
SBI में इन पदों पर निकली बंपर भर्ती, मिलेगी इतनी सैलरी.. जाने क्या है आवेदन की अंतिम तिथि और शैक्षणिक योग्यता…
-
जॉब4 days ago
डाटा एंट्री ऑपरेटर पदों पर निकली भर्ती,आवेदन का अंतिम मौक़ा 22 मई
-
जॉब5 days ago
हेड कॉन्स्टेबल की बंफर भर्ती,जानें आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता
-
जॉब5 days ago
CRPF में डिप्टी कमांडेंट की निकली बंपर भर्ती, मिलेगी इतनी सैलरी.. जाने क्या है आवेदन की अंतिम तिथि और शैक्षणिक योग्यता…
-
जॉब4 days ago
यूपीएससी ने असिस्टेंट डायरेक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत विभिन्न पदों पर निकाली भर्तीया, जाने सैलरी, शैक्षणिक योग्यता, व अन्य महत्वपूर्ण जानकारिया..
-
जॉब4 days ago
यूपीएससी ने असिस्टेंट डायरेक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत विभिन्न पदों पर निकाली भर्ती, जल्द ही करे आवेदन..
You must be logged in to post a comment Login