देश - दुनिया
बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद ने की आत्महत्या की कोशिश
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद फेमस हुए बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद ने आत्महत्या की कोशिश की है. बताया जा रहा है कि कांता प्रसाद ने शराब के नशे में गुरुवार रात करीब साढ़े 10 बजे नींद की गोली खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी.
पुलिस को मिली हॉस्पिटल से जानकारी
दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्हें कांता प्रसाद के आत्महत्या की कोशिश की जानकारी अस्पताल से मिली. फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं और इलाज चल रहा है. कांता प्रसाद की पत्नी बादामी देवी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे.
हाल ही में बंद हो गया था नया रेस्टोरेंट
पिछले साल वीडियो वायरल होने के बाद कांता प्रसाद की मदद से लिए बड़ी संख्या में लोग सामने आए थे और उन्हें लाखों रुपये की आर्थिक मदद की थी. आर्थिक मदद मिलने के बाद कांता प्रसाद ने पिछले साल दिसंबर में एक नया रेस्टोरेंट खोला था, जो इस साल फरवरी में बंद हो गया.
रेस्टोरेंट में हर महीने हो रहा था हजारों का नुकसान
बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद का नया रेस्टोरेंट भारी नुकसान के बाद बंद हो गया था. रेस्टोरेंट का मासिक खर्च लगभग 1 लाख रुपये था, जबकि औसत मासिक बिक्री कभी 40 हजार रुपये से अधिक नहीं हुई. कांता प्रसाद के खर्चे में 35000 रुपये रेस्टोरेंट का किराया, 36000 रुपये तीन कर्मचारियों की सैलरी और 15 हजार रुपये राशन, बिजली और पानी के लिए शामिल है. रेस्टोरेंट पर धीरे-धीरे ग्राहकों का आना कम होता गया और रेस्टोरेंट का खर्चा बढ़ने लगा. इसके बाद बाबा को अपना रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा.
रातों-रात चर्च में आ गए थे कांता प्रसाद
बता दें कि पिछले साल यूट्यूबर गौरव वासन ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद और बादामी देवी का एक वीडियो शेयर किया था. इसके बाद उनकी किस्मत बदल गई थी और ढाबे पर खाने वालों की लाइन लग गई थी. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग उनकी मदद के लिए सामने आए थे. हालांकि इसके बाद उन्होंने यूट्यूबर पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया था.
गौरव वासन से माफी मांग कर रोने लगे थे कांता प्रसाद
हाल ही में यूट्यूबर गौरव वासन ने कांता प्रसाद से मिलने पहुंचे थे और कहा था कि गलती करने वाले से बड़ा हमेशा गलती को माफ करने वाला होता है, मेरे माता-पिता ने मुझे यही सीख दी है. इससे पहले कांता प्रसाद एक वीडियो में गौरव से हाथ जोड़कर माफी मांगते नजर आए थे.
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महंगाई और बेरोजगारी के ख़िलाप कांग्रेस करेगा 28 अगस्त को रैली का आयोजन…
कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मकसद से आगामी 28 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली का आयोजन करेगी. इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित की जाएगी.कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मकसद से आगामी 28 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली का आयोजन करेगी. कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के अनुसार इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीते 5 अगस्त को मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया, जिसके साथ लोगों ने खुद को जोड़ा. प्रधानमंत्री ने हताशा में आकर इसे ‘काला जादू’ बताने का प्रयास किया जो इस बात को दर्शाता है कि भाजपा सरकार आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है.
जयराम रमेश के अनुसार, कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को आने वाले हफ्तों में और तेज करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर ‘महंगाई चौपाल’ आयोजित करेगी. इसका समापन 28 अगस्त को रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली के साथ होगा. इस रैली को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे.कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रामलीला मैदान की रैली को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि इस रैली से इतर प्रदेश कांग्रेस कमेटियां राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर ‘महंगाई पर हल्ला बोल- चलो दिल्ली’ कार्यक्रम का आयोजन करेगी. उन्होंने दावा किया है कि ‘भारत के लोग मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहे हैं. दही, छाछ, पैक की गई खाद्य वस्तुएं जैसे आवश्यक सामानों पर अत्यधिक करों के कारण महंगाई बढ़ रही है.’उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन जनविरोधी नीतियों पर लोगों में जागरूकता फैलाती रहेगी और भाजपा सरकार पर उसकी गलत नीतियों को बदलने के लिए दबाव बढ़ाएगी।
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चीन में मिला कोरोना के 828 नए मामलें,वहीं तिब्बत 22 मरीज मिले से हड़कंप
चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है.कोरोना पर नो टॉलरेंस नीति को लेकर चल रहे चीन ने तिब्बत में संक्रमण का मामला आने के बाद प्रसिद्ध पोटाला पैलेस को बंद कर दिया है. चीन की नो टॉलरेंस नीति के तहत लॉकडाउन, नियमित परीक्षण, और कड़े यात्रा प्रतिबंधों को अनिवार्य किया जाता है. पैलेस के अनुसार, परिसर जो तिब्बत के बौद्ध नेताओं का पारंपरिक घर है उसे मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा।
कोरोना के मामले ख़त्म होने के बाद ही अब पैलेस के फिर से खुलने की संभावना है.इन प्रतिबंधों से तिब्बत के पर्यटन को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. तिब्बत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पोटाला पैलेस के कारण मिलने वाले पर्यटन पर निर्भर करती है. ऐसे में कड़े प्रतिबंध लोगों के लिए काफी कष्टकारी होने वाले हैं.चीन का कहना है कि उसकी कठोर नीति बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने में सफल रही है. ऐसे में चीन फिलहाल इस नीति को वापस लेने के मूड में तो नहीं दिख रहा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नीति की आलोचना करते हुए इसे लोगों की मूलभूत जरूरतों के विरुद्ध बताया है।
WHO के अनुसार वायरस के रोज बदलते स्वरूप के आगे ऐसी नीतियां बौनी साबित होती हैं.चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है. ऐसा करके चीन अपनी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान भले ही पहुंचा रहा हो लेकिन इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहायता मिलती है.कोरोना पर नो टॉलरेंस नीति को लेकर चल रहे चीन ने तिब्बत में संक्रमण का मामला आने के बाद प्रसिद्ध पोटाला पैलेस को बंद कर दिया है. चीन की नो टॉलरेंस नीति के तहत लॉकडाउन, नियमित परीक्षण,और कड़े यात्रा प्रतिबंधों को अनिवार्य किया जाता है. पैलेस के अनुसार, परिसर जो तिब्बत के बौद्ध नेताओं का पारंपरिक घर है उसे मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा. कोरोना के मामले ख़त्म होने के बाद ही अब पैलेस के फिर से खुलने की संभावना है.इन प्रतिबंधों से तिब्बत के पर्यटन को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. तिब्बत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पोटाला पैलेस के कारण मिलने वाले पर्यटन पर निर्भर करती है. ऐसे में कड़े प्रतिबंध लोगों के लिए काफी कष्टकारी होने वाले हैं।
नो टॉलरेंस नीति को बताया जरूरी
चीन का कहना है कि उसकी कठोर नीति बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने में सफल रही है. ऐसे में चीन फिलहाल इस नीति को वापस लेने के मूड में तो नहीं दिख रहा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नीति की आलोचना करते हुए इसे लोगों की मूलभूत जरूरतों के विरुद्ध बताया है. WHO के अनुसार वायरस के रोज बदलते स्वरूप के आगे ऐसी नीतियां बौनी साबित होती हैं।
तिब्बत में 22 नए मामले
चीन ने मंगलवार को कोरोना के 828 नए मामलों की घोषणा की, जिनमें से 22 तिब्बत में हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखा. चीन असिम्पटोमैटिक मरीजों के कारण ही जीरो टॉलरेंस नीति को आगे लेकर बढ़ रहा है. ऐसा करके चीन अपनी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान भले ही पहुंचा रहा हो लेकिन इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में सहायता मिलती है।
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राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा केस आया सामने,लगातार बढ़ रहा है ख़तरा
देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का दूसरा मरीज मिला है. दिल्ली में रहने वाला 35 साल का नाइजीरियाई शख्स मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया है.दिल्ली में सोमवार को मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है. दिल्ली में रहने वाला 35 साल का नाइजीरियाई शख्स मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मरीज का हाल में यात्रा का कोई इतिहास भी नहीं रहा है. इसके साथ ही देश में Monkeypox संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर छह पहुंच गया है.रविवार और सोमवार को भी अफ्रीकी मूल के संदिग्ध अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी अभी है. संदिग्धों को बुखार और त्वचा संबंधी दिक्कत है. यह मरीज पिछले एक साल से दिल्ली में रह रहे हैं. नाइजीरियाई नागरिक को इलाज के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित नोडल अस्पताल एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. संक्रमित व्यक्ति को पिछले पांच दिनों से छाले और बुखार है. यह दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया दूसरा व्यक्ति है.अभी तक कुल चार संक्रमित केसभारत में केरल से 13 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद अभी तक कुल 6 संक्रमित सामने आ चुके हैं. दुनिया भर में मंकीपॉक्स का कहर बढ़ता जा रहा है. अफ्रीका से निकलकर मंकीपॉक्स का संक्रमण बीते कुछ दिनों में ही 75 से अधिक देशों में पहुंच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते दिनों 20 हजार से अधिक लोगों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि की थी।
केरल में 22 साल के व्यक्ति की मौत
केरल में त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में 22 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर मंकीपॉक्स के कारण मौत हो गई थी. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा कि 22 वर्षीय युवक की मौत के कारणों की जांच करेंगे, जो हाल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटा था और एक दिन पहले कथित रूप से मंकीपॉक्स के कारण उसकी मौत हो गई थी।
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