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पुरातात्विक और पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं केे विकास से बढ़ेंगे रोजगार के नए अवसर, सरकार इसके लिए प्रयासरत: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

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रायपुर, 12 मार्च 2021

महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित पाली महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भिलाई से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। कोरबा जिले के पाली स्थित कार्यक्रम स्थल में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और स्कूल शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में पुरातात्विक महत्व की जगहों और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का जितना विकास होगा, उतने ही रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। देश और दुनिया के लोग हमारी संस्कृति के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की क्षमताओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे राज्य को एक नयी पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पाली-महोत्सव न सिर्फ कोरबा जिले की, बल्कि छत्तीसगढ़ की भी पहचान बन चुका है। इस महोत्सव की प्रसिद्धि और बढ़े, इसे और भी वृहद स्तर पर आयोजित किया जाए, इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। पाली-महोत्सव के माध्यम से कोरबा जिले के पुरातत्व, वहां की प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर-संस्कृति के बारे में देश-दुनिया के लोगों को जानकारी मिलती है। श्री बघेल ने    पालीवासियों को महाशिवरात्रि के अवसर पर सौगात देते हुए पाली के बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की घोषणा की। बस स्टैंड के हाईटेक बन जाने से यात्री सुविधाओं का विस्तार होगा और दूसरे लोगों के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटकों का आना-जाना भी बढ़ेगा। पाली के कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों ने महामाया महिला स्व सहायता समूह को काजू से तेल निकलने की यूनिट और चार महिला स्व-सहायता समूहों शिवराजी महिला समूह, लक्ष्मी स्व सहायता समूह, तुलसी स्व सहायता समूह और सरस्वती महिला समूह की सदस्यों को भी प्रतीकात्मक रूप से मक्का प्रोसेसिंग यूनिट प्रदान की। इस दौरान सबसे अधिक जैविक खाद खरीदने वाले तीन गोधन मित्रों श्री अरुण राठौर, श्री अरविंद प्रताप सिंह और श्री कार्तिक राम को भी सम्मानित किया गया।

कोरबा सहित प्रदेश के कई पर्यटन स्थलों पर विकसित हो रही सुविधाएं
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाली महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोरबा जिले में चैतुरगढ़, बुका-जलाशल, सतरेंगा, बांगो-बांध और पाली सहित बहुत सी ऐसी जगहें हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं। इन सभी जगहों पर सरकार द्वारा कई पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरबा जिले के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में नये पर्यटन स्थलों को चिन्हित करके उनका विकास किया जा रहा है। राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ ऐसी ही एक परियोजना है, जिसमें कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक पहले चरण में 9 स्थानों को चिन्हित कर उनके सौंदर्यीकरण और विकास का कार्य शुरु किया जा चुका है। ये सभी वे स्थान हैं, जहां वनवास के दौरान भगवान राम ठहरे थे। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से अब डोंगरगढ़ भी भारत के पर्यटन-नक्शे में शामिल हो गया है। वहां भी सौंदर्यीकरण और नयी पर्यटन सुविधाएं विकसित करने का काम शुरु कर दिया गया है। सिरपुर और मैनपाट को देश के बौद्ध सर्किट में स्थान दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

पीढ़ियों को पीढ़ियों से जोडने का काम माध्यम है महोत्सव
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाली सहित प्रदेश में आयोजित होने वाले महोत्सवों से युवा पीढ़ी को अपने पुरखों की गौरवशाली गतिविधियों, धरोहरों और उनकी परंपराओं की जानकारी मिलती है। पीढ़ियों को पीढ़ियों से जोडने का काम महोत्सवों के माध्यम से होता है। श्री बघेल ने कहा कि इस बार पाली-महोत्सव कोरबा के पुरातात्विक-वैभव पर केंद्रित किया गया था। अपने पुरातत्व को सहेजना और उससे अपनी पीढ़ी को परिचित करना बहुत जरूरी है। तभी वर्तमान पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान पाएगी।
संस्कृति विभाग से अलग बनाया पुरातत्व संचालनालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक धरोहरों के बारे में ज्यादा से ज्यादा अध्ययन हो, खोज हो और हम अपनी धरोहरों को अच्छी तरह सहेज सकें, इसके लिए छत्तीसगढ़ में अब पुरातत्व विभाग के लिए अलग से संचालनालय का गठन किया जा रहा है। अब तक संस्कृति विभाग और पुरातत्व विभाग का एक ही संचालनालय रहा। श्री बघेल ने बताया कि दोनों विभागों के अलग-अलग संचालनालय होने से संस्कृति और पुरातत्व दोनों ही क्षेत्र में ज्यादा व्यवस्थित ढंग से काम हो सकेगा।
भारत भवन की तर्ज पर बनेगा नया रायपुर में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र, एक करोड़ रूपए बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री बघेेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की विभिन्न कलाओं और विधाओं के संरक्षण के लिए, उन्हें और बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन किया है। नवा रायपुर में भोपाल के भारत-भवन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र का भी निर्माण किया जाएगा। उन्होने कहा कि अपने तीज-त्योहारों, प्राचीन कलाओं, परंपराओं और अपने विकास के क्रम को प्रदर्शित करने के लिए मानव संग्रहालय के निर्माण के लिए इस साल के बजट में एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

संस्कृति और स्वाभिमान का संरक्षण के साथ विकास ही प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाली महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी  संस्कृति रीति-रिवाज और स्वाभिमान का संरक्षण करते हुए प्रदेश का विकास ही सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार खेत से लेकर जंगलों तक और उद्योगों से लेकर शहरी विकास तक, हर क्षेत्र में उतनी ही गंभीरता के साथ काम कर रही है। सिर्फ दो साल में छत्तीसगढ़ ने ऐसी बहुत सारी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिनकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।
नरवा-गरवा-घुरवा-बारी, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, हाट-बाजार क्लीनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना समेत बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं, जो लोगों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की भी अपील की।
पुरखों के चिन्हारी और धरोहरों को गढ़ने से ही बनेगा नवा छत्तीसगढ़: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरखों की चिन्हारी और पुरातात्विक धरोहरों को सहेजने और उन्हें गढ़ने से ही नवा छत्तीसगढ़ बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान और संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की मंच से भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पाली-महोत्सव के माध्यम से हमारे लोक-कलाकारों को मंच मिलता है। हमारी लोक-कलाओं को संरक्षण मिलता है। इन लोक-कलाओं को भी सहेजते हुए अपनी अगली पीढ़ी तक पहुंचाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने पुरातत्व को बचाना। विधानसभा अध्यक्ष ने पाली महोत्सव के भव्य और सफल आयोजन के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सहित जिला प्रशासन की टीम की तारीफ की और सभी को शुभकामनाएं भी दी।

सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार – प्रभारी मंत्री डॉ. टेकाम

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने छत्तीसगढ़िया तीज-त्यौहारों परंपरा और धरोहरों को सहेजने और उनका संवर्धन करने के कामों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया। डॉ. टेकाम ने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मोे, वर्गो, समुदायों के रीति-रिवाजों और परंपराओं को बचाने और बढ़ाने का काम कर रही है। गिरौदपुरी हो या भंडारपुरी या दामाखेडा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैैं। ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आजीविका के साधन बढाने के लिए भी कई काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी जनहित के कामों की झलक पाली महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनियों में दिख रही है। डॉ. टेकाम ने बताया कि राज्य सरकार ने चर्म शिल्प विकास बोर्ड, तेलघानी विकास बोर्ड, लोह शिल्प विकास बोर्ड और रजककार विकास बोर्ड बनाकर सभी वर्गो के सर्वांगीण विकास की अपनी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। प्रभारी मंत्री ने महोत्सव में उपस्थित जनसमुदाय सहित सभी को महाशिवरात्रि और पाली महोत्सव की बधाई तथा शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को पाली-तानाखार के विधायक श्री मोहितराम केरकेट्टा ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, नगर पालिक निगम के सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी, सांसद प्रतिनिधि श्री प्रशांत मिश्रा सहित कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीना, जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदर कुमार एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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PM Kisan Yojana के तहत किसानो के फसे पैसे आ सकते है वापस इन तरीको से…

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PM Kisan Yojana: देश में जितनी भी लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं, उनमें से कुछ को राज्य तो कुछ को केंद्र सरकार चलाती है। राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी देश के जरूरतमंद लोगों के लिए कई तरह की  योजनाएं चलाती है। इसी में से एक योजना है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जिसे केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है। इस योजना के तहत किसानों की आर्थिक मदद की जाती है। योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाते हैं, जिन्हें 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में पात्र किसानों के बैंक खाते में भेजा जाता है। बीते दिनों किसानों के खाते में 11वीं किस्त भेजी गई, लेकिन अब भी कई किसान ऐसे हैं जिनके खाते में ये किस्त नहीं पहुंची। अगर आप भी इस लिस्ट में हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे आपको ये लाभ अभी भी मिल सकता है। आप अगली स्लाइड्स में इसके बारे में जान सकते हैं…

भेजे गए थे इतने पैसे
दरअसल, 31 मई को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा देश के लगभग 10 करोड़ किसानों के बैंक खातों में लगभग 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा भेजे गए थे।

कैसे ले सकते हैं मदद?
अगर आप पात्र किसान हैं और अब तक आपको किस्त के पैसे नहीं मिले हैं, तो ऐसे में अभी किस्त पाने का मौका है। आपको सरकार की तरफ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर्स पर अपनी समस्या बतानी है, और वहां से आपकी उचित मदद की जाती है।

रजिस्टर्ड किसान यहां कर सकते हैं संपर्क
कुछ लाभार्थी किसान ऐसे भी हैं, जिनका नाम पिछली सूची में था। लेकिन नई सूची में नहीं है यानी इनको पिछली बार पैसा मिला, लेकिन इस बार नहीं मिला। ऐसी स्थिति में आप पीएम किसान योजना के हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 पर कॉल करके मदद ले सकते हैं। यहां से आपको पता चल सकता है कि आपकी किश्त किस वजह से अटकी है।

ये हैं हेल्पलाइन नंबर्स:-
हेल्पलाइन नंबर 155261 पर कॉल कर सकते हैं
टोल फ्री नंबर 011-24300606 पर संपर्क कर सकते हैं
टोल फ्री नंबर 18001155266
ईमेल आईडी [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।

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Health Tips: बदलते मौसम के साथ रखे, अपनी सेहत का इस प्रकार ध्यान….

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जून के अंत तक प्राय: देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ जाता है। हालांकि मानसून के शुरुआती दिनों में कभी धूप-कभी बारिश की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है। वातावरण में आद्रता की शुरुआत के साथ ही कई प्रकार के रोगजनक भी पनपने शुरू हो जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस मौसम में सभी लोगों से निरंतर खान-पान और स्वच्छता को लेकर विशेष ध्यान देते रहने की सलाह देते हैं।

यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है, जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस बदलते मौसम के समय में सभी लोगों को अपनी सेहत के प्रति विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है। आइए जानते हैं कि इस मौसम में किन बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

सर्दी और फ्लू की समस्या

बरसात के मौसम में होने वाला तापमान में भारी उतार-चढ़ाव शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है, यह आपमें मौसमी सर्दी और फ्लू की समस्या का कारण बन सकता है। मौसम में बदलाव के कारण होने वाली इस समस्या का जोखिम कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। इससे बचाव के लिए  पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हल्का गर्मी पानी पीने से इस तरह के संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है।

मच्छर जनित रोगों का खतरा

मानसून के इस समय में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है। बारिश के कारण भरे हुए पानी को मच्छरों के प्रजनन की प्रक्रिया के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है, पानी जमा होने से रोकें। इस मौसम में संक्रमित मच्छरों को काटने के कारण मलेरिया या डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। ये दोनों ही बीमारियां गंभीर स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती हैं, इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए।

हेपेटाइटिस ए का खतरा

हेपेटाइटिस ए, मुख्यरूप से दूषित भोजन या पानी के कारण होने वाली समस्या है जो मुख्यरूप से लिवर को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस-ए के कारण बुखार, उल्टी और शरीर पर दाने आदि हो सकते हैं। स्वच्छता की कमी के कारण इन समस्याओं का जोखिम अधिक हो सकता है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए भोजन और जल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक हो जाता है।

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CG NEWS: छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर जवानो और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 3 जवान शहीद…

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छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा पर मंगलवार को सुरक्षाबलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में CRPF के 3 जवान शहीद हो गए। दरअसल CRPF की रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) ड्यूटी पर निकली थी। उसी दौरान हमला हो गया। जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जानकारी मिली है कि नक्सलियों को पहले से इस बात की सूचना थी कि जवान यहां पर आने वाले हैं। इसलिए उन्होंने एंबुश (घात) लगाकर जवानों को फंसाया, फिर फायरिंग शुरू कर दी।

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद इलाके से लगे ओडिशा के नुवापाड़ा जिले में CRPF 19 बटालियन के जवान रोड ओपनिंग ड्यूटी पर निकले थे। वो अभी भैंसादानी थाना क्षेत्र के बड़ापारा के जंगल के पास पहुंचे थे, तभी जंगल से नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसी फायरिंग में ASI-शिशुपाल सिंह, ASI-शिवलाल और कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र कुमार सिंह शहीद हो गए हैं। शिशुपाल सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले थे। शिवलाल महेंद्रगढ़ और धर्मेंद्र सिंह रोहतास के रहने वाले थे।

मौके पर करीब 100 नक्सली

फायरिंग की आवाज आने पर जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। कहा जा रहा है कि मौके पर 100 से ज्यादा नक्सली मौजूद थे। फिलहाल सर्च अभियान तेज कर दिया गया है। साथी जवानों ने शहीद हुए जवानों के शव किसी तरह वहां से निकाले। जवानों के शव कैंप तक भेजे जा रहे हैं। नक्सलियों को कितना नुकसान हुआ है। अभी यह पता नहीं चल सका है।

मुठभेड़ वाली जगह से हथियार भी मिले

मौके से कुछ हथियार भी बरामद किए गए गए हैं। घटनास्थल के पास में ही CRPF का एक कैंप भी कुछ दिन पहले खुला है। यह इलाका नक्सलियों के कोर इलाके में गिना जाता है।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से लगे जंगल में नक्सलियों का हमला

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