Lifestyle
ऐसे लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज, किडनी की बीमारी के हो सकते हैं संकेत
किडनी, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने का काम किडनी का ही होता है। यह सभी अशुद्धियां किडनी से होते हुए मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं। इसके अलावा किडनी, शरीर में पीएच, सोडियम और पोटेशियम के स्तर को भी नियंत्रित करती है। किडनी द्वारा ऐसे हार्मोन का भी उत्पन्न होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायक होते हैं। अब सोचिए अगर किडनी में किसी प्रकार की की समस्या आ जाए तो शरीर पर इसका कितनी गंभीर असर हो सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौजूदा समय में दुनिया की बड़ी आबादी किडनी के रोगों की शिकार है। गंभीर बात यह है कि इनमें से ज्यादातर लोगों को इस तरह की किसी भी समस्या के बारे में पता भी नहीं होता है। डॉक्टर कहते हैं, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगियों के साथ जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले से किडनी की समस्या रह चुकी हो, उन लोगों में किडनी से संबंधित समस्याओं खतरा अधिक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि समय रहते किडनी की बीमारियों का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान होता है, इसके लिए आपको बीमारी के लक्षणों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं, जो किडनी की बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
पेशाब में समस्या को न लें हल्के में
डॉक्टर कहते हैं, पेशाब में होने वाली किसी भी तरह की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, यह किडनी की बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। सामान्यतौर पर किडनी से मूत्र का उत्पादन होता है, इसलिए यदि किडनी ठीक से काम नहीं करती है तो मूत्र के रंग में बदलाव या पेशाब से संबंधित अन्य समस्याएं हो सकती हैं। बार-बार पेशाब महसूस होना, पेशाब से असामान्य तरीके की बदबू आना, पेशाब से झाग बनना, खून आना आदि को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, यह किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकते हैं।
पैरों या टखनों में सूजन
डॉक्टर बताते हैं, जब किडनी सामान्य रूप से तरल पदार्थ को निकालने में असमर्थ हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में पैरों, टखनों और यहां तक कि हाथों में भी सूजन की समस्या हो सकती है। यदि पैरों में असामान्य तरीके की सूजन कुछ दिनों तक बनी रहती है तो इस बारे में डॉक्टर से संपर्क कर लें, यह भी किडनी रोगों का संकेत हो सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप लंबे समय से त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो यह किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। जब किडनी, रक्त में खनिजों और पोषक तत्वों का उचित संतुलन नहीं बना पाती है तो ऐसी स्थिति में आपको त्वचा के सूखेपन या त्वचा में खुजली की समस्या हो सकती है। त्वचा में होने वाले किसी भी असामान्य परिवर्तन की समस्या यदि लंबे समय तक बनी रहती है तो इस बारे में चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।
किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय
डॉक्टर कहते हैं, जीवनशैली में बदलाव करने के साथ अच्छा खान-पान रखकर आप किडनी को स्वस्थ बनाए रह सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दर्द की दवा लेते हैं, तो इससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा किडनी को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान न करें और दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। जंक और बहुत अधिक मसाले वाले भोजन से भी किडनी को क्षति पहुंच सकती है। वहीं जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उन्हें शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शुगर बढ़ने से किडनी खराब होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
Lifestyle
बढ़ते वजन और मोटापा से हैं परेशान,अपनाएं ये सरल उपाय…
अक्सर लोग लगातार बढ़ते वजन और मोटापा को लेकर चिंतित रहते हैं।जिसका मुख्य वजह है खान-पान। ज्यादातर लोगों का वजन वेट लॉस के कुछ दिन बाद फिर से बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कुछ लोग वजन कम करने के बाद सोचते हैं कि यह हमेशा के लिए है और वे लापरवाही बरतने लगते हैं। जिससे उनका वजन फिर से बढ़ने लगता है।
- लोगों के साथ एक दिक्कत यह है कि वह जैसी ही अपने वजन घटाने के लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं वे वापस से अपनी पुरानी आदतों को अपना लेते हैं। इसलिए यह सबसे जरुरी बात है कि आप अपनी पुरानी आदतों पर वापस ना जाएं।
- जब आप अपना वजन कम करते हैं तो लंबे समय तक डाइटिंग करने के कारण आपकी भूख बढ़ सकती है। इसलिए अपनी डाइट पर कंट्रोल रखें। आपने वजन कम कर लिया है इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी और जितना मर्जी खा सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका वजन फिर से बढ़ने लगेगा।
- वजन मेंटेन रखने के लिए शारीरिक गतिविधियां करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं है आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक ही व्यायाम को सीमित रखें।गतिहीन जीवनशैली वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार एक बड़ा कारण है। इसलिए एक्सरसाइज करना ना छोड़े।
Lifestyle
क्या आप भी बीयर पीने के शौकीन है तो जान लीजिये, इसके हैरान कर देने वाले side Effects…
सिंगापुर सरकार ने गंदे पानी को रिसाइकल करने का एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। यहां की नेशनल वॉटर एजेंसी एक लोकल बीयर कंपनी के साथ मिलकर नाली के पानी और यूरिन से बीयर बना रही है। इसका नाम ‘न्यूब्रू’ रखा गया है। फिलहाल इसे दुनिया की सबसे इको फ्रेंडली बीयर के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
न्यूब्रू को निवॉटर से बनाया गया है। यह एक तरह का पानी है, जिसे नाली के पानी को रिसाइकल और फिल्टर कर सिंगापुर वॉटर सप्लाई में पंप किया जाता है। सिंगापुर सरकार पिछले 20 सालों से यह काम कर रही है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, गंदे पानी को इस प्रकार से फिल्टर किया जाता है कि वह पीने लायक साफ पानी बन जाए। बीयर कंपनी की मानें तो न्यूब्रू में 95% निवॉटर ही मिला हुआ है।
द स्ट्रेट टाइम्स के अनुसार, न्यूब्रू 8 अप्रैल को लॉन्च की गई है। इसे सिंगापुर वॉटर एजेंसी PUB और लोकल क्राफ्ट बीयर कंपनी Brewerkz ने मिलकर बनाया है। इस प्रोजेक्ट को सिंगापुर इंटरनेशनल वॉटर वीक (SIWW) का सहयोग भी मिला है। न्यूब्रू देश की सभी शराब की दुकानों और बार में उपलब्ध है।
यूरिन और नाली का पानी ही क्यों?
सिंगापुर वॉटर एजेंसी का कहना है कि अगले कुछ सालों में पूरी दुनिया वॉटर क्राइसिस से जूझ सकती है। ऐसे में हमें पानी को बचाने और रिसाइकल करने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। बीयर को बनाने में बहुत सारे पानी की जरूरत होती है, क्योंकि यह 90% H2O ही होता है। इसलिए न्यूब्रू इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की एक पहल है।
कंपनी का कहना है कि रिसाइकल किया गया गंदा पानी बीयर के स्वाद में कोई बदलाव नहीं करता है। बीयर के विज्ञापन के मुताबिक, इस बीयर का आफ्टर टेस्ट हल्का भुना हुआ और शहद की तरह है। यह शराब गर्मियों में सिंगापुर के लोगों की प्यास बुझाएगी।
सिंगापुर में पानी की कमी बहुत बड़ी समस्या
दरअसल, चारों ओर समुद्री पानी से घिरे सिंगापुर में लोग पीने के पानी की कमी से जूझते हैं। ऐसे में सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए कई सालों से नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर को मजबूरन मलेशिया से पीने का पानी खरीदना पड़ता है। देश में बारिश के पानी को भी इकट्ठा किया जाता है। इस सबके बावजूद यहां केवल 50% पानी की जरूरत ही पूरी होती है।
2060 तक सिंगापुर की आबादी बढ़ जाएगी, जिससे यहां पानी की मांग दोगुनी हो जाएगी। ऐसे में लोगों के पास निवॉटर और समुद्री पानी को साफ पानी में बदलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।
Lifestyle
क्या आप भी माइग्रेन-सिरदर्द से परेशान है तो, अपनाये ये आसान से टिप्स…
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसके मामले पिछले कुछ समय से काफी बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। माइग्रेन की स्थिति में सिर और आंखों में तेज दर्द होता है, कुछ स्थितियों में इसके कारण सामान्य रूप से कामकाज करने तक में भी दिक्कत हो सकती है। आमतौर पर यह सिर के केवल आधे हिस्से में ही होता है।
माइग्रेन अटैक की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति प्रकाश या शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो सकता है। इसके अलावा व्यक्ति को उल्टी, मतली और घबराहट की समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उन्हें इसको ट्रिगर करने वाली स्थितियों की पहचान कर उससे बचाव करते रहना चाहिए।
माइग्रेन और इसके कारण होने वाली सिरदर्द की समस्या के लिए आपको लंबे समय तक उपचार और बचाव की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा दिनचर्या में कुछ प्रकार के योगासनों को शामिल करके भी इससे लाभ पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि जिन लोगों को माइग्रेन की दिक्कत होती है, उनके लिए कौन से योगासन फायदेमंद हो सकते हैं?
सेतुबंधासन योग का अभ्यास
सेतुबंधासन योग या ब्रिज पोज के नियमित अभ्यास को कमर-पीठ की समस्याओं के साथ माइग्रेन की दिक्कतों को दूर करने वाला भी माना जाता है। यह योग मस्तिष्क को शांत करने के साथ चिंता-तनाव को कम करने और माइग्रेन को बढ़ावा देने वाली स्थितियों को नियंत्रित करने में विशेष लाभकारी हो सकता है। माइग्रेन की समस्या को कम करने के साथ पेट, फेफड़े और थायरॉयड अंगों को उत्तेजित करने और रीढ़ की समस्याओं को कम करने में भी इस योग के लाभ देखे गए हैं।
चाइल्ड पोज
चाइल्ड पोज या बालासन को तंत्रिका तंत्र को शांत करने वाला अभ्यास माना जाता है। माइग्रेन के दर्द को प्रभावी ढंग से कम करने में इसे काफी लाभदायक माना जाता है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि चाइल्ड पोज मुद्रा आपके मन को शांत करके चिंता और थकान को कम करने में मदद करती है, जिससे माइग्रेन और इसके कारण होने वाले सिरदर्द में काफी लाभ मिल सकता है।
पश्चिमोत्तानासन योग के फायदे
माइग्रेन की समस्या को कम करने में पश्चिमोत्तानासन योग या सिटेड फॉरवर्ड बेंड योग काफी लाभकारी हो सकता है। मस्तिष्क को शांत करने और तनाव से राहत दिलाने में इस योग का नियमित अभ्यास आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। सिरदर्द की समस्या से छुटकारा दिलाने और माइग्रेन को ट्रिगर करने वाली समस्याओं को कम करने में पश्चिमोत्तानासन योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
-
ज्योतिष7 days ago
Vastu Tips: घर की दीवारों पर इस दिशा में भूलकर भी न लगाये घडी, नही तो हो सकती है परेशानी.. जाने इसे सही दिशा में लगाने के उपाये…
-
ज्योतिष6 days ago
Vastu Tips: घर की दीवारों पर इस दिशा में भूलकर भी न लगाये घडी, नही तो हो सकती है परेशानी.. जाने इसे सही दिशा में लगाने के उपाये…
-
जॉब6 days ago
असिस्टेंट प्रोफेसर समेत विभिन्न पदों पर निकली भर्ती, जल्द ही करे आवेदन..
-
जॉब6 days ago
PWD में निकली बड़ी भर्ती,जानें शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की तिथि…
-
जॉब6 days ago
हेड कॉन्स्टेबल की बंफर भर्ती,जानें आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता
-
ज्योतिष6 days ago
VASTU TIPS: वास्तु के अनुसार भूलकर भी न करे झाड़ू से जुडी ये गलतियां, नही तो आ सकती है बड़ी मुसीबते जाने इसे सुधारने के उपाये…
-
ज्योतिष5 days ago
Vastu Tips: घर की दीवारों पर इस दिशा में लगाये घड़ी वरना,हो सकती है ये बड़ी परेशानी…ये रही बहेतरीन उपाये
-
जॉब5 days ago
हेड कॉन्स्टेबल की बंफर भर्ती,जानें आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता
-
जॉब6 days ago
युवाओं के लिए खुशखबरी : ICAR IARI में निकली भर्ती,जानें आवेदन की तिथि और शैक्षणिक योग्यता…
-
5 days ago
PWD में निकली बड़ी भर्ती,जानें शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की तिथि…
You must be logged in to post a comment Login