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Travel Tips For Heart Patient: ट्रैवल करते समय रखे इन बातो का ध्यान, वरना हो सकती है गंभीर समस्या

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Travel Tips For Heart Patient: अगर आप हार्ट पेशेंट हैं और ट्रैवेल करने जा रहे हैं तो आपको सफर के दौरान कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए…

Travel Health Tips: आजकल की लाइफस्टाइल (Lifestyle) और खानपान की वजह से ज्यादातर लोगों में दिल की बीमारी (Heart Disease) बढ़ रही है. कम उम्र में भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं. हार्ट पेशेंट (Heart Patient) को डॉक्टर की तरह की सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं. हार्ट की बीमारी से बचने सिर्फ खानपान या बदलती लाइफस्टाइल पर ही नहीं बल्कि दिनभर की एक्टिविटीज पर ध्यान देने की खास जरुरत है. अगर आप हार्ट पेशेंट हैं और ट्रैवेल करने जा रहे हैं तो आपको सफर के दौरान कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए…

दिल के मरीजों के लिए ट्रैवल टिप्स
अगर आप हार्ट की समस्या से जूझ रहे हैं तो ट्रैवल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
कोरोनरी आर्टरी डिजीज, दिल की धड़कन में अनियमितता और हार्ट अटैक या हार्ट ट्रांसप्लांट जैसी स्थिति में ट्रैवल के दौरान सावधानी की आवश्यकता होती है.
अगर आप दिल के मरीज  हैं और सफर पर जा रहे हैं तो अपनी दवाएं अपने साथ रखें,  ताकि जरुरत पड़ने पर ये काम आ सकें.
हार्ट के पेशेंट को ट्रैवल के दौरान डिहाइड्रेशन (Dehydration) का खतरा बना रहता है, जिससे क्लाटिंग का खतरा भी बना रहता है. इसलिए हाइड्रेशन को ठीक रखने के लिए थोड़े-थोडे़ वक्त पर पानी पीते रहना चाहिए.
अगर किसी मरीज की हार्ट पंपिंग वीक है या फिर उनका लंग प्रेशर बहुत ज्यादा है तो ऐसे मरीजों को ट्रैवल पर जाने से पहले अपनी दवाओं को जरूर खाना चाहिए और साथ भी ले जाना चाहिए.

दिल की बीमारी की समस्या से जूझ रहे मरीज अगर लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें बीच-बीच में रुककर थोड़ा चलना चाहिए. उन्हें एक जगह काफी देर तक बैठना नहीं चाहिए. ऐसे में पैरों में क्लॉट बनने की संभावना नहीं रहेगी और आपकी सेहत भी ठीक करेगी. क्योंकि ब्लड क्लॉट बनने पर यह हार्ट तक पहुंच सकता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है.

ऐसे हार्ट पेशेंट जिनकी बाईपास या एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) नहीं हुई है, उन्हें सफर के दौरान ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए.

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अगर नही पीते है सिगरेट तो भी हो सकता धुआं से कैंसर का खतरा,जानें कैसे

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सिगरेट पीते हैं तो न केवल उन्‍हें, बल्कि आपको भी कैंसर का खतरा है.द लांसेट जर्नल’ में प्रकाशित एक नई रिसर्च स्‍टडी बताती है, सिगरेट पीने वालों से ज्‍यादा आसपास रहनेवाले लोगों को है.आसपास रहनेवाले लोग पैसिव स्‍मोकर कहलाते हैं, जो जाने-अनजाने सिगरेट का धुआं अपने अंदर ले रहे होते हैं.इस स्‍टडी में कहा गया है कि धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के आसपास रहने से फेफड़े में प्रवेश करने वाला धुआं कैंसर का 10वां सबसे बड़ा कारण है।

          “दोस्तों के साथ सिगरेट की कश! हवा में सिगरेट के धुएं से छल्ले बनाते हुए। हर फ्रिक को धुएं में उड़ाने वालों ….जरा रुकिए। संभलिए! सिगरेट के धुएं में जिंदगी हवा न हो जाये, इसलिए ये 10 बातें जाननी जरूरी…दोस्तों के साथ सिगरेट की कश! हवा में सिगरेट के धुएं से छल्ले बनाते हुए। हर फ्रिक को धुएं में उड़ाने वालों ….जरा रुकिए। संभलिए! सिगरेट के धुएं में जिंदगी हवा न हो जाये, इसलिए ये 10 बातें जाननी जरूरी है। यकीनन ये 10 बातें जानने के बाद सिगरेट पीने से पहले आप 10 बार सोचेंगे “

‘ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजिज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स (जीबीडी)2019’ अध्ययन के नतीजों का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने यह स्‍टडी की है.वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह जांच की कि कैसे 34 व्यावहारिक, पर्यावरणीय और पेशेवर कारक 23 तरह के कैंसर से मौत और खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार रहे. उन्‍होंने ने अनुमान लगाया है कि प्रतिदिन धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के आसपास रहने वाले सभी लोगों के फेफड़े में तंबाकू का धुआं प्रवेश करता है.शोधकर्ताओं ने इस तरह से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों के अनुपात का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किए. अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान, शराब का सेवन और शरीर का अधिक वजन होना कैंसर के तीन शीर्ष कारक हैं.दरअसल, सिगरेट पीने वाले जो धुआं अंंदर खींच रहे होते हैं, वह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक तो है ही, वे जो धुआं बाहर छोड़ रहे होते हैं, वह भी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत हानिकारक होता है. दोनों ही तरह के धुएं हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

सिगरेट के धुंए में निकोटिन के अलावा 200 से ज्यादा तरह के जहरीले तत्व होते हैं। सिगरेट में मौजूद तत्व हमारी बॉडी में जाकर हर ऑर्गन को नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट पीने वालों का स्पर्म काउंट और क्वालिटी कमजोर हो जाते हैं। सिगरेट पीने वालों को लंग्स, हार्ट, किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
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त्रिफला चूर्ण खाने के तीन बड़े नुक्सान ये रहे जानिए

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Triphala Churna side Effects: आयुर्वेदिक और हर्बल में उपचार के लिए त्रिफला का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. त्रिफला के अगर फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी, जो कई तरह के हो सकते हैं.

Triphala Churna side Effects-त्रिफला का नाम तो हर किसी ने सुना होगा. कई तरह की बीमारी के दौरान भी इसे लेते हुए देखा होगा. सदियों से त्रिफला को आयुर्वेदिक और हर्बल उपचार के तौर में इस्तेमाल में लाया जा रहा है. आंवला, बिभिताकि और हरीताकी ये तीन फलों से मिलकर त्रिफला को तैयार किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला खाने से कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में किया जा सकता है. त्रिफला खाने से हेल्थ को कई फायदे मिल सकते हैं. त्रिफला बाजार में चूर्ण, कैप्सूल और जूस के अर्क के रूप में आसानी से मिल जाता है. त्रिफला चूर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं, लेकिन इसे खाने से पहले अगर सावधानी नहीं बरती गई तो इसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं.

त्रिफला चूर्ण के नुकसान

हो सकता है ब्लड शुगर लो
स्टाइलक्रेज़ के मुताबिक, त्रिफला में डायबिटीज से लड़ने के गुण होते हैं. जो मरीज पहले से ही डायबिटीज कि दवाएं ले रहे हैं, उन्हें त्रिफला खाने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जो ब्लड शुगर को काफी लो कर सकता है. अगर डायबिटीज के मरीज हैं तो त्रिफला चूर्ण खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

दवाओं का असर हो सकता है कम
त्रिफला कई तरह की दवाओं का असर कम कर सकता है, जिससे लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. दवाओं के साथ त्रिफला का सेवन करने से पहरेज करना चाहिए. इसके अलावा मूड खराब, एनर्जी में कमी और नींद की समस्या भी हो सकती है.

प्रेगनेंसी में हो सकती है समस्या
प्रेगनेंसी के दौरान त्रिफला चूर्ण के सेवन से कई तरह की समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. इससे मिसकैरेज तक हो सकता है. त्रिफला चूर्ण के सेवन से पहले महिलाओं को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. त्रिफला चूर्ण को खाने से पहले इसकी सही मात्रा के बारे में जानकारी होना जरूरी है.

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आंसू निकलना भी होता है फायदेमंद जानिए, कैसे

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Eye Health: अभी तक आपने सुना होगा कि हंसना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि रोने के भी बहुत से फायदे हैं.

Eye Care Tips: अगर हंसना-मुस्कराना सेहत (Health) के लिए अच्छा माना जाता है तो रोना भी कहीं से खराब नहीं. जितने ज्यादा फायदे हंसने के है, रोने के भी उतने ही फायदे (Benefits of Tears) माने जाते हैं. फिर चाहे आप किसी मूवी या सीरियल को देख इमोशनल हो रहे हैं या फिर प्याज काटते वक्त आपके आंसू निकल रहे हों.

रिसर्च कहती है कि आपकी हेल्दी आंखों के लिए आंसू काफी जरूरी है. यह आपकी आंखों को गीला और चिकना रखते हैं. इंफेक्शन और गंदगी से भी बचाते हैं. ये आपकी आंखों को साफ रखते हैं और हेल्दी भी बनाते हैं. तो यहां जानिए आखिर क्यों निकलते हैं आंसू और इसके क्या-क्या होते हैं फायदे..

आंसू क्यों निकलते हैं?
इंसान के रोने के पीछे पूरी तरह से साइंस (Science) काम करता है. जब हम या आप इमोशनल (Emotional) होते हैं, प्याज का कोई तीखी चीज काटते हैं, आंखों में कुछ चला जाता है तब आंसू निकलते हैं. आंसू आंख की अश्रु नलिकाओं से निकलने वाला तरल पदार्थ है, जो पानी और नमक के मिश्रण से बना होता है. इसमें तेल, बलगम और एंजाइम नामक केमिकल भी पाया जाता है, जो कीटाणु को मार हमारी आंखों को हेल्दी रखता है.

तीन तरह के होते हैं आंसू
आप नहीं जानते होंगे कि इंसान की आंखों से तीन तरह के आंसू निकलते हैं. चलिए बताते हैं
Basal Tears- इस तरह के आंसू आंखें झपकने पर निकलते हैं. ये आंखों में नमी बनाए रखने का काम करते हैं. ये नॉन-इमोशनल आंसू होते हैं.
Reflex Tears– ये भी नॉन-इमोशनल आंसू ही होते हैं. ये आंखों के हवा, धुएं, घूल के पड़ने से आते हैं.
Emotional Tears- दुख, निराशा, गम होने पर जो आंसू निकलते हैं वे इमोशनल आंसू होते हैं.
आंसुओं के फायदे ही फायदे
नीदरलैंड्स की स्टडी के मुताबिक रोने से आप रिलैक्स फील करते हैं और आपका मूड अच्छा होता है.
आंसू में लाइसोजोम (Iysozyme) नाम का फ्लूइड पाया जाता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यह हमारी आंखों को संक्रमण से बचाता है और आंखों को साफ करता है.

रोने से इमोशन कंट्रोल होती हैं और मानसिक तनाव से राहत मिलती है
रोने से बॉडी में ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हॉर्मोन बनते हैं जो शारीरिक और भावनात्मक दर्द से आराम दिलाते हैं.
आंसू निकलनेसे आंखें सूखती नहीं और उसकी नमी बरकरार रहती  है, जिससे आखों की रोशनी बढ़ती है.
जब कोई शख्स आंखें झपकाता है, तो बेसल टियर निकलती हैं तो म्यूकस में ब्रेन को सूखने से बचाते हैं.
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