ज्योतिष
Vastu Tips: घर के सामने लगाये स्वास्तिक,सुख और समृद्धि का खुलेगा रास्ता..
Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का खास महत्व है। मान्यता के मुताबिक हमारे आस-पास की चीजें हमारे जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करती हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक जिन घरों में वास्तु से संबंधित किसी भी प्रकार का दोष होता है वहां पर बीमारियां, परेशानियां, धनहानि, मनमुटाव और विवाद अक्सर पीछा करते हैं। इसके अलावा ये भी देखा जाता है कि कई बार दिन-रात व्यक्ति मेहनत करता है लेकिन वह वैसी सफलता नहीं प्राप्त करता जैसी उसको अपेक्षा रहती है।
वास्तु शास्त्र के कुछ आसान उपाय से आप अपनी जिंदगी को संवार सकते हैं। वास्तु के उपाय घर, ऑफिस या फिर व्यापारिक अनुष्ठान आदि में वास्तु दोष को दूर करने में कारगर होते हैं। आज हम आपको एक ऐसे चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी जिंदगी में खुशियों के रंग घोल सकते हैं।
भारतीय धर्म शास्त्र में स्वस्तिक का खास महत्व प्राप्त है। इसे बेहद ही शुभ और पवित्र माना गया है। स्वास्तिक का प्रयोग हर मंगल कार्य में जरूर होता है। इसे श्री गणेश का भी प्रतीक माना गया है। लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ स्वास्तिक बनाते हैं।
कहते है सुख, समृद्धि, शांति, धन, विद्या सबकुछ पाने में स्वस्तिक विशेष भूमिका रखता है। इसी लिए इसे ज्यादातर प्रवेश द्वार पर बनाया जाता है। तिजोरी और पैसे रखने की जगह पर भी इसे बनाया जाता है। स्वास्तिक को सतिया के नाम से भी जाना जाता है। वास्तु शास्त्र में भी घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाने को मंगलकारी बताया जाता है।
मान्यता के मुताबिक स्वस्तिक कोई आकृति नहीं बल्कि एक तंत्र है। जिस प्रकार ओम को सर्वश्रेष्ठ मंत्र के रूप में जाना जाता है। वैसे की स्वस्तिक को भी सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाला सबसे शक्तिशाली तंत्र माना गया है। स्वास्तिक दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘सु’ का अर्थ है शुभ और ‘अस्ति’ का अर्थ ‘होना’ होता है। अर्थात् स्वास्तिक का शाब्दिक अर्थ ‘शुभ होना’, ‘कल्याण हो’ आदि है।
मान्यता के मुताबिक सही समय और सही जगह पर बनाया गया स्वास्तिक बेहद ही शुभ होता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक मेन गेट के ऊपर सिंदूर से स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। यह चिन्ह नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा होना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है, साथ ही रोग, शोक में कमी आती है।
इन बातों को रखें ध्यान
– मेन गेट पर स्वास्तिक हमेशा सिंदूर से ही बनाए। सिंदूर से बना स्वास्तिक घर में सुख और समृद्धि का रास्ता खोलता है। जब भी मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि दरवाजा धूल मिट्टी से गंदा ना हो।
– मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि वहां आसपास जूते चप्पलों का ढेर भी ना लगने दें।
– वास्तु दोषों को कम करने या मिटाने के लिए नौ उंगली लंबा और चौड़ा स्वास्तिक बनाना अच्छा माना जाता है।
– मुख्य द्वार के अलावा घर के आंगन के बीचोंबीच भी स्वास्तिक बनाया जा सकता है। मान्यता के मुताबिक इससे आंगन में पितृ निवास करते हैं और आशीष बनाकर रखते हैं।
– अगर आप स्वस्तिक बनाकर ऐसे ही गंदा होने के लिए छोड़ देंगे या फिर आप गलती से स्वस्तिक को उल्टा बना देते हैं तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आपके घर की ओर आकर्षित करेगा जो आपकी जान भी ले सकती है।
ज्योतिष
Vastu Tips : इस दिशा में रखें तिजोरी, नहीं रहेगी कभी पैसे की तंगी
वास्तु अनुसार उत्तर दिशा को धन, संपत्ति आदि को रखने की दिशा मानते हैं. आइए जानते हैं कि तिजोरी कहां पर रखना चाहिए और इससे जुड़े वास्तु उपाय क्या हैं।
हर व्यक्ति अपने धन और संपत्ति की सुरक्षा एवं उसमें वृद्धि चाहता है. घर वास्तु दोष के कारण कई बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है या फिर आय में वृद्धि नहीं होती है. जो धन अर्जित किया है, उसमें वृद्धि नहीं होती है.अब सवाल यह है कि वास्तुशास्त्र के अनुसार धन और संपत्ति में वृद्धि के लिए क्या करें? इसके लिए आपको अपनी तिजोरी या लॉकर से जुड़े वास्तु की महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना होगा. क्या आपकी तिजोरी या लॉकर वास्तु अनुसार है तिजोरी से जुड़े वास्तु उपायों के बारे में।
लॉकर से जुड़े ये है वास्तु उपाय
1. वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा को धन, संपत्ति आदि को रखने के लिए उत्तम दिशा माना गया है क्योंकि यह दिशा कुबेर से संबंधित है. इस दिशा में रखे धन का हानि नहीं होता है, इसमें वृद्धि होती रहती है.
2. यदि आप उत्तर दिशा वाले घर में तिजोरी या लॉकर को रखते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका दरवाजा उत्तर दिशा की ओर ही खुले.
3. जिस कमरे में तिजोरी या लॉकर को रखा है, वह ईशान या वायव्य कोण में नहीं होना चाहिए.
4. उत्तर दिशा के जिस कमरे में तिजोरी या लॉकर को रखना है, उसमें खिड़की या रोशनदान न हो तो अच्छा है. हालांकि यह कोषागार के लिए होता है.
5. तिजोरी या लॉकर में बार बार उपयोग में आने वाली चीजों को रखना वर्जित माना जाता है.
6. तिजोरी में आप कोई सुगंधित पदार्थ न रखें.
7. यदि आप कोषागार का निर्माण कराना चाहते हैं, तो वह उत्तर दिशा में हो. उसमें तिजोरी दक्षिण दिशा में उत्तर द्वार वाली होनी चाहिए.
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Vastu Tips : इस दिशा में रखें तिजोरी, नहीं रहेगी कभी पैसे की तंगी
वास्तु अनुसार उत्तर दिशा को धन, संपत्ति आदि को रखने की दिशा मानते हैं. आइए जानते हैं कि तिजोरी कहां पर रखना चाहिए और इससे जुड़े वास्तु उपाय क्या हैं।
हर व्यक्ति अपने धन और संपत्ति की सुरक्षा एवं उसमें वृद्धि चाहता है. घर वास्तु दोष के कारण कई बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है या फिर आय में वृद्धि नहीं होती है. जो धन अर्जित किया है, उसमें वृद्धि नहीं होती है. अब सवाल यह है कि वास्तुशास्त्र के अनुसार धन और संपत्ति में वृद्धि के लिए क्या करें? इसके लिए आपको अपनी तिजोरी या लॉकर से जुड़े वास्तु की महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना होगा. क्या आपकी तिजोरी या लॉकर वास्तु अनुसार है तिजोरी से जुड़े वास्तु उपायों के बारे में।
लॉकर से जुड़े ये है वास्तु उपाय
1. वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा को धन, संपत्ति आदि को रखने के लिए उत्तम दिशा माना गया है क्योंकि यह दिशा कुबेर से संबंधित है. इस दिशा में रखे धन का हानि नहीं होता है, इसमें वृद्धि होती रहती है.
2. यदि आप उत्तर दिशा वाले घर में तिजोरी या लॉकर को रखते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका दरवाजा उत्तर दिशा की ओर ही खुले.
3. जिस कमरे में तिजोरी या लॉकर को रखा है, वह ईशान या वायव्य कोण में नहीं होना चाहिए.
4. उत्तर दिशा के जिस कमरे में तिजोरी या लॉकर को रखना है, उसमें खिड़की या रोशनदान न हो तो अच्छा है. हालांकि यह कोषागार के लिए होता है.
5. तिजोरी या लॉकर में बार बार उपयोग में आने वाली चीजों को रखना वर्जित माना जाता है.
6. तिजोरी में आप कोई सुगंधित पदार्थ न रखें.
7. यदि आप कोषागार का निर्माण कराना चाहते हैं, तो वह उत्तर दिशा में हो. उसमें तिजोरी दक्षिण दिशा में उत्तर द्वार वाली होनी चाहिए.
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Vastu Tips : घर की सीढ़ी के नीचे न रखे इन चीजों को, वरना हो सकती है,जीवन भर ये समस्या
हम अक्सर अपने घर की सीढ़ियों के नीचे कुछ ना कुछ सामान रख देते हैं. हमें लगता है कि हमने उस खाली जगह का बेहतर उपयोग कर लिया है, लेकिन वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार यह जानना बेहद ज़रूरी है कि घर की सीढ़ियां किस दिशा में होना चाहिए और उसके नीचे कौन से सामान रखना चाहिए और कौन से नहीं.हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का अत्यंत महत्व बताया गया है.अगर घर का वास्तु सही होता है, तो घर में सुख समृद्धि और खुशियां बनी रहती है।
इसके अलावा घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा, सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित होकर घर के सदस्यों को लाभ पहुंचाती है.घर में हर सामान वास्तु के अनुसार रखने से जीवन में व्यर्थ की परेशानियां नहीं झेलनी पड़ती है.आजकल हर व्यक्ति अपने घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार बनवाते हैं।
वास्तु के नियमों का पालन करते हुए किस किस दिशा में क्या रखना सही होता है, इन बातों का विशेष ध्यान दिया जाता है. घर की सीढ़ियों को लेकर भी वास्तुशास्त्र में कई नियम हैं. जिसके बारे में हमें बता रहे हैं इंदौर के रहने वाले पंडित कृष्ण कांत शर्मा ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार।
सीढ़ियां किस दिशा में हों घर की
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख समृद्धि और धन का आगमन बना रहता है. घर के मध्य भाग को भगवान ब्रह्मा का स्थान माना जाता है इसलिए मध्य भाग में सीढ़ियां नहीं होना चाहिए. घर की उत्तर-पूर्व दिशा भी सीढ़ियों के लिए सही नहीं मानी जाती है. इसके अलावा घर के ईशान कोण में भी सीढ़ियां बनाने से बचना चाहिए. ईशान कोण में सीढ़ियां बनाने से घर में परेशानियां बढ़ने लगती है।
क्या रखें और क्या नहीं
सीढ़ियों के नीचे जगह होने के कारण हम वहां पर कई सारे सामान रख देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. सीढ़ियों के नीचे आग से जुड़ा कोई भी सामान रखने से बचना चाहिए. सीढ़ियों के नीचे रसोई घर और पूजा घर भी नहीं बनाना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है. सीढ़ियों के नीचे जूते चप्पल और बेकार का सामान रखने से भी बचना चाहिए. इससे बच्चों के स्वास्थ्य में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. इसके अलावा मकान मालिक के जीवन में भी बहुत सी परेशानियां आती हैं. आप सीढ़ियों के नीचे गमले में पौधे लगा सकते हैं।
सीढ़ियां चौड़ी हों और उन पर पर्याप्त रोशनी
सीढ़ियां हम सभी को आगे बढ़ने का संदेश देती है. इसलिए ध्यान रखें कि सीढ़ियां चौड़ी हों और उन पर पर्याप्त रोशनी आती हो. सीढ़ियों के दोनों तरफ दरवाज़े होने चाहिए।
सीढ़ियां की संख्या विषम होना चाहिए
घर में सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में होनी चाहिए जैसे 7, 9, 11, 15, 17, 19 और 21. यदि घर में 17 सीढ़ियां हो, तो बेहद शुभ मानी जाती है. विषम सीढ़ियां घर में खुशियां लाती है. साथ ही साथ यह घर मालिक के विकास और समृद्धि में सहायक होती हैं।
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