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CHANAKYA NITI: चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के ये ऐसे 5 गुण जो उन्हें जीवन में ले जाते है सफलता की ओर…
Chanakya Niti Quotes In Hindi: महान अर्थशास्त्री, विद्वान, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां आज भी कारगर और सत्य के करीब हैं। खास बात ये है कि आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई बातें मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यही वजह है कि आज भी लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में व्यक्ति गुण और अवगुणों के बारे में विस्तार से जिक्र किया है। चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति के अंदर मौजूद गुण उसे सफलता की ऊंचाई पर ले जाते हैं, जबकि व्यक्ति के अवगुण उसे जीवन में असफल भी बनाते हैं। इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताया है जो यदि व्यक्ति के अंदर मौजूद हों तो उसे सफल इंसान बनने से कोई नहीं रोक सकता। आइए जानते मनुष्य के उन गुणों के बारे में…
आत्मविश्वास
चाणक्य नीति के अनुसार, जीवन में सफल इंसान बनने के लिए आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी है। यदि आप सफलता पाना चाहते हैं, तो अपने आत्मविश्वास को कभी डगमगाने न दें, क्योंकि आत्मविश्वासी व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
धन संचय
पैसा कमाने से ज्यादा मुश्किल काम होता है उसे जोड़कर रखना। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति अपने बुरे समय के लिए पैसा जोड़कर रखता है वो हमेशा सुखी रहता है। ऐसे व्यक्ति का कोई भी काम पैसों की वजह से नहीं रूकता है।
मेहनती लोग
कहा जाता है कि मेहनत से व्यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। चाणक्य नीति भी यही कहती है। सफल होने के लिए मेहनती होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग मेहनती होते हैं, उन्हें सफलता मिलकर ही रहती है।
ज्ञान
आचार्य चाणक्य के अनुसार, सफलता पाने के लिए ज्ञान का होना जरूरी है। आप जो काम कर रहे हैं यदि उसकी आपको पूरी जानकारी होगी तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसके अलावा सिर्फ अपने काम ही नहीं बल्कि सभी विषयों का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति जीवन में जरूर सफल बनता है।
ठोस रणनीति बना कर चलने वाले लोग
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति पूरी रणनीति के साथ काम करता है और आगे बढ़ता है, वो बड़ी आसानी से हर मुश्किल को पार कर लेता है। ऐसे में किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले ठोस रणनीति जरूर बनानी चाहिए।
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हनुमान चालीसा का करते है पाठ तो जान लीजिये, ये महत्त्वपूर्ण नियम…
मान्यता है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से सभी तरह के कष्ट फौरन ही दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी जल्द पूरी हो जाती हैं।
Hanuman Chalisa: ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर मौजूद हैं क्योंकि उनको अमरता का वरदान प्राप्त है। भगवान हनुमान को कलयुग का देवता माना गया है। सभी देवी-देवताओं में हनुमानजी को सबसे अधिक पूजनीय देव माना गया है। भगवान हनुमान को संकटमोचक,साहस,पराक्रम और असीम शक्ति के रूप में मानकर पूजा-उपासना की जाती है। मंगलवार के दिन सबसे ज्यादा हनुमानजी के दर्शन और उपासना होती है क्योंकि मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित होता है। हनुमान को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे आसान उपाय है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी की स्तुति और उनके साहस व पराक्रम के बारे में गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्पूर्ण रूप से वर्णन किया है। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से सभी तरह के कष्ट फौरन ही दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी जल्द पूरी हो जाती हैं। हनुमान चालीसा के पाठ करने के कई फायदे हैं और इसके कुछ नियम भी हैं जिसे अपनाकर भगवान हनुमान को प्रसन्न किया जा सकता है।
हनुमान चालीसा पाठ कब करें
शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान हनुमान को जल्द प्रसन्न करने के लिए सुबह और शाम के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
सुबह स्नान करने के बाद भगवान राम और हनुमानजी का स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय मन में कभी भी बुरे ख्याल नहीं लाना चाहिए।
हनुमान चालीसा पाठ के फायदे
नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन से भय दूर होता है। बुरे सपने नहीं आते हैं और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करने पर जीवन में आने वाली रूकावटें दूर हो जाती हैं।
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से तनाव दूर होता है।
दुर्घटना होने पर अगर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाय तो भक्तों के कष्ट जल्द ही दूर हो जाते हैं।
जातक की कुंडली में अगर शनि संबंधी दोष है तो शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से कम हो जाता है।
नौकरी में परेशानी या व्यापार में नुकसान होने पर भी हनुमान चालीसा का पाठ करने से संकट टल जाते हैं।
हनुमान जी को प्रसन्न के लिए हनुमान चालीसा के अलावा बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक पाठ करना भी लाभदायक होता है।
हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै। शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।। जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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आर्थिक तंगी से परेशान है तो करे ये शिव जी के उपाये, घर में आयेगी सुख-समृद्धि…
Shravan Maas Upay: भारतीय सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। 14 जुलाई से श्रावण मास आरंभ हो रहा है। ऐसे में भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह महीना त्योहार की तरह ही है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं। कांवड़ यात्रा एक तरह से पर्व के रूप में मनाया जाता है। सावन सोमवार में विशेष रूप से की जाने वाली भगवान शिव की आराधना भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी करती है। ज्योतिष शास्त्र में श्रावण के महीने में सुख-शांति और समृद्धि और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं। मान्यता है कि जो भी सावन मास में इन उपायों को करता है वह न सिर्फ रोग और दोष से मुक्ति पाता है बल्कि आर्थिक परेशानियों से भी उसे छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना और ऐसे कौन से उपाय हैं जिन्हें सावन के महीने में करके परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
सावन मास आरंभ तिथि
सावन मास आरंभ तिथि: 14 जुलाई, गुरुवार
सावन मास समापन तिथि: 12 अगस्त, शुक्रवार
सावन सोमवार तिथि
पहला सोमवार: 18 जुलाई
दूसरा सोमवार: 25 जुलाई
तीसरा सोमवार: 1 अगस्त
चौथा सोमवार: 08 अगस्त
सावन मास के ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के लिए श्रावण मास की शिवरात्रि पर माता पार्वती को चांदी की बिछिया या पायल अर्पित करने से धन आगमन के नए अवसर प्राप्त होंगे।
श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाने से धन प्राप्ति के मार्ग भी खुलेंगे।
सावन के महीने में पति-पत्नी साथ मिलकर भगवान शंकर का पंचामृत से अभिषेक करने से दांपत्य जीवन में आ रही परेशानी समाप्त होती हैं।
आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए सावन के सोमवार को अनार के रस से शिव शंभू का अभिषेक करें।,
अगर शादीशुदा जोड़े सावन के सभी सोमवार का व्रत रखते हैं, तो उनके जीवन की सभी विपत्तियां दूर हो जाएंगी।
सावन के किसी सोमवार को केवल एक बार सरसों के तेल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से परिवार के सभी सदस्यों को रोग और दोष से मुक्ति मिलती है।
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