देश - दुनिया
नवी मुंबई में 80 साल के बुजुर्ग का मर्डर, वजह जानकार हो जायेगे हैरान
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे नवी मुंबई में 80 वर्षीय एक बुजुर्ग की हत्या का मामला सामने आया है. हत्या का आरोप 33 साल के एक शख्स पर लगा है. कहा जा रहा है कि बुजुर्ग ने कथित रूप से युवक की पत्नी के साथ 10 हजार रुपये देकर यौन संबंध बनाने की मांग की थी. इस बात से नाराज युवक ने गुस्से में आकर बुजुर्ग को धक्का दे दिया और हत्या कर दी. सीसीटीवी कैमरा के चलते मामला स्पष्ट हो सका.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र पाटिल के हवाले से बताया गया कि मृतक की पहचान शमाकांत तुकाराम नाईक के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि नाईक की उलवे में दुकान, फ्लैट और प्लॉट समेत करोड़ों रुपये की कीमत की कई संपत्तियां हैं. खबर है कि नाईक कई बार 33 वर्षीय आरोपी की दुकान पर आता-जाता था. इसी तरह एक बार उसने युवक से 5 हजार रुपये के एवज में उसकी पत्नी के साथ सोने की मांग की थी.
पुलिस ने जानकारी दी कि इसी तरह 29 अगस्त को भी नाईक ने युवक को 10 हजार रुपये की पेशकश की और उसकी पत्नी को गोडाउन में भेजने के लिए कहा. इस मांग से नाराज आरोपी ने नाईक को धक्का दे दिया, जिससे वह गिर गया और उसके सिर पर चोट आ गई. आरोपी ने तत्काल दुकान के शटर गिराए और गला दबाकर नाईक को मार दिया. इसके बाद शव को बाथरूम में छिपा दिया.
नाईक का शरीर टॉयलेट में 31 अगस्त तक रहा, जब सुबह 5 बजे आरोपी ने नाईक के शरीर को बेडशीट में लपेटा और झील में फेंकने के लिए बाइक पर लेकर निकला. यह सारा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया. आरोपी ने अपने बयान में बताया कि उसने मृतक के कपड़े और मोबाइल कचरे के डिब्बे में डाल दिए थे. ये सामान अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है.
इसके अलावा आरोपी 29 अगस्त को 80 वर्षीय नाईक के बेटे के साथ गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाने भी गया था. नाईक के परिवार ने पुलिस को बताया कि वह 29 अगस्त को घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे. उनका मोबाइल फोन बंद था. पुलिस को शुरुआत में शक हुआ कि बुजुर्ग की हत्या प्रॉपर्टी के चलते हुई है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज उन्हें दुकान चलाने वाले युवक तक ले गई.
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असम में फिर भारी वर्षा, चार श्रमिकों की हुई दर्दनाक मौत….
पश्चिमी गुवाहाटी के डीसीपी नबनीत महंत ने बताया कि घटना स्थल पर चार श्रमिक रहते थे। वे मलबे में फंस गए थे। चारों मृतकों के शव निकाल लिए गए हैं।
असम में एक बार फिर भारी वर्षा व भूस्खलन की खबर आई है। गुवाहाटी में भारी वर्षा के कारण सड़कों पर जलजमाव हो गया। इससे लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। मंगलवार को गुवाहाटी के बोरागांव के निकट निजरपार इलाके में भूस्खलन से एक मकान ढह गया। इसके मलबे में दबने से चार श्रमिकों की दर्दनाक मौत हो गई।
पश्चिमी गुवाहाटी के डीसीपी नबनीत महंत ने बताया कि घटना स्थल पर चार श्रमिक रहते थे। वे मलबे में फंस गए थे। चारों मृतकों के शव निकाल लिए गए हैं। राजधानी गुवाहाटी में भारी वर्षा के कारण सड़कों पर जलजमाव हो गया है। इसके कारण लोगों को आवाजाही में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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RESTORE FADED CLOTHES: क्या आपके भी कपडे का रंग हो गया है फीका तो इन आसन उपायों से करे इन्हें पहले जैसा…
Restore Faded Clothes: अक्सर आपके वार्डरोब में ऐसे कपड़े होते हैं, जिनको आप कम बार ही पहना होता है लेकिन उसका रंग उतर जाने के कारण वह पहनने लायक नहीं रह जाते। कई बार कपड़ों को अधिक धोने या कपड़ों को धोते समय छोटी छोटी गलतियों के कारण आपके रंगीन कपड़ों का रंग उतर जाता है और वह खराब हो जाते हैं। कभी-कभी किसी कपड़े का रंग निकल कर दूसरे कपड़े में भी लग जाता है, जिससे दोनों ही कपड़े खराब हो जाते हैं। ऐसे समस्या होने पर घर पर ही आसानी से रंग उतर चुके कपड़ों को पुन: नया जैसा बनाया जा सकता है। फीके कपड़ों को पुराने जैसे रंग में रंगने और दूसरे कपड़े का रंग लग जाने से उस साफ करने के कुछ आसान उपाय हैं, जिन्हें घर पर ही अपनाकर आप आसानी से खराब कपड़ों को दोबारा पहनने योग्य बना सकते हैं। चलिए जानते हैं रंग उतर चुके कपड़ों को घर पर नए जैसा बनाने के तरीकों के बारे में।
नमक से रंग करें पक्का
अगर कपड़ों का रंग पक्का रखना है तो नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। कपड़ों को धोते समय अगर लगे कि उसका रंग उतर रहा है तो बाल्टी में आधा चम्मच नमक पानी में मिला लें। इसी नमकीन पानी से कपड़े धोएं। इससे कपड़े का रंग एकदम पक्का हो जाता है और कपड़े में नई जैसी चमक बनी रहती हैसिरका करें इस्तेमाल
कपड़े को नया और चमकदार बनाए रखने के लिए उसे धोने के बाद विनेगर का उपयोग कर सकते हैं। कपड़ों का रंग हार्ड डिटर्जेंट के कारण उड़ जाता है और कपड़ा पुराना और फीके रंग का लगता है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि कपड़े का रंग उतर सकता है तो उसे धोते समय थोड़ा विनेगर इस्तेमाल करें। विनेगर कपड़ों के कलर को पक्का और चमक को बरकरार रखता है।फैब्रिक डाई
कपड़े को बार बार धोने से उसका रंग पूरी तरह से उतर गया हो तो उसके रंग को पक्का करने के लिए नमक, विनेगर का इस्तेमाल भी काम नहीं आएगा। ऐसे में कपड़े को फेंकना ही पड़ता है। लेकिन अगर आप कपड़े का रंग बरकरार रखना चाहते हैं तो उसे धोते समय फैब्रिक डाई का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि फैब्रिक डाई का इस्तेमाल करते समय उसके लेबल का ख्याल रखें।
कपड़े डाई करते समय रखें इन बातों का ध्यान
-कपड़ों पर रंग चढ़ाते समय इस बात का ख्याल रखें कि डाई ओरिजिनल कलर से मिलती जुलती कलर की हो।
-कपड़े के फैब्रिक के मुताबिक डाई करें। जैसे कपड़े का फैब्रिक काॅटन, सिल्क या ऊन जैसा नेचुरल हो तो डाई करते समय अधिक ध्यान रखें।
हमेशा गर्म पानी से कपड़े न धोएं। कपड़ों को धोने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-सफेद कपड़े की रंगत बरकरार रखने के लिए धोते समय बेकिंग सोडा का उपयोग कर सकते हैं
देश - दुनिया
जाने क्यों? हवन के दौरान कहा जाता है बार-बार स्वहा, वजह जान आप भी हो जायेंगे हैरान…
हमारी जिंदगी में ऐसी कई चीजें हम देखते हैं या करते हैं, जिसका कारण हमें नहीं पता. सभी ऐसा करते हैं, इसी वजह से हम भी उस काम को वैसा ही कर तो देते हैं. लेकिन जान नहीं पाते कि आखिर इसकी वजह क्या है. पूजा और हवन भारत में काफी महत्व रखता है. हिंदू धर्म में लोग अलग-अलग ऑकेजन पर पूजा-हवन करते हैं. जब कभी हवन करवाया जाता है तो अग्निकुंड में पंडित जी भगवान को अर्घ्य देते हुए स्वाहा बोलते हैं. हम भी उनके पीछे ऐसा ही करते हैं.
पूजा-पाठ में हवन करवाने से इंसान का मन और भगवान प्रसन्न हो जाते हैं, इस दौरान जब भी अग्निकुंड में घी या धूप डाला जाता है, तो लोग स्वाहा बोलते हैं. चाहे रियल लाइफ हो, या फिल्में, ऐसा होता ही है. लोग इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्वाहा बोलते जाते है लेकिन कई लोगों को इसकी वजह नहीं पता है. अग्निकुंड में घी डालते हुए स्वाहा यूं ही नहीं कहा जाता है. इसका एक ख़ास मतलब है और इसकी एक ख़ास वजह है. अगर आपको भी इसकी वजह नहीं पता है, तो आज हम इसकी जानकारी आपको देने जा रहे हैं.
ये है स्वाहा का मतलब
अग्निकुंड में घी डालते हुए स्वाहा बोलने के पीछे एक ख़ास कारण है. दरअसल, स्वाहा है मतलब है किसी भी चीज को सही-,सलामत रीति-रिवाज के साथ उसके प्रिय स्थान तक पहुंचाना. अगर पुराणों का हवाला दें, स्वाहा असल में भगवान अग्नि की पत्नी हैं. हवन करते हुए हम अग्नि के पास अपनी रिक्वेस्ट के साथ अर्जी लगाते हैं. आमतौर पर माना जाता है कि पति अपनी पत्नी की बात सुनता है और मानता है. इसलिए स्वाहा बोलने के साथ इंसान अपनी रिक्वेस्ट अग्नि देव तक उनकी पत्नी के जरिये पहुंचाता है.सिर्फ पत्नी की ही सुनते हैं
अग्नि देव
पुराणों के मुताबिक़, जब तक भगवान आपका दिया प्रसाद ग्रहण नहीं करते, तब तक कोई भी पूजा सफल नहीं मानी जाती. हवन के दौरा जब अग्निकुंड में घी डाला जाता है तो इसके साथ ही इंसान अपनी विश भी भगवान तक पहुंचाता है. स्वाहा अग्निदेव की पत्नी का नाम है. वो प्रजापति दक्ष की बेटी भी हैं और उनका विवाह अग्निदेव से हुआ है. इन्हीं के माध्यम से लोग स्वाहा बोलकर अपनी मुराद अग्निदेव तक पहुंचाते हैं.
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