देश - दुनिया
घर में छिपे मच्छर बना रहे बच्चों को शिकार रहे सावधान
डेंगू लार्वा घर में जमा साफ पानी में पनपता है। डा. विनीत चतुर्वेदी का कहना है कि बाहर के मौसम में ठंडक है और घर के अंदर तापमान कम होता है। डेंगू का मच्छर घर के अंदर ही पनपता है। इसलिए वह घर में ही छिपा हुआ है जिसकी जद में बच्चे आसानी से आ जाते हैं। घर में मच्छर दिखाई दे तो सावधान रहें। क्योंकि आपके घर या आसपास साफ पानी जमा है जहां पर लार्वा पनप रहा है। उसे तत्काल साफ कराएं और मच्छर समाप्त करने वाली कॉयल जलाएं। बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं जिससे उसकी मच्छर और ठंड दोनों से बचाव हो सके।
जेएएच के मेडिसिन विभाग के डा. विजय गर्ग का कहना है कि डेंगू के केस पहले से घटे हैं। लेकिन अभी भी आ रहे हैं जबकि ठंड में डेंगू समाप्त हो जाता है। डेंगू पर तापमान का भी असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। तापमान घटा पर डेंगू केस अभी भी मिल रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को डेंगू की रिपोर्ट में 30 मरीज मिले जिसमें 24 ग्वालियर के निकले और 22 बच्चे शिकार बने हैं। जबकि दो मरीज चिकनगुनिया के निकले हैं।
इन मरीजों को डीडी नगर की रहने वाली 42 वर्षीय सुमन सोनी और 70 वर्षीय काली चरण की रिपोर्ट चिकनगुनिया पॉजिटिव निकली है। इन दोनों को बुखार आ रहा था पर डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन हाथ पैर में व जोड़ों में दर्द की शिकायत बढ़ने लगी। तब डाक्टर की सलाह पर चिकनगुनिया की जांच कराई तो वह पॉजिटिव आ गई।
जेएएच के शिशुरोग विशेषज्ञ डा विनीत चतुर्वेदी का कहना है कि डेंगू के केस कम तेा हुए हैं पर अब हर कोई जांच भी नहीं करा रहा है। लक्षण के आधार पर मरीज को इलाज दिया जा रहा है। डेंगू पर तापमान का भी अभी असर साफ दिखाई नहीं दे रहा इसलिए सावधानी ही मच्छर जनित बीमारियों से बचाव है।
डेंगू के 30 में से 24 केस ग्वालियर के पाए गए। इन 24 मरीज बिरला नगर, आदित्यपुर,आदर्श नगर, शिवकॉलोनी,नाका चंद्रबदनी,एकता कॉलोनी,किसन बाग, बॉयज हॉस्टल जेएएच,समाधिया कॉलोनी, रॉक्सीपुल, कंपू, सेवानगर,थाटीपुर,सिकंदरकंपू,,शिंदे की छावनी, माधवगंज, डबरा आदि स्थानाें के पाए गए। इसके अलावा दतिया, भिंड,मुरैना शिवपुरी के मरीज भी डेंगू की चपेट में पाए गए हैं। डेंगू का आंकड़ा पिछले छह साल में सबसे अधिक 2586 पर जा पहुंचा है।
इधर चिकनगुनिया के केस भी अब लगातार निकल रहे हैं। अबतक चिकनगुनिया के 15 केस समाने आ चुके हैं। डेंगू समाप्त नहीं हो रहा और चिकनगुनिया के मरीज मिल रहे हैं जो परेशानी खड़ी करने वाले हैं। तापमान में आ रहे बदलावा मच्छर का लार्वा पनपने में सहायक सिद्द हो रहा है। रात में ठंड और दिन गर्म लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।
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स्कूल में 9 बच्चियां कोरोना संक्रमित,विश्व स्वास्थ्य संगठन अलर्ट जारी किया , 5 से 14 साल के बच्चों में बढ़ रहा संक्रमण
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आखिर क्यों खत्म होते-होते रह गया किसान आंदोलन, जानिए कहां अटका पेंच
दिल्ली की सीमा पर एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जल्द समझौते की उम्मीद नजर आई है। मंगलवार को गृह मंत्रालय से 6 सूत्रीय प्रस्ताव लेकर आए प्रतिनिधिमंडल और को संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों की बैठक हुई। इन प्रस्तावों में से तीन पर किसान नेता सहमत नहीं है। उन्होंने सरकार से जवाब मांगा है। वहीं आज (बुधवार) दोपहर 2 बजे मोर्चा की बैठक में आगे का फैसला लिया जाएगा। अब आंदोलन का समाधान केंद्र के जवाब पर निर्भर है।
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि अधिकांश किसान संगठनों में सहमति है और सरकार ने हमारी अधिकांश मांगें मान ली हैं। फैसले की आधिकारिक घोषणा बुधवार की बैठक के बाद होगी। एसकेएम से जुड़े एक अन्य किसान नेता भी कहा कि बुधवार को आंदोलन खत्म होने की संभावना है।
केंद्र सरकार मांगें मानी : किसान संगठनों की बाकी बची मांगों को भी केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय का प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद एसकेएम ने कुंडली बार्डर पर बैठक की और मांगें मान लिए जाने पर खुशी जाहिर की। हालांकि सरकार के प्रस्ताव में कुछ खामियां भी बताईं है। खासतौर पर एमएसपी पर प्रस्तावित समिति में शामिल होने वाले सदस्यों को लेकर उन्हें आपत्ति है।
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स्विट्ज़रलैंड में मौत के मशीन को मिली मंजूरी, अब चलते-फिरते 1 मिनट में आत्महत्या कर सकेंगे लोग
जहां पूरी दुनिया आत्महत्या के कारणों का पता कर इसपर रोक लगाने की कोशिश में जुटी है, वहीं स्विट्ज़रलैंड एक ऐसा देश है, जहां अब आत्महत्या की मशीन को भी मंजूरी मिल गई है. ये मशीन एक मिनट में मौत देने के लिए डिजाइन की गई है.
की रिपोर्ट के मुताबिक़, हर साल करीब 7 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या कर लेते हैं. इनके अलावा करोड़ों लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं. खासकर 15 से 19 साल के युवा की संख्या इसमें काफी ज्यादा है. जहां पूरी दुनिया इसपर रोक लगाना चाहती है, वहीं स्विट्ज़रलैंड ऐसा देश है, जो आत्महत्या को बढ़ावा दे रहा है. खासकर लोगों को बिना दर्द हुए मौत के जरिये आत्महत्या करने के ऑप्शन दे रहा है. अब यहां आत्महत्या की मशीन बन चुकी है जो एक मिनट में मौत दे सकती है.
इस देश ने ताबूत के आकार की मशीन को मंजूरी दी है. इस मशीन के जरिए किसी भी शख्स की मौत एक मिनट के अंदर हो जाएगी. मशीन को बनाने वाली कंपनी के मुताबिक़, इसके जरिये आत्महत्या करने पर दर्द नहीं होगा. साथ ही समय लगेगा सिर्फ एक मिनट. यानी एक मिनट के अंदर ही आप मौत को गले लगा लेंगे. ये मशीन खास तकनीक से काम करती है. इसी वजह से इसके द्वारा आत्महत्या करने पर दर्द नहीं महसूस होगा.
देखते ही देखते हो जाएगी मौत
आपको बता दें कि खुद से आत्महत्या करने के लिए बनाई गई इस मशीन के अलावा पहले से ही स्विट्ज़रलैंड में आत्महत्या को लीगल माना गया है. इससे पहले यहां असिस्टेड सुसाइड की इजाजत थी. यानी अगर कोई आत्महत्या करना चाहता है तो वो दूसरे शख्स की मदद से ऐसा कर सकता है. लेकिन अब अकेले ही इंसान अपनी मौत पर मुहर लगा सकता है. इस मशीन का नाम सार्को रखा गया है. ये काफी महंगा प्रॉजेक्ट है और उम्मीद की जा रही है कि अगले साल से ये एक्टिव हो जाएगा.
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