Lifestyle
AC की हवा लेते है आप भी तो हो जाइये सावधान, नही तो हो सकते है आपको ये गंभीर बीमारी…
गर्मी के दिनों में गर्मी से बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरीकें अपना रहे है। इस लिस्ट में कूलर, पंखा और AC शामिल है जिन्हे लोग अपने घर, कार्यालय और गाड़ी में लगवाते हैं। हालाँकि एसी का अधिक प्रयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जी हाँ, लगातार कई घंटों तक एसी का प्रयोग करने से आप विभिन्न तरह की बीमारियों की भी चपेट में आ सकते है। आप सभी को बता दें कि विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि एसी का निरंतर प्रयोग स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। जी हाँ और इससे त्वचा में रूखापन आ जाता है, और शरीर के विभिन्न जोड़ों के अंगों में भी रूखापन आ जाता है। जी दरअसल दिनभर एसी का प्रयोग करना स्वास्थ्य को खराब करने के लिए काफी है।
एसी का ज्यादा प्रयोग करने से ये आ रही समस्याएं- एसी का अधिक प्रयोग करने से आंखों और त्वचा पर रूखापन आ जाता है। जी हाँ और इसके अलावा ब्लड प्रेशर भी कम होने लगता है, जोकि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। जी दरअसल एसी से सीधे बाहर के वातावरण में जाने से उल्टी आना, चक्कर आना और लू लगने का भी खतरा रहता है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा जो लोग हार्ट या किडनी रोग से परेशान है। उनको भी एसी के ज्यादा प्रयोग से दिक्कत हो सकती है। एसी का प्रयोग करने से पसीना नहीं आता इसलिए शरीर के टॉकसिंस बाहर नहीं निकल पाते जोकि बीमारियों का खतरा पैदा करते हैंं।
बरतें सावधानियां- ध्यान रहे एसी के बिल्कूल सामने ना बैठें और तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से कम ना रखें। जी हाँ और इसी के साथ एसी वाले कमरे से एकदम सीधे धूप में ना जाएं और दो घंटे के नियमित अंतराल के बाद एसी को बंद कर दें। आपको बता दें कि छोटे बच्चों के लिए भी एसी की ज्यादा कूलिंग ठीक नहीं है।
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कितनी मात्रा में सोडियम का सेवन करना चाहिए, आइये जानते है..
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों और खनिजों की रोजाना संयमित मात्रा में आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की कमी या अधिकता, दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। सोडियम भी एक ऐसा ही अति आवश्यक तत्व होता है। सोडियम, नमक का प्रमुख घटक माना जाता है। शरीर में इसकी कमी या अधिकता, दोनों ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
नमक के अधिक सेवन को जहां ब्लड प्रेशर बढ़ने और गंभीर स्थितियों में हृदय रोगों का खतरा बढ़ाने वाला माना जाता है, वहीं इसकी कमी शरीर को गंभीर कमजोरी और थकान का एहसास करा सकती है।
शोध से पता चलता है कि बहुत अधिक नमक खाने वाले लोगों में हृदय रोगों के साथ-साथ मस्तिष्क से संबंधित कई तरह की जटिलताएं भी हो सकती हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ सभी लोगों को नियंत्रित मात्रा में इसके सेवन को सुनिश्चित करने की सलाह देते हैं। हालांकि इसके लिए नमक का सेवन बिल्कुल भी नहीं बंद कर देना चाहिए। ऐसा करना भी आपके लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला हो सकता है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।
कितनी मात्रा में सोडियम का सेवन करना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को दैनिक रूप से सोडियम की मात्रा पर विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञों के मुताबिक एक दिन में अधिकतम 2,300 मिलीग्राम या लगभग 1 चम्मच की मात्रा में नमक का सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे, इसकी कमी और अधिकता दोनों नुकसानदायक है। कई पैक्ड या जंक खाद्य पदार्थों में नमक की मात्रा अधिक हो सकती है, ऐसे में इनके सेवन को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
सोडियम की अधिकता
अतिरिक्त सोडियम का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस, किडनी की बीमारी और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। ये स्थितियां हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा देती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो बच्चे नमकीन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, उनमें मीठे पेय या मीठी चीजों के सेवन की संभावना भी बढ़ जाती है जिसके कारण मोटापे का खतरा हो सकता है। पैक्ड चिप्स और अन्य चीजों से सोडियम का उपभोग बढ़ने का जोखिम रहता है।
सोडियम की कमी
शरीर में सोडियम की कमी होना भी आपके लिए समस्याओं को बढ़ा सकती है। इसके कारण कमजोरी, थकान और चक्कर आने जैसी समस्या सबसे आम है। कुछ स्थितियों में लगातार सोडियम की कमी बने रहने को विशेषज्ञ कई अन्य बीमारियों का भी कारण मानते हैं।
एडिसन रोग
छोटी आंत में रुकावट
दस्त और उल्टी
थायराइड की समस्या।
दिल की धड़कनों की अनियमितता।
जलन होना।
इन बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सभी लोगों को हाई सोडियम वाली चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। यदि संभव हो तो भोजन में ऊपर से नमक मिलाने से बचना चाहिए। ऐडेड सॉल्ट के कई तरह के साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। सोडियम की अधिकता या कमी के कारण होने वाली समस्याओं की स्थिति में तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
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क्या आप भी दांत के दर्द से परेशान है तो, अपनाये ये घरेलू उपाय..
दांत का दर्द किसी को भी परेशान कर सकता है। यह डॉक्टर के पास जाने तक का समय नहीं देता। इसलिए जरूरी है कि आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमाएं और रिलैक्स हो जाएं। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें।
दांत का दर्द अकेले नहीं आता। वह अपने साथ उस पूरे हिस्से को लपेट लेता है, जिस तरफ के दांत में दर्द है। सिर में तेज़ दर्द, मसूड़ों में झनझनाहट और दांत में दर्द। किसी के भी पूरे दिन को बिगाड़ने के लिए यह स्थिति काफी है। हालात ये हो जाते हैं, कि समझ नहीं आता कि क्या किया जाए। मगर परेशान न हों, क्योंकि घरेलू नुस्खों के बरसों पुराने खजाने में से हम वे उपाय ढूंढ लाए हैं, जो आपको तुरंत दांत के दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं। अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – दांत में दर्द है? तो तुरंत आजमाएं ये 8 घरेलू नुस्खे और रिलैक्स हो जाएं
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Health Tips: महिलाये पेट दर्द की समस्या को न करे अनदेखा, नही तो हो सकती है बड़ी परेशानी…
Causes of Stomach Pain: अक्सर बच्चे, वयस्क पेट में दर्द से परेशान रहते हैं. महिलाओं को भी कई वजहों से पेट दर्द महीने में कभी ना कभी होता ही है. खासकर, पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को सबसे अधिक पेट दर्द परेशान करता है. ऐसा देखा भी गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक पेट दर्द होता है. पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है, जिसमें कभी हल्का दर्द तो कभी-कभी बहुत तेज दर्द उठता है. हल्का पेट दर्द गैस बनने, ब्लोटिंग, अधिक खाने, डायरिया, पेट में जलन आदि के कारण होता है, जो खुद ठीक हो जाता है या घरेलू उपचार से भी दूर कर सकते हैं. कई बार अचानक तेज पेट दर्द उठता है और लगातार बना रहे, तो हो सकता है कोई मेडिकल कंडीशन हो. महिलाओं में कई बार पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, ओवरी में सिस्ट होने के कारण भी हो सकता है. आइए जानते हैं, महिलाओं में किन-किन कारणों से पेट दर्द हो सकता है.
महिलाओं में पेट दर्द के कारण
अपच के कारण पेट दर्द
ओन्लीमाईहेल्थमें छपी एक खबर के अनुसार, कई बार पेट के ऊपरी हिस्से में बेचैनी महसूस होती है और खाते ही पेट भरा हुआ महसूस होने लगता है. ये अपच यानी इनडाइजेशन के लक्षण होते हैं. यदि आप अपच की समस्या से परेशान रहती हैं, तो पेट के ऊपरी हिस्से में जलन, बेचैनी या सूजन हो सकता है., भोजन के बाद असहज महसूस कर सकती हैं या फिर खाना खाने के समय जल्दी पेट भर सकता है. आपको मतली हो सकती है. ऐसा फैटी फूड्स के सेवन, स्मोकिंग, एंग्जायटी, अधिक खाने, जल्दी-जल्दी खाने, एल्कोहल, चॉकलेट आदि के सेवन से हो सकता है.
पीरियड्स में होता है पेट दर्द
महिलाओं को हर महीने पेट में दर्द होने का एक मुख्य कारण है पीरियड्स. मासिक धर्म में कई महिलाओं को बहुत अधिक पेट दर्द, पेट में ऐंठन, क्रैम्प होता है. आपको दर्द हो तो पेट को हॉट वॉटर बैग से सेकें. कुछ घरेलू उपायों से भी इस दर्द को दूर कर सकती हैं.
ओवरी में सिस्ट बनता है पेट दर्द का कारण
यदि आपको कुछ दिनों से लगातार पेट दर्द हो रहा है, तो हो सकता है ऐसा ओवरी में सिस्ट होने के कारण हो. हालांकि, कई सिस्ट में कोई लक्षण नजर नहीं आता है और खुद ब खुद ठीक हो जाता है. लेकिन, यदि ओवरी में बड़ा सिस्ट हो, तो पेल्किव और पेट में दर्द हो सकता है. सिस्ट होने पर पेट के निचले हिस्से में बहुत तीव्र दर्द होता है. लार्ज ओवेरियन सिस्ट होने पर हमेशा भरा हुआ या भारीपन महसूस हो सकता है. कई बार ओवरी में सिस्ट होने से स्पॉटिंग या ब्लीडिंग भी हो सकती है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से होता है पेट दर्द
महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है. इसमें पेशाब करते समय जलन, झागदार पेशाब, पेट दर्द, बुखार आदि हो सकता है. जिस बैक्टीरिया के कारण यूटीआई होता है, वह पेट के निचले हिस्से को भी प्रभावित करता है. इससे बहुत अधिक दबाव और दर्द हो सकता है.
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण पेट दर्द
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज महिलाओं के प्रजनन अंगों में होने वाला संक्रमण या सूजन है. यह अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय को प्रभावित कर सकता है. पेल्विक सूजन की बीमारी आमतौर पर तब होती है, जब योनि या गर्भाशय ग्रीवा से यौन संचारित बैक्टीरिया अन्य प्रजनन अंगों में फैल जाता है. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर आमतौर पर कोई लक्षण जल्दी नजर नहीं आता है. यदि आपको क्रोनिक पेल्विक पेन या गर्भधारण करने में परेशानी हो, तो इस समस्या का पता चल जाता है. बाउल मूवमेंट, पेशाब करने के दौरान पेट दर्द अधिक होता है. यदि आपको लगातार पेल्विक में दर्द हो, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
अधिक खाने से हो सकता है पेट दर्द
यदि आप एक ही बार में बहुत अधिक खा लेंगी तो पेट दर्द शुरू हो सकता है. हालांकि, अधिक खा लेने से पेट दर्द थोड़ी देर के लिए होता है और यह तीव्र नहीं होता. कई बार खराब सोने की आदतों, कुछ ऐसा खा लेने से जिससे पेट को परेशानी होती है, इससे भी दर्द हो सकता है. उल्टा-सीधा खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है, जिससे हल्का पेट दर्द हो सकता है.
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