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महंगाई से हाहाकार पाकिस्तान में,प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा
प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोला
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और गरीबी के विरोध में विपक्षी दलों के गठबंधन ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोला है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले चल रहे आंदोलन के तहत लोग सड़कों पर उतर गए हैं। राजधानी इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची, पेशावर और क्वेटा जैसे अहम शहरों में प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। सरकार ने मोबाइल और इंटरनेट को बंद कर दिया है। इसके चलते सरकार ने शहरों में भारी संख्या में पुलिस और अद्धसैनिक बल तैनात किया है।
प्रदर्शनकारियों का रास्ता रोकने के लिए जगह-जगह वाहन, कंटेनर और बैरिकेड्स लगाए गए हैं। शुक्रवार देर रात लाहौर में टीएलपी के प्रदर्शन के दौरान झड़प में दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोगों की मौत हो गई। पीडीएम के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज और जमात-उलेमा-ए-इस्लाम फैज इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही है। रावलपिंडी, लाहौर और इस्लामाबाद में मेट्रो बस सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
वाहन-बैरिकेड्स से रास्ता रोका, पुलिस छावनी बने कई शहर
इस्लामाबाद और लाहौर जैसे प्रमुख शहरों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों का रास्ता कंटेनर और बैरिकेड्स लगाकर रोका है। लाहौर में घुसने और निकलने के तमाम रास्ते बंद कर दिए गए हैं। उधर, पंजाब सरकार ने प्रदर्शन में शामिल विपक्षी दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से वार्ता के लिए कमेटी बनाई है।
अली ने कहा कि इमरान खान को पाकिस्तान की गरीबी के बारे में कुछ पता नहीं
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कराची में इमरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली भी शामिल हुए। शाह ने लोगों का आह्वान किया कि वे इमरान सरकार को आईना दिखाएं। अली ने कहा कि इमरान खान को पाकिस्तान की गरीबी के बारे में कुछ पता नहीं है। क्योंकि इमरान ने अपनी पूरी जिंदगी विदेशों में गुजारी है।
इमरान खान बतौर प्रधानमंत्री बुरी तरह से विफल साबित हुए
इस्लामाबाद के ही एक अन्य व्यक्ति ने प्रदर्शन का समर्थन कर कहा कि इमरान खान बतौर प्रधानमंत्री बुरी तरह से विफल साबित हुए हैं। उन्हें इस्तीफा देना ही होगा। आम जन को कोई राहत नहीं मिल पाई है। जिन वादों के साथ इमरान सत्ता में आए थे वे पूरे नहीं हुए हैं। मंहगाई और गरीबी की मार के कारण लोग त्रसत होने के कारण ही सड़कों पर उतरे हैं। सभी एक जुट हैंं।
पाकिस्तान में 60 फीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी की रेखा से नीचे जिंदगी
रावलपिंडी में प्रदर्शन पर बैठीं मुस्लिम लीग नवाज की मरियम औरंगजेब ने कहा है देश में कानून-व्यवस्था भी चौपट हो गई है। लोगों को गरीबी के कारण खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आज पाकिस्तान में 60 फीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी की रेखा से नीचे जिंदगी बसर करने को मजबूर है। लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। सरकार का विरोध जारी रहेगा
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शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स केस फंसना दुख की बात -एक्टर अनंत महादेवन बोले
क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका दो बार खारिज हो चुकी है। जिसके बाद उनके वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। इस पर अब 26 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। इस बीच आर्यन खान के मामले पर एक्टर अनंत महादेवन ने हाल ही में। इस दौरान उन्होंने शाहरुख खान के शुरुआती दिनों, उनके साथ काम करने और आर्यन के केस को लेकर कई बातें शेयर की हैं।
शुरुआती दिनों में शाहरुख खान के मददगार कौन-कौन लोग रहे?
शुरू में सईद मिर्जा, अजीज मिर्जा, कुंदन शाह, विवेक बासवानी आदि सभी थे। इन सबके साथ ‘सर्कस’, ‘इंतजार’, ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’, ‘चलते चलते’ आदि सीरियल और फिल्म किए थे।
कहते हैं कि मददगारों में चंकी पांडे भी थे, जो उन्हें अपने घर पर ठहराए थे? क्या इसका उल्लेख आपकी बुक में है? विस्तार से बताइएगा?
नहीं, नहीं। वे विवेक बासवानी थे, जो अपने घर में ठहराए थे। शाहरुख, विवेक के घर पर रहते थे। उन्होंने ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ में शाहरुख को पहली बार एक हीरो का रोल दिया था। दोनों की अच्छी दोस्ती थी। इससे हेमा मालिनी जी ने शाहरुख खान को फिल्म ‘दिल आशना है’ के लिए बुलाया था, तब विवेक साहब उनको वहां भी ले गए थे। यह पहली फिल्म थी, जिसे शाहरुख खान ने साइन किया, लेकिन ‘राजू बन गया’ जेंटल मैन उससे पहले रिलीज हुई थी। चंकी जी का कोई योगदान नहीं था। अगर होगा भी, तब मुझे पता नहीं है। शायद दोनों साथ में किसी फिल्म में काम नहीं किया है। चंकी जी उस वक्त एक्टर थे, तब उस हिसाब से नहीं लगता कि कोई करीबी या दोस्ती रही होगी।
आपका साथ और सहयोग किस तरह से रहा?
हमने साथ में ‘सर्कस’ में काम किया था। उसके बाद ‘यस बॉस’ में हमने काम किया था। लेकिन, मेजर ‘बाजीगर’ और ‘बादशाह’ में किया। ‘बाजीगर’ में उनके फादर का रोल निभाया था। इसके बाद उन्होंने जब पहली बार अपनी साफ्टवेयर कंपनी एंटरटेनमेंट का टेलीविजन सेक्शन लांच किया था। मुझे उस वक्त उन्होंने बुलाया था, तब उनके लिए ‘घर की बात है’ सीरियल के 26 एपिसोड बनाए थे।
शाहरुख के साथ आपका पुराना साथ रहा है, आज उनके करियर और बेटे के ड्रग्स केस में फंसने आदि बातों पर क्या कहेंगे?
दुख की बात है, क्योंकि अगर यह सच है, तब भी दुख है। अगर यह सच नहीं है, तब भी दुख की बात है। दुख तो है, क्योंकि कहीं न कहीं किसी ने गलती की है। उनके बेटे की तरफ से यह हुआ है या फिर जो लोग इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं… कुछ न कुछ तो होगा, वरना उनको इस तरह की केस में दिलचस्पी नहीं होगी। यह एक तरह से अच्छी बात नहीं है, डिस्टर्बिंग बात है। उनसे काफी टाइम से बात नहीं हुई है।
एक तरफ रूस स्पेस में जाकर शूटिंग करके आता है, दूसरी तरफ भारतीय सिनेमा में कभी मीटू तो कभी ड्रग्स जैसी चीजों में उलझा-फंसा नजर आता है, भारतीय सिनेमा विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा?
देखिए, हॉलीवुड की पुरानी फिल्में और पुराने लोगों को देखो, तब ऐसा नहीं है कि वे इसमें उलझे नहीं थे। अभी देखो, आर्ट और सिगरेट, ड्रग्स का एक तरीके से संबंध रहा है, क्योंकि इस चीज में विश्वास नहीं रखता कि कोई आर्ट को प्योर आर्ट फॉर्म की तरह ट्रीट करे। इसे सोशल आईना की तरह ट्रीट करे। कहीं न कहीं क्रिएटर और आर्टिस्ट को दारू पीकर प्रॉब्लम हुआ है। कई लोग गुजर भी गए हैं। यह तो ऑल ओवर वर्ल्ड में है। यह न सिर्फ सिनेमा में हुआ है, एडवरटाइजिंग में हुआ है और भी फील्ड में हुआ है। लेकिन, आर्ट और सिनेमा को लेकर एक तरह से प्योरिटी चाहते हैं कि जिस तरह से पिक्चर दिखाते हैं, जिसमें मैसेज देते हैं या मोरल देते हैं या फिर सोसाइटी का आईना दिखाते हैं। आईने के दूसरी तरफ बहुत सारे लोग वही सब कुछ करते हैं, जिसकी फिल्मों में निंदा करते हैं। इसको मैं कंट्राडिक्शन मानता हूं। यह अजीब तरीके की जो हेपोक्रेसी है, यह वर्ल्ड के आर्ट, सिनेमा, ड्रामा, थिएटर में होता है। क्योंकि उसी चीज का सेवन करते हुए आदी हो जाते हैं, जिसको आप चिल्ला-चिल्लाकर अपनी फिल्मों में बताते हैं कि यह खराब और बुरा है।
कुछ लोगों का मानना है कि इन चीजों को लीगल ही कर देना चाहिए?
ड्रग्स तो पूरी दुनिया में फैली हुई है। इस ड्रग्स काटल को आप बंद ही नहीं कर सकते। मैसिस्को से लेकर अफगानिस्तान, क्यूबा, पाकिस्तान आदि देशों में जिस तरह से ये लोग ड्रग्स को पूरी दुनिया में फैला रहे हैं। अभी मैस्सिको और क्यूबा में जिस तरह वहां ड्रग्स लॉडर्स हैं, उन्हें अरेस्ट करने के लिए पुलिस वाले भी डरते हैं, क्योंकि वे सबको मार डालते हैं और बॉडी भी नहीं देते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसे कंट्रोल किया जा सकता है। हां, छोटी-छोटी जगहों पर लोग अरेस्ट हो जाते हैं, वहां इसको बंद कर देते हैं। इसको एक जगह से बंद कर देंगे, तब दूसरी जगह से लीक हो जाएगा। यंग जनरेशन को यह बेचा जा रहा है। इसके बारे में गलत बातें फैलाई जा रही है।
क्या ग्लैमरस इंडस्ट्री होने के नाते ?
नहीं-नहीं, यह तो मैं नहीं कह सकता। लेकिन बहुत सारे ड्रग्स एडिट्स हैं और उनके चेन को पकड़ा जाता है, इन्वेस्टिगेट किया जाता है। लेकिन, यह फिल्म इंडस्ट्री है, इसलिए मीडिया उसको ज्यादा कवरेज दे रही है। अगर कवरेज नहीं होता और चुपचाप एक कोने में न्यूज रहता है, तब वह भी ठीक रहता। लेकिन, तब वही होता है, जो दूसरों के साथ रोजाना हो रहा है। रोजाना कितने लोग अरेस्ट हो रहे हैं। लेकिन मीडिया यहां की बातों को उछालता है, क्योंकि उसको दूसरी तरह का हेडलाइन मिलता है।
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सुधा चंद्रन ने पीएम मोदी से की थी अपील, एयरपोर्ट पर हुई परेशानी के लिए CISF ने मांगी माफी
जानी-मानी अभिनेत्री सुधा चंद्रन का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई थी. सुधा चंद्रन ने कहा था कि वह जब भी एयरपोर्ट पर जाती हैं सिक्योरिटी जांच के दौरान उनके आर्टिफिशियल लिंब को निकालने के लिए कहा जाता है. सीआईएसएफ की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब इस पर सीआईएसएफ ने एक ट्वीट कर माफी मांगी है.
सीआईएसएफ ने ट्विटर पर लिखा, ‘सुधा चंद्रन को हमारी वजह से जो असुविधा हुई उसके लिए हम माफी मांगते हैं. प्रोटोकॉल के मुताबिक, सिक्योरिटी चेक के दौरान प्रोस्थेटिक्स को निकालना होता है, वह भी केवल विशेष परिस्थितियों में.‘
अपने एक अन्य ट्वीट में सीआईएसएफ ने लिखा कि ‘हम परीक्षण करेंगे कि सीआईएसएफ की महिला कर्मी ने सुधा चंद्रन से प्रोस्थेटिक्स को निकालने के लिए आखिर क्यों कहा. हम सुधा चंद्रन को यह भरोसा देना चाहते हैं कि हमारे सभी कर्मियों को प्रोटोकॉल पर दोबारा संवेदनशील बनाया जाएगा जिससे यात्रा करने वालों को कोई दिक्कत ना हो.‘
वहीं केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘सुधा जी, मुझे जानकर दुख हुआ और मैं आपसे माफी मांगता हूं. यह दुखद है. किसी को भी इससे नहीं गुजरना है. मैं निजी तौर पर इस मुद्दे को देखूंगा और सुधार की पूरी कोशिश करूंगा.‘
वीडियो जारी करते हुए सुधा चंद्रन ने कहा था, ‘गुड इवनिंग, मैं जो कहने जा रही हूं, यह बेहद ही व्यक्तिगत नोट है. मैं अपनी यह बात अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कहना चाहती हूं. मेरी यह अपील राज्य और केंद्र सरकार दोनों से है. मैं सुधा चंद्रन हूं, प्रोफेशनल डांसर और एक्ट्रेस हूं. मैंने आर्टिफिशियल लिंब के सहारे डांस किया और इतिहास रचा और मेरे देश को मुझ पर बहुत गर्व है लेकिन हर बार जब मैं हवाई यात्राओं पर जाती हूं तो हर बार एयरपोर्ट पर मुझे रोक दिया जाता है.‘
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इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाएंगी
इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया है. 26 अक्टूबर को वह पूजा में शामिल होंगी और इसके साथ ही हिंदू धर्म अपना लेंगी. सीएनएन इंडोनेशिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. मंगलवार को सुकर्णो हेरिटेज एरिया में यह कार्यक्रम होगा. सुकमावती पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं और पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं. 70 वर्षीय सुकमावती सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया में ही रह रही हैं. 2018 में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने उनके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत दर्ज कराई थी.
दरअसल सुकमावती ने एक कविता साझा की थी, जिसे लेकर कट्टरपंथियों का आरोप था कि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है. इस घटना के बाद सुकमावती ने अपनी कविता के लिए माफी की मांग भी की थी. हालांकि इसके बाद भी विवाद समाप्त होता नहीं दिखा था और अकसर उनकी आलोचना की जाती रही है. इंडोनेशिया में इस्लाम के अनुयायियों की संख्या सबसे अधिक है. यही नहीं इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश भी है. बता दें कि सुकमावती के पिता सुकर्णो के दौर में भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी अच्छे थे.
सुकमावती ने हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है
सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है, उन्होंने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है. बाली की यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं. 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में ‘शुद्धि वदानी’ नाम का कार्यक्रम होगा जहां वे हिंदू धर्म अपनाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके परिजन भी मान गए हैं, बताते हैं कि वह बीते कई वर्षों से हिंदू धर्म में शामिल होना चाहती थी.
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