प्रदेश
विशेषज्ञ के बजाय मेल नर्स ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया, मरीज की मौत, डॉक्टर और मेल नर्स के खिलाफ दर्ज किया प्रकरण।
जिले के पाढर में स्थित निजी पाढर अस्पताल में पथरी का उपचार कराने के लिए पहुंचे मरीज को विशेषज्ञ के बजाय मेल नर्स ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया। इससे कुछ ही देर बाद मरीज की मौत हो गई। मरीज के पिता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने मर्ग जांच के बाद पाढर अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजीव चौधरी, उपचार करने वाले चिकित्सक डॉ आशीष चौधरी एवं मेल नर्स सोलोमन लाल के खिलाफ गैरइरादतन हत्या करने की धारा 304, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुलताई थाना क्षेत्र के ग्राम निरगुड़ निवासी जीवनलाल हजारे अपने 22 वर्षीय पुत्र पंकज हजारे को छह अप्रैल 2021 को पथरी का उपचार कराने के लिए पाढर अस्पताल ले गए थे। जांच के बाद आठ अप्रैल को उसका आपरेशन करने के लिए सुबह नौ बजे आपरेशन थियेटर में ले गए। 11 बजे जब उसे बाहर लाया गया, तो वह बेहोश था। अस्पताल प्रबंधन ने उसे आइसीयू में भर्ती कर दिया। 10 अप्रैल को सुबह नौ बजे मरीज का उपचार करने वाले डॉ. आशीष चौधरी ने परिजनों को बताया कि उसकी मौत हो गई है। ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत होने से नाराज परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और गलत इलाज के आरोप लगाए। पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक के शव का पोस्टमार्टम बैतूल जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल से कराया।
मरीज का उपचार करने वाले डॉक्टर आशीष ने एनेस्थीसिया देने के बाद मरीज की हालत बिगड़ने का बयान पुलिस को दिया। कोतवाली पुलिस ने मरीज के उपचार संबंधी दस्तावेजों का सीएमएचओ के माध्यम से मेडीकल बोर्ड से परीक्षण कराया। इसमें पाया गया कि मृतक पंकज को एनेस्थीसिया देने वाले मेल नर्स सोलोमन लाल के पास एनेस्थीसिया टेक्निशियन का कोर्स करने का प्रमाण पत्र है और इसी के आधार पर वे अस्पताल में मरीजों को एनेस्थीसिया देने का काम करते हैं। इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल द्वारा अपने पत्र के माध्यम से पुलिस को यह अभिमत दिया है कि मेडीकल काउंसिल के नियमानुसार मरीज को एनेस्थीसिया देने का अधिकार सिर्फ अर्हताधारी चिकित्सक (जिसने एनेस्थीसिया में डिग्री, डिप्लोमा, की डिग्री प्राप्त की हो) को है। किसी मेल नर्स टेक्नीशियन को एनेस्थीसिया देने का अधिकार नहीं है, वह सिर्फ एनेस्थीसिया में अर्हता प्राप्त चिकित्सक को सहयोग प्रदान कर सकता है। इस आधार पर पुलिस ने मृतक पंकज को एनेस्थीसिया देने वाले मेल नर्स सोलोमन पिता एसके लाल उम्र 51 साल निवासी पाढर, डॉ आशीष चौधरी एवं डॉ राजीव चौधरी के विरूद्ध धारा 304, 34 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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स्कूल में बच्चे की पिटाई से मौत : स्कूल नाम का ही मॉडर्न,गणेश को फीस के लिए भी धमकाते थे स्कूल में बच्चे को, स्कूल में बोर्ड तक नहीं
राजस्थान के चूरू में टीचर की पिटाई से 7वीं क्लास के बच्चे की बुधवार को मौत हो गई। बच्चे को केवल होमवर्क ना करने करने पर टीचर ने पटक-पटक कर मार डाला। बच्चा सालासर थाना क्षेत्र के गांव कोलासर का रहने वाला था। बच्चे की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए। भास्कर ने पोल करवाया तो,मौत के लिए टीचर को जिम्मेदार ठहराया गया।
लोगों ने कहा कि टीचरों की नियमित ट्रेनिंग,मनोवैज्ञानिक जांच के साथ ही स्कूल प्रबंधन को स्टूडेंट और टीचर पर नजर रखनी होगी।भास्कर पोल में 36 प्रतिशत लोगों ने राय दी टीचरों की नियमित ट्रेनिंग हो,जिससे वह बच्चों के प्रति संवेदनशील बनें। स्कूल प्रबंधक स्टूडेंट और टीचर पर नजर रखें। जिस पर 34 प्रतिशत मत आए। वहीं 26 प्रतिशत ने कहा कि स्कूल में नियुक्त करने पहले मनोवैज्ञानिक जांच होनी चाहिए। 96 में से 4 प्रतिशत ने कहा कि छोटे बच्चों को होमवर्क के बोझ से दूर रखना चाहिए।
संस्कृत का होमवर्क नहीं करने पर लात-घूसों से मारा
मामला सालासर थाना क्षेत्र के कोलासर गांव के मार्डन स्कूल में 7वीं क्लास के बच्चे गणेश की मौत का है। 13 साल का गणेश संस्कृत का होमवर्क करके नहीं गया था। जिस पर आरोपी टीचर मनोज ने थप्पड़ मारा और जमीन पर पटक कर लात-घूसे और डंडे से वार किया। बच्चे के सिर,आंख,मुंह पर गहरी चोट आने से मौत हो गई। पुलिस ने टीचर को गिरफ्तार किया है।
शिक्षा विभाग की टीम गुरुवार को स्कूल जाकर बच्चों और टीचर के बयान ले
गांव में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं
इधर, तीन दिन से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गरीब परिवार के बच्चे गणेश की मौत के बाद से स्कूल जाने से डरे हुए हैं। गांव में खौफ ऐसा है कि कोई भी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है। भास्कर टीम ने गांव में करीब 20 से ज्यादा लोगों से बातचीत की। सबका यही कहना था जो हुआ गलत हुआ। वे इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।
ग्रामीणों के इस डर को समझने का प्रयास भास्कर टीम ने किया। सामने आया कि गांव में सरकारी स्कूल के अलावा कोई अन्य प्राइवेट स्कूल नहीं है। मॉर्डन स्कूल 2003 में शुरू हुआ था। 8वीं तक का स्कूल 2013 में RTE के दायरे में आया था, जिसके बाद गांव के अधिकतर बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। आरोपी स्कूल मालिक बनवारीलाल का बेटा था। स्कूल में लगभग 150 स्टूडेंट हैं। स्कूल संचालक काफी रसूखदार माना जाता है। ऐसे में गांव वाले कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। कुछ लोगों को बच्चों के भविष्य की चिंता है कि अगर कुछ बोला तो बच्चों का क्या करेंगे?रही है।
कोने में पड़ा स्कूल को बोर्ड
प्राइवेट स्कूल के नाम पर मोटी फीस वसूलने के बाद भी स्कूल की हालत देखकर मॉर्डन नहीं लगता। स्कूल के नाम का बोर्ड भी कोने में पड़ा हुआ धूल खा रहा है। किराए की इमारतों में स्कूल आमने-सामने चलता है। 7वीं तक के भवन में 5 और दूसरे में 3 कमरे बने हुए हैं। गणेश जिस भवन में पढ़ता था उसके 5 क्लास रूम में बोर्ड तक लगे हुए नहीं है। कुर्सी-टेबल की जगह बच्चों को दरी पर बैठाकर पढ़ाया जाता है। स्कूल की घंटी को भी केवल औपचारिकता के तौर पर दो दीवारों के सहारे लकड़ी से टांग रखा है। अग्निशमन यंत्र तक लगा हुआ नहीं है।
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मृतक सफाईकर्मी के परिजनों का सनसनीखेज दावा,आगरा पुलिस वाले लॉकर तोड़कर जेवरात तक लूटकर ले गए। बच्चों की गुल्लक तक फोड़ दी।
आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से चोरी के मामले में हिरासत में लिए अरुण की मौत पर घिरी पुलिस पर एक आरोप और लगा है। परिवार की महिलाओं का कहना है कि पुलिस ने घर में दबिश दी। अलमारी के लॉकर से लेकर खिड़की का दरवाजा तक तोड़ दिया। बच्ची की गुल्लक तोड़कर रुपये निकाल लिए। घर से नकदी और जेवरात ले गई। वह कहते रहे कि यह उनकी जमा पूंजी है। इसके बावजूद पुलिसवालों ने एक नहीं सुनी।
मोहल्ला पुल छिंगा मोदी में अरुण का परिवार चार कमरों के मकान में रहता है। गुरुवार को परिवार से मिलने आए लोगों के सामने महिलाओं ने एक ही बात कही कि सबसे पहले रविवार को उनके घर पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने घर की तलाशी ली थी। दबिश के नाम पर उत्पात मचाया।
अरुण के भाई संजय की कई साल पहले मौत हो गई थी। उनकी पत्नी सुनीता बच्चों के साथ रहती हैं। उनकी बेटी शिवानी की नवंबर में शादी है। सुनीता ने अपनी अलमारी दिखाते हुए कहा कि पुलिस ने लॉकर ही तोड़ दिया। उसमें जो मिला, वो बटोर लिया। इसमें बेटी की गुल्लक भी रखी थी। इसमें वो रुपये जोड़ा करती थी। पुलिस ने गुल्लक को भी तोड़ दिया। उसमें से रुपये निकाल लिए। जेवरात भी लूट लिए।
परिवार की नीलम ने बताया कि पुलिस ने उनके बच्चों की गुल्लक भी तोड़ दी। उनकी अलमारी की रैक निकाल ली। अरुण के कमरे की खिड़की का लकड़ी का दरवाजा भी तोड़ दिया। घर में सामान खंगाल डाला। बृहस्पतिवार तक घरवालों ने घर को नहीं संभाला, जिससे पुलिस की हकीकत सभी को पता चल सके।
भाई बोले- पुलिस की कार्रवाई से हैं संतुष्ट
अरुण के भाई बंटी और सोनू का कहना था कि वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। शासन प्रशासन उनके साथ है। वह जो भी करेगा सही करेगा। हालांकि परिवार की महिलाएं पुलिस पर आरोप लगा रही हैं। वो यही कह रही हैं कि पुलिस ने अरुण की पिटाई की है।
चप्पे-चप्पे पर रहा पुलिस का पहरा
छिंगा मोदी पुल मोहल्ले में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। अरुण के घर में महिला पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में बैठी रहीं। घर में कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, लोग क्या बोल रहे हैं, इस सब पर पुलिस की नजर है। कुछ की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। इसके अलावा लोहामंडी-जयपुर हाउस मार्ग पर मोहल्ले के बार बैरियर लगाए गए।
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हरियाणा में बड़ा हादसा, एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत,ट्रक द्वारा अर्टिगा कार को टक्कर मारने के कारण आठ लोगों की जान चली गई
हरियाणा के झज्जर जिले में बहादुरगढ़ में बड़ा सड़क हादसा हुआ है. यहां पर भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि एक बच्चा घायल है. मृतकों में एक बच्चा और तीन महिलाएं शामिल हैं. पुलिस को घटना की सूचना दी गई है.जानकारी के अनुसार, बहादुरगढ़ के बादली और फरुखनगर के बीच केएमपी एक्सप्रेसवे हाईवे पर यह हादसा हुआ है. अर्टिगा गाड़ी में सवार लोग की तरफ जा रहे थे. इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने गाड़ी में पीछे से टक्कर मार दी, इससे आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.हादसे के बाद आरोपी ट्रक चालक मौके से फरार हो गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. मृतकों की अभी पहचान नहीं हो सकी है और पुलिस ने शवों की पहचान और पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल भिजवाया है. मौके पर पहुंचे जाच पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है. फरार ट्रक चालक की तलाश की जा रही है. हादसे के पड़ताल में पुलिस जुटी हुई है. घायल बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
एक ही परिवार के थे सभी लोग
जानकारी के अनुसार, केएमपी पर हादसे में मारे गए लोग यूपी के फिरोजाबाद के रहने वाले थे.फिरोजाबाद के नगला अनूप गांव के लोग गोगा मेड़ी से वापस जा रहे घर जा रहे थे. बताया जा रहा है कि सभी मृतक एक ही परीवार से हैं.किराये की अर्टिगा गाड़ी में कुल ग्यारह लोग सवार थे. घटना के दौरान गाड़ी रुकी हुई थी और कुछ लोग टॉयलेट के लिए उतरे थे. फिलहाल, गाड़ी का ड्राइवर, एक महिला और एक बच्ची की जान बच पाई है और बाकी आठ लोगों की मौत हो गई है.
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