रहस्यमय झील : जिसका पानी पीने के बाद नहीं बचता है कोई जिंदा
एक खतरनाक झील दक्षिण अफ्रीका के लिंपोपो प्रांत में है, जिसे फुन्दूजी झील के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस झील का पानी जो भी पी ले, वो जिंदा नहीं बचता है। जल्द ही उसकी मौत हो जाती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, प्राचीन समय में यहां से गुजर रहे एक कोढ़ी को यहां रहने वाले लोगों ने खाना खिलाने और आश्रय देने से मना कर दिया था, जिसके बाद वह उन लोगों को श्राप देकर उस झील में घुस गया और गायब हो गया।
ऐसा कहा जाता है कि झील के अंदर से सुबह-सुबह ड्रम बजाने की आवाजें, जानवरों और लोगों की चीखें सुनाई पड़ती हैं। लोगों के बीच एक मान्यता ये भी है कि इस झील की रक्षा पहाड़ों पर रहने वाला एक विशाल अजगर करता है, जिसे प्रसन्न करने के लिए हर साल वेंदा आदिवासी एक नृत्य उत्सव का आयोजन करते हैं, जिसमें कुंवारी लड़कियां नाचती हैं।
इस झील का निर्माण प्राचीन समय में भूस्खलन के कारण मुटाली नदी का बहाव रुक जाने से हुआ था। अब ये रहस्य बना हुआ है कि इस नदी का पानी तो बिल्कुल साफ है, फिर इसमें ऐसा क्या है, जिसे पीते ही लोगों की मौत हो जाती है।
आपको बता दें कि इस झील के पानी का रहस्य जानने के लिए कई बार कोशिश की गई, लेकिन हर बार जांचकर्ताओं को नाकामी ही हाथ लगी। कहते हैं कि साल 1946 में इस झील के पानी की सच्चाई जानने के लिए एंडी लेविन नाम का एक शख्स आया था। उसने वहां से पानी और कुछ पौधे लिए और चल दिया, लेकिन अचानक वह रास्ता भटक गया। ऐसा उसके साथ कई बार हुआ।
एंडी लेविन ने जब पानी और पौधा को फेंक दिया, तब जाकर उसे सही रास्ता दिखाई दिया। हालांकि, एक हफ्ते के बाद ही उसकी मौत हो गई।इस झील का पानी आज भी लोगों के लिए रहस्य ही बना हुआ है। अधिकांश लोग झील के खतरनाक पानी के पीछे किसी जहरीली गैस का उत्सर्जन बताते हैं, लेकिन इसका कोई पुख्ता प्रमाण अब तक नहीं मिल पाया है।
क्राइम
Crime News : महिला को लिफ्ट देने के बहाने किया गैंगरेप, हत्या के बाद कुएं में फेंका शव,…
दौसा जिले में अपने पीहर आ रही महिला की गैंगरेप के बाद हत्या के बाद आरोपियों ने शव को बस्सी इलाके के गुढा-चारणवास गांव की सीमा में एक सूखे कुएं में फेंक दिया। सूचना पर पहुंची तूंगा व रामगढ़पचवारा थाना पुलिस ने शव को कुएं से बाहर निकाला। महिला का पीहर दौसा जिले के एक थाना इलाका में होने के कारण दौसा पुलिस शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में ले गई।
आक्रोशित ग्रामीण व परिजनों ने दौसा-लालसोट मार्ग पर कुछ देर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।करीब नौ घंटे बाद शाम छह बजे जिला कलक्टर कमर चौधरी की समझाइश के बाद परिजन व ग्रामीण शव लेने पर सहमत हुए। दौसा अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक दिनेश शर्मा ने बताया कि जयपुर से शनिवार दोपहर महिला अपने पीहर रामगढ़ पचवारा थाना क्षेत्र के एक गांव के लिए रवाना हुई थी।
बस से उतरने के बाद गांव की लिंक रोड पर महिला व एक स्कूली छात्र पैदल जा रहे थे।इस दौरान कार में सवार दो आरोपियों ने महिला व बालक को लिफ्ट देने के बहाने बैठा लिया। महिला के साथ चलती कार में बलात्कार कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया अन्य की तलाशी जारी है। सूत्रों की माने तो इस वारदात में पांच से अधिक आरोपी होने का अंदेशा है।
महिला के हैं दो बच्चे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला की उम्र करीब 35 वर्ष बताई जा रही है। उसके दो बालक भी है। वह अपने बच्चों को जयपुर ससुराल छोड़कर पीहर में जा रही थी। इस दौरान उसको दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाकर उसकी हत्या कर शव कुएं में फेंक दिया।
सूचना सोशल मीडिया पर वायरल होन के बाद खुला राजमहिला के परिजनों ने महिला के गायब होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इसके बाद उस बालक ने आरोपियों का राज खोला। जिसमें उनको जिस कार में बिठाया था। बालक कार चालक की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने कार चालक को हिरासत में लेकर घटनास्थल तक पहुंची।
न्यू दिल्ली
कोरोना अपडेट: राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले में हुई बढ़ोतरी, 24 घंटे में संक्रमण की दर 6.42 फीसदी तक पहुँचा…
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सोमवार को कोरोना संक्रमण की दर 6 फीसद से अधिक रही और इस बीमारी की वजह से एक मरीज की मौत हो गई। बीते दिल्ली में कोरोना संक्रमण की केवल 15,742 जांच हुई हैं। इस जांच में 1,011 संक्रमण के नए मामले मिले हैं और एक मरीज की मौत हुई है। दिल्ली में इस समय 4168 सक्रिय मामले हैं।
इन मरीजों से 3,067 मरीजों का इलाज घर में एकांतवास में किया जा रहा है। 24 घंटे में संक्रमण की दर 6.42 फीसद रही है। इस दौरान 817 मरीज ठीक होकर वापस अपने घर भी गए हैं। संक्रमण के मामले आने के बाद सरकार को नए निषिद्ध क्षेत्र बनानेकी जरुरत पड़ रही है ताकि संक्रमण को अन्य इलाकों में बढ़ने से रोका जा सके। इस समय दिल्ली में कुल 670 निषिद्ध क्षेत्र हैं। बीते 24 घंटे में 8,979 लोगों को संक्रमण से बचाव का टीका लगाया गया है। इस बीमारी से अबतक कुल 26168 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 16,522
नई दिल्ली: देश में एक दिन में कोरोना विषाणु संक्रमण के 2,541 मामले आने से संक्रमितों की कुल संख्या 4,30,60,086 हो गई। वहीं, संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 16,522 पर पहुंच गई, जो कुल मामलों का 0.04 फीसद है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण से 30 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,22,223 हो गई है। चौबीस घंटे में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 649 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 फीसद है। संक्रमण की दैनिक दर 0.84 फीसद और साप्ताहिक दर 0.54 फीसद है। देश में अभी तक कुल 4,25,21,341 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोरोना से मृत्यु दर 1.21 फीसद है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोरोनारोधी टीकों की 187.71 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। देश में चौबीस घंटे में संक्रमण से 30 मौतें हुर्इं जिनमें केरल में 24, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में दो-दो और दिल्ली व मिजोरम में एक-एक मरीज की मृत्यु हुई। देश में अभी तक संक्रमण से कुल 5,22,223 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,47,834, केरल के 68,843, कर्नाटक के 40,057, तमिलनाडु के 38,025, दिल्ली के 26,167, उत्तर प्रदेश के 23,505 और पश्चिम बंगाल के 21,201 लोग थे।
गौतमबुद्ध नगर में 120 और गाजियाबाद में 273 मरीज मिले
नोएडा : गौतमबुद्ध नगर में सोमवार को कोरोना विषाणु के 120 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 23 संक्रमितों की उम्र 18 साल से कम है। वहीं, गाजियाबाद में चौबीस घंटे के अंदर 49 नए मरीज मिले हैं। इसी अवधि में 22 स्वस्थ होकर अस्पताल से घर गए हैं। जनपद में कुल 273 सक्रिय मरीज हैं। गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा काफी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है।
सोमवार को जो कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं, उनके तीन, चार और छह साल के बच्चे भी शामिल हैं। सभी का इलाज गृह पृथकवास में किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील शर्मा के मुताबिक जनपद में सोमवार को कोरोना वायरस के 120 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनके साथ जिले में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 656 के पार पहुंच गई है।
Knowledge
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2022-23: इस बार सब्जेक्टिव पेपर से छात्रों के सामने रहेगा पूरा शेडयूल;ये रही डीटेल्स…
सीबीएसई साल 2022-23 की फाइनल परीक्षाएं एक बार ही आयोजित करवाएगा। इसकी औपचारिक घोषणा हो चुकी है। हालांकि पेपर पैटर्न को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है। दरअसल, साल 2021-22 की परीक्षाओं में बोर्ड ने बड़ा बदलाव किया था। वर्तमान सेशन में परीक्षा दो टर्म में आयोजित हो रही है। टर्म-1 की परीक्षा हो चुकी है। इसमें ऑब्जेक्टिव आधारित सवाल पूछे गए थे। टर्म-2 की परीक्षा आने वाले दिनों में होगी। इसमें सब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे।
सब्जेक्टिव पेपर से छात्रों के सामने रहेगा पूरा शेडयूल
इससे पहले के सालों में सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम सब्जेक्टिव आधार पर ही होते आए हैं। ऐसे में अगले सेशन में भी ऑब्जेक्टिव पार्ट को हटाकर पूरी परीक्षा सब्जेक्टिव बेस्ड हो सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार इस साल टर्म-1 देने वालों को ऑब्जेक्टिव पेपर की प्रैक्टिस से कॉम्पिटिशन एग्जाम में फायदा मिल सकता है। इससे पहले तक छात्र 12वीं के सारे पेपर लिखित परीक्षा के रूप में देते थे।
इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में पैटर्न बदलकर ऑब्जेक्टिव (ओएमआर) बेस्ड हो जाता है। ऐसे में सीबीएसई के छात्रों को पुराने पैटर्न का नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर, एक पक्ष सब्जेक्टिव को बेहतर बता रहा है। सब्जेक्टिव पेपर होने से छात्रों के सामने पूरा शेड्यूल रहेगा। पेपर भी मार्च-अप्रैल में होने से उन्हें फाइनल एग्जाम की तैयारियों के लिए समय मिलेगा।
अगले सेशन से सभी परीक्षाओं का पैटर्न सब्जेक्टिव
टर्म-1 नवंबर व दिसंबर में आयोजित किया जा चुका है। छात्र कई माह के बाद जेईई मेन व नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठेंगे। इसमें टर्म-1 का ऑब्जेक्टिव आधार पर होना प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत बेहतर परिणाम नहीं दे पाएगा। एक बार पेपर हाेने से छात्रों के सामने पूरा सिलेबस होगा।
दो बार पेपर होने के कारण छात्र को कुछ सिलेबस पहले और कुछ बाद में पूरा करवाया जा रहा था। अब स्कूलों को भी एक बार में ही पूरा सिलेबस पढ़ाने का अवसर मिल पाएगा। अगले सेशन से सभी परीक्षाओं का पैटर्न सब्जेक्टिव हो सकता है।
अधिकांश स्टेट विवि में मेरिट 12 वीं के आधार पर
इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित अन्य यूनिवर्सिटीज के लिए सीयूईटी लागू किया जा रहा है। हालांकि स्टेट यूनिवर्सिटीज पर सीयूईटी की बाध्यता नहीं रहेगी। एक्सपर्ट के अनुसार अधिकांश स्टेट यूनिवर्सिटीज 12वीं के अंकों पर ही दाखिला देती हैं। ऐसे में सब्जेक्टिव पैटर्न का असर स्टेट यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस पर नहीं आएगा।
एक ही बार परीक्षा होने से छात्रों में असमंजस नहीं
इन्टरनल की तुलना में एक्सटर्नल एजेंसी जब छात्रों का असेसमेंट करती है तो वह बेहतर तरीके से होता है। इस साल की बात छोड़ दी जाए तो पहले भी सब्जेक्टिव आधार पर ही परीक्षा हो रही थी। उस समय भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों पर कोई असर नहीं आया था। एक ही बार में परीक्षा होने से छात्रों में असमंजस नहीं रहेगा।
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