प्रदेश
किरायेदार के परिवार की नृशंस हत्या करने वाले आरोपी रिटायर्ड फौजी ने जेल में फांसी लगाकर जान दे दी
हरियाणा के गुरुग्राम के राजेंद्रा पार्क में चार लोगों की हत्या का आरोपी रिटायर्ड फौजी राव राय सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली है। सोमवार देर रात रिटायर्ड फौजी ने अपने बैरक में गमछे से फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि इकलौते बेटे आनंद पर जांच के लिए दबाव बढ़ रहा था। सुनीता के परिजनों ने आनंद पर भी हत्या का आरोप लगाया था। उन्होंने प्रॉपर्टी विवाद को कारण बताया था।
आपको बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम में 24 अगस्त को देर रात रिटायर्ड फौजी ने अपनी बहू और किराएदार के बीच अवैध संबंधों के शक में बच्ची समेत चार लोगों को बेरहमी से काट डाला था। 65 वर्षीय सेवानिवृत्त फौजी राव राय सिंह ने पुत्रवधू सुनीता यादव (35), किराएदार कृष्ण तिवारी (40), उसकी पत्नी अनामिका तिवारी (34) और बेटी सुरभि (7) की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी। हमले में किराएदार की तीन साल की बेटी विधि घायल हुई थी।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी खुद पुलिस थाने पहुंचा और पुलिस को वारदात की जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी और खुद उसके राधा कृष्ण मंदिर वाली गली में बने मकान पर पहुंच गए।
पुलिस के मुताबिक, मकान की पहली मंजिल पर राय सिंह की पत्नी व पोती जीवित मिले, जबकि पुत्रवधू सुनीता वहीं मृत पड़ी थी। दूसरी मंजिल पर किराएदार कृष्ण, उसकी पत्नी सुरभि और दो बेटियां लहूलुहान मिले। इनमें छोटी विधि को सेक्टर 10 के नागरिक अस्पताल भेजा गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया था। फिलहाल वह ठीक है।
देश - दुनिया
लखीमपुर खीरी कांड का 29 सेकेंड का वीडियो और खड़े हुए 8 बड़े सवाल
लखीमपुर खीरी कांड का 29 सेकेंड का वीडियो आज सुबह से ही वायरल है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हों या आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने वीडियो ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी नेताओं का सवाल है, ‘योगी आदित्यनाथ जी आपके राज में किसानों की निर्मम हत्या करने वाले गिरफ्तार कब होंगे?’ प्रियंका ने पीएम मोदी को टैग करके लिखा है, ‘मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर और FIR के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचलने वाला ये व्यक्ति अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ?’ आइए जानते हैं कि इस वीडियो में क्या है और कौन क्या कह रहा है।
वीडियो में क्या दिख रहा है
वीडियो की शुरुआत में कुछ किसान (सिख भी) और युवा चलते हुए दिखाई देते हैं। अगले सेकेंड में इन लोगों के हाथ में काला झंडा और बैनर भी दिखाई दे जाता है। तभी सायरन की आवाज सुनाई देती है और तेज रफ्तार एक गाड़ी किसानों को कुचलते हुए निकल जाती है। वीडियो को एक-एक फ्रेम में चलाकर देखिए, आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इसमें साफ दिखाई देता है कि सबसे पहले एक पीली पगड़ी पहना बुजुर्ग व्यक्ति इस गाड़ी की चपेट में आते ही बोनट पर उछल जाता है, अगले पल कोहराम मच जाता है और कई लोग जमीन पर पड़े दिखते हैं। वीडियो से साफ पता चलता है कि कई लोग उस ‘किलर जीप’ के नीचे आ गए होंगे। गाड़ी को SUV बताया जा रहा है।
29 सेकेंड के वीडियो को बार-बार चलाकर देखने से पता चलता है कि लोगों को कुचलने के बाद भी ड्राइवर और गाड़ी में बैठे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि न सिर्फ वह गाड़ी बल्कि उसके पीछे आ रही एक लंबी कार भी उसी रफ्तार में दौड़ती चली गई। सायरन लगातार बजता रहता है और किसान चिल्ला उठते हैं।
सुबह साढ़े 10 बजे बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी उसी वीडियो को शेयर किया है लेकिन इसमें तस्वीर काफी साफ दिखाई देती है। गाड़ी केऐसे में 8 सवाल खड़े होते हैं जिनका जवाब पुलिस और जांच एजेंसियों को ढूंढना होगा। पीछे बीजेपी का पोस्टर लगा दिखता है और लोगों को कुचलते समय ड्राइवर का चिल्लाते हुए दांत निकालना भी साफ समझ में आता है।
वायरल वीडियो क्या लखीमपुर खीरी का है?
बताया जा रहा है कि वीडियो लखीमपुरी खीरी का है और काले झंडे लिए दिखते लोग नारे लगाते किसान हैं। AAP सांसद संजय सिंह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह जरूर कहा कि जो वहां स्थानीय नागरिकों, किसानों और पुलिस के एक कांस्टेबल के बयान से साफ हो जाता है कि लोगों के बयान और जो वीडियो में दिख रहा है वह दोनों सच है।
किसकी जीप, कौन ड्राइवर?
अभी तक पुलिस की ओर से इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में कोई भी दावे के साथ यह नहीं कह सकता कि वीडियो में दिखाई दे रही गाड़ी किसकी है और उस समय इसे कौन चला रहा था। हां, पुलिस की जांच में तस्वीरों को स्कैन करके प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ और गाड़ी का मिलान कर यह पता लगाना आसान होगा।
अनजाने में कुचला तो गाड़ी रुकी क्यों नहीं?
आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाए तो फौरन ड्राइवर गाड़ी रोक देता है और घायल को मदद के लिए दौड़ पड़ता है। लेकिन इस वीडियो को देखने से साफ है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर दौड़ती गई गाड़ी आगे जाकर भी नहीं रुकी। इतना ही नहीं पीछे से आती लंबी कार भी उसी रफ्तार से भागती चली गई।
क्या गाड़ी की विंडस्क्रीन टूटी थी?
कुछ न्यूज चैनलों पर यह कहा जा रहा है कि जो गाड़ी किसानों को कुचलती हुई जा रही है उसकी विंडस्क्रीन टूटी हुई है, उसमें एक छेद है। विंडस्क्रीन ड्राइवर की तरफ से दरकी हुई है, बाहर देखना मुश्किल हो रहा है। अगर पथराव हो रहा हो तो व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी तेजी से भगाता है।
क्या लखीमपुर में किसानों ने पहले किया पथराव?
विंडस्क्रीन टूटने वाला ऐंगल सामने आने से यह बात भी कही जा रही है कि क्या पहले किसानों ने गाड़ी पर हमला किया था, पथराव किया था, उसके बाद जान बचाने के लिए ड्राइवर तेजी से गाड़ी दौड़ाता चला गया। हालांकि वीडियो की शुरुआत में देखें तो किसानों में कोई गुस्सा या उग्रता दिखाई नहीं देती है, वे शांति से पैदल जाते दिखाई देते हैं।
क्या गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा एसयूवी में था?
लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया। इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे।
क्या गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा एसयूवी में था?
लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया। इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे।
मंत्री के बेटे की हत्या की साजिश थी?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने कहा है कि उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो।’ मिश्रा ने यह भी कहा, ‘मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है। जिस तरह गाड़ी से खींच-खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की साजिश रही हो।’
ड्राइवर को किसने पीट-पीट कर मार डाला?
इससे पहले एक वीडियो सामने आया था जिसमें ड्राइवर हाथ जोड़कर कहता दिखाई दे रहा था कि दादा-दादा….छोड़ दो। भीड़ में कुछ लोग उससे जबरन कहलवा रहे हैं कि कहो टेनी ने लोगों को मारने के लिए भेजा था। गाड़ी चढ़ाने के लिए कहा था। ड्राइवर कह रहा है टेनी ने भेजा था लेकिन गाड़ी चढ़ाने के लिए नहीं..। फिर कुछ लोग उसे डंडा दिखाते हैं और जबरन मनमानी बात कहने के लिए कहते हैं। ड्राइवर नहीं कहता है तो फिर उसके ऊपर टूट पड़ते हैं। बाद में ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। ड्राइवर को पीटने वाले कौन लोग थे।
प्रदेश
सीएम योगी ने कहा कि राज्य की 600 ग्राम पंचायतें अब नगर निकाय का हिस्सा हो गई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों में काम कर रहे राेेजगार सेवकों को राहत दी है। सीएम योगी ने कहा कि राज्य की 600 ग्राम पंचायतें अब नगर निकाय का हिस्सा हो गई हैं। इन पंचायतों के ग्राम रोजगार सेवकों को सेवा से निकाले जाने का खतरा था। ऐसा नहीं होने दिया गया। 415 को दूसरी पंचायतों में तैनाती दी गई है, जो बचे हैं उन्हें भी जल्द तैनाती दी जाएगी। किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी ग्राम रोजगार सेवक का करीबी रिश्तेदार गांव का प्रधान चुन लिया गया है तो भी उसे सेवा से न हटा कर दूसरी पंचायतों में तैनात किए जाने का इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा में और काम जोड़ने पर विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में 12622 करोड़ रुपये खर्च कर 1.16 करोड़ रोजगार सृजन किया गया। 39.46 करोड़ मानव दिवस का सृजन करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना। पीएम आवास योजना में 42 लाख आवास दिया। इसमें भी यूपी पहले नंबर है। चार साल में 103.27 करोड़ मानव दिवस सृजित किया गया, जिसमें से अकेले वर्ष 2020-21 में ही 39.46 करोड़ में किया गया। 26 जून 2020 को एक दिन में राज्य में 62.25 लाख मजदूर मनरेगा के तहत काम पर लगे थे। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ था। 7.79 लाख परिवारों को 100 दिन मनरेगा के तहत रोजगार दिया। किसानों को सिंचाई और खेत तालाब योजना का काम कर लाभ पहुंचाया। 2020-21 में ही 25 नदियों को मनरेगा के तहत पुनर्जीवित किया गया।
अपर आयुक्त व कई अन्य हुए सम्मानित
मनरेगा सम्मेलन के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदत्यनाथ ने एक साल में 100 दिन मनरेगा के तहत काम करने वाले दो कामगारों, अपर आयुक्त मनरेगा तथा कई अन्य को उनके बेहतर काम के लिए सम्मानित किया। कोरोनाकाल में मनरेगा के तहत राज्य में रिकार्ड लोगों को रोजगार से जोड़ने पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार सम्मानित किए गए। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह’’ ने इनके द्वारा इस अवधि में उठाए गए कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री के हाथों मंच पर सम्मानित होने वालों में अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार, मनरेगा के तहत एक साल में 100 दिन काम करने वाले कई किसानों व अफसरों को भी सम्मानित किया गया है।
प्रदेश
किसानों को कार से रौंदने की वारदात के खिलाफ आम लोगों में सोमवार को जबरदस्त गुस्सा दिखा
किसानों को कार से रौंदने की वारदात के खिलाफ आम लोगों में सोमवार को जबरदस्त गुस्सा दिखा । उनका कहना था कि किसी की मांग वाजिब या गैर वाजिब हो सकती है, पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कार चढ़ाने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। किसानों का दावा तो यहां तक है कि हर घटना का वीडियो है, हम साबित कर देंगे कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। तिकुनिया पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने भी घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की अपील की, ताकि न्यायिक जांच में उनका इस्तेमाल हो सके।
जिले के कस्बों व गांवों का माहौल सोमवार को शांत था, पर सड़कों पर किसानों के जत्थे बाइक पर सवार होकर तिकुनियां की ओर जाते रहे। उनकी बाइक पर जहां निशान साहिब और किसान यूनियन का झंडा लगा था, वहीं हाथ में लाठियां और कुछ के हाथों में तलवारें भी। सबका यही कहना था कि जल्द से जल्द तिकुनिया पहुंचना चाहते हैं, ताकि वहां मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दे सकें। उस समय मारे गए चारों किसानों के शव वहीं रखे थे।
हत्या जायज नहीं ठहरायी जा सकती
निघासन में जैसे ही टीवी पत्रकार रमन कश्यप का एंबुलेंस से शव पहुंचा, वहां कस्बे के तमाम लोगों ने पहुंचकर जाम लगा दिया। कश्यप के घर के पास ही छड़ी राम की टेलरिंग की दुकान है। वह कहते हैं कि रमन का व्यवहार सबके साथ बहुत अच्छा था। हम नहीं जानते कि किसानों की मांग सही या सरकार की बात, लेकिन इस तरह से हत्या जायज नहीं ठहराया जा सकता। वहीं पर मौजूद मो. आजम और मशरूर पूरी घटना के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे को जिम्मेदार ठहराते हैं।
सुबह से ही मान-मनौव्वल
तिकुनिया में लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार सुबह से ही किसानों से संवाद में लगे रहे। मौके पर किसानों की भारी भीड़ के साथ उनके नेता राकेश टिकैत समेत पुलिस व शासन के आला अफसर भी मौजूद थे। यहीं किसानों के साथ समझौते की रूपरेखा तैयार हुई। टिकैत सोमवार को भोर होने से पहले ही धरनास्थल पर पहुंच गए थे।
चश्मदीदों का दावा
तिकुनिया में मिले बिछिया (बहराइच) के किसान सुखबिंदर सिंह व जसविंदर सिंह बताते हैं कि रविवार को पूरी वारदात उनके सामने हुई। बकौल सुखबिंदर, सभी किसानों का मुंह निघासन की ओर था, क्योंकि उन्हें बता दिया गया था कि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के आने का रूट बदला दिया गया है। अब वे हेलीपैड पर नहीं आएंगे। इसी दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष एक कार से 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाते हुए वहां से निकले।
इसके पीछे उतनी ही रफ्तार से एक कार और आई। किसानों को रौंदा गया। कुछ समझ पाते, इससे पहले ही कार के अंदर से गोलियां भी दागी गईं। कौन दाग रहा था, इसे वे नहीं देख पाए। देखते ही देखते कई किसान घायल हो गए। इनमें से चार की मौत हो गई। जसविंदर बताते हैं कि तमाम लोगों के पास इस घटना से संबंधित वीडियो हैं। एक बार इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएं, किसान वीडियो अपलोड करके साबित कर देंगे कि कार में केंद्रीय मंत्री का बेटा ही बैठा था।
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