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यूपी में योगी आदित्य नाथ ने इतिहास रचकर तोड़े ये 3 मिथक…
उत्तर प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार गोरखपुर सदर सीट से बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने करीब 50 हजार वोटों से जीत दर्ज की है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें 85,356 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सुभावती उपेंद्र दत्त शुक्ला को 30,498 वोट मिले. वहीं सीएम योगी के खिलाफ दंभ भरने वाले चंद्रशेखर आजाद को केवल 4,501 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई. 2017 के पहले तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे, जबकि अब वे यहीं की सदर विधानसभा सीट से विधायक होंगे. उत्तर प्रदेश में एक मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जीत दोहराने वाले योगी आदित्यनाथ ने इस बार कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जबकि मुख्यमंत्री से जुड़े कई मिथकों को भी तोड़ा है.
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी से पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जादू’ में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली थी. योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और फिर एमएलसी निर्वाचित हुए. सीएम योगी से पहले बीजेपी के कोई नेता अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे. रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह तक नहीं.
मिथक 1 : जो विधानसभा चुनाव लड़ता है, वह नहीं बन पाता सीएम!
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मिथक है कि जो नेता विधानसभा चुनाव लड़ता है, वह सीएम नहीं बन पाता है. संयोग से बन भी जाए तो टिक नहीं पाता है. इसी मिथक की वजह से यूपी में जो नेता मुख्यमंत्री बनते हैं, वे अक्सर विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ते. ज्यादातर मुख्यमंत्री एमएलसी चुनकर बनते रहे हैं. बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश और पिछली बार योगी आदित्यनाथ भी एमएलसी बनकर ही सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे.
एक बार मुलायम सिंह यादव ने गुन्नौर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्हें जीत भी हासिल हुई थी और वे प्रदेश के सीएम भी बने थे. लेकिन 2 साल से भी कम कार्यकाल के बाद वे कुर्सी से हट गए. इस बार योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और सीएम पद की शपथ लेते ही वह इस मिथक को तोड़ डालेंगे. हालांकि अखिलेश यादव ने भी इस बार करहल विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है. लेकिन उनकी पार्टी सपा बहुमत से काफी दूर रह गई है.
मिथक 2: नोएडा जाने वाला मुख्यमंत्री नहीं बन पाता
यूपी की राजनीति का एक मिथक नोएडा से भी जुड़ा हुआ है, जो प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही प्रदेश के एक हिस्से में जाने से रोकता है. यह मिथक है कि उत्तर प्रदेश का जो नेता नोएडा का दौरा करता है, वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाता. इस मिथक को लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव को मीडिया में अक्सर छेड़ा जाता रहा है. दरअसल, यह मिथक 1985 में वीर बहादुर सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल से चला आ रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 1980 के दशक में नारायण दत्त तिवारी और वीर बहादुर सिंह नोएडा गए और दुर्योगवश दोनों ही चुनाव हार गए. इसके बाद से बड़े-बड़े नेता नोएडा जाने से कतराते रहे.
यूपी के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव भी नोएडा जाने से कतराते थे. 2011 में बसपा सुप्रीमो मायावती नोएडा गई थीं और फिर 2012 के चुनाव में हार गईं. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ही नहीं, राजनाथ सिंह ने भी नोएडा से शुरू होने वाली योजनाओं का शिलान्यास या तो प्रदेश की राजधानी लखनऊ से किया या फिर देश की राजधानी दिल्ली से. लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल में कई बार नोएडा गए और इस मिथक को गलत साबित किया.
मिथक 3 : एक्सप्रेस-वे की राजनीति
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने या नहीं बनने को लेकर एक और मिथक रहा है. कहा जाता है कि जो नेता यूपी में एक्सप्रेस-वे की राजनीति करते हैं, उनकी दोबारा सरकार नहीं आती. पूर्व सीएम मायावती ने 2002 में ताज एक्सप्रेस-वे की सियासत की और शिलान्यास के बाद ही उनकी सरकार गिर गई. फिर अखिलेश यादव ने ताज एक्सप्रेस-वे का काम पूरा करवाया और उसे यमुना एक्सप्रेस-वे नाम दिया. उन्होंने फिर आगरा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया और फिर 2017 में उनकी सरकार भी दोबारा नहीं आ पाई. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे दिए और दोबारा उनकी सरकार आ गई है. यानी यह मिथक भी उन्होंने तोड़ डाला.
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बड़ी खबर: भारत ने पाकिस्तान की ओर गलती से दागी मिसाइल…सरकार ने दी फिर ये सफाई…
भारत सरकार का कहना है कि उसने दुर्घटनावश एक मिसाइल पाकिस्तान की ओर दाग दी थी. यह मिसाइल 9 तारीख को दागी गई थी और पाकिस्तान की सेना ने इसकी शिकायत भी की थी. भारत का कहना है कि मिसाइल तकनीकी गलती के कारण दागी गई था.भारतीय अधिकारियों के मुताबिक नियमित मेंटेनेंस के दौरान तकनीकी गलती की वजह से मिसाइल दग गई. घटना की जानकारी देते हुए सरकार की तरफ से आए बयान में बताया गया, “शुक्रवार 9 मार्च को नियमित मेंटेनेंस के दौरान एक तकनीकी गलती हुई, जिसकी वजह से एक मिसाइल अचानक दाग दी गई” रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस मामले में एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है, “पता चला है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में जा कर गिरी.
यह घटना अत्यधिक दुखद है, लेकिन इसके साथ ही यह राहत की बात है कि इस हादसे की वजह से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है” पाकिस्तान ने की जांच की मांग पाकिस्तान ने शुक्रवार को ही भारत को इस घटना के बारे में चेतावनी दी थी. हालांकि शुरुआत में पाकिस्तानी सेना यह पक्के तौर पर नहीं जानती थी कि भारत की ओर से सुपरसोनिक स्पीड से आई चीज मिसाइल थी. पाकिस्तान ने कहा था कि काफी ऊंचाई पर एक सुपरसोनिक चीज भारत की तरफ से पाकिस्तान की ओर आई थी और पाकिस्तान के इलाके में जा कर गिर गई. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस्लामाबाद में भारत के राजदूत को इस मामले में तलब किया गया है और विरोध जताते हुए इसे बिना उकसावे के पाकिस्तान की वायुसीमा का उल्लंघन कहा गया है. पाकिस्तान ने इस मामले की जांच की मांग की है.उसका यह भी कहना है कि इसकी वजह से यात्री विमानों या फिर नागरिकों के जीवन पर खतरा हो सकता था. पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में, “भारत को इस तरह की लापरवाहियों के चलते दुखद परिणामों के प्रति सावधान रहने और भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोबारा नहीं होने के लिए प्रभावी कदम उठाने” को कहा गया है. सिरसा से उड़ी थी मिसाइल गुरुवार की रात जल्दबाजी में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, “9 मार्च को एक तेज गति से उड़ती चीज जो भारत से आई थी, उसे पाकिस्तानी एयर फोर्स के एयर डिफेंस ऑपरेशन सेंटर ने देखा था” उनका कहना है कि सेना को यह पता नहीं था कि वह क्या है. यह चीज भारत के सिरसा से आई थी और पूर्वी पाकिस्तान के मियां चानू में गिरी. सिरसा दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में है. पाकिस्तान ने इस मामले की जांच करा कर उसके नतीजे साझा करने की भी मांग की है. पाकिस्तान के एयरफोर्स का कहना है कि इस चीज की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है और शुरुआती नतीजे बता रहे हैं कि यह जमीन-से-जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल थी, लेकिन इसमें हथियार नहीं था. यह मिसाइल 40,000 फीट की ऊंचाई पर माक 3 की गति से उड़ी और पाकिस्तान की वायुसीमा में 124 किलोमीटर अंदर आने के बाद गिर गई. मेजर जनरल इफ्तिखार ने कहा कि जब तक भारत इस बारे में उत्तर नहीं दे देता, पाकिस्तानी सेना जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहती. एनआर/एसएम (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
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PM मोदी के दूसरे दिन रोड शो पर सड़कों पर उमड़ पड़ा लोगो का हुजूम, खेल महाकुंभ’ का उद्घाटन…
गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर में एक रोड शो किया. यह राज्य में बीते दो दिनों में उनका दूसरा रोड शो था. अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर में मोदी का रोड शो देहगाम शहर से शुरू होकर लवड गांव स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) पर खत्म हुआ, जहां प्रधानमंत्री ने सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में खड़े लोगों का अभिवादन किया. अधिकारियों के अनुसार, रोड शो के लिए PM मोदी यहां राज भवन से एक कार के जरिये निकले और फिर देहगाम पहुंचकर एक खुली जीप में सवार हो गए. उन्होंने बताया कि जीप में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी प्रधानमंत्री के साथ थे.
अधिकारियों ने बताया कि रोड शो के 12 किलोमीटर लंबे मार्ग में प्रधानमंत्री का अभिवादन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और उन्होंने मोदी पर फूल और मालाएं बरसाईं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के काफिले के आरआरयू पहुंचने पर रोड शो खत्म हो गया. यह गुजरात में मोदी का लगातार दूसरे दिन दूसरा रोड शो था. शुक्रवार को उन्होंने अहमदाबाद हवाईअड्डे से गांधीनगर स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय ‘कमलम’ तक रोड शो किया था.
दोनों रोड शो को मोदी द्वारा दिसंबर में प्रस्तावित गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत करने के तौर पर देखा जा रहा है. शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे मोदी शनिवार दोपहर आरआरयू के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे. शाम को वह ‘खेल महाकुंभ’ का उद्घाटन करेंगे.
कल भी निकला था 9 किमी लंबा रोड शो
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल शुक्रवार को अहमदाबाद में एयरपोर्ट से BJP ऑफिस ‘कमलम’ तक 9 किमी लंबा रोड शो रखा गया. मोदी के स्वागत के लिए सड़क के दोनों तरफ 50 मंच बनाए गए. इसके बाद पंचायत महासम्मेलन में राज्य के प्रतिनिधियों को संबोधित किया था. अनुमान है कि यहां 4 लाख लोग जुटे. कार्यक्रम के बीद पीएम अपनी मां से मिलने के लिए गांधीनगर पहुंचे थे.
चिलचिलाती धूप में बच्चियां पीएम को शुक्रिया कहने के लिए खड़ीं
सुबह जब पीएम का काफिला सड़कों पर निकला तो लोगों ने भारत माता की जय का नारा लगाया. तो वहीं कुछ अपने खेत और घर का काम छोड़कर सड़क की दोनों तरफ और छतों पर खड़े रहे. लोगों ने पीएम पर फूल बरसाकर स्वागत किया. वहीं इस दौरान एक शनदार तस्वीर देखने को मिली, जहां चिलचिलाती धूप में दो बच्चियां शीतल और भावना हाथों में पोस्टर्स लेकर पीएम को शुक्रिया कहने के लिए खड़ी थीं.
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बड़ी खबर: आतंक पर सुरक्षाबलों का बड़ा प्रहार, 30 घंटों के अंदर सुरक्षाबल ने 7 आतंकियो को किया ढेर…
कश्मीर घाटी में एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज हुआ हैं, जिसके नतीजे में बीते 30 घंटों में सुरक्षाबलों ने साझा ऑपरेशन में 7 उग्रवादियों को मार गिराया हैं और एक को जिंदा पकड़ा है. मारे गए 7 उग्रवादी जैश और लश्कर से संबंध रखते थे. जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार के अनुसार, गुरुवार और शनिवार की बीच रात को तीन विभिन जगहों पर 3 ऑपरेशन चलाए गए, जिसमें 4 उग्रवादियों को सुरक्षाबलों ने साझा अभियानों में मार गिराया, जबकि एक को जिंदा भी पकड़ा गया.
आजीपी विजय कुमार के अनुसार, 4 में से 2 उग्रवादी दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में मारे गए, जिनका संबंध जैश ए मोहम्मद प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन से था. इनमें से एक पाकिस्तानी उग्रवादी कमाल भाई उर्फ जट्ट को भी मारा गया है, जोकि 2018 से इस इलाके में सक्रिय था. इसके अलावा एक आतंकी मध्य कश्मीर के जिला गांदेरबल के सिरिच इलाके में और एक अन्य मिलिटेंट उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के नचिह्म राज्यवार में भी मार गिराया गया.
लगातार हमलों से सुरक्षाबलों ने तोड़ी जैश की रीढ़ की हड्डी
आईजीपी के अनुसार दक्षणी कश्मीर में मिलिटेंट कमाल और उसके साथी को मारे जाने से सुरक्षाबलों ने जैश की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है. गोरतलब हैं इससे पहले 10 मार्च को दक्षणी कश्मीर के पुलवामा जिले के नैना बटपोरा में 2 लश्कर के उग्रवादियों को मार गिराया गया था, जबकि श्रीनागर के हजरतबल में 1 लश्कर मिलिटेंट को सुरक्षाबलों ने ढेर किया था.
आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद समेत आपत्तिजनक सामग्री बरामद
सुरक्षाबलों को इन ऑपरेशन में आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद समेत आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है. पिछले कुछ समय से सुरक्षाबल लगातार आतंकियों के सफाए में जुटे हुए हैं. अलग-अलग जगहों पर लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और आतंकियों को ढेर किया जा रहा है. इसी के चलते आतंकी बौखलाए हुए हैं और इस तरह के हमलों के जरिए अपनी साजिशों को अंजाम दे रहे हैं. यही वजह है कि घाटी में आतंकियों की नापाक साजिशें लगातार बढ़ती जा रही हैं.
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