बड़ी खबर: एयरक्राफ्ट अचानक से अनियत्रित खेतो में हुआ क्रेश, 22 साल की महिला पायलट हुई घायल
महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक सिंगल सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट खेत में गिरकर क्रैश हो गया। इस घटना में 22 साल की पायलट भावना राठौड़ घायल हो गई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यह सुबह करीब 11:30 बजे की घटना है। एयरक्राफ्ट ने पुणे के बारामती एयरपोर्ट से टेकऑफ किया था।
एयरक्रॉफ्ट हुआ क्षतिग्रस्त
हादसे में एयरक्रॉफ्ट बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। गनीमत रही कि पायलट भावना को मामूली चोटें आई हैं। वहीं, हादसे के बाद घटनास्थल में भीड़ जमा हो गई।
पुणे डिस्ट्रिक्ट SP डॉ. अभिनव देशमुख ने बताया कि एयरक्रॉफ्ट कार्वर एविएशन कंपनी का है। कंपनी का स्टाफ मौके पर पहुंच गया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।रायपुर में हुआ था बड़ा
विमान हादसा
रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर 12 मई की रात सरकारी हेलिकॉप्टर अगस्ता वैस्टलैंड क्रैश हो गया था। चॉपर में मौजूद 2 पायलट्स की मौत हो गई थी। टेक्निकल फॉल्ट के कारण यह हादसा हुआ था। लैंडिंग के दौरान चॉपर तेजी से जमीन से टकराया और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE के 12वीं क्लास का रिजल्ट 22 जुलाई को आ चुका है। इस साल 91.25% लड़के और 94.54% लड़कियां पास हुई हैं।
मार्क्स ही सब कुछ नहीं होते हैं। ये सच है और पेरेंट्स को भी अपने बच्चों पर पढ़ाई का दबाव नहीं बनाना चाहिए, लेकिन एक सवाल सभी के मन में होता है कि क्या 12वीं बोर्ड देना जरूरी है? क्या इसके मार्क्स हमारे बच्चे की जिंदगी में मायने रखते हैं? तो चलिए इस बात को समझते हैं लक्ष्मी शरण मिश्रा, एजुकेशनिस्ट से…
सवाल- किसी स्टूडेंट को कैसे पता चलेगा कि उसके लिए 12वीं में अच्छे मार्क्स जरूरी हैं या नहीं?
जवाब- स्टूडेंट्स को ये तय करना होगा कि उन्हें 12वीं के बाद करना क्या है? कहां एडमिशन लेना है, किस कोर्स में लेना है? देखना और समझना होगा कि उस कोर्स में एडमिशन का जरिया 12वीं के मार्क्स हैं या कोई दूसरा एग्जाम है। उसके हिसाब से ही 12वीं बोर्ड की तैयारी करनी होगी।
12वीं कक्षा में अच्छे मार्क्स लाने का मतलब है, अच्छे से पढ़ाई करना। सभी सब्जेक्ट्स का नॉलेज होना। ये नॉलेज आगे चलकर बहुत काम आता है। कैसे, ये जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक्स को पढ़ें-12वीं में अच्छी पढ़ाई की तो JEE Mains और NEET में भी आएगा काम
12वीं का सिलेबस कॉम्पिटिटिव एग्जाम के सिलेबस से मिलता-जुलता होता है। जैसे- JEE Mains और NEET। जो बच्चे 12वीं में अच्छे से पढ़ाई करते हैं, उनके लिए ये एग्जाम निकालना भी आसान हो जाता है। यानी उन बच्चों को 12वीं में पढ़ी चीजों को बस रिवाइज करने की जरूरत पड़ती है।
अब 12वीं के मार्क्स से जुड़ी कुछ गलतफहमियों को दूर कर लीजिए
लक्ष्मी शरण मिश्रा कहते हैं कि जिन स्टेट गवर्नमेंट और प्राइवेट कॉलेज में अब भी 12वीं के मार्क्स पर एडमिशन हो रहे हैं, वहां 2-3 साल बाद CUET के आधार पर एडमिशन होने की संभावना है।
वे कॉलेज भी 12वीं के मार्क्स का वेटेज बच्चों पर नहीं डालेंगे, लेकिन माइनॉरिटीज इंस्टीट्यूशन्स अपना एडमिशन प्रोसेस खुद तय कर सकते हैं। ऐसे कॉलेजों में 12वीं के मार्क्स की वैल्यू बनी रहने की संभावना है। कुछ पेरेंट्स सोचते हैं कि विदेशी यूनिवर्सिटीज 12वीं के पर्सेंटेज देखकर स्कॉलरशिप देती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। हो सकता है कि 90% वाले बच्चे को स्कॉलरशिप न मिले और 60% वाले बच्चे को मिल जाए। क्योंकि विदेशी यूनिवर्सिटीज स्कॉलरशिप देने के लिए बच्चे का प्रोफाइल देखती हैं यानी उसने क्या-क्या Achieve किया है। बहुत लोगों को लगता है कि UPSC और स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन के इंटरव्यू में 12वीं के अच्छे मार्क्स काम आते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। इंटरव्यू में मार्क्स के बारे में डिस्कशन किया जा सकता है, लेकिन आपको इसका कोई फायदा नहीं मिलता है। बल्कि टॉपर या अच्छे मार्क्स सुनकर इंटरव्यू लेने वाले की उम्मीद आपसे और ज्यादा बढ़ जाती है और आप पर प्रेशर आ जाता है।
अगर कक्षा 12वीं में किसी स्टूडेंट के मार्क्स अच्छे नहीं आए तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसके लिए इस दुनिया में कुछ है ही नहीं। बहुत से ऐसे मशहूर लोग हैं, जिन्हें स्कूल में अच्छे मार्क्स नहीं लाए,लेकिन फिर भी वो सफल हैं। चलिए समझते हैं किन जगहों पर आपको 12वीं में अच्छे मार्क्स लाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
1- सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं- देशभर के सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में इस साल पहली बार नए बैच का एडमिशन एनईपी (NEP) यानी नई शिक्षा नीति के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से किया जाएगा। इसके लिए 12वीं के मार्क्स की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2- अपना फैमिली बिजनेस आगे बढ़ाना चाहते हैं- अगर ये आपका करियर है तो आपके लिए 12वीं के मार्क्स या 12वीं पास करना जरूरी नहीं है। जिन्होंने 12वीं किया है और वे अच्छे मार्क्स लाए हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि उन्होंने समय खराब किया है। क्योंकि ज्ञान कभी बेकार नहीं जाता है। वो लोग जो MBA कर अपने बिजनेस को नया मुकाम देना चाहते हैं, उनके लिए 12वीं की परीक्षा जरूरी है।
3- खुद का कोई स्टार्टअप करना चाहते हैं- अगर आप खुद का कोई स्टार्टअप करना चाहते हैं, तो आपको 12वीं की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर फैमिली बैकग्राउंड बिजनेस वाला नहीं है तो आपको बिजनेस का ज्ञान होना चाहिए।
4- किसी क्रिएटिव फील्ड में जाना चाहते हैं- आप सोच रहे होंगे ये कौन से फील्ड हैं। तो बता दें कि एथलीट, सिंगर, एक्टर या मॉडल बनने के लिए 12वीं पास करना जरूरी नहीं है। हालांकि इनसे संबंधित कुछ कोर्सेज में दाखिले के लिए 12वीं पास करना जरूरी होता है।
Made In India Car Export June 2022: भारत कई कार कंपनियों के लिए एक बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब है और यहां बनीं कारों की अन्य देशों, खासकर साउथ एशियाई देशों में काफी सेल होती है. हर महीने कार कंपनियां एक्सपोर्ट डेटा रिलीज करती हैं, जिसमें पता चलता है कि कौन-कौन सी कारें विदेशों में ज्यादा निर्यात की गई हैं. भारत में बनी कारों के एक्सपोर्ट में पिछले महीने, यानी जून में मारुति सुजुकी की एंट्री लेवल हैचबैक मारुति एस-प्रेसो टॉप पर रही. इसके बाद किआ सेल्टॉस और निसान सनी जैसी कारें भी निर्यात की गईं.
एस-प्रेसो की विदेशों में मांग
जून 2022 कार जून एक्सपोर्ट डेटा देखें तो मारुति सुजुकी एस-प्रेसो की सबसे ज्यादा यूनिट्स निर्यात की गई और इस कार की कुल 6,950 यूनिट विदेशों में भेजी गईं. इसके बाद किआ सेल्टॉस का नंबर रहा और इस कार की कुल 4,306 यूनिट विदेश भेजी गईं.
तीसरे नंबर पर निसान सनी रही, जिसकी कुल 4170 यूनिट विदेश भेजी गईं. हुंडई ग्रैंड आई10 नियॉस ने चौथे नंबर पर कब्जा जमाया जिसकी कुल 3976 यूनिट एक्सपोर्ट की गई. 5वें स्थान पर मारुति स्विफ्ट रही और स्विफ्ट की कुल 3754 यूनिट पिछले महीने एक्सपोर्ट की गई.
जून 2022 कार एक्सपोर्ट लिस्ट देखें तो हाल ही में लॉन्च हुई ब्रेजै छठे नंबर पर रही और इसकी कुल 3609 यूनिट विदेश भेजी गईं. इसके बाद हुंडई की लग्जरी सेडान वरना की कुल 3048 यूनिट्स को विदेशी बाजारों में भेजा गया. 8वें नंबर पर रही किआ सॉनेट की कुल 2997 यूनिट एक्सपोर्ट की गई और इसके बाद मारुति डिजायर की कुल 2707 यूनिट एक्सपोर्ट की गई. 10वें नंबर पर ह्यूंदै औरा रही और औरा की कुल 2499 यूनिट एक्सपोर्ट की गई.
भारतीयों की हमेशा से ही ‘ए’ ‘बी’ ‘सी’ यानी एस्ट्रोलॉजी, बॉलीवुड और क्रिकेट में रुचि रही है। हालांकि, बॉलीवुड और क्रिकेट का आनंद लेने के लिए हमारे पास हमेशा से एक मंच रहा है, लेकिन ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी (ज्योतिष) के क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं था। और एस्ट्रोटॉक ने इसी के लिए एक मंच तैयार किया। यह दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी है, जिसने पिछले चार साल में दुनिया भर में कम से कम तीन करोड़ लोगों को ज्योतिषीय सेवाएं प्रदान की हैं। एस्ट्रोटॉक आज के समय में रोजाना लगभग 70 लाख रुपये का बिजनेस कर रहा है।
लेकिन क्या आपको पता है एस्ट्रोटॉक ऐप खुद एक ज्योतिषी की भविष्यवाणी का परिणाम है? एक इंजीनियर, जिसे अपने भविष्य में क्या करना है इस बात की कोई जानकारी नहीं थी, उसे एक ज्योतिषी ने एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में बिजनेस शुरु करने की सलाह दी और उसी भविष्यवाणी का नतीजा है की आज पुनीत एक करोड़पति है। चलिए जानते है एस्ट्रोटॉक के संस्थापक पुनीत गुप्ता की कहानी के बारें में।
एक ज्योतिषी की भविष्यवाणी जिसने स्टार्टअप बनाया
साल 2015 में पुनीत मुंबई की एक आईटी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करते थे। लेकिन उन्होने अपना आईटी स्टार्टअप शुरु करने के लिए अपनी इस नौकरी को छोड़ने का फैसला किया। अधिकांश लोगों की तरह पुनीत भी नौकरी छोड़ने के फैसले को लेकर दुविधा में थे। तभी उनकी एक सहकर्मी और ज्योतिषी दोस्त ने उनकी इस परेशानी का कारण पूछा, और कारण जानने के बाद अपनी ज्योतिषी स्किल के द्वारा मदद करने की पेशकश की। लेकिन पुनीत उस समय एस्ट्रोलॉजी में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करते थे। वह अपनी दोस्त की इस बात पर काफी हंसे और बोले कि उनके जैसी शिक्षित व्यक्ति एस्ट्रोलॉजी में कैसे विश्वास कर सकती है? हालांकि, उनकी दोस्त को अपनी एस्ट्रोलॉजी स्किल पर काफी भरोसा था और उन्होंने पुनीत से कहा कि वह उनके अतीत के बारे में सब कुछ बता सकती है। उनके इस आत्मविश्वास को देखते हुए, पुनीत ने ज्योतिषी भविष्यवाणी के लिए हां बोल दिया। ज्योतिषी ने उनके अतीत के बारे में एकदम सटीक भविष्यवाणियां की। लेकिन पुनीत ने उनकी उस भविष्यवाणी पर यह सोचकर यकीन नही किया कि उन्होने उनके अतीत के बारें में किसी से सुना होगा। साथ ही पुनीत के भविष्य की भविष्यवाणी करते हुए, उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपने दोस्त के साथ एक आईटी स्टार्टअप शुरू करेंगे। लेकिन यह स्टार्टअप 2 साल में बंद हो जाएगा, क्योंकि उनका साथी उनका साथ छोड़ देगा। फिर उन्होने कहा कि पुनीत कुछ समय बाद एक और स्टार्टअप शुरू करेंगे, जो बहुत ज्यादा सफल होगा। पुनीत को इस बात पर भी विश्वास नहीं हुआ, फिर भी उन्होंने एक आईटी कंपनी शुरू करने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
आश्चर्य की बात यह है कि 2 साल बाद, जैसे पुनीत की दोस्त ने कहा था, पुनीत के पार्टनर उनको और आईटी कंपनी को छोड कर चले गए। फिर पुनीत ने अपने दोस्त की भविष्यवाणी को याद किया। उन्होने अपनी उस दोस्त का नंबर ढूंढा और उसे यह बताने के लिए फोन किया कि उसकी की गई भविष्यवाणी सच हो गई। उसी ज्योतिषी ने तब पुनीत को एस्ट्रोलॉजी के क्षेत्र में कुछ करने का सुझाव दिया और कहा कि ऐसा व्यवसाय उनके लिए काफी सफल होगा। तब पुनीत ने एस्ट्रोटॉक की शुरुआत की। और यह कंपनी काफी तेज गति से आगे बढ़ी और दुनिया की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी कंपनी बन गई। पुनीत कहते हैं, “मैं काफी गर्व महसूस कर रहा हूं कि हम केवल 4 वर्षों में ही 3 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर चुके हैं।”
एस्ट्रोटॉक इतना सफल क्यों हुआ?
पुनीत के अनुसार एस्ट्रोटॉक की सफलता का राज टैलेंटेड ज्योतिषियों को काम पर रखना और पूरी ईमानदारी के साथ व्यापार करना है। गुप्ता कहते है “शुरुआत से ही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी टैलेंटेड ज्योतिषियों की खोज करना। हमें पूरे भारत से हजारों बॉयोडाटा मिलते हैं लेकिन 5% से भी कम एस्ट्रोलॉजर हमारी इंटरव्यू प्रक्रिया को पूरा कर पाते हैं। बाजार में बहुत सारे ज्योतिषी हैं, इनमें से अच्छे ज्योतिषियों की पहचान करने में लगभग 5-7 साक्षात्कार लगते हैं। एस्ट्रोलॉजी को पंसद करने वालों के बीच एस्ट्रोटॉक के प्रसिद्ध होने का एक कारण और है, वह है इस ऐप की 100% प्राइवेसी पॉलिसी। एस्ट्रोटॉक पर ग्राहक ज्योतिषियों के साथ निजी तौर पर चैट और बात कर सकते हैं। गुप्ता कहते हैं ‘एक अच्छा उत्पाद बनाने का एकमात्र तरीका है ग्राहकों से बात करना और उनके लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना। यदि आप ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करते हैं, तो वे आपकी सभी व्यावसायिक समस्याओं का समाधान करेंगे। ”
एस्ट्रोटॉक का भविष्य
पुनीत का दावा है कि एस्ट्रोटॉक प्रतिदिन 70 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रहा है। वहीं कंपनी 4,000 से अधिक ज्योतिषियों को रोजगार देती है और रोजाना चैट और कॉल पर 2,50,000 मिनट से अधिक ज्योतिषीय परामर्श प्रदान कर रही है। स्टार्टअप के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि एस्ट्रोटॉक अत्यधिक युवा केंद्रित है और इसकी 90% आय उन ग्राहकों से आती है, जो 35 वर्ष से कम आयु के हैं। ग्राहकों की तेजी से बढ़ती मांग के साथ, एस्ट्रोटॉक 2022 के अंत तक 10,000 और ज्योतिषियों की नियुक्ति करने की उम्मीद करता है। और इसे अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए एस्ट्रोटॉक ज्योतिषी के साथ पहली चैट मुफ्त में प्रदान करता है। किसी ज्योतिषी से बात करने के लिए आप astrotalk.com अथवा एस्ट्रोटॉक ऐप पर जा सकते हैं और उनसे प्रेम संबंध, शादी, करियर अथवा जीवन से जुड़े किसी भी पहलु के बारे में कुछ भी पूछ सकते हैं। आपको पहली चैट बिल्कुल मुफ्त मिलती है।
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