देश - दुनिया
Today Gold Price: सोने के भाव में आई भारी गिरावट, जाने 10 ग्राम सोने की किमत…
Gold/Silver Price Today: सोना और चांदी में निवेश करने वालों के लिए जरूरी खबर है. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोने-चांदी (Gold Silver Price) की कीमतों में गिरावट आई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अप्रैल वायदा सोने का भाव 0.46 फीसदी प्रति 10 ग्राम गिर गया है जबकि मार्च वायदा चांदी की कीमतों में 0.91 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा यूक्रेन संकट पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने के बाद आज सोने (Gold Price) की कीमतों में गिरावट आई है.
हाजिर भाव 0.2 फीसदी फिसलकर 1,893.80 डॉलर प्रति औंस हो गया, जो आठ महीने के उच्च स्तर 1,908 डॉलर से लुढ़क गया जो पहले सत्र में उच्च स्तर पर था. विश्लेषकों का कहना है कि सोना अस्थिर रह सकता है क्योंकि बाजार यूक्रेन संकट से प्रभावित होगा.
सोने और चांदी की नई कीमतें
सोमवार को एमसीएक्स पर कारोबार के दौरान अप्रैल वायदा सोने का दाम 233 रुपये टूटकर 49,879 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. वहीं मार्च वायदा चांदी की कीमत 581 रुपये गिरकर 63,321 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. अन्य कीमती धातुओं में हाजिर चांदी 0.7% गिरकर 23.79 डॉलर प्रति औंस हो गई, जबकि प्लैटिनम 0.3% बढ़कर 1,070.29 डॉलर हो गया.
IIFL सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल का भाव बढ़ रहा है जिसके कारण महंगाई को सपोर्ट मिल रहा है. ऐसे में शॉर्ट टर्म में इंटरनेशनल मार्केट में सोने का लक्ष्य 1950 डॉलर फिर 2000 डॉलर है. मोतीलाल ओसवाल ग्रुप के रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट अमित सजेजा ने कहा कि निवेशकों को बार-बार प्रॉफिट बुक करना चाहिए. इंटरनेशनल मार्केट में सोने के लिए 1865 डॉलर का स्तर महत्वपूर्ण है. अगर सोना लुढ़कता है तो इस स्तर पर पोजिशन बनाया जा सकता है.
52 हजार तक जा सकता है सोने का भाव
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने में अभी तेजी के पूरी संभावना है क्योंकि महंगाई कंट्रोल नहीं हो पा रही है. हालांकि, समय समय पर प्रॉफिट बुकिंग होता रहेगा. इंटरनेशनल मार्केट में सोना करेक्शन के साथ अगले तीन-चार महीने में 2000 डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है. इस दौरान MCX पर सोना 52 हजारी हो सकता है.
चांदी में निवेश का नया विकल्प
हाल ही में भारत का पहला सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को शुरू किया गया है. इसकी मदद से निवेशक सिल्वर में निवेश कर सकते हैं. अभी तक गोल्ड में निवेश को लेकर तमाम विकल्प उपलब्ध थे. अब सिल्वर में भी निवेश के विकल्प उपलब्ध हैं. सिल्वर का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल और मेडिकल डिवाइस बनाने में भी किया जाता है.
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Corona Update: देश में बीते 24 घंटे में मिले 13 हजार नए केस, 302 की हुई मौत…
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो गई है। बीते 24 घंटे में 13 हजार से ज्यादा नए संक्रमित पाए गए वहीं, 302 मौतों की खबर है। इस दौरान 26,988 संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। देश में कोरोना के सक्रिय केस की संख्या फिलहाल 1,34,235 है। वहीं दैनिक सकारात्मकता दर 1.28 फीसदी है। अब तक कुल 4,22,884 लोग महामारी से स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं कुल मृतक संख्या 5,13,226 हो गई है। टीकाकरण भी तेजी से जारी है। अब तक 1,76,86,89,266 खुराक देश के लोगों को दी जा चुकी है।
देश
इतने रुपये तक महंगा बढ़ सकता है पेट्रोल-डीजल,चुनाव बाद; जानें ये बड़े कारण…
रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमला किये जाने के बाद वैश्विक स्तर पर इसका अलग-अलग तरह से असर पड़ रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल सात साल के हाई लेवल 103.78 डॉलर पर पहुंच गया है. इससे पहले अगस्त 2014 में क्रूड ऑयल का दाम 105 डॉलर प्रति बैरल तक गया था. तेल के दामों में तेजी का असर आने वाले समय में घरेलू बाजार में देखने को मिलेगा.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जानकारों का कहना है कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल के रेट में 15 रुपये तक की बढ़ोतरी संभव है.
हालांकि इसमें राहत वाली बात यह रहेगी कि कीमतों में बढ़ोतरी तेल कंपनियों की तरफ से दो से तीन चरण में लागू की जाएगी. आइए जानते हैं वो तीन बड़े कारण जिनकी वजह से पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं.पिछले करीब ढाई महीने से कच्चे तेल की कीमत में 27 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है. क्रूड का दाम बढ़कर 103 डॉलर के पार पहुंच गया है. भारत अपनी तेल तेल जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करता है. क्रूड ऑयल के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद पेट्रोल-डीजल के भाव में इजाफा तय माना जा रहा है.देश की बड़ी तेल कंपनियों ने दिवाली के बाद पेट्रोल और डीजल के रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.
उस समय से अब तक कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल से भी ज्यादा महंगा हो गया. कीमतें स्थिर रखने से कंपनियों के प्रॉफिट पर असर पड़ रहा है. फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये और डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इस कारण भी तेल कंपनियां कीमतें बढ़ा सकती हैं.रूस-यूक्रेन युद्ध से कच्चे तेल के उत्पादन और आपूर्ति पर असर पड़ेगा. रूस दुनिया का बड़ा तेल उत्पादक देश है और प्राकृतिक गैस का निर्यातक है. भारत इन दोनों ही चीजों का आयात करता है. ऐसे में आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतों में और तेजी का अनुमान है. जानकारों का कहना है
युद्ध लंबा चला तो कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर तक पहुंच सकती हैं.प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बाधित होने से आने वाले समय में घरेलू बाजार में रसोई गैस और सीएनजी के दाम में भी तेजी आने की संभावना है. जानकारों का मानना है कि नेचुरल गैस और सीएनजी के रेट भी 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने दावा किया कि रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच भारत की तेल आपूर्ति व्यवस्था पर कोई असर नहीं हुआ है. उन्होंने दावा किया यदि लड़ाई तेज होती है तब भी आपूर्ति पर असर नहीं पड़ेगा. हमारे आपूर्तिकर्ता पश्चिम एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में हैं. उन पर इस हमले का असर नहीं है.
देश
यूक्रेन पर रूस के हमले तेज,137 यूक्रेन नागरिकों की मौत…
यूक्रेन पर रूस के हमले का 25 फरवरी, गुरुवार को दूसरा दिन है। हमले तेज हो गए हैं। अब तक 137 यूक्रेन नागरिकों की मौत हो चुकी है। रूस को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, युद्ध के दूसरे दिन यूक्रेन के लिए बुरी खबर आई। अमेरिका और नाटो देशों ने यूक्रेन में सेना भेजने से इन्कार कर दिया है। इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस द्वारा बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद पहले दिन 130 से अधिक यूक्रेनियन मारे गए हैं।
ऐसे हालात में पूरी दुनिया ने उन्हें जंग के मैदान में अकेला छोड़ दिया है।रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को 48 घंटों से अधिक का वक्त हो गया है और दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति के ताजा बयान से जंग जल्द खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने ताजा बयान में झुकने के संकेत दिए हैं। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि हम रूस से वार्ता को तैयार हैं। गुजारिश करते हैं कि सब कुछ खत्म हो, इससे पहले रूस राष्ट्रपति वार्ता के लिए तैयार हो जाएं।
अब रूस के जवाब की पूरी दुनिया को प्रतिक्षा है।रूसी सेनाओं ने बुधवार को ही बेलारूस के रास्ते यूक्रेन में प्रवेश कर लिया था। ताजा खबर है कि रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच चुकी है।। कीव में लगातार हवाई हमले हो रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, आशंका है कि किसी भी वक्त यूक्रेन में सरकार को गिराया जा सकता है। रूस और उसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुरू से यही चाहते हैं कि वहां उनके समर्थन वाली सरकार हो और रूस अपने इस लक्ष्य पर कभी भी पहुंच सकता है।हमले के खिलाफ रूस में ही भड़का गुस्सा: यूक्रेन पर हमले के बाद रूस में ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विरोध शुरू हो गया है।
यहां मास्को समेत 53 शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने 1700 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं जंग के मैदान में यूक्रेन की कोई मदद नहीं करने के खिलाफ अमेरिका में भी राष्ट्रपति जो बाइडन का विरोध शुरू हो गया है।इससे पहले यूक्रेन पर रूसी हमले के मुद्दे पर जी-7 देशों के साथ चर्चा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका यूक्रेन में अपनी सेनाएं नहीं भेजेगा। बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को हमलावर बताते हुए कहा कि उन्होंने युद्ध को चुना है। इस दौरान उन्होंने रूस के खिलाफ नए और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा भी की।
इनमें रूसी बैंकों और सरकारी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों से लेकर दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में कारोबार करने की रूसी क्षमताओं को बाधित करना शामिल है।व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है। इस हमले का हम जबाव दिए बिना नहीं रहेंगे। अमेरिका स्वतंत्रता के साथ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस से कोई साइबर हमला हुआ तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है। बाइडन ने नाटो सहयोगियों के खिलाफ रूसी हमले से बचाव के लिए और अमेरिकी सैनिक भेजने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि यह पूरे यूरोप के लिए खतरनाक क्षण है और यह हमला रूस के लिए कभी भी सुरक्षा की वास्तविक चिंता के लिए नहीं था।
यूक्रेन के कई शहरों को रूसी टैंकों ने रौंदा, अब तक नहीं मिली विदेशी मदद
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा यह पूर्वनियोजित हमला है और पुतिन ने वार्ता के पश्चिम के प्रयासों को ठुकरा दिया और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया। उन्होंने बताया कि प्रतिबंध इस तरह के हैं कि उनका रूस पर दीर्घकालिक असर होगा। अमेरिका इस दिशा में और कार्रवाई करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों से रूस की डालर, यूरो, पौंड और येन में कारोबार करने की क्षमता बाधित होगी। इसके अलावा आगे के कदमों पर विचार के लिए शुक्रवार को नाटो देशों की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि पुतिन का यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण रूस के लिए काफी महंगा साबित होगा। विश्व मंच पर पुतिन को बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
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