देश - दुनिया
13 साल की बेटी ने अपने ही पिता को सलाखों के पीछे पहुंचाया,युवक की हत्या कर शव को जंगल में किया था दफन
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 13 साल की बेटी ने अपने ही पिता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जी हां, मामला जिले के सिंगोड़ी का है। घाट पिपरिया घटोरी गांव की एक 13 साल की लड़की पिता की बर्बरता को सहन नहीं कर पाई और सीधे पुलिस चौकी में जाकर पिता की करतूत की पूरी कहानी बयां कर दी। पुलिस ने लड़की के पिता को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ कर रही है। दरअसल, लड़की के पिता ने एक युवक की बरछी मारकर हत्या कर दी थी और शव को जंगल में दफना दिया था।
पिता के इस बर्बरता को बेटी ने देख लिया था और उसने पुलिस को बता दी। पुलिस ने लड़की के पिता को हिरासत में ले लिया। लड़की के पिता का नाम कन्हैया बारसिया है। पुलिस ने जब उससे पूछताछ शुरू की तो वह सबकुछ बताने से कतरा रहा था। बाद में जब लड़की ने अपने कातिल पिता के सामने ही पुलिस को पूरी कहानी बयां कर दी तो कन्हैया अवाग रह गया। उसने हत्या की वारदात को स्वीकार किया। पुलिस आरोपी को शव के दफनाए जगह पर ले गई। वहां से शव बाहर निकाला और पंचनामा बनाकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
ये है पूरा मामला
एसडीओपी संतोष डेहरिया के मुताबिक, कन्हैया ने जिस शख्स की हत्या की, उसका नाम अजेश वर्मा (28) है। वह पेशे से मजदूर है। वह अमरवाड़ा के छुई गांव का रहने वाला था। उसकी आरोपी कन्हैया बारसिया से कोई जान पहचान नहीं थी। सोमवार देर शाम अजेश वर्मा अपनी बाइक में घर की तरफ वापस लौट रहा था, तभी रास्ते में उसे कन्हैया मिल गया था। कन्हैया ने अजेश से लिफ्ट ली थी। इसके बाद दोनों ने पिंडरई में साथ बैठकर शराब पी। बाद में मृतक कन्हैया से कहने लगा कि उसे भूख लगी है। इसके बाद कन्हैया उसे अपने घर घाट पिपरिया लेकर आ गया। यहां दोनों के बीच में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद कन्हैया ने उसे जंगल की तरफ ले गए। वहां बरछी मारकर उसकी हत्या कर दी। बाद में उसके शव को घर से थोड़ी दूर ले जाकर जंगल में दफना दिया। यह सब कुछ बेटी ने देख लिया था।
पिता लड़की के साथ अक्सर मारपीट करता था
बता दें कि लड़की कक्षा पांचवीं में पढ़ती है। उसकी मां की पहले मौत हो चुकी है। पिता लड़की के साथ अक्सर मारपीट करता था। इससे वह काफी त्रस्त थी। हत्या के बाद उसने बेटी से कहा था कि अगर तुमने घटना के विषय में किसी को बताया तो तुम्हारी पिटाई करूंगा। उसने गांव के एक व्यक्ति को यह बात बताई। उसने पुलिस के पास एक बच्चे के साथ लड़की को भेज दिया।
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दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान- 1 नवंबर से खुलेंगे सभी कक्षाओं के लिए स्कूल
दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते लिए 1 नवंबर से राजधानी के निजी और सरकारी स्कूल सभी कक्षाओं के लिए कुछ शर्तों के साथ खोलने का निर्णय लिया गया है. वहीं, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस दौरान कोई भी स्कूल बच्चों को क्लास में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. स्कूल सुनिश्चित करेंगे कि पढ़ाई ऑफलाइन और ऑनलाइन चले.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1 नवंबर से दिल्ली में सभी स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाओं में अधिकतम 50% क्षमता की मौजूदगी हो.
सिसोदिया ने बताया कि DDMA बैठक में स्कूल खोलने पर निर्णय लिया गया. साथ ही छठ पूजा के आयोजन को भी अनुमति मिल गई है . यह भी कहा गया कि स्कूल स्टाफ का 100% वैक्सीन होना जरूरी होगा. जानकारी मुताबिक, 98% स्टाफ को कम से कम 1 डोज लग चुकी है.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में इस बार छठ पूजा होगी. इसको लेकर काफी लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं. दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली में छठ पूजा होगी, लेकिन इसके लिए नियम सख्त होंगे. कुछ निर्धारित जगहों पर ही इसका आयोजन होगा.
बता दें कि डीडीएमए ने दिल्ली में 1 सितंबर से कक्षा 9 से 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को कक्षाएं शुरू करने की इजाजत दे दी थी. जबकि नर्सरी से कक्षा 8 तक के लिए स्कूलों को लेकर कोई फैसला नहीं किया था. हालांकि छात्रों के लिए कक्षा में भाग लेने के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी है. वहीं, ऑनलाइन क्लास भी जारी रखी गई हैं.
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प्रशासनिक अमले में बड़ा फेरबदल, आगरा और कानपुर जोन के आईजी बदले
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक अमले में बड़ा फेरबदल करते हुए आगरा और कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षकों (आईजी) को बदलने का आदेश जारी कर दिया है।
जारी आदेश के अनुसार, आगरा में नचिकेत झा को आईजी पद पर तैनात किया गया है। इन्हें केंद्र से वापस बुलाया गया है। कानपुर में प्रशांत कुमार को आईजी के पद पर भेजा गया है।
आगरा जोन के आईजी नवीन अरोड़ा को बजट, पीएचक्यू में आईजी नियुक्त किया गया है। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल को तकनीकी सेवा में भेज दिया गया है।
इस बीच गौतमबुद्धनगर में 49वीं वाहिनी पीएसी की सेनानायक कल्पना सक्सेना को गाजियाबाद 47वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के तौर पर भेजा गया है। भारती सिंह को गाजियाबाद से गौतमबुद्धनगर भेजा गया है।
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महिला और बच्चे की जान बचाने के लिए रेल ने लगाए Reverse Gear
भारतीय रेल से जुडे़ कई किस्से आपने सुने होंगे, जिसमें मानवता के नाते रेल कर्मचारी किसी भी हद तक जाते हैं. ऐसा ही कुछ झारखंड में हुआ, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल, एक महिला की जान बचाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने एक एक्सप्रेस ट्रेन उलटी दिशा में चलाने का फैसला किया.
उलटी दिशा में चली ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, टाटानगर से भुवनेश्वर के लिए मंगलवार की रात रवाना हुई आनंद विहार-भुवनेश्वर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक महिला का प्रसव होने के बाद ट्रेन को उसकी मंजिल से उलटी दिशा में चलाना पड़ा. ट्रेन के लगभग ढाई किलोमीटर पीछे लौटने के बाद टाटानागर रेलवे स्टेशन पर मेडिकल टीम ने महिला और नवजात बच्चे को उतारा और प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें खासमहल स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. रेलवे अधिकारी ने बताया कि अब महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. चलती ट्रेन में शिशु को जन्म देनेवाली महिला का नाम रानू दास बताया जा रहा है.
टाटानगर स्टेशन को मिली थी सूचना
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ट्रेन की कोच संख्या-5 में सवार थी. उन्हें उड़ीसा के जलेश्वर में उतरना था. ट्रेन देर शाम टाटानगर स्टेशन से खुलकर आगे बढ़ी ही थी कि चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी होने और बच्चे को जन्म देने की सूचना टाटानगर स्टेशन को दी गयी. तब तक ट्रेन लगभग ढाई किलोमीटर आगे बढ़ गयी थी.
मेडिकल टीम को स्टेशन पर बुलाया
सूचना मिलने के बाद ट्रेन को वापस टाटानगर स्टेशन पर लौटाने का फैसला लिया गया. क्योंकि ट्रेन का अगला पड़ाव हिज्जली था, जहां पहुंचने में कम से कम दो घंटे का वक्त लगता और इस बीच उन दोनों की जान को खतरा हो सकता था. बहरहाल, टाटानगर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने स्थानीय रेलवे अस्पताल को सूचना देकर मेडिकल टीम को स्टेशन पर बुलाया. इसके अलावा ट्रेन को उल्टी दिशा में करीब ढाई-तीन किलोमीटर वापस लौटाया गया.
यात्रियों ने की रेलवे अधिकारीयों की सराहना
टाटानगर स्टेशन पर मेडिकल टीम ने महिला और उसके बच्चे को सही सलामत ट्रेन से उतारा गया. यहां दोनों के कुछ टेस्ट किए गए और फिर उन्हें खासमहल स्थित सदर अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद ट्रेन वापस भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई. ट्रेन पर सवार यात्रियों ने रेलवे अफसरों की संवेदनशीलता और इस फैसले की सराहना की.
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