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इस सरकारी योजना से 27 लाख लोगों को मिले 2700 करोड़ रूपये, ऐसे मिलते हैं हर एक को 10 हजार!
कोरोना वायरस की वजह से कई छोटे व्यापारियों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा है. कई व्यापारियों का कामकाज काफी प्रभावित हुआ है, जिसमें रेहड़ी-पट्टी पर दुकान लगाने वाले और ठेले पर सामान बेचने वाले जैसे कई व्यापारी शामिल हैं. केंद्र सरकार ने इस वर्ग के व्यापारियों के लिए एक योजना शुरू की है, जिसके जरिए इन व्यापारियों को 10-10 हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है. खास बात ये है कि इस योजना से पैसे लेने वाले व्यापारियों को ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी होती है और पैसे रिटर्न करने के भी काफी सरल नियम हैं.
ऐसे में जानते हैं इस स्कीम का फायदा किस तरह से उठाया जा सकता है और स्कीम से जुड़ी खास बातें क्या हैं, जिनका ध्यान रखना आवश्यक है. साथ ही जानेंगे कि अभी तक इस स्कीम का कितने लोग फायदा उठा चुके हैं.
कितने लोगों को फायदा मिला है?
माना जा रहा है रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पीएम स्वनिधि योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजनातहत 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये तक का सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी तक 2,698.29 करोड़ रुपये के 27 लाख से अधिक सस्ते ऋण स्वीकृत हो चुके हैं. वहीं, इस योजना के लिए 45.15 लाख से अधिक आवेदन भी आए हैं, जिसमें 27 लाख लोगों को लोन मिल चुका है.
कई फायदे और भी हैं
अगर कोई लाभुक नियमित तौर पर सही समय से लोन चुकाता है तो उसे प्रतिवर्ष सात प्रतिशत के हिसाब से ब्याज में सब्सिडी मिलती है. अगर कोई लाभुक लोन भुगतान के लिए डिजिटल लेनदेन करता है तो उसे साल में 1200 रुपये का कैशबैक दिया जाता है. साथ ही सही समय पर भुगतान करने पर लाभुक फिर से लोन के लिए आवेदन कर सकता है. इस योजना का सही तरीके से प्रबंधन करने के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक को योजना के कार्यान्वयन का भागीदार बनाया गया है.
कैसे करें आवेदन?
पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने के लिए इच्छुक स्ट्रीट वेंडर्स सीधे पीएम स्वनिधि योजनाक की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. योजना की वेबसाइट है https://pmsvanidhi.mohua.gov.in. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स अपने नदजीकी सीएससी पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 जून, 2020 को पीएम स्व-निधि योजना की शुरुआत की थी. योजना का उद्देश्य देशभर के लगभग 50 लाख स्ट्रीट विक्रेताओं को एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी (गैर जमानती) के 10 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है. ऋण का नियमित रूप से भुगतान करने पर प्रति वर्ष सात प्रतिशत की दर से ब्याज सहायता और निर्धारित डिजिटल लेन-देन करने पर प्रतिमाह 100 रुपये तक का कैशबैक प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है.
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खुशखबरी: अब महंगाई भत्ता में हुआ बड़ा इजाफा, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी…
7th Pay Commission today : महंगाई भत्ता कैलकुलेशन को लेकर बदलाव हो गया है. महंगाई भत्ता एक ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. आइए जानते हैं विस्तार से.केंद्रीय कर्मचारियों के लिए काम की खबर है. महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन में हो गया है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया है. महंगाई भत्ते के आधार वर्ष 2016 में बदलाव किया गया है. मंत्रालय मजदूरी दर सूचकांक की एक नई सीरीज जारी चुकी है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी. यानी अब महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन का तरीका बदल गया है.
आधार वर्ष बदलती है सरकार
गौरतलब है कि महंगाई के आंकड़ों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है. इससे अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के आधार पर किया जाता है और मजदूरों के वेज पैटर्न को शामिल किया जाता है.अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन , राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है.
कैसे होता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन?
आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है. आपको बता दें कि महंगाई भत्ते की मौजूदा दर को मूल वेतन (Basic Pay) से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है.
क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. कर्मचारियों को ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन पर असर न पड़े. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है
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UP सरकार ने 10 बड़े फैसले लिए; फ्री-राशन जारी रखने’लाउडस्पीकर इत्यादि’पढ़े पूरी खबर..
योगी सरकार 2.0 का 25 अप्रैल को पहला महीना खत्म हो गया। इस दौरान सरकार मिशन 2024 के टारगेट पर एक्टिव मोड में दिखी। इतनी फुर्ती से काम हुआ कि 31 दिनों में UP सरकार ने 10 बड़े फैसले लिए। इसमें अपराधियों से 200 करोड़ की संपत्ति जब्त करना, मुफ्त राशन योजना को 3 महीने और बढ़ाना, पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन और 100 दिनों में 8,000 करोड़ का गन्ना भुगतान करना शामिल है।
हमने योगी सरकार 2.0 के पहले महीने के बड़े फैसलों का रिव्यू किया है। इसके साथ-साथ इन फैसलों से 2024 के लोकसभा चुनावों पर पड़ने वाले इंपैक्ट का एनालिसिस भी किया है। चलिए एक-एक करके सबसे गुजरते हैं…
26 मार्च 2022: फ्री राशन योजना की डेडलाइन 3 महीने तक बढ़ाई
विधानसभा चुनाव 2022 में CM योगी ने जनता को फ्री राशन की सुविधा दिए जाने का जिक्र कई मंचों से किया। इस पर उन्होंने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया। योगी ने बैठक में लोगों को दी जा रही फ्री राशन योजना को 3 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला लिया।
मिशन 2024 पर असर: योगी सरकार ने 2024 तक इस योजना को 15 करोड़ लोगों तक पहुंचाने का टारगेट रखा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव की सभी 80 सीटों पर इस सुविधा का सीधा असर पड़ेगा।
2 अप्रैल 2022: नवरात्र के पहले दिन फिर से शुरू किया एंटी रोमियो स्क्वायड योगी सरकार के पहले कार्यकाल में एंटी रोमियो स्क्वायड की शुरुआत की गई। ये स्क्वायड महिलाओं से छेड़खानी और उन्हें परेशान करने वालों को कंट्रोल करने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन इसे बाद में बंद कर दिया गया। सरकार ने नवरात्र की शुरुआत पर एंटी रोमियो स्क्वायड को फिर से शुरू किया और UP में महिला सुरक्षा के लिए 1,000 पिंक बूथ बनाने का आदेश दिया।
मिशन 2024 पर असर: UP में करीब 7 करोड़ महिला वोटर्स हैं, यानी चुनावों में 45% उनकी भागीदारी है। योगी सरकार का यह फैसला इस हिसाब से काफी अच्छा माना जा रहा है।
8 अप्रैल 2022: 31 दिनों में 50 से ज्यादा बार एक्शन में दिखा बुलडोजर
CM योगी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि गरीबों और दुकानदारों के खिलाफ संपत्ति गिराने की कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद योगी सरकार 2.0 में अवैध संपत्तियों से कुल 200 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इसमें माफिया और अपराधियों के 50 से ज्यादा अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चलाया गया है।
मिशन 2024 पर असर: भूमाफिया और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए यह फैसला काफी प्रभावी रहा। विधानसभा चुनाव की तरह ही BJP के लिए लोकसभा चुनाव में भी ये बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है।
12 अप्रैल 2022: सरकारी दफ्तरों का लंबा लंच ब्रेक 30 मिनट का किया
CM योगी ने टीम 9 के साथ बैठक की। इसमें सरकारी कार्यालयों में अनुशासन बनाने पर योगी सख्त दिखे। उन्होंने निर्देश दिया कि दफ्तरों में कर्मचारी समय से आएं। लंच ब्रेक आधे घंटे से ज्यादा न लें। उन्होंने कहा, “30 मिनट के लंच ब्रेक के तुरंत बाद सभी को अपनी सीट पर आना होना। जो सीट पर नहीं दिखेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।”
मिशन 2024 पर असर: UP सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में कुछ 16 लाख राज्य कर्मचारी हैं। इतनी बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम करेंगे, तो इसका सीधा फायदा आम जनता को होगा। लोगों का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा।
14 अप्रैल 2022: किसानों को 8,000 करोड़ का गन्ना भुगतान 100 दिन में किया जाए
CM योगी ने एग्रीकल्चर प्रोडक्शन पर विभागों की 100 दिन की प्लानिंग पर प्रेजेंटेशन ली। इस दौरान योगी ने कहा, ‘UP में साल 2021 में किसानों को 32,926 करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान किया गया है।’ उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले 100 दिनों में किसानों को 8,000 करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान किया जाए।
मिशन 2024 पर असर: UP में करीब 45 लाख गन्ना किसान हैं। योगी सरकार के इस फैसले का असर सभी 80 सीटों पर दिखेगा।
अब यहां तक आपने योगी सरकार 2.0 के पहले महीने में लिए गए 5 बड़े फैसलों के बारे में जाना। बाकी फैसलों पर चलने से पहले इस सवाल का जवाब दीजिए…
18 अप्रैल 2022: नए धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर और माइक लगाने पर रोक
CM योगी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में कहा, ‘धार्मिक आजादी सबको है, लेकिन माइक की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए। इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि नए धार्मिक स्थानों पर माइक और लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’
मिशन 2024 पर असर: जहांगीरपुरी हिंसा के बाद UP में हाई अलर्ट घोषित हुआ। इसके बाद योगी ने हाई लेवल बैठक कर नए धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर और माइक लगाने पर रोक लगा दी है। इस फैसले से सभी वर्ग सहमत हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव में इसका अच्छा असर दिखेगा।
19 अप्रैल 2022: छह महीने में की जाए 20 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती
स्वास्थ्य विभाग का प्रेजेंटेशन देखते हुए योगी ने कहा, ‘आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया अगले 6 महीने में पूरी की जाए। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए।’
मिशन 2024 पर असर: बीते 11 साल से UP में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती नहीं आई थी। इस लिहाज से यह फैसला हजारों लोगों के लिए नई उम्मीद बनकर आया है। इस फैसले से UP की 1.7 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दायरा और भी ज्यादा बढ़ जाएगा, जो 2024 लोकसभा चुनाव में BJP का ग्राफ बढ़ा सकता है।
20 अप्रैल 2022: गरीब परिवारों को 6 महीने में 2.51 लाख घर दिए जाएं
सिटी डेवलपमेंट सेक्टर के प्रेजेंटेशन में CM योगी ने गरीब परिवारों के लिए बड़ा फैसला लिया। योगी ने कहा, ‘हमारी सरकार का टारगेट हर गरीब को उसका खुद का घर दिलवाना है। हमें अगले 6 महीने में 2.51 लाख नए आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से काम करना है।’
मिशन 2024 पर असर: UP की 37.38% आबादी का हिस्सा गरीब है। यानी गरीब परिवारों को इस योजना में शामिल करने से भाजपा UP की सभी 80 सीटों पर बड़ा वोट बैंक बनाने में सफल हो सकती है।
20 अप्रैल 2022: UP में पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी
CM योगी धर्मार्थ कार्य, पर्यटन और संस्कृति विभागों का प्रेजेंटेशन देख रहे थे। इस दौरान उन्होंने विभागों के अधिकारियों को आदेश दिया, ‘सरकार ने बुजुर्ग संतों, पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन करने का फैसला लिया है। यह बोर्ड संतों और पुजारियों के हित के लिए काम करेगा।’ साथ ही योगी ने सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन करने के आदेश दिए।
मिशन 2024 पर असर: UP में पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाना योगी सरकार 2.0 का मास्टर प्लान रहा है। इससे साल 2024 में भाजपा अपने कोर हिंदू वोटर्स को साधना चाहेगी। UP में हिंदू मतदाताओं का वोटिंग शेयर 80% है।
24 अप्रैल 2022: गांवों के लिए 1,116 करोड़ की योजनाओं की शुरुआत
पंचायती राज दिवस पर CM योगी ने बुंदेलखंड के साथ UP की ग्राम पंचायतों के लिए 1,116 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट शुरू किए। इसमें उन्होंने 39,000 ग्राम सचिवालयों, 2000 पब्लिक टॉयलेट, 7.10 लाख LED लाइट और 16 जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर की शुरुआत की।
मिशन 2024 पर असर: UP में कुल 58,000 से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं। इसमें कुल 33.6 लाख वोटर हैं। गांवों के विकास पर नए प्रोजेक्ट शुरू होने से UP की सभी 80 सीटों पर इंपैक्ट होगा।
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क्या आपको मालूम है मंगल ग्रह पर किस प्रकार से होता है सूर्य ग्रहण? आइए देखते है सूर्य ग्रहण का एक वीडियो…
धरती पर धर्मशास्त्रों में सूर्य ग्रहण को अशुभ काल माना जाता है, लेकिन विज्ञान में यह एक खगोलीय घटना होती है। कई लोग सूर्य ग्रहण देखना बेहद पसंद करते हैं। धरती पर तो हम सभी ने कभी-कभी न सूर्य ग्रहण देखा होगा, लेकिन अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल पर सूर्य ग्रहण होने का वीडियो रिकॉर्ड किया है। नासा के इस वीडियो से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर सूर्य ग्रहण कैसा दिखता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के पर्सिवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर इस नजारे को रिकॉर्ड किया है। रोवर ने मंगल ग्रह पर चंद्रमा फोबोस के सूर्य के आगे जाते हुए रिकॉर्ड किया है। नासा ने इस रोवर को फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर भेजा था। नासा के रोवर ने बीते 2 अप्रैल को एडवांश टेक्नोलॉजी से लैस मास्टकैम-जेड कैमरे से इस नजारे को कैप्चर किया है। आइए जानते हैं कि मंगल पर सूर्य ग्रहण कैसा दिखता है
सैन डिएगो में मालिन स्पेस साइंस सिस्टम्स के वैज्ञानिक राहेल हॉवसन का कहना है कि इस शानदार नजार के बारे में हमें पता था, लेकिन मुझे इतना अद्भुत होने की उम्मीद नहीं थी। मंगल ग्रह का फोबोस एक प्राकृतिक उपग्रह है। इसका व्यास 17 x 14 x 11 मील है।
मंगल के दो चांद हैं जिनमें फोबोस सबसे बड़ा है जो ग्रह की दिन में तीन बार परिक्रमा करता है। यह मंगल ग्रह की सतह के बेहद करीब होने की वजह से कई बार मंगल के कई स्थानों से नजर नहीं आते हैं।
पर्सिवरेंस रोवर के मंगल पर पहुंचने के 397वें दिन यह ग्रहण हुआ है। यह सूर्य ग्रहण करीब 40 सेकेंड तक रहा। धरती पर होने वाले सूर्य ग्रहण से यह बेहद छोटा नजर आया। सबसे बड़ी बात यह है कि धरती के चंद्रमा से फोबोस 157 गुना छोटा है।मंगल ग्रह के चंद्रमा की पहले भी तस्वीरें ली गई हैं। तस्वीरें लेने वाले रोवर में स्पिरिट, ऑपर्च्युनिटी और क्यूरियोसिटी शामिल हैं। लेकिन पर्सिवरेंस रोवर ने सूर्य ग्रहण का सबसे जूम वीडियो रिकॉर्ड किया है। इस रोवर के माध्यम से पहली बार सूर्य ग्रहण रंगीन नजर आया है। नासा ने उम्मीद जताई है कि इस वीडियो से वैज्ञानिकों को फोबोस और मंगल के बीच की गतिशीलता को समझने में मदद मिलेगी।वैज्ञानिकों को यह पता है कि एक दिन फोबोस का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।फोबोस के अस्तित्व के समाप्त होने की वजह यह है कि चांद हर साल मंगल ग्रह के 1.8 मीटर पास जा रहा है। गणना के मुताबिक, पांच करोड़ साल में मंगल की सतह पर फोबोस नष्ट हो जाएगा।
Truly fascinating. I zoomed in with my Mastcam-Z camera on a Phobos solar eclipse. This detailed video can help scientists on my team better understand the Martian moon’s orbit and how its gravity affects the interior of Mars, including its crust & mantle. https://t.co/jVdJ4UwhDx pic.twitter.com/q45HwKwLIS
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) April 20, 2022
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