BCCI के अध्यक्ष बन सकते है अमित शाह के बेटे जय शाह

गुजरात क्रिकेट संघ के पूर्व संयुक्त सचिव व गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह, एन. श्रीनिवासन के खास बृजेश पटेल, पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और अनुराग ठाकुर के भाई अरुण सिंह धूमल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में बड़ी भूमिकाओं में होंगे। इसमें जय शाह अध्यक्ष या सचिव में से कोई एक पद संभाल सकते हैं।यह सब शनिवार को दिल्ली और रविवार को मुंबई में होने वाली अनौपचारिक बैठक में तय होगा।23 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले बीसीसीआइ चुनाव के लिए नामांकन करने की अंतिम तारीख 14 अक्टूबर है। हालांकि, लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आ चुके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखें तो जय शाह लगभग एक साल तक ही अध्यक्ष पद पर रह सकते हैं क्योंकि लगातार छह साल राज्य संघ व बीसीसीआइ में पदाधिकारी रहने के बाद तीन साल का कूलिंग ऑफ लेना होता है।जय शाह पिछले पांच साल तक गुजरात राज्य क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव रहे हैं और हाल ही में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया था।


केंद्रीय विद्यालय द्वारा टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर निकली बंपर भर्ती, उम्मीदवार 22 फरवरी तक कर सकते है आवेदन…

नये शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय विद्यालय जनकपुरी दिल्ली द्वारा विभिन्न टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों पर संविदा के आधार पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इन पदों में प्राइमरी टीचर (पीआरटी), विभिन्न विषयों में टीजीटी और पीजीटी, स्पेशल एजुकेटर, काउंसलर, कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर, योग शिक्षक, खेल प्रशिक्षक, आर्ट एवं क्राफ्ट शिक्षक, संगीत शिक्षक, बैंड मास्टर, डॉक्टर और नर्स के पद शामिल हैं।
पद का नाम योग्यता
प्राइमरी टीचर 50% अंकों के साथ न्यूनतम सीनियर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट या 50% अंकों के साथ इंटरमीडिएट या इसके समकक्ष। डाइट/जेबीटी/बी.एड. हिंदी और इंग्लिश मीडियम के माध्यम से पढ़ाने की क्षमता।
टीजीटी सम्बन्धित विषय के साथ न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन डिग्री और बीएड या कोई समकक्ष योग्यता।
पीजीटी सम्बन्धित विषय में न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ पीजी डिग्री और बीएड या कोई समकक्ष योग्यता।
खेल प्रशिक्षक फिजिकल एजुकेशन में बैचलर डिग्री और सम्बन्धित खेल प्रशिक्षण का अनुभव।
जो उम्मीदवार केंद्रीय विद्यालय जनकपुरी दिल्ली द्वारा विज्ञापित टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें निर्धारित प्रारूप पर अपने आवेदन और सभी सर्टिफिकेट की ओरिजनल और फोटोकॉपी के साथ वॉक-इन-इंटरव्यू के लिए उपस्थित होना होगा। उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट, janakpuri.kvs.ac.in पर विजिट कर सकते हैं।
देश के तटीय राज्य गोवा पर्यटकों की पहली पसंद है. गोवा की खूबसूरती को यहां के समुद्र तट चार चांद लगाते हैं. तो वहीं अल्कोहल गोवा की संस्कृति को समृद्ध बनाती है. जिसमें गोवा की फेनी का स्वाद दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिसमें इन दिनों अल्कोहल म्यूजियम तड़का लगा रहा है. गोवा में देश का पहला अल्कोहल म्यूजियम स्थापित किया गया है. जिसमें देश-दुनिया की कई अल्कोहल के साथ ही गोवा की 5 हजार साल पुरानी फेनी के ऐतिहासिक यात्रा को संकलित करने का प्रयास किया गया है.
ऑल अबाउट अल्कोहल है म्यूजियम का नाम
गोवा में शुरू हुआ अल्कोहल म्यूजियम का नाम ‘ऑल अबाउट अल्कोहल’ रखा गया है. इस म्यूजियम की स्थापना उत्तरी गोवा के कैंडोलिम गांव में स्थानीय व्यवसायी नंदन कुडचडकर ने की है. ऑल अबाउट म्यूजियम में फेनी से जुड़ी सैकड़ों कलाकृतियां हैं, जिनमें बड़े, पारंपरिक कांच के बर्तन शामिल हैं. इनमें सदियों पहले स्थानीय काजू-आधारित शराब (फेनी) जमा की गई थी. वहीं इस संग्रहालय में सैनिकों के बर्तनों और लकड़ी के पात्र को भी दिखाया गया है. यहीं ऑस्ट्रेलियाई बीयर गिलास के साथ विश्व की दुर्लभ चीजों को भी प्रदर्शित किया गया है.
काजू की फेनी है म्यूजियम की शान
इस म्यूजियम में काजू की फेनी की विशिष्ट और समृद्ध परंपरा को दर्शाया गया है. यहां फेनी के अतीत और वर्तमान की एक झलक भी मिलती है. जबकि यहां पर शराब के शौकीनों के लिए दुनिया की बेहतरीन शराब के साथ गोवा की मशहूर फैनी भी रखी गई है. इस म्यूजियम में काजू के फलों के फर्मेंटेशन से कैसे फेनी तैयार की जाती है. इसका भी इतिहास बताया गया है. यहां पर्यटकों को काजू की फेनी का स्वाद भी चखने को दिया जाता है.
गोवा में 13000 वर्ग फुट में फैला हुआ म्यूजियम
देश का पहला अल्कोहल म्यूजियम पणजी से लगभग 10 किमी दूर उत्तरी गोवा के समुद्री तट सिंक्वेरिम और कैंडोलिम के पर्यटन केंद्र को जोड़ने वाले स्थान पर स्थित है. म्यूजियम 13 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है. इसके अंदर चार कमरों में एग्जीबीशन के लिए पुराने मिट्टी के बर्तन रखे गए हैं. वहीं 16 वीं शताब्दी के माप उपकरण भी हैं, जो फेनी देते समय इस्तेमाल किए जाते थे. इसके अलावा एक प्राचीन लकड़ी का शॉट डिस्पेंसर भी मौजूद है. असल में संग्रहालय शुरू करने वाले नंदन कुडचडकर प्राचीन वस्तुओं के संग्रहकर्ता भी हैं.
Knowledge
अगर आप भी चलाते हैं दोपहिया वाहन, तो यह जान लें नए नियम…

हमें जब भी कहीं जाना होता है, तो हम वाहन का इस्तेमाल करते हैं। बस अंतर ये है कि कोई सार्वजनिक वाहन से यात्रा करता है, तो कोई अपने वाहन से। लोग दोपहिया और चार पहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं। ये वाहन काफी सुविधाजनक होते हैं और इनसे आप कम समय में और बिना किसी झंझट के अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। कार के अलावा लोग काफी ज्यादा संख्या में दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें खतरा भी काफी बना रहता है। जहां कार में सुरक्षा उपाय होते हैं, तो बाइक चारों तरफ से खुली होने के कारण इतनी सुरक्षित नहीं मानी जाती है। लेकिन अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया वाहनों के लिए नए नियम लागू किए हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि ये नए नियम क्या हैं, किसके लिए ये लागू किए गए हैं और न मानने पर कितना जुर्माना देना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में। आप अगली स्लाइड्स में इस बारे में जान सकते हैं…
क्या कहता है नया नियम?
दरअसल, जो लोग सड़क पर दो पहिया वाहन चलाते हैं, उनको लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से सुरक्षा नियम लागू किए गए हैं। इसमें बच्चों के लिए हेलमेट से लेकर स्पीड लिमिट जैसी चीजों को शामिल किया गया है। ये सब वाहन चालकों और उनके साथ बैठने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया गया है। नए नियम को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है, जो 4 साल तक के बच्चों को कवर प्रदान करता है।
बच्चों के लिए हेलमेट
अगर आप दोपहिया वाहन चला रहे हैं, और आपके साथ कोई बच्चा बैठा है तो हेलमेट जरूरी होगी। दरअसल, चार साल तक के बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। पीछे की सवारी क्रैश हेलमेट या साइकिल हेलमेट भी पहनें।
सेफ्टी हार्नेस की शर्तें
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लागू किए गए नए नियमों के मुताबिक, जो सेफ्टी हार्नेस इस्तेमाल किया जाए, वो हल्का, वाटरप्रूफ यानी पानी से बचाव वाला और कुश होना चाहिए। साथ ही इसमें 30 किलोग्राम तक भार उठाने की क्षमता भी होनी चाहिए। यात्रा के दौरान पूरे समय बच्चे को इससे बांधना है।
इतनी होनी चाहिए स्पीड
वहीं, अगर आप दोपहिया वाहन से यात्रा कर रहे हैं, और आपके साथ बच्चा बैठा है। ऐसे में आपके वाहन की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, बच्चों के लिए हेलमेट के अलावा हार्नेस बेल्ट का उपयोग करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
नहीं किया पालन, तो क्या होगा?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दोपहिया वाहनों के लिए ये नए नियम लागू किए गए हैं। लेकिन अगर कोई इन नियमों को नहीं मानता है, तो इसमें जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। नए यातायात नियम का उल्लंघन करने पर 1 हजार रुपये जुर्माना और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
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