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BEAUTY CARE TIPS: क्या आप भी आँखों के निचे झुर्रियो से है परेशान, तो आजमाये ये छोटा सा उपाये…
Beauty Tips: अक्सर त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं जो उन चीजों के कारण विकसित होती हैं जो हम अवचेतनरूप से करते हैं। आपने देखा होगा कि जब आप धूप में घड़ी पहनते हैं तो आपके हाथ पर टैन लाइन नजर आने लग जाती है? अक्सर ऐसी चीजें होती हैं जो हम जानबूझ कर करते भी नहीं, लेकिन फिर भी आपकी त्वचा पर भारी पड़ती हैं। कई बार आपके चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लग जाती हैं, आज अपनी इस स्टोरी में हम इसी पर बात करेंगे… कैसे होती हैं झुर्रियां आपके चेहरे पर झुर्रियां तब विकसित होती हैं जब त्वचा ढीली होने लगती है। वे सबसे पहले लगातार गति के कारण आंखों और मुंह के आसपास विकसित होते हैं। मुंह खोलने और बंद करने के परिणामस्वरूप त्वचा में कसाव और ढीलापन आ सकता है जो जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो झुर्रियां विकसित करने वाला पहला स्थान बन जाता है।
क्यों होती हैं झुर्रियां जब आप आईलाइनर लगाती हैं या वाइप या कॉटन बॉल से अपना मेकअप उतारने की कोशिश करती हैं, तो आप उस त्वचा को खींचती हैं जो पहले से ही बहुत संवेदनशील है। आंखों के आसपास की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है और जब आप इसे खींचते हैं, तो आप इसे ढीला कर देते हैं। इस समय त्वचा की देखभाल करने के महत्व को कोई नहीं समझता है, लेकिन समय के साथ, इसके परिणामस्वरूप झुर्रियां पड़ जाती हैं। कैसे करें बचाव जब आप आईलाइनर लगा रही हों, तो सुनिश्चित करें कि आप अपनी त्वचा को ऊपर की ओर न खींचे। यही हाल मेकअप रिमूवर का भी है। एक सौम्य माइक्रो-फाइबर कपड़े का प्रयोग करें और धीरे-धीरे अपनी आंखों से मेकअप को हटाएं। अपनी त्वचा को इधर-उधर रगड़ना सबसे बुरा काम है जो आप करती हैं। मॉइस्चराइजर या अंडर आई क्रीम लगाते समय अपनी अनामिका का उपयोग करें। यह एकमात्र उंगली है जो सबसे कोमल है और कम दबाव का उपयोग करती है।
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HEALTH CARE TIPS: एसिडिटी की समस्या को चुटकी में दूर करेगा ये उपाये…
बार-बार एसिडिटी और सूजन की समस्या होने के पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें बहुत अधिक कैफीनयुक्त पेय, खाने के तुरंत बाद लेटना या बहुत अधिक मसालेदार भोजन करना शामिल है। खुद को एक्टिव रखने और लाइट मील लेने से आपको इसमें कुछ राहत मिल सकती है। इन कुछ आसान घरेलू उपचारों से आप एसिडिटी को दूर रख सकते हैं।
सौंफ का पानी: 1 चम्मच सौंफ को गर्म पानी के साथ लेने से एसिडिटी और सीने में जलन जैसे लक्षणों से राहत मिलती है।
गुड़: इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम दोनों होते हैं। PH संतुलन बनाए रखने के लिए पोटेशियम बहुत अच्छा है, दूसरी ओर आपके पाचन तंत्र को ठीक से काम करने के लिए मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है, तो बस एक छोटा सा गुड़ का टुकड़ा रोजाना जरूर खाएं।
काला जीरा: एसिडिटी से राहत पाने के लिए आप जीरा चबा सकते हैं या एक गिलास पानी में 1 चम्मच उबाल कर भी पी सकते हैं।
अजवाइन: यह एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या से निजात दिलाने के लिए बहुत अच्छा स्त्रोत है, यह पाचन के लिए बहुत अच्छा है और एक अच्छा एंटी-एसिड एजेंट है।
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क्या आप भी ब्लड प्रेशर के मरीज है तो अपने डाइट प्लान में करे इन चीजो को शामिल..
ब्लड प्रेशर, मौजूद समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसका बढ़ना और कम होना, दोनों ही स्थितियां शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हृदय रोग की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जबकि इसका कम होना कमजोरी थकान और कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हमारी जीवनशैली और खानपान की गड़बड़ आदतें ब्लड प्रेशर की समस्या का कारण बन सकती हैं, यही वजह है कि सभी लोगों को अपनी दिनचर्या को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है, जो रक्तचाप के जोखिम को कम करने में आपके लिए सहायक हों।
हम क्या खाते हैं, किस तरह की जीवनशैली का पालन करते हैं, यह आदतें भी ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी या कमी का कारण बन सकती हैं। ब्लड प्रेशर के असामान्य स्तर पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं कि जीवनशैली में किस तरह के बदलाव करके ब्लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है? कौन सी आदत आपको ब्लड प्रेशर रोगी बनने से बचाने में मदद कर सकती हैं?
नियमित व्यायाम की आदत
शारीरिक निष्क्रियता को ब्लड प्रेशर की समस्या का मुख्य कारक माना जाता है। ऐसे में नियमित व्यायाम, यहां तक कि वॉक करने की आदत भी रक्तचाप को कंट्रोल करने में आपके लिए मददगार हो सकती है। व्यायाम हृदय को मजबूत करता है, जिससे वह अधिक कुशलता से रक्त पंप कर पाता है। इसके अलावा व्यायाम की आदत आपके वजन को कंट्रोल करने में भी सहायक है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
तनाव कम करने वाले उपाय
अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक तनाव लेने वाले लोगों में समय से पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा हो सकता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन आपके हृदय गति को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं। इस तरह से तनाव को कम करने वाले उपाय रक्तचाप को नियंत्रित करने में आपके लिए सहायक हैं। इसके लिए योग-मेडिटेशन की आदत बनाइए।
आहार में बढ़ाइए पोटैशियम की मात्रा
पोटैशियम युक्त आहार का सेवन आपके हृदय और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। आलू, केला, पालक और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों में पोटैशियम होता है। प्रतिदिन 2,000 से 4,000 मिलीग्राम पोटेशियम लेने से रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है। टमाटर, एवोकाडो, तरबूज और सूखे मेवे भी आपकी दैनिक पोटैशियम की आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति कर सकते हैं, इन्हें आहार में जरूर शामिल करें।
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मेडिकल साइंस ने खोज निकाली कैंसर की दवा, 6 महीने में ठीक होकर घर आये मरीज…
Cancer Drug Trial Successful: दुनियाभर में पिछले कुछ सालों से कैंसर रोग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी आई है। भारत में हालात चिंताजनक हैं। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जिस तरह से हर साल कैंसर के मामलों में इजाफा हो रहा है, आशंका है कि साल 2025 का भारत में कैंसर के मामले 1. 39 मिलियन से बढ़कर 1.57 मिलियन से अधिक हो सकता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कैंसर की बढ़ोतरी का कारण जागरूकता की कमी और इलाज की अनुपलब्धता बताई। लेकिन मेडिकल साइंस ने कैंसर के क्षेत्र में भी आखिरकार चमत्कार कर दिया है। कैंसर के इलाज को लेकर हाल ही में एक दवा का ट्रायल किया गया, जिसका परिणाम सफल साबित हुआ है। रेक्टल कैंसर यानी मलाशय के कैंसर के इलाज के लिए हुए दवा की शुरुआती ट्रायल में हर मरीज को कैंसर से छुटकारा मिल गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सभी तरह के कैंसर का इलाज जल्द मिल सकता है और बढ़ते कैंसर के मामलों में कमी आ सकती है। चलिए जानते हैं कैंसर की दवा से जुड़ी जरूरी बातें।
कैंसर की जांच और इलाज
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी तक कैंसर के लक्षणों का संदेह होने पर डॉक्टर पहले बायोप्सी, इमेजिंग या फिर फिजिकल टेस्ट के माध्यम से मरीज में कैंसर का पता लगाते हैं। कैंसर की पुष्टि होने के बाद रोग के स्टेज के आधार पर इलाज की प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जाता है। भले ही कैंसर का कोई कारगार इलाज न हो, लेकिन कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी को प्रयोग में लाकर मरीज को बीमारी में राहत दिलाने का प्रयास किया जाता है लेकिन इलाज के इन तरीकों से आंत, मूत्र और यौन रोग भी हो सकते हैं। हालांकि अब कैंसर के इलाज की दवा का ट्रायल सफल हुआ है।
कैंसर की दवा का नाम
प्रयोगशाला में कैंसर की दवा का एक छोटा सा क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। जिसमें 18 रोगियों को लगभग 6 महीने तक दवा दी गई और अंत में उनमें से हर मरीज का ट्यूमर गायब हो गया। कैंसर की दवा का नाम ‘डॉस्टरलिमेब’ है। डॉस्टरलिमेब दवा लैब में तैयार अणुओं की दवा है, जो सब्सीट्यूट एंटीबॉडी के तौर पर काम करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉस्टरलिमेब एक मोनोक्लोनल दवा है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पीडी-1 नामक विशेष प्रोटीन के साथ मिलकर काम करती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करके उन्हें नष्ट करने में प्रभावी है।
6 महीने में ठीक हुआ कैंसर
18 मरीजों को कैंसर की एक ही दवा दी गई। बाद में उनकी जांच की गई, जिसमें एंडोस्कोपी, पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी या पीईटी स्कैन या एमआरआई स्कैन शामिल था। सभी जांच में उनके शरीर से कैंसर खत्म पाया गया। इस दवा को लेकर न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के डॉक्टर लुईस ए डियाज ने जानकारी दी कि रोगियों को 6 महीने में हर तीन सप्ताह पर दवा के डोज दिए गए। हालांकि सभी रोगियों को कैंसर मलाशय में था और शरीर के अन्य अंगों तक नहीं पहुंचा था।
कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट
खास बात यह है कि कैंसर रोगियों के इलाज के लिए अभी तक होने वाले कठिन उपचारों और उसके साइड इफेक्ट से ये दवा राहत दिलाएगी। मलाशय के कैंसर के मामले में अब न तो कीमोथेरेपी और न रेडिएशन व कोलोस्टोन बैग की जरूरत पड़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दवा से अब रोगियों को परीक्षण दवा के दौरान महत्वपूर्ण जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ा। यह भी दवा किया जा रहा है कि दवा के कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे हैं। बता दें कि जिन मरीजों पर कैंसर की दवा का ट्रायल हुआ उनका कैंसर सामान स्टेज पर था और परीक्षण में शामिल किसी भी मरीज की कीमोरेडियोथेरेपी या सर्जरी नहीं हुई थी।
कैंसर की दवा की कीमत
शुरुआती ट्रायल के सफल होने के बाद अब इस बात की जांच की जाएगी कि क्या बड़े पैमाने पर परीक्षण की जरूरत पड़ेगी।मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर और रिसर्च पेपर के सह-लेखक एवं पेशे से ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. एंड्रिया सेर्सेक ने बताया कि यह पता लगाएगा कि क्या यह दवा अधिक मरीजों के लिए काम आएगी और क्या कैंसर वास्तव में पूरी तरह से खत्म हो सकेगा। दवा की कीमत अलग अलग देशों में अलग अलग है। डॉस्टरलिमेब दवा की 500 एमबी खुराक की कीमत अमेरिका में लगभग आठ लाख रुपये (11,000 डॉलर) है, वहीं ब्रिटेन में खुराक 5,887 पाउंड में खरीद सकते हैं।
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