देश - दुनिया
पीएम किसान के लाभार्थी ले सकते हैं सस्ती दर पर 3 लाख तक का लोन
केंद्र सरकार ने देश के किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई हुई है. इस योजना के तहत सरकार एक वित्त वर्ष में योग्य लाभार्थी किसानों के खातों में 6,000 रुपये डालती है. योजना के लाभार्थियों के खातों में जल्द ही 2,000 रुपये की किस्त ट्रांसफर होने वाली है. किसानों को पीएम किसान की यह नौवीं किस्त 9 अगस्त को मिलेगी.
पीएम किसान के लाभार्थी किसान सस्ती दर पर मिलने वाले लोन का भी फायदा उठा सकते हैं. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत PM Kisan के लाभार्थियों को सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दे रही है. KCC से किसान सस्ती दर पर 3 लाख रुपये तक का Loan ले सकते हैं.
ये लोग ले सकते हैं सस्ता लोन
किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति उठा सकता है. हालांकि, पशुपालन और मछलीपालन के लिए सिर्फ 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. एसबीआई , पीएनबी , एचडीएफसी सहित सभी प्रमुख बैंकों के माध्यम से इस केसीसी की सुविधा का लाभ लिया जा सकता है.
ब्याज दर
KCC Loan पर ब्याज दर 9 फीसद है, लेकिन किसानों को काफी कम ब्याज देना होता है. केसीसी पर सरकार 2 फीसद की सब्सिडी देती है. इससे इस लोन पर किसान को 7 फीसद ब्याज दर पर लोन मिलता है. किसान अगर समय से पहले इस लोन का भुगतान कर देते हैं, तो उन्हें ब्याज पर 3 फीसद तक की छूट भी मिल जाती है. ऐसे में किसानों को इस लोन पर कुल ब्याज केवल 4 फीसद ही देना होता है. किसान क्रेडिट कार्ड की वैद्यता 5 साल होती है.
दस्तावेज
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड , पैन कार्ड और अपनी फोटो की जरूरत होगी. इसके साथ ही आपको एक शपथ पत्र भी देना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि आपने किसी दूसरे बैंक से Loan नहीं लिया है.
यह है प्रॉसेस
सबसे पहले पीएम किसान योजना की वेबसाइट PMkisan.gov.in से Kisan Credit Card का फॉर्म डाउनलोड करना होगा. इसके बाद फॉर्म को भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ नजदीकी बैंक ब्रांच में जमा कराना होगा.

देश - दुनिया
जानिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से कितने फायदे में है इस राज्य के लोग…

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से हरियाणा के किसानों को काफी लाभ मिला है. वर्ष 2016 से 2021 तक यानी पांच साल में यहां के कुल 75.12 लाख किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया. इसके प्रीमियम के रूप में किसानों को मात्र 1258.49 करोड़ रुपए देना पड़ा, जिसके बदले फसलों का नुकसान होने पर उन्हें 4194.25 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया. राज्य में यह योजना वर्ष 2016 से लागू है. इसके तहत खरीफ फसल में धान, कपास, बाजरा, मक्का एवं रबी फसल में गेहूं, जौ, सरसों, चना तथा सूरजमुखी का बीमा किया जा रहा है. इस बात की जानकारी प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने दी है.मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान नामक कार्यक्रम में दलाल ने कृषि विभाग व बीमा एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस बीमा पॉलिसी के लिए किसानों को विस्तार से जानकारी दें. किसानों को पॉलिसी के दस्तावेज प्राप्त करने के साथ-साथ उस योजना को बारीकी समझना है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद फसल का नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उसके नुकसान की भरपाई की जा रही है. इसके लिए किसान को मामूली प्रीमियम देना होता है
गांव स्तर पर वितरित की जाएंगी बीमा पॉलिसी
दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों बारे में किसानों को जागरूक करने और फसल बीमा पॉलिसियों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान की शुरूआत की गई है. इसके तहत प्रदेश के 7.33 लाख बीमित किसानों को रबी 2021-22 की पॉलिसी का वितरण ग्राम स्तर पर किया जाएगा. कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा व महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह भी मौजूद रहे.
किसानों को मिलेगी पूरी जानकारी
इस पॉलिसी से किसानों को उनकी फसल के लिए काटा गया प्रीमियम और फसल बीमा की पूर्ण जानकारी मिल जाएगी, जिससे फसल खराबी के समय दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि बीमा कंपनियां बीमित किसानों को यह पॉलिसी वितरण करेंगी. इस कार्यक्रम की परिकल्पना केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में की गई है.
बागवानी बीमा योजना
हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तरह मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना भी शुरू की गई है. जिसमें 20 से अधिक फसलों का नाम मात्र के प्रीमियम पर बीमा किया जाता है. सब्जी फसलों पर 750 रुपये एवं फल वाली फसलों पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम लगता है. इसके बदले नुकसान होने पर सब्जियों व मसालों के लिए 30 हजार प्रति एकड़ और फलों के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ तक का क्लेम मिलता है.
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बड़ी खबर: सेंसेक्स 1800 अंकों से ज्यादा फिसला, निवेशकों की संपत्ति में आई भारी गिरावट…

यह सप्ताह शेयर बाजार के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा. पांच कारोबारी सत्रों में चार दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि सात दिनों की लगातार गिरावट पर शुक्रवार को ब्रेक लगा और सेंसेक्स में 2.44 फीसदी की शानदार रिकवरी दर्ज की गई. उससे ठीक पहले गुरुवार को (24 फरवरी) रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के कारण सेंसेक्स में 2700 अंकों की भारी गिरावट (4.72 फीसदी) दर्ज की गई थी. उस दिन कच्चा तेल 105 डॉलर तक पहुंच गया था. साप्ताहिक आधार पर इस सप्ताह सेंसेक्स में 1825 अंकों (करीब 4 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई, जबकि BSE लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया.BSE लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप इस सप्ताह घटकर 249.97 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. इससे पहले जुलाई, 2021 में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 235.49 लाख करोड़ रुपए के निचले स्तर पर आया था. पिछले सप्ताह यह मार्केट कैप 260.48 लाख करोड़ रुपए का था. इस तरह निवेशकों की कुल संपत्ति में 10.51 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई. केवल सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों के मार्केट कैप में बीते सप्ताह 3 लाख 33 हजार 307 करोड़ रुपए की गिरावट आई.
रिलायंस का मार्केट कैप 94828 करोड़ घटा
बीते सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 94,828.02 करोड़ रुपए घटकर 15,45,044.14 करोड़ रुपए रह गया. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के बाजार मूल्यांकन में 1,01,760.91 करोड़ रुपए की गिरावट आई और यह 13,01,955.11 करोड़ रुपए पर आ गया. एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 31,597.65 करोड़ रुपए टूटकर 8,06,931.95 करोड़ रुपए रह गया.
इन्फोसिस का मार्केट कैप 5501 करोड़ घटा
इन्फोसिस की बाजार हैसियत 5,501.34 करोड़ रुपए घटकर 7,12,443.09 करोड़ रुपए पर और आईसीआईसीआई बैंक की 13,240.66 करोड़ रुपए के नुकसान के साथ 5,07,414.1 करोड़ रुपए पर आ गई. एचडीएफसी के बाजार पूंजीकरण में 6,929.03 करोड़ रुपए की गिरावट आई और यह 4,35,233.9 करोड़ रुपए पर आ गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 33,234.97 करोड़ रुपए के नुकसान से 5,09,990.53 करोड़ रुपए रह गया.
SBI का मार्केट कैप 29094 करोड़ रुपए घटा
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 29,094.23 करोड़ रुपए घटकर 4,30,924.87 करोड़ रुपए पर और बजाज फाइनेंस का 3,802.65 करोड़ रुपए के नुकसान से 4,20,653.95 करोड़ रुपए पर आ गया. भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 13,318.16 करोड़ रुपए घटकर 3,78,098.62 करोड़ रुपए रह गई.
टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल का स्थान रहा.
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रुस को अब जंग से रोकने का विकल्प सिर्फ़ एक,तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर प्रतिबंधों के अलावा रूस को सीधे तौर पर रोका जाए, तो इसका मतलब है कि रूस से सीधा युद्ध। यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत होगी।रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग हर दिन के साथ आक्रामक होती जा रही है। यूक्रेन के आत्मसमर्पण से इंकार के बाद पुतिन ने अपनी सेना को हमले और तेज करने का आदेश दे दिया है। इसके बाद रूसी सेना यूक्रेन पर चारों तरफ से टूट चुकी है।
यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया गया है। एक तेल डिपो पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला हुआ है। इसी बीच अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि, रूस को रोकने के दो ही विकल्प हैं।
पहला यह कि, रूस से सीधे तौर पर युद्ध लड़ा जाए और तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की जाए। या फिर दूसरा विकल्प यह है कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करेगा, उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि, प्रतिबंधों का एक मात्र विकल्प तीसरा विश्व युद्ध ही होगा। उन्होंने कहा कि, जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनका व्यापक असर होगा।
स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध पर बनी सहमति
रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसमें कई आर्थिक व व्यवसायिक प्रतिबंध शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि, इन प्रतिबंधों का व्यापक असर होगा। इस बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस के सेंट्रल बैंक को भी प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं अमेरिका व उसके सदस्यों द्वारा रूस को स्विफ्ट सिस्टम से भी बैन करने पर सहमति बन गई है। अगर, ऐसा होता है तो रूस अंतरराष्ट्रीय लेनदेन से पूरी तरह से कट जाएगा और इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। हालांकि, इसकी प्रतिक्रिया में रूस कच्चे तेल की सप्लाई को रोक सकता है, जिसका नतीजा यूरोप में भारी ऊर्जा संकट के रूप में देखने को मिलेगा।
जर्मनी ने बंद किया एयरस्पेस
यूक्रेन की मदद के लिए जर्मनी भी आगे आया है। उसने यूक्रेन को कई हथियार, टैंक व रॉकेट दिए हैं। इसके अलावा जर्मनी ने रूस को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने से भी रोक दिया है।
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