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मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भाजपा में शामिल
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को भाजपा में शामिल हो गईं। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।इस मौके पर अपर्णा ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से बेहद प्रभावित रही हैं। आगे पार्टी जो भी जिम्मेदारी तय करेगी वह उसे निभाएंगी।
इस मौके पर केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर तंज भी कसा और कहा कि अखिलेश यादव अपना परिवार नहीं संभाल पाए हैं।केशव ने कहा कि हम अपर्णा का अपने भाजपा परिवार में स्वागत करते हैं। वह समय-समय पर भाजपा सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन करती रही हैं। केशव कहा कि अखिलेश यादव चुनाव में हार से इतने भयभीत हैं कि वह लड़ने के लिए विधानसभा सीट तक नहीं तय कर पा रहे हैं। वो कहते हैं कि विकास किया है।
अगर विकास किया है तो उसी सीट से चुनाव लड़ें, जहां विकास किया है।कयास लगाए जा रहे हैं कि अपर्णा लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह इसी सीट से चुनावी मैदान में थीं। हालांकि, उन्हें हार मिली थी। इसी सीट पर भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी अपने बेटे के लिए भाजपा से टिकट मांगा है। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर यह नियम है कि किसी सांसद के बेटे को टिकट नहीं दी जाएगी तो मैं प्रयागराज लोकसभा सीट से इस्तीफा भी देने के लिए तैयार हूं।विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा।
मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को भाजपा में शामिल हो गईं। उन्हें दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। बताया जा रहा है कि वे लखनऊ कैंट से टिकट नहीं मिलने से अखिलेश से नाराज थीं। अपर्णा मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।अपर्णा ने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। मुझे आपका सहयोग बहुत जरूरी है। स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के स्वावलंबन ओर पार्टी की अन्य योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं। जो भी कर सकूंगी, पूरी क्षमता से करूंगी।
अपर्णा के भाजपा में आने से पार्टी का कद बढ़ेगा
अपर्णा को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अपर्णा के भाजपा में आने से पार्टी का कद बढ़ेगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश-प्रदेश का विकास हो रहा है। अखिलेश यादव सांसद और मुख्यमंत्री के तौर पर असफल रहे। बार-बार कहते थे कि हर योजना हमने शुरू की है।अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने की खबरें पिछले तीन दिनों से चल रही थीं।
तब अपर्णा के करीबियों ने दावा किया कि अब अपर्णा भाजपा में शामिल नहीं होंगी। परिवार में सब-कुछ ठीक है। शिवपाल ने भी अपर्णा को परिवार की पार्टी में रहने की सलाह दी थी। साथ ही अखिलेश ने भी कहा था कि परिवार में सब ठीक है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि अपर्णा पार्टी भाजपा में शामिल हो गईं।अपर्णा के साथ मुलायम सिंह यादव।
अखिलेश का परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट देने से इंकार
अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के पीछे अखिलेश यादव का वो फैसला है, जिसने परिवार में भूचाल ला दिया है। सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव ने फैसला किया है कि इस बार किसी भी कीमत पर परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नही देंगे। अखिलेश के इस फैसले के बाद ही अपर्णा ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
मुलायम ने भी अखिलेश से मांगी थी अपर्णा के लिए टिकट
मुलायम परिवार के सूत्रों की मानें तो अपर्णा हर कीमत पर इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसको लेकर अपर्णा लगातार मुलायम सिंह यादव पर दबाव डाल रही थींं। सूत्रों का तो यह भी दावा है कि मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा के टिकट के लिए अखिलेश से भी बात की थी,लेकिन कोई नतीजा नही निकला।
जब अपर्णा की भाजपा ज्वाइन करने की बात शुरु हुई तो फिर परिवार में कलह मच गई और अपर्णा ने अपना फैसला टाल दिया। कहा गया कि अब अपर्णा परिवार और पार्टी में ही रहेंगी, लेकिन आज अपर्णा आखिरकार भाजपा में शामिल गईं।अपर्णा, मुलायम सिंह यादव के साथ कई जनसभा में जा चुकी हैं
शिवपाल यादव ने भी अपर्णा के लिए अखिलेश से की मुलाकात
भाजपा सूत्रों का दावा है कि अपर्णा से पार्टी में शामिल होने के लिए बातचीत लगातार चल रही थी। इसे बेहद गोपनीय रखा गया। अपर्णा लगातार सीएम योगी के संपर्क में थी। मंगलवार की शाम करीब 3 बजे शिवपाल यादव अखिलेश से मिलने समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे। उस दौरान उनकी कार में अपर्णा के छोटे भाई अमन विष्ट भी मौजूद थे। शिवपाल यादव ने परिवार के सदस्यों के टिकट को लेकर भी बात की। खबर है कि उस दौरान अखिलेश ने परिवार के किसी भी सदस्य को भी टिकट देने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद अपर्णा ने सिग्नल ग्रीन कर दिया।
अपर्णा यादव को मिल सकती है कैंट विधानसभा की सीट
अपर्णा यादव भाजपा से कैंट सीट की दावेदारी भी कर रही है। अपर्णा यादव ने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था।उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उनके लिए अखिलेश यादव ने प्रचार भी किया था। जोशी के सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भी बीजेपी ने यह सीट जीत ली थी। पार्टी में शामिल होने के बाद अपर्णा को कैंट सीट मिल सकती है।
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बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी बेटे मयंक जोशी को लखनऊ कैंट से टिकट के लिए सांसदी भी छोड़ने को तैयार
डॉ. रीता बहुगुणा जोशी कैंट से अपने बेटे मयंक जोशी के लिए टिकट मांग रही हैं. परिवारवाद का आरोप न लगे, इसके लिए खुद सक्रिय राजनीति से संन्यास तक लेने को तैयार हैं. उन्होंने बकायदा आलाकमान को भी लिखा है. सूत्रों के मुताबिक, पत्र में उन्होंने मयंक जोशी के मल्टीनैशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर साल 2019 में लखनऊ आने और बीजेपी संगठन के लिए किए गए कामों की पूरी सूची भी भेजी है. पिछले दिनों लखनऊ कैंट सीट से डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के चुनाव लड़ने की खबर सामने आने के बाद सांसद रीता ने पार्टी के तमाम पदाधिकारियों से भी मुलाकात की. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए वह दिल्ली भी जा चुकी हैं.
लखनऊ कैंट से दो बार रह चुकी हैं विधायक
रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहीं हैं. कांग्रेस में रहते हुए पहली बार वर्ष 2012 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से BJP के सुरेश तिवारी को हराया था. इसके बाद वर्ष 2017 में बीजेपी में शामिल होने के बाद वह इस सीट से दोबारा विधायक चुनीं गईं और योगी मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री भी बनीं. इन दोनों ही चुनाव में उनका पूरा चुनाव प्रबंधन पुत्र मयंक जोशी ने ही संभाला. साल 2019 में लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें ये सीट खाली करनी पड़ी थी. बाद में उपचुनाव में पार्टी ने उनके बेटे के बजाय किसी और को टिकट दिया था.
रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एच.एन.बहुगुणा की बेटी हैं. उनकी मां स्वर्गीय कमला बहुगुणा पूर्व सांसद थीं. रीता बहुगुणा ने 1995-2000 तक इलाहाबाद के मेयर का पद संभाला. वह 2012 के राज्य चुनावों में लखनऊ छावनी के लिए विधान सभा की सदस्य चुनी गईं.
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