देश - दुनिया
छत्तीसगढ़ सरकार खोलेगी मेडिकल स्टोर, 50% कम कीमत पर मिलेंगी दवाएं
छत्तीसगढ़ में दवाई की कीमतों से राहत देने के लिए उचित मूल्य के मेडिकल स्टोर खोलने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते श्री धन्वंतरी दवा योजना शुरू कर रही है. इस योजना के तहत राजधानी रायपुर दुर्ग, बिलासपुर समेत राज्य के 169 शहरों में 188 ऐसे मेडिकल स्टोर्स खोले जाएंगे, जिनमें मरीजों को अधिकतम खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) में 50 प्रतिशत से अधिक छूट दी जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अक्टूबर को इस योजना का शुभारंभ करेंगे. योजना की शुरुआत 85 श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स के साथ की जाएगी. शेष दुकानें भी इस माह के अंत तक प्रारम्भ हो जाएंगी. आगामी चरण में इन दुकानों से घर पहुंच दवा डिलीवरी की भी व्यवस्था की जायेगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी सरकार ने गरीबों और वंचित वर्गों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं. इसी दिशा में एक और पहल करते हुए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स शुरू करने जा रहे हैं. अब सस्ती दवाएं सभी की पहुंच में होंगी. इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा. इससे दवाइयों पर होने वाले खर्च का बोझ कम हो सकेगा. इस योजना के माध्यम से हम सब्बो स्वस्थ-जम्मो सुग्घर की परिकल्पना को साकार करने में सफल होंगे. नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा है कि सेवा जतन सरोकार–छत्तीसगढ़ सरकार हमारी सरकार का आदर्श वाक्य है. योजना के माध्यम से शासन द्वारा इसे चरितार्थ किया जा रहा है.
इन स्वास्थ्य योजनाओं से लाभ का दावा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधओं का विस्तार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहने का दावा किया जा रहा है. सरकार का दावा है कि इस दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में कई पहल की गई है. शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर, दाई दीदी क्लीनिक आदि के माध्यम से जमीनी स्तर तक सुविधाओं का विस्तार किया गया है. इसी क्रम में अब आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की रियायती दवा उपलब्ध कराने के लिए श्री धन्वंतरी योजना प्रारम्भ की जा रही है. योजना अंतर्गत राज्य के सभी 169 नगरीय निकायों में शासन के सहयोग से श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले जा रहे हैं. नगरीय निकायों द्वारा 188 दुकानों का चिह्नांकन किया गया है. इन दुकानों में 251 दवाइयों, 27 सर्जिकल आइटम साहित विभिन्न सामग्री उपलब्ध रहेगी. लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित गुणवत्तापूर्ण हर्बल उत्पाद भी इन दुकानों में उपलब्ध रहेंगे.
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अमेरिकी डॉक्टरों को मिली बड़ी सफलता,मानव शरीर में सुअर की किडनी का सफल ट्रांसप्लांट
वैज्ञानिकों को मानव शरीर में सुअर की किडनी ट्रांसप्लांस करने में बड़ी सफलता मिली है। तमाम परीक्षणों के बाद अब डॉक्टरों ने बताया कि कि मानव शरीर में सुअर की किडनी सुचारू रूप से काम कर रही है और ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा है। यह बड़ी सफलता अमेरिकी डॉक्टरर्स को मिली है, जिससे अब मानव शरीर में ट्रांसप्लांट करने के लिए मानव अंगों की कमी को दूर किया जा सकता है। ऐसा पहली बार संभव हुआ है जब मानव शरीर शरीर में किसी दूसरे प्राणी की किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। हालांकि इससे पहले भी ऐसे कई प्रयोग किए गए हैं लेकिन शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र बाहरी अंगों को स्वीकार नहीं करता है और ट्रांसप्लांट सफल नहीं हो पाता है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब सुअर की किडनी को मानव शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है और शरीर ने भी सफलतापूर्णक ग्रहण कर लिया है।
देश - दुनिया
मुंबई की 60 मंजिला इमारत में लगी आग, दहशत में शख्स ने 19वीं मंजिल से लगाई छलांग, मौत
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की एक 60 मंजिला इमारत में शुक्रवार को आग लग गई। कर्री रोड पर स्थित अविघ्न पार्क इमारत में लगी आग को बुझाने के लिए दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे हैं। इस बीच एक शख्स की 19वीं मंजिल से कूदने से मौत होने की भी खबर है। कहा जा रहा है कि आग लगने से दहशत में आए शख्स ने 19वीं मंजिल से छलांग दी, जिसमें उसकी मौत हो गई। 30 वर्षीय युवक को तत्काल केईएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा एक अन्य घायल शख्स को अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया है।
आग के डर से रेलिंग पकड़कर लटका था सुरक्षागार्ड, गिरने पर मौत
फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक अरुण तिवारी बिल्डिंग में ही सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात थे। इमारत की 19वीं मंजिल में आग लगी तो वह भागकर वहीं पहुंच गया। कुछ देर में उसे अंदाजा हुआ कि वह फंस गया है और फिर खुद को आग से बचाने के लिए वह बालकनी पर लटक गया था। लेकिन कुछ देर में रेलिंग पर उसकी पकड़ ढीली हो गई और वह नीचे गिर गया। जमीन पर गिरते ही तिवारी को केईएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शहर की मेयर किशोरी पेडनेकर ने बताया कि अब भी दो लोग इमारत में फंसे हुए हैं, जबकि अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। रिपोर्टर्स से बात करते हुए म्युनिसिपल कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और फिलहाल कूलिंग ऑपरेशन चल रहा है। आग लगने की यह घटना कैसे हुई, इसकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
दोपहर 12 बजे के करीब लगी थी आग, वजह का पता नहीं
बचावकर्मियों की ओर से लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुंबई पुलिस और फायर ब्रिगेड की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह आग दोपहर के 12 बजे के करीब लगी थी। इसे बुझाने के लिए एक दर्जन से ज्यादा फायर टेंडर्स, 5 जम्बो टैंकर मौके पर पहुंचे थे। बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
देश - दुनिया
अब छुट्टी के दौरान हमले में सैनिकों की मौत को ऑन ड्यूटी माना जाएगा, मोदी सरकार का बड़ा फैसला
एक स्पष्टीकरण जारी किया है। अवकाश के दौरान सैनिकों पर हमले को लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया यदि छुट्टी पर गए किसी सैनिक पर चरमपंथी या असामाजिक तत्वों द्वारा हमला होता है और उसमें उसकी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसे मामलों को ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु माना जाएगा।
उसके परिजन उसी प्रकार के मुआवजे के हकदार होंगे जो ड्यूटी करने के दौरान मृत्यु होने पर दिए जाते हैं।हाल में जारी आदेश में कहा गया है कि इसमें अभी तक कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। यदि कोई सैनिक छुट्टी पर अपने घर आया हुआ है या कहीं और भी गया हुआ है। इस दौरान चरमपंथी या असामाजिक तत्वों द्वारा उसे हमले में मार दिया जाता है तो उसे ड्यूटी पर तैनात माना जाएगा। उसके परिजन उसी प्रकार के मुआवजे के हकदार होंगे जो ड्यूटी करने के दौरान मृत्यु होने पर दिए जाते हैं।आदेश में कहा गया है कि छुट्टी से तात्पर्य उन सभी प्रकार की छुट्टियों से है जो सरकार की तरफ से सैन्यकर्मियों को प्रदान की जाती हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान सैन्यकर्मियों पर हमले बढ़े हैं। खासकर जब वह अवकाश पर थे। हालांकि, ऐसी घटनाएं कश्मीर में ज्यादा हुई हैं। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में स्पष्टीकरण जारी कर सैन्यकर्मियों को राहत प्रदान की गई है।
मंत्रालय ने यह तर्क दिया
तर्क दिया गया है कि यदि सैन्यकर्मी पर अवकाश के दौरान चरमपंथियों या असामाजिक तत्वों का हमला होता है तो इसकी वजह यही हो सकती है कि उसके सैन्यकर्मी होने के कारण उस पर हमला किया गया। जिसमें उसकी जान चली गई। इसलिए वह इस लाभ का हकदार है।
निजी दुश्मनी में मृत्यु पर लाभ नहीं
हालांकि, छुट्टी के दौरान सैनिक की निजी दुश्मनी की वजह से उस पर कोई हमला होता है और उसमें उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसे ड्यूटी के दौरान हुई मौत नहीं माना जाएगा। ऐसे मामले में ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु के तहत मुआवजा नहीं मिलेगा।
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