छत्तीसगढ़
बेरोजगारी से बन गए लाश , कोविड सेंटर्स से निकाले गए स्वास्थ्य कर्मचारी !कफ़न ओढ़कर किया प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ के कोविड सेंटर्स से निकाले गए स्वास्थ्य कर्मचारियों में शनिवार को प्रदर्शन किया। रायपुर में सुबह 5 बजे प्रदर्शनकारी लाश बनकर लेट गए, पास बैठी युवतियां माथा पीटकर रो रही थीं।
वे अपनी बदहाली के जिम्मेदारों को कोस रही थीं और रोजगार की मांग कर रही थीं। ये प्रदर्शन करीब 3 घंटे तक बूढ़ापारा की सड़क पर जारी रहा।
कर्मचारियों के इस प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों से पुलिस अफसरों ने कहा कि वो सड़क को जाम कर रहे हैं। या तो वे फौरन अपना विरोध प्रदर्शन बंद करें या साइड होकर रास्ता खाली करें। बीच सड़क से हटने को ये कोरोना वॉरियर्स राजी नहीं हुए।
सुबह के वक्त ही इनकी पुलिस से बहस हो गई। ना मानने की स्थिति में पुलिस की टीम ने 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। अब इन्हें सेंट्रल जेल ले जाया गया है।
इस वजह से चल रहा है आंदोलन
साल 2020 और 2021 की शुरुआत में कोविड संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिला। इस दौरान इन कर्मचारियों ने कई कोविड, क्वारंटाइन सेंटर और लैब में बतौर नर्स, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन का काम किया। बाद में सरकार ने उन अस्थाई सेंटर्स को बंद कर दिया। ये युवा बेरोजगार हो गए। अब ऐसे लगभग 8 हजार कर्मचारी ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें रोजगार दिया जाए। इसी मांग को लेकर 63 दिनों से इनका धरना प्रदर्शन जारी है।
छत्तीसगढ़
25 अक्टूबर को प्रदेश के लगभग 7 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे , लाखों बच्चो की पढ़ाई प्रभावित
छत्तीसगढ़ के सभी प्राइवेट स्कूल 25 अक्टूबर को बंद रहेंगे:-
छत्तीसगढ़ के सभी प्राइवेट स्कूल 25 अक्टूबर को बंद रहेंगे। इसे लेकर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने एलान किया है कि सोमवार को प्रदेश स्तर पर हड़ताल और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। रायपुर के बूढ़ापारा के धरना स्थल पर जमा होकर स्कूल एसोसिएशन के लोग सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे। एसोसिएशन के इस फैसले की वजह से प्रदेश के लगभग 7 हजार से अधिक स्कूल बंद रहेंगे।
इन सभी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 16 लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि सरकार लगातार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है। कई स्तर पर स्कूल के लोगों ने अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रखा मगर हमारी एक नहीं सुनी गई। अब प्रदेश के संगठन ने ये फैसला लिया है। 25 अक्टूबर को सभी स्कूलों में ताले लगे होंगे। टीचिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ सभी हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल का प्रमुख कारण RTE, राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों को मिलने वाला पैसा है। पिछले कई महीने से करीब 106 करोड़ रुपए सभी स्कूलों के बकाया है, जो सरकार ने अब तक नहीं दिए हैं।
स्कूल संचालकों की मांग :-
- 2020-2021 की RTE की प्रतिपूर्ति राशि अशासकीय विद्यालयों को अविलंब प्रदान की जाए ।
- 16 महीनो तक स्कूल बसों का संचालन बंद रहा, अत: अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 (16 महीने) प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए।
- नवीन मान्यता, मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। पूरे प्रदेश में मान्यता की प्रक्रिया 2 से 3 वर्ष विलंब से चल रही है।
- कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालयों का स्कूल शिक्षा विभाग ने निरीक्षण किया था, अलग-अलग जिलों में कमियां बता कर अशासकीय विद्यालयों को परेशान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़
अब मोबाइल पर दिखेगा स्टोर में ,कितना स्टॉक है ! स्टॉक कम होगा वहां वैक्सीन भेज दी जाएगी
अब मोबाइल पर दिखेगा स्टोर में कितना स्टॉक है स्टॉक कम होगा वहां वैक्सीन भेज दी जाएगी
राजधानी रायपुर समेत जिले में कोरोना सहित सभी तरह के टीकों की सप्लाई और स्टाक की आनलाइन एंट्री की जाएगी। इसके लिए सभी जगहों पर वैक्सीन के स्टॉक का हिसाब रखने वाले कोल्ड चेन प्वाइंट हैंडलर को मोबाइल सेट दिए गए हैं।
अब उनके मोबाइल पर दिखेगा कि किस स्टोर में कितना स्टॉक है। जहां स्टॉक कम होगा वहां वैक्सीन भेज दी जाएगी। इससे सेंटरों में भेजने में दिक्कत नहीं होगी।
रायपुर जिले में 14 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं, जिसके जरिए सभी टीका केंद्रों, प्राथमिक और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में टीके का वितरण किया जाता है। कोल्ड चेन प्वाइंट यानी छोटे स्टोर में टीका खत्म होने पर वहां से जिन सेंटरों में वैक्सीन सप्लाई की जाती है वहां टीकाकरण प्रभावित होता है। इसलिए इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है। 14 कोल्ड चेन प्वाइंट आपस में भी एक दूसरे का स्टाक देख सकेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी जगह से टीके मंगवाए जा सकें। इसके जरिए मोबाइल एप में सभी तरह के टीकों की एंट्री होगी।
छत्तीसगढ़
बंदर के डर से भाग रही थी 5 साल की बच्ची, कुएं में जा गिरी बच्ची की मौत
बंदर के डर से भाग रही थी 5 साल की बच्ची, कुएं में जा गिरी बच्ची की मौत
गली में खेल रही 5 साल की बच्ची बंदर के डर से भागते हुए कुएं में जा गिरी और पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। पलारी पुलिस ने बताया ग्राम टीपावन निवासी 5 साल की लविशा मानिकपुरी पिता दिनेश मानिकपुरी अपने घर के सामने शाम 5 बजे खेल रही थी, तभी घर के आसपास बहुत सारे बंदर आ गए।
बच्ची अकेली थी और बंदर से डर गई और घर की तरफ भागते हुए कुएं में गिर गई, जिससे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। बच्ची जब बहुत देर तक घर नहीं लौटी तो उसके आसपास तलाश किया गया।
तभी पास के कुएं में काटा डालकर देखा तो बच्ची कुएं में डूबी हुई थी, जिसे घर वालों ने पलारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।थाना प्रभारी प्रमोद सिंह ने बताया कि पिता की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर पंचनामा और पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना की विवेचना की जा रही है। पीएम रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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