देश - दुनिया
PF का पैसा ऑनलाइन कैसे करें ट्रांसफर? ये है सबसे आसान तरीका
प्रोविडेंट फंड को लेकर रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं तो EPFO के नियम जानने बहुत जरूरी हैं. नियम नहीं पता होने की स्थिति में आपको नुकसान हो सकता है. रिटायरमेंट से पहले EPF से पैसे निकालना सही नहीं है. नौकरी बदलते वक्त अपना खाता बंद करा देना भी समझदारी नहीं है. जरूरी है प्रोविडेंट फंड खाता नौकरी बदलने के साथ ट्रांसफर कराते रहें. इसके बहुत फायदे मिलते हैं.
एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड में हर महीने आपकी सैलरी से कुछ हिस्सा जमा होता है. इस पर एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज भी मिलता है. श्रम मंत्रलाय के अधीन EPFO ब्याज दर तय करता है. लेकिन, अगर आप अपने खाते से पैसा निकाल लेते हैं तो ब्याज का फायदा कम रकम पर मिलता है. इसलिए नौकरी बदलने या छोड़ने के बाद भी PF का पैसा खाते में बना रहने दें.
पुराने EPF अकाउंट का पैसा नई कंपनी के EPF अकाउंट में ट्रांसफर कराना ज्यादा बेहतर होता है. नई कंपनी आपका एक नया EPF अकाउंट खोलती है. हालांकि, UAN के आने के बाद से आपके सभी अकाउंट एक ही जगह रहते हैं. लेकिन, पैसा अलग-अलग खातों में होता है. नई कंपनी के साथ आप पहले अपना UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) शेयर कर दें और बाद में अपने नए खाते में पुराने खाता का पैसा ट्रांसफर कर लें. इसके लिए कोई माथापच्ची करने की जरूरत नहीं. घर बैठे मिनटों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा सकता है.
पैसा ट्रांसफर करने के लिए फोलो करें स्टेप्स
- UAN नंबर और पासवर्डसे अपना EPF अकाउंट लॉग-इन करें.
- पेज पर ऊपर दिए गए टैब में से Online Services में जाएं.
- ड्रॉप डाउन में One Member-One EPF Account Transfer Request’ ऑप्शन को सलेक्ट करें.
- UAN नंबर डालें या अपनीपुरानी EPF मेंबर आईडी डालें. आपकी अकाउंट डिटेल्स आपके सामने होंगी.
- यहां ट्रांसफर वैलिडेट करने के लिए अपनी पुरानी या नई कंपनी को सलेक्ट करें.
- अब पुराना अकाउंट सलेक्ट करें और ओटीपी (OTP) जेनरेट करें.
- ओटीपी एंटर करने के बाद आपकी कंपनी को ऑनलाइन मनी ट्रांसफर प्रोसेस का रिक्वेस्ट चला जाएगा.
- अगले तीन दिन में यह प्रोसेस पूरा होगा. पहले कंपनी इसे ट्रांसफर करेगी. फिर EPFO का फील्ड ऑफिसर इसे वेरिफाई करेगा.
- EPFO ऑफिसर की वेरिफिकेशन के बाद ही पैसा आपके खाते में ट्रांसफर होगा.
- ट्रांसफर रिक्वेस्ट पूरी हुई या नहीं इसके लिए आपस्टेटस को Track Claim Status में ट्रैक कर सकते हैं.
- ऑफलाइन ट्रांसफर के लिए आपको फॉर्म 13 भरकर अपनी पुरानी कंपनी या नई कंपनी को देना होगा.
कितना कटता है PF
EPFO में आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत हिस्सा हर महीने सैलरी से कटकर EPF अकाउंट में जमा होता है. इतनी ही राशि आपकी कंपनी भी आपके EPF अकाउंट में हर महीने जमा करती है. कंपनी की तरफ से जमा किया गया पैसा, PF और पेंशन के रूप में जमा होता है.
देश - दुनिया
लखीमपुर खीरी कांड का 29 सेकेंड का वीडियो और खड़े हुए 8 बड़े सवाल
लखीमपुर खीरी कांड का 29 सेकेंड का वीडियो आज सुबह से ही वायरल है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हों या आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने वीडियो ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी नेताओं का सवाल है, ‘योगी आदित्यनाथ जी आपके राज में किसानों की निर्मम हत्या करने वाले गिरफ्तार कब होंगे?’ प्रियंका ने पीएम मोदी को टैग करके लिखा है, ‘मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर और FIR के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचलने वाला ये व्यक्ति अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ?’ आइए जानते हैं कि इस वीडियो में क्या है और कौन क्या कह रहा है।
वीडियो में क्या दिख रहा है
वीडियो की शुरुआत में कुछ किसान (सिख भी) और युवा चलते हुए दिखाई देते हैं। अगले सेकेंड में इन लोगों के हाथ में काला झंडा और बैनर भी दिखाई दे जाता है। तभी सायरन की आवाज सुनाई देती है और तेज रफ्तार एक गाड़ी किसानों को कुचलते हुए निकल जाती है। वीडियो को एक-एक फ्रेम में चलाकर देखिए, आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इसमें साफ दिखाई देता है कि सबसे पहले एक पीली पगड़ी पहना बुजुर्ग व्यक्ति इस गाड़ी की चपेट में आते ही बोनट पर उछल जाता है, अगले पल कोहराम मच जाता है और कई लोग जमीन पर पड़े दिखते हैं। वीडियो से साफ पता चलता है कि कई लोग उस ‘किलर जीप’ के नीचे आ गए होंगे। गाड़ी को SUV बताया जा रहा है।
29 सेकेंड के वीडियो को बार-बार चलाकर देखने से पता चलता है कि लोगों को कुचलने के बाद भी ड्राइवर और गाड़ी में बैठे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि न सिर्फ वह गाड़ी बल्कि उसके पीछे आ रही एक लंबी कार भी उसी रफ्तार में दौड़ती चली गई। सायरन लगातार बजता रहता है और किसान चिल्ला उठते हैं।
सुबह साढ़े 10 बजे बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी उसी वीडियो को शेयर किया है लेकिन इसमें तस्वीर काफी साफ दिखाई देती है। गाड़ी केऐसे में 8 सवाल खड़े होते हैं जिनका जवाब पुलिस और जांच एजेंसियों को ढूंढना होगा। पीछे बीजेपी का पोस्टर लगा दिखता है और लोगों को कुचलते समय ड्राइवर का चिल्लाते हुए दांत निकालना भी साफ समझ में आता है।
वायरल वीडियो क्या लखीमपुर खीरी का है?
बताया जा रहा है कि वीडियो लखीमपुरी खीरी का है और काले झंडे लिए दिखते लोग नारे लगाते किसान हैं। AAP सांसद संजय सिंह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह जरूर कहा कि जो वहां स्थानीय नागरिकों, किसानों और पुलिस के एक कांस्टेबल के बयान से साफ हो जाता है कि लोगों के बयान और जो वीडियो में दिख रहा है वह दोनों सच है।
किसकी जीप, कौन ड्राइवर?
अभी तक पुलिस की ओर से इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में कोई भी दावे के साथ यह नहीं कह सकता कि वीडियो में दिखाई दे रही गाड़ी किसकी है और उस समय इसे कौन चला रहा था। हां, पुलिस की जांच में तस्वीरों को स्कैन करके प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ और गाड़ी का मिलान कर यह पता लगाना आसान होगा।
अनजाने में कुचला तो गाड़ी रुकी क्यों नहीं?
आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाए तो फौरन ड्राइवर गाड़ी रोक देता है और घायल को मदद के लिए दौड़ पड़ता है। लेकिन इस वीडियो को देखने से साफ है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर दौड़ती गई गाड़ी आगे जाकर भी नहीं रुकी। इतना ही नहीं पीछे से आती लंबी कार भी उसी रफ्तार से भागती चली गई।
क्या गाड़ी की विंडस्क्रीन टूटी थी?
कुछ न्यूज चैनलों पर यह कहा जा रहा है कि जो गाड़ी किसानों को कुचलती हुई जा रही है उसकी विंडस्क्रीन टूटी हुई है, उसमें एक छेद है। विंडस्क्रीन ड्राइवर की तरफ से दरकी हुई है, बाहर देखना मुश्किल हो रहा है। अगर पथराव हो रहा हो तो व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी तेजी से भगाता है।
क्या लखीमपुर में किसानों ने पहले किया पथराव?
विंडस्क्रीन टूटने वाला ऐंगल सामने आने से यह बात भी कही जा रही है कि क्या पहले किसानों ने गाड़ी पर हमला किया था, पथराव किया था, उसके बाद जान बचाने के लिए ड्राइवर तेजी से गाड़ी दौड़ाता चला गया। हालांकि वीडियो की शुरुआत में देखें तो किसानों में कोई गुस्सा या उग्रता दिखाई नहीं देती है, वे शांति से पैदल जाते दिखाई देते हैं।
क्या गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा एसयूवी में था?
लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया। इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे।
क्या गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा एसयूवी में था?
लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया। इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे।
मंत्री के बेटे की हत्या की साजिश थी?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने कहा है कि उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो।’ मिश्रा ने यह भी कहा, ‘मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है। जिस तरह गाड़ी से खींच-खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की साजिश रही हो।’
ड्राइवर को किसने पीट-पीट कर मार डाला?
इससे पहले एक वीडियो सामने आया था जिसमें ड्राइवर हाथ जोड़कर कहता दिखाई दे रहा था कि दादा-दादा….छोड़ दो। भीड़ में कुछ लोग उससे जबरन कहलवा रहे हैं कि कहो टेनी ने लोगों को मारने के लिए भेजा था। गाड़ी चढ़ाने के लिए कहा था। ड्राइवर कह रहा है टेनी ने भेजा था लेकिन गाड़ी चढ़ाने के लिए नहीं..। फिर कुछ लोग उसे डंडा दिखाते हैं और जबरन मनमानी बात कहने के लिए कहते हैं। ड्राइवर नहीं कहता है तो फिर उसके ऊपर टूट पड़ते हैं। बाद में ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। ड्राइवर को पीटने वाले कौन लोग थे।
देश - दुनिया
एक दिवसीय वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा, आज तीन हजार युवकों को मिलेगी नौकरी
सेंट जोंस कॉलेज ग्राउंड में आज एक दिवसीय वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। रोजगार मेले में तीन हजार युवकों को नौकरी मिलेगी।
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय, राजकीय आईटीआई, कौशल विकास मिशन एवं सेंट जोंस कॉलेज के संयुक्त प्रयासों से होने वाले इस मेले में जानी मानी कंपनियां हिस्सा लेंगी। इनके द्वारा तीन हजार से ज्यादा रिक्त पदों के ऑफर लैटर मौके पर ही दिए जाएंगे। इस मेले में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को सेवा योजन के वेब पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। यहां अपना यूजर आईडी बना कर प्रदर्शित जॉब फेयर पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं।
देश - दुनिया
अजय मिश्रा पहली बार लखीमपुर खीरी में हुए बवाल के बाद चर्चा में आए, लंबे समय से एक मजबूत और दबंग नेता माने जाते हैं
केंद्र की मोदी सरकार में जुलाई में मंत्री बनाए गए अजय मिश्रा पहली बार लखीमपुर खीरी में हुए बवाल के बाद चर्चा में आए हैं। भले ही इस विवाद के बाद देश भर में उनके नाम की चर्चा हुई है, लेकिन लखीमपुर खीरी में वह लंबे समय से एक मजबूत और दबंग नेता माने जाते रहे हैं। जिले में ‘टेनी महाराज’ के नाम से लोकप्रिय अजय मिश्रा कुश्ती के बहुत शौकीन रहे हैं और हर साल दंगल का आयोजन कराते हैं। फिलहाल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अजय मिश्रा इलाके के बड़े कारोबारी भी हैं। राइस मिल, कई पेट्रोल पंप चलाते हैं और बड़े पैमाने पर खेती की जमीन के भी मालिक हैं।
टेनी महाराज दो बार खीरी लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं। 2009 में राजनीति में एंट्री करने से पहले वह वकालत के पेशे से जुड़े थे। 1990 के दशक में मिश्रा परिवार कानपुर से लखीमपुर खीरी शिफ्ट हो गया था। फिलहाल यूपी के तराई के इलाके में अजय मिश्रा को दबंग नेताओं में शुमार किया जाता है। यही नहीं 2003 में तिकुनिया नगर पंचायत में एक मर्डर केस में भी उनका नाम आया था। इसके अलावा एक बार सुनवाई के दौरान उन पर कोर्ट में हमला हुआ था और गोली लगने के बाद भी वह बाल-बाल बचे थे।
चुनाव दर चुनाव बढ़ती गई अजय मिश्रा की ताकत
अजय मिश्रा 2004 में मर्डर केस से बरी हुए तो फिर राजनीति का रुख कर लिया। 2009 में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2012 में बीजेपी से निघासन विधानसभा सीट से उतरे थे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की लहर के बाद भी वह जीतने में कामयाब रहे थे। उनकी इस जीत से पार्टी का भरोसा बढ़ा और फिर 2014 में उन्हें लोकसभा का टिकट मिल गया। यहां भी वह सफल रहे और एक लाख से ज्यादा वोटों से उन्हें जीत मिली। यही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में तो उनकी जीत का अंतर बढ़ते हुए दोगुना हो गया। इस बार वह 225,000 वोटों से एसपी कैंडिडेट पूर्वी वर्मा के खिलाफ जीत गए।
जितिन प्रसाद की एंट्री के बाद अचानक बढ़ा कद
उनकी इस जीत और ब्राह्मण नेता होने के चलते मोदी सरकार में इसी साल जुलाई में उन्हें एंट्री दी गई। वह यूपी से भाजपा की केंद्र सरकार में हिस्सा बनने वाले अकेले ब्राह्मण चेहरे हैं। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि हाल ही में जितिन प्रसाद की एंट्री के चलते उन्हें इतनी तवज्जो मिली। दरअसल जितिन प्रसाद को ब्राह्मण नेता बताया जा रहा था और कहा गया कि ऐसा करके पार्टी अपने ही चेहरों को कमजोर कर रही है। इसके बाद अजय मिश्रा टेनी को मंत्री बनाकर प्रमोट किया गया।
-
देश - दुनिया4 days ago
सरकारी कर्मचारियों को सितंबर महीने के वेतन में डबल बोनस, जानें कितनी आएगी सैलरी?
-
देश - दुनिया6 days ago
तीन बहनों को एक ही लड़के से हुआ प्यार, जीवनभर साथ रहने उठाया ये कदम, लोग हुए हैरान
-
देश - दुनिया6 days ago
LIC की इस सकीम में रोजाना 76 रुपये की बचत करें, मैच्योरिटी पर मिलेंगे 10 लाख रुपये
-
देश - दुनिया6 days ago
न नौकरी, न घर और न गाड़ी, जानें कैसे अपना खर्च चलाते हैं ‘बेरोजगार’ कन्हैया कुमार
-
देश - दुनिया6 days ago
एसबीआई में 600 से ज्यादा पदों पर भर्तियां, ग्रेजुएट्स के लिए गोल्डन चांस
-
देश - दुनिया3 days ago
PPF, सुकन्या जैसी योजनाओं पर आ गया सरकार का फैसला, चेक करें ब्याज दरें
-
छत्तीसगढ़4 days ago
आज काली पट्टी लगाकर मौन धरना देंगी भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी
-
देश - दुनिया5 days ago
केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा डबल बोनस, आज जरूर चेक करें सैलेरी का SMS, जानें कितनी आएगी सैलरी?
-
देश - दुनिया3 days ago
बैंक ऑफ बड़ौदा बेच रहा सस्ते घर, जानिए किस दिन होगी नीलामी
-
देश - दुनिया6 days ago
1 अक्टूबर से बदल रहा है ये 7 जरूरी नियम, सैलरी से लेकर पेमेंट सिस्टम में होगा बदलाव
You must be logged in to post a comment Login