देश - दुनिया
जूही चावला ने ली आर्यन खान की जमानत, कहा- बचपन से जानती हूं; आज ही हो सकती है रिहाई
ड्रग्स केस में 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान आज ही जेल से रिहा हो सकते हैं। एक्ट्रेस जूही चावला ने उनकी एक लाख रुपये का बॉन्ड भरकर जमानत ली है और वकीलों ने सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। हाई कोर्ट से जमानत का आदेश जारी होने के बाद एक्ट्रेस जूही चावला एनडीपीएस कोर्ट पहुंचीं और 1 लाख रुपये का बॉन्ड जमा कराया। उनके साथ आर्यन खान के वकील भी थे। इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अब उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसके तहत गुरुवार को उसने बेल की अर्जी मंजूर की थी।
एनडीपीएस कोर्ट में पहुंचने पर आर्यन खान के वकील ने जज से कहा, ‘सर मैं जमानती के तौर पर जूही चावला को पेश कर रहा हूं।’ इसके बाद जूही चावला विटनेस बॉक्स में आती हैं। जज के पूछने पर वह अपना नाम जूही चावला मेहता बताती हैं। इस पर जज पूछते हैं कि आप किसकी जमानत ले रही हैं तो जूही चावला ने कहा कि आर्यन खान की जमानत ले रही हूं। इस पर शाहरुख खान के वकील ने कहा कि जूही चावला बचपन से ही आर्यन खान को जानती हैं क्योंकि दोनों परिवार पेशेवर तौर पर जुड़ाव रखते रहे हैं।
कोर्ट ने आर्यन खान को जमानत दिए जाने का आदेश देते हुए कहा है कि वे देश नहीं छोड़ सकते हैं। इसके अलावा हर शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच उन्हें एनसीबी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा। वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते हैं और इसके लिए उन्हें जांच अधिकारी को भी सूचित करना होगा। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा और कोर्ट में चल रही कार्यवाही को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी करने पर भी रोक होगी। आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि हमें हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी मिल गई है। हम सभी प्रक्रिया को पूरा करने में जुटे हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि आर्यन खान आज ही रिहा हो जाएं।
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ऑनलाइन क्लास में शिक्षिका ने छात्रों को देखने जाहिर की इच्छा, कुछ ही मिनटों में मौत
केरल के कासरगोड जिले के कल्लर में एक निजी स्कूल की शिक्षिका को, अपने फोन पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाते समय बेचैनी हुई और वह बेहोश हो गईं तथा कुछ ही मिनट बाद उनका निधन हो गया।
परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार की रात गणित पढ़ा रही शिक्षिका ने कुछ ही देर पहले अपने छात्रों को देखने की इच्छा जाहिर की थी। अडोटुकया स्थित गवर्नमेंट वेलफेयर लोअर प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका माधवी सी तीसरी कक्षा के छात्रों को गणित पढ़ा रही थीं लेकिन बेचैनी के बाद उन्हें क्लास खत्म करनी पड़ी।
शिक्षिका के मोबाइल फोन में ऑनलाइन क्लास की रिकॉर्डिंग अब उनके रिश्तेदारों और छात्रों के लिए एक दर्दनाक याद बन गई है। पढ़ाते समय अचानक माधवी को बेचैनी और सांस लेने में कठिनाई हुयी, और फिर खांसी आने लगी। रिकॉर्डिंग में शिक्षिका को छात्रों से यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि अगले सप्ताह स्कूल फिर से खुल जाएंगे और वह सभी छात्रों को देखना चाहती हैं। माधवी ने छात्रों को होमवर्क देकर अचानक क्लास खत्म कर दी। कुछ देर बाद घर आए एक रिश्तेदार ने माधवी को बेहोशी की हालत में फर्श पर पड़ा देखा। वह शिक्षिका को पास के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने माधवी को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि शिक्षिका की आकस्मिक मौत का कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है।
देश - दुनिया
रूस में फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले, मॉस्को में 11 दिन का लॉकडाउन
कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया को पहली वैक्सीन देने वाले रूस में फिर से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यहां हर दिन रिकॉर्ड संख्या में नए केस आ रहे हैं. रूस में पिछले 24 घंटे में 40 हजार 096 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस बीच 1,159 लोगों ने दम तोड़ दिया. ऐसे में राजधानी मॉस्को में 11 दिन तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी गई हैं. सभी गैर जरूरी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
यूरोप में इस समय सबसे अधिक नए केस रूस में ही आ रहे हैं. रूस ने भले ही सबसे पहले स्पूतनिक वी और अन्य टीके बना लिए, लेकिन यहां टीकाकरण की दर काफी कम है. हाल के सप्ताह में जिस तेजी से यहां संक्रमण फैल रहा है वह महामारी की शुरुआत के बाद से सर्वाधिक है.
सरकार ने दूसरे देशों की तरह सख्त लॉकडाउन का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन मॉस्कों में गुरुवार से 7 नवंबर तक सभी गैर-जरूरी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है. रिटेल दुकानें, रेस्ट्रॉन्ट के साथ ही खेल और मनोरंजन के स्थानों को बंद कर दिया गया है. स्कूलों पर भी ताले लटक गए हैं. खाने-पीने की चीजों की दुकानों के साथ दवा और जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है.
वहीं, जर्मनी-ब्रिटेन समेत पूरे पश्चिमी यूरोप में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं. पश्चिमी यरोप में सर्वाधिक कोरोना के मामले ब्रिटेन में दर्ज किए जा रहे हैं और कोविड मरीजों की मौत में इजाफा दर्ज किया गया है. इसलिए ब्रिटेन में प्रतिबंधों को दोबारा लगाए जाने की मांग होने लगी है, ताकि लॉकडाउन से बचा जा सके.
जर्मनी में भी संक्रमण ने पिछले पांच महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जर्मनी में प्रति एक लाख लोगों पर कोरोना के 100 नए मामले दर्ज किया गए जो मई के बाद से सर्वाधिक है. कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देशों में बेल्जियम और आयरलैंड भी शामिल हैं. ईसीडीसी के मुताबिक बेल्जियम में 10 हजार लोगों पर 325.76 संक्रमित मिले हैं, जबकि आयरलैंड में यह आंकड़ा 432.84 फीसदी है. बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने भी माना है कि उनका देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है.
देश - दुनिया
कोरोना में ब्लड क्लॉटिंग होने से धमनी में नहीं होता है इंफेक्शन – नई रिसर्च
कोरोना संक्रमण के बहुत सारे प्रत्यक्ष और परोक्ष असर देखे गए हैं. इनमें कई अल्पकालिक होते हैं तो कई लंबे समय तक बने रहते हैं. दैनिक जागरण अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, एक नई रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना के दौरान धमनी संबंधी रोग वायरल संक्रमण के कारण नहीं होता है, क्योंकि सार्स-कोव-2 वायरस शरीर के ब्लड वेसल चैनल को संक्रमित नहीं करता है. साइंटिस्टों ने बताया है कि कोविड-19 के मरीज में ब्लड के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) बनने का खतरा बढ़ जाता है. अक्सर खून के थक्के के कारण ही कोरोना संक्रमण के मरीजों को हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है. ‘क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल इम्युनोलॉजी में प्रकाशित इस शोध से वायरस और धमनियोंके बीच के संबंधों का स्पष्ट पता चलता है.
ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों के अनुसार कोविड के मरीजों में खून के थक्के बनने की परेशानी इन्फ्लेमेशन (सूजन) से होती है. ये सूजन वायुमार्ग की संक्रमित कोशिकाओं के कारण होती है.
क्या कहते हैं जानकार
इस संक्रमण का कारण धमनी नहीं होती है, जैसा कि पहले समझा जाता था. यूक्यू इंस्टीट्यूट में मॉलीक्यूलर बायोसाइंस की एमा गार्डन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती किए गए कोरोना संक्रमण के कम से कम 40 प्रतिशत मरीजों में खून के थक्के (blood clots) बनने के अत्याधिक खतरा होता है.
क्या उपाय है
एमा गार्डन आगे बताती हैं कि इसीलिए सामान्य रूप से उनके इलाज के दौरान उनके खून को पतला करने के लिए समुचित उपाय किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि यह देखने के लिए भी कई रिसर्च हुई है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का असर धमनियों के अंदर की सतह या उसकी कोशिकाओं यानी सेल्स (cells) में होता है या नहीं.
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